राष्ट्रपति उत्‍तराखण्‍ड में धार्मिक यात्रा पर थे जब हमले की जानकारी मिली

2राष्ट्रपति डॉ प्रणब मुखर्जी देहरादून उत्‍तराख्‍ण्‍ड में केदारनाथ तथा हरिद्वार की धामिक यात्रा पर थे जब केन्‍द्र सरकार ने सर्जिकल हमले की जानकारी उनको दी वही सरकार ने उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह को भी दी थी. एक सर्वदलीय बैठक में सभी बडे नेताओं को यह जानकारी दी गयी. (www.himalayauk.org) Leading Digital Newsportal 
सर्जिकल स्ट्राइक्स के बाद सुरक्षा हलकों में जश्न का माहौल है. आतंकवादियों को उन्हीं की मांद में उनकी ही भाषा में जवाब दे दिया. पहली बार सेना ने आधिकारिक तौर पर ऐसी कार्रवाई की है. भारत और पाकिस्तान के बीच मौजूद नियंत्रण रेखा पर बुधवार आधी रात को शुरू हुआ भारतीय सेना का सर्जिकल हमला आतंकवादियों के खिलाफ था, जो भारत में आतंकी हमलों की साज़िश रच रहे थे, और सूत्रों के मुताबिक, सर्जिकल हमला गुरुवार सुबह 4:30 बजे तक चलता रहा. मिली जानकारी के मुताबिक, केंद्र सरकार ने ऑपरेशन के बारे में शीर्ष राजनेताओं तथा मुख्यमंत्रियों को इसके बारे में पहले ही बता दिया था. सेना ने बताया है कि सर्जिकल हमले के दौरान भारतीय सेना पाकिस्तानी इलाके में 500 मीटर से दो किलोमीटर तक अंदर गई. अलग-अलग सेक्टरों में छह से आठ आतंकवादी लॉन्च पैडों को निशाना बनाया गया. ज़मीनी फौज और हेलीकॉप्टरों में सवार जवानों के ज़रिये यह हमला किया गया. पैरा-कमांडो भी हमले में इस्तेमाल किए गए. सेना का दावा है कि सर्जिकल हमले में ‘बहुत-से आतंकवादी, उनके गाइड और हैन्डलर’ मारे गए हैं मिलिटरी ऑपरेशन्स के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह ने बताया कि बुधवार रात को भारतीय सैन्य बलों ने नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर मौजूद आतंकी गुटों के ठिकानों पर सर्जिकल हमला किया. उन्होंने बताया कि प्रोटोकॉल का पालन करते हुए पाकिस्तान को इस सर्जिकल हमले की जानकारी पहले ही दे दी गई थी.
उरी में 18 निहत्थे भारतीय सैनिकों को मौत के घाट उतारने वालों को करारा जवाब मिल गया. जो भाषा पाकिस्तान समझता है वही भाषा उसको समझा दी गई. इस सैन्य ऑपरेशन की इनसाइड स्टोरी पता चली है. इस कहानी को सुन कर आपका सीना भी गर्व से चौड़ा हो जाएगा. वक़्त था रात के साढ़े बारह बजे का. पुंछ से एएलएच ध्रुव पर 4 और 9 पैरा के 25 कमांडो सवार होकर पीओके में दाखिल हुए. नियंत्रण रेखा के पार हेलिकॉप्टर ने इन जवानों को जंगल में उतार दिया. पाकिस्तानी सेना की फायरिंग की आशंका के बीच इन कमांडोज़ ने तक़रीबन तीन किलोमीटर का फासला रेंग कर तय किया. देश में तबाही मचाने के लिये यहां आतंकियों के लॉन्‍च पैड्स भिम्बर, केल, तत्तापानी और लीपा इलाकों में स्थित थे.

पाकिस्तानी सेना को भारत के इस कदम का कोई आभास नहीं हुआ. हमले से पहले आतंकियों के लॉन्चिंग पैड्स पर खुफिया एजेंसियां एक हफ्ते से नज़र रखे हुए थीं. रॉ और एमआई पूरी मुस्तैदी से आतंकवादियों की एक-एक हरकत पर नज़र रखे हुए थी. सेना ने हमला करने के लिये कुल छह लॉन्चिंग पैड का लक्ष्य रखा था, हमले के दौरान इनमें से सात लॉन्चिंग पैड को पूरी तरह तबाह कर दिया. कमांडोज़ तवोर और एम-4 जैसी राइफलों, ग्रेनेड्स और स्मोक ग्रेनेड्स से लैस थे. उनके पास अंडर बैरल ग्रेनेड लॉन्चिंग, नाइट विज़न डिवाइसेज़ और हेलमेट माउण्टेड कैमरे भी थे.

पलक झपकते ही कमांडोज़ ने आतंकियों पर ग्रेनेड से हमला किया. अफरा तफरी मचते ही स्मोक ग्रेनेड के साथ ताबड़तोड़ फायरिंग की. फिर क्या था, देखते ही देखते 38 आतंकवादियों को ढेर कर दिया गया. हमले में पाकिस्तानी सेना के दो जवान भी मारे गए. हमारे दो पैरा कमांडोज़ भी लैंड माइंस की चपेट में आने के कारण घायल हुए हैं.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *