मायावती की अपील “हिमालयायूके” में वायरल होते ही अमेठी में बदल गई हवा

मायावती की अपील को मीडिया ने  दबा दिया, परन्‍तु तभी हिमालयायूके ने इस खबर को वायरल कर दिया, इससे चुनाव से एक दिन पहले हवा बदल गयी,
मायावती की इस अपील का असर न केवल रायबरेली और अमेठी में होगा, बल्कि उत्तर प्रदेश की उन सभी सीटों पर भी होगा जहाँ अभी चुनाव होने हैं। by Chandra Shekhar Joshi Mob 9412932030

बीएसपी प्रमुख मायावती ने अमेठी और रायबरेली में मतदान के एक दिन पहले ऐन मौक़े पर राहुल और सोनिया गाँधी को वोट देने की अपील करके इन दोनों संसदीय क्षेत्रों के बसपा–सपा कार्यकर्ताओं के मन में जो कुछ हिचक थी उसे भी दूर कर दिया। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि मायावती की इस अपील का असर न केवल रायबरेली और अमेठी में होगा, बल्कि उत्तर प्रदेश की उन सभी सीटों पर भी होगा जहाँ अभी चुनाव होने हैं।
मायावती की इस अपील से यह संदेश चला गया है कि सपा-बसपा और कांग्रेस में अंदरूनी सहमति है। जहाँ बसपा या सपा के प्रत्याशी मज़बूत हैं वहाँ कांग्रेस कमज़ोर प्रत्याशी खड़ा करके उनकी मदद कर रही है। जहाँ कांग्रेस के प्रत्याशी मज़बूत हैं वहाँ सपा व बसपा मदद कर रही है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी और यूपीए अध्यक्ष सोनिया गाँधी के विरुद्ध भी इसीलिए सपा व बसपा ने प्रत्याशी नहीं उतारा है और 5 मई को इन दोनों को जीताने की अपील भी बसपा प्रमुख ने कर दी। 

6 मई को  स्मृति ईरानी ने अमेठी में कांग्रेस द्वारा चुनाव में धांधली का आरोप लगाया है. केंद्रीय मंत्री ने कहा है कि राहुल गांधी चुनाव जीतने के लिए बूथ कैप्चरिंग कर रहे हैं. स्मृति ईरानी ने अपने ट्वीट में चुनाव आयोग और अमेठी के डीएम को टैग करते हुए एक वीडियो भी शेयर किया है.

मायावती ने 5 मई की सुबह बसपा-सपा कार्यकर्ताओं के लिए एक अपील में कहा, ‘हमने देश में, जनहित में, ख़ासकर बीजेपी-संघवादी ताक़तों को कमज़ोर करने के लिए यूपी में अमेठी-रायबरेली लोकसभा सीट कांग्रेस के लिए छोड़ दी। ताकि इसके दोनों सर्वोच्च नेता इन्हीं सीटों से फिर से चुनाव लड़ें और इन दोनों सीटों में ही उलझ कर न रह जाएँ। और फिर कहीं बीजेपी इसका फ़ायदा यूपी के बाहर कुछ ज़्यादा ना उठा ले। इसे ख़ास ध्यान में रखकर ही हमारे गठबंधन ने दोनों सीटें कांग्रेस के लिए छोड़ दी थीं। मुझे पूरी उम्मीद है कि हमारे गठबंधन का एक-एक वोट हर हालत में दोनों कांग्रेस नेताओं को मिलने वाले हैं।’

गुजरात के वरिष्ठ पत्रकार डॉ. हरि देसाई का कहना है कि अमेठी व रायबरेली में मतदान के  एक दिन पहले बसपा सुप्रीमो मायावती ने कांग्रेस के पक्ष में अपील करके बीजेपी प्रत्याशी स्मृति ईरानी को हराने का पुख्ता इंतज़ाम कर दिया। यह राहुल गाँधी के लिए ख़ुशी और स्मृति ईरानी के लिए गम साबित हो सकता है। 2014 के चुनाव में अमेठी में बसपा प्रत्याशी धर्मेन्द्र प्रताप सिंह को 57,716 वोट मिले थे। इस बार मायावती की अपील के कारण लगभग वे सभी वोट राहुल गाँधी को मिल सकते हैं। इसी तरह से 2014 में रायबरेली में बसपा प्रत्याशी को 63,633 वोट मिले थे। बसपा के वे वोट इस बार सोनिया गाँधी को मिलेंगे। इस तरह से स्मृति को जीताने की मोदी–शाह की कोशिश को मायावती ने काफ़ी हद तक पलीता लगा दिया है।

6 मई को कांग्रेस को मिलेगा मेरी पार्टी का वोट- मायावती का ऐलान

बहुजन समाज पार्टी और  समाजवादी पार्टी का गठबंधन अगर सफल हुआ तो देश में एक दलीय लोकशाही का अंत होने वाला है।   ऐसा लगता है अब चुनाव में कई पार्टियों के गठबंधन की सरकारें बनाया करेंगे। इसका एक मॉडल जर्मनी की क्रिश्चियन डेमोक्रेटिक यूनियन में उपलब्ध है। हो सकता है कि आने वाले समय में यही मॉडल सबको स्वीकार्य हो जाए।  सोनिया गॉधी और राहुल गॉधी की जीत तय मानी जा रही है, वही स्मृति ईरानी ने अमेठी में धांधली का लगाया आरोप, स्मृति ईरानी ने चुनाव आयोग से धांधली की शिकायत की है. उन्होंने अपने ट्वीट के साथ एक वीडियो भी शेयर किया है.

लोकसभा चुनाव का रण जारी है. इस बीच बीएसपी प्रमुख मायावती (Mayawati) ने बड़ा बयान दिया है. बसपा अध्यक्ष मायावती ने रविवार को इशारों-इशारों में कहा कि अगर उन्हें प्रधानमंत्री बनने का अवसर मिलेगा तो वह अंबेडकर नगर से चुनाव लड़ सकती है.

वही केजरीवाल का बडा बयान-  केजरीवाल का बड़ा आरोप दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आरोप लगाया कि आज देश में टैक्स टेररिज्म छाया हुआ है, जिसकी वजह से देश में डर बना हुआ है. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी कह रहे हैं कि आज हमने आतंकियों को घर में घुसकर मारा लेकिन पाकिस्तान चाह रहा है कि मोदी ही पीएम बने. केजरीवाल ने आरोप लगाया कि मोदी के पाकिस्तान के साथ गहरे रिश्ते हैं वो राष्ट्रवादी कैसे हो सकते हैं.
“मैं व्यापारियों से अपील करना चाहता हूं कि वे व्यापारियों के छद्म राष्ट्रवाद के परे सोचें और केजरीवाल का साथ दें”- 

चुनाव 2019 : गणित बता रहा है कि यूपी में भाजपा का गणित गड़बड़ा गया है

न्यूज़क्लिक के डेटा विश्लेषण के मुताबिक पांच चरणों में यूपी की 53 सीटों में से सपा+बसपा+ रालोद गठबंधन भाजपा से 35-16 सीट से आगे चल रहा है।

ताज़ा अनुमानों के अनुसार उत्तर प्रदेश में 6 मई को हो रहे वाले 5वें चरण के मतदान के बाद, न हारने वाला अजेय गठबंधन भारतीय जनता पार्टी के विरुद्ध अपनी निर्णायक बढ़त को बनाए रखेगा, और 14 सीटों पर होने वाले मतदान में से आठ सीट पर जीत हासिल करेगा जबकि कांग्रेस अपनी दोनों सीटों को बरकरार रखेगी। भाजपा को सिर्फ चार सीटों से ही संतोष करना पड़ेगा। 2014 के चुनावों की तुलना में, सत्तारूढ़ भाजपा का यह बहुत ही निराशाजनक प्रदर्शन होगा, जिसने तब इनमें से 12 सीटें जीती थीं। इसका संकेत न्यूज़क्लिक की डेटा एनालिटिक्स टीम द्वारा किए गए सीट के अनुमानों से लगाया है जिसका आधार 2017 में हुए विधानसभा चुनाव परिणामों को बनाया गया है और यह भी माना जा रहा है कि अगर भाजपा से 2.5 प्रतिशत मत दूर होते हैं तो उपरोक्त परिणाम सामने आएंगे।

अगर यूपी में हुए पहले पांच चरणों के मतदान के अनुमानित परिणामों को जोड़ दें, तो समाजवादी पार्टी (सपा), बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) का गठबंधन 53 में से 35 सीटें हासिल करने जा रहा हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव में इसे केवल चार सीटें ही मिली थी। अनुमान के मुताबिक कांग्रेस अपनी दोनों सीटें बरकरार रख पाएगी का भी अनुमान है जबकि भाजपा इस बार 2014 में जीती 47 सीटों में से मात्र 16 सीटों पर सिमट जाएगी।

पांचवें चरण के होने वाले मतदान में अवध क्षेत्र के निर्वाचन क्षेत्र शामिल हैं, जिसमें बुंदेलखंड का कुछ हिस्सा भी शामिल है। इस चरण में होने वाले चुनाव में लखनऊ सबसे बड़ा शहर है। इसमें फैजाबाद निर्वाचन क्षेत्र भी शामिल है, जहां अयोध्या, विवादित राम जन्मभूमि/बाबरी मस्जिद का स्थान है। यह इलाका बहराइच के बेहद उपेक्षित तराई जिलों और खीरी के कुछ हिस्सों, उपजाऊ मैदानों से होते हुए बांदा के शुष्क और पिछड़े बुंदेलखंड जिले तक फैला है।

यह मुख्य रूप से कृषि क्षेत्र है, औद्योगिकीकरण बहुत कम है, कुछ जिलों में स्वास्थ्य और शिक्षा को लेकर चौंकाने वाली स्थिति है 

मिसाल के तौर पर, तराई क्षेत्र के बहराइच जिले में, 5 साल से कम उम्र के 65 प्रतिशत बच्चे अविकसित हैं और 74 प्रतिशत बच्चों में खून की कमी है। कक्षा V के स्तर पर स्कूल से ड्रॉप-आउट दर चौंका देने वाली 41 प्रतिशत की है और महिलाओं में 10 साल तक की स्कूली शिक्षा केवल 16 प्रतिशत ने पूरी की है। मोहनलालगंज जिले में, जोकि लखनऊ के ठीक बगल में है, 41 प्रतिशत बच्चे अविकसित हैं और 68 प्रतिशत बच्चों खून की कमी से पीड़ित थे। उस पर 55 प्रतिशत से अधिक महिलाएं भी खून की कमी से पीड़ित पाई गयी हैं। दक्षिणी छोर पर, बांदा में भी स्थिति कुछ अलग नहीं है, यहां 5 से कम उम्र के बच्चों में 48 प्रतिशत अविकसित हैं और 67 प्रतिशत खून की कमी से पीड़ित हैं। केवल 26 प्रतिशत महिलाओं ने 10 वर्ष या उससे ज्यादा समय तक स्कूली शिक्षा हासिल की है।

उत्तर प्रदेश के इस हिस्से में बीजेपी के अनुमानित नुकसान से आगामी छठे और सातवें चरण के मतदान में आने वाली स्थिति का जायज़ा स्पष्ट रुप से लिया जा सकता है, जो पांचवें चरण के निर्वाचन क्षेत्रों के समान ही हैं। यह यूपी के पूर्वी हिस्से में पड़ने वाला एक बहुत बड़ा जनसंख्या घनत्व का क्षेत्र है और पारंपरिक रूप से सपा और बसपा दोनों का गढ़ रहा है। उनका एक साथ आना गठबन्धन को बहुत मज़बूत स्थिति में ले आया है, जैसा कि पिछले साल गोरखपुर और फूलपुर उपचुनावों में हुआ था, जहाँ सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य की सीटें गठबंधन ने जीत ली थी।

समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के समर्थक बालाकोट से प्रभावित नहीं दिख रहे हैं। वे उसी उत्साह से बीजेपी के ख़िलाफ़ वोट कर रहे हैं, जिस उत्साह से बीजेपी के समर्थक नरेंद्र मोदी की सरकार को एक मौक़ा और देने की बात कर रहे हैं।

सुल्तानपुर में मेनका गाँधी के ख़िलाफ़ मैदान में गठबंधन के प्रत्याशी चंद्रभद्र सिंह उर्फ़ सोनू सिंह हैं। गठबंधन का गणित सोनू के पक्ष में है लेकिन मेनका गाँधी की सेलेब्रिटी हैसियत के कारण मुक़ाबला काँटे का हो गया है।

मायावती ने सन्देश भेज दिया कि ‘हमारे’ गठबंधन के लोग अमेठी और राय बरेली में कांग्रेस को जिताने के लिए कोशिश करेंगे तो बीजेपी के कार्यकर्ताओं में मायूसी छा गयी। ज़ाहिर है स्मृति ईरानी के पाँच साल के काम पर मायावती की एक अपील भारी पड़ चुकी थी।सरकार का पक्ष लेने वाले अख़बारों ने इस ख़बर को गोल कर दिया है, या कहीं कोने में छाप दिया है, लेकिन सन्देश पहुँच चुका है और अब साफ़ लाग रहा है कि अमेठी में ‘कांटे’ की टक्कर हो गयी है।

मायावती की इस अपील से अमेठी और रायबरेली के बीजेपी प्रत्याशियों को बहुत नुक़सान व कांग्रेस के दोनों प्रत्याशियों को बहुत फ़ायदा होगा। अब बसपा व सपा के प्रत्याशी अमेठी में राहुल गाँधी तथा रायबरेली में सोनिया गाँधी को एकजुट होकर वोट देंगे। यदि बीजेपी ने कुछ गड़बड़ की तो सपा व बसपा के कार्यकर्ता सड़क पर उतर आयेंगे। वरिष्ठ पत्रकार नवेन्दु का कहना है कि मायावती की अपील से राहुल गाँधी की जीत ‘पक्की’ तो हो ही गई, उनको पहले से अधिक वोट भी मिलेंगे। 2014 में अमेठी और रायबरेली में बसपा ने प्रत्याशी खड़े किये थे। उनको जो वोट मिले थे, लगभग वे सभी वोट इस लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशियों को चले जायेंगे। इस कारण संभव है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की विश्वासपात्र बीजेपी प्रत्याशी स्मृति जुबिन ईरानी को 2014 से भी कम वोट मिलें। 

रही बात रायबरेली में सोनिया गाँधी की तो वह पहले से ही जीत के प्रति आश्वस्त थीं, लेकिन उनके वोट अब और भी बढ़ सकते हैं। एआईसीसी सदस्य अनिल श्रीवास्तव का कहना है कि बसपा प्रमुख मायावती के इस अपील से केवल अमेठी व रायबरेली में ही नहीं, पूरे प्रदेश में बहुत ही सकारात्मक संदेश गया है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी ने जो कहा था उसकी अपरोक्ष रूप से पुष्टि भी हो गई। इसका असर बाक़ी बची लोकसभा सीटों के चुनाव पर बहुत पड़ेगा। इस बारे में बीजेपी कार्यकर्ता अजय मुन्ना का कहना है कि बीजेपी ने भी दलितों में अच्छी पकड़ बना ली है, लेकिन मायावती की अपील का असर चाहे कम या अधिक हो, होगा ज़रूर। 

केजरीवाल बोले- राफेल की दलाली वाले पैसे से विधायक खरीद रहे मोदी जी

नोटबंदी सबसे बड़ा घोटाला

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि नोटबंदी आजादी के बाद हुआ देश का सबसे बड़ा घोटाला है. उन्होंने इस दौरान सीलिंग का मुद्दा भी उठाया, केजरीवाल बोले कि अगर व्यापारियों ने BJP को वोट दिया तो सीलिंग जारी रहेगी लेकिन AAP को वोट दिया तो सीलिंग रुक सकती है. अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया कि आज मोदी जी राफेल से जो उन्होंने पैसा कमाया है, उसी से विधायक खरीदने में लगे हुए हैं.

“नोटबन्दी आज़ाद भारत का सबसे बड़ा घोटाला था”-@ArvindKejriwal

केजरीवाल का बड़ा आरोप

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आरोप लगाया कि आज देश में टैक्स टेररिज्म छाया हुआ है, जिसकी वजह से देश में डर बना हुआ है. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी कह रहे हैं कि आज हमने आतंकियों को घर में घुसकर मारा लेकिन पाकिस्तान चाह रहा है कि मोदी ही पीएम बने. केजरीवाल ने आरोप लगाया कि मोदी के पाकिस्तान के साथ गहरे रिश्ते हैं वो राष्ट्रवादी कैसे हो सकते हैं.

“मैं व्यापारियों से अपील करना चाहता हूं कि वे व्यापारियों के छद्म राष्ट्रवाद के परे सोचें और केजरीवाल का साथ दें”-@ArvindKejriwalpic.twitter.com/mUHeQRa32m

— AAP (@AamAadmiParty)May 6, 2019

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *