राहुल गॉधी ने संगीन आरोप लगाते हुए सोशल मीडिया के रण में घेर लिया भाजपा को

राहुल गाँधी ने ट्विटर पर एक हैशटैग चलाया है जिसका नाम है #PhotoShootSarkar। इस हैशटैग के बहाने राहुल ने लिखा है, “पुलवामा में 40 जवानों की शहादत की ख़बर के तीन घंटे बाद भी ‘प्राइम टाइम मिनिस्टर’ फ़िल्म शूटिंग करते रहे। देश के दिल और शहीदों के घरों में दर्द का दरिया उमड़ा था और वे हँसते हुए उस दरिया में फ़ोटोशूट पर थे।”

मोदी कार्बेट में डिस्कवरी चैनल के लिए शूटिंग कर रहे थे – राहुल गॉधी ने सोशल मीडिया में घेरा;;;;; भाजपा का कमजोर सोशल मीडिया प्रबन्‍धन

राहुल गाँधी ने इस टिप्पणी के साथ जिम कार्बेट में शूटिंग करते हुए प्रधानमंत्री की चार तसवीरें भी रिलीज कीं। 
तस्वीर नंबर एक में प्रधानमंत्री मोदी की पीठ दिखायी पड़ रही है। उनके पीछे सुरक्षा के कुछ जवान खड़े हैं। अगल-बगल खड़ी एसपीजी भी दिख रही है और एक कैमरामैन सामने से प्रधानमंत्री की फ़ोटो खींच रहा है। उसके कंधे पर एक और कैमरा लटका हुआ है। बैकग्राउंड में पहाड़ और पेड़-पौधे दिख रहे हैं। 

जम्मू कश्मीर के पुलवामा में बीते 14 फरवरी को हुए आतंकी हमले के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उत्तराखंड दौरे को लेकर विवाद खड़ा हो गया है.
कांग्रेस ने पुलवामा आतंकी हमले के कुछ घंटों बाद ही उत्तराखंड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मोबाइल फोन के जरिए जनसभा को संबोधित करने का दावा करते हुए शुक्रवार को कहा कि मोदी बताएं कि हमले के शुरुआती दो घंटों के दौरान उन्हें इस जघन्य हमले की जानकारी थी या नहीं.
पार्टी ने यह भी कहा कि अगर प्रधानमंत्री को इसकी जानकारी थी तो फोटोशूट और जनसभा कर उन्होंने संवेदनहीनता क्यों दिखाई और अगर दो घंटों तक इतने बड़े हमले के बारे में जानकारी नहीं थी कि तो यह सुरक्षा से जुड़ा गंभीर प्रश्न है. कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने संवाददाताओं से कहा कि 14 फरवरी को दिन में तीन बजकर 10 मिनट पर हमला हुआ और दो घंटे बाद प्रधानमंत्री ने मोबाइल फोन के जरिए रैली संबोधित की.
तिवारी ने कहा, ‘वह इस जनसभा में पुलवामा हमले के बारे में एक शब्द नहीं बोले. अगर वह पुलवामा हमले के बारे में बोलते, इसकी निंदा करते, जवानों को श्रद्धांजलि देते तो वह कम से कम दो मिनट का मौन रखने के लिए कहते. लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ.’ उन्होंने दूरदर्शन पर प्रसारित प्रधानमंत्री के भाषण की एक फुटेज भी दिखाई और दावा किया कि प्रधानमंत्री शाम में पांच बजकर 10 मिनट पर जनसभा को संबोधित कर रहे थे. तिवारी ने सवाल किया, ‘हम प्रधानमंत्री से पूछना चाहते हैं कि आप उस दिन तीन बजकर 10 मिनट से पांच बजकर 10 मिनट के बीच क्या कर रहे थे? क्या इस दौरान आपको इस हमले की जानकारी थी?’ कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, ‘इसमें दो बातें हो सकती हैं. पहली बात यह हो सकती है कि प्रधानमंत्री को इस हमले के बारे में पता था और उन्होंने फोटोशूट करना जारी रखा और रैली को संबोधित किया. अगर ऐसा है तो इससे बड़ी संवदेनहीनता कुछ नहीं हो सकती.’
उन्होंने कहा, ‘दूसरी बात यह हो सकती है कि तीन बजकर 10 मिनट से पांच बजकर 10 मिनट बीच तक प्रधानमंत्री को पता नहीं था. अगर ऐसा है तो यह सुरक्षा से जुड़ा गंभीर प्रश्न है. इससे सरकार की अक्षमता साबित होती है.’
इससे पहले बृहस्पतिवार को कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने आरोप लगाया था कि जब देश इस जघन्य हमले के कारण सदमे में था तो उस वक्त मोदी कार्बेट पार्क में एक चैनल के लिए फिल्म की शूटिंग और नौकायन कर रहे थे.

तसवीर नंबर दो में एक झील का दृश्य है। उसमें एक मोटर बोट दिखायी पड़ रही है। लॉन्ग शॉट में प्रधानमंत्री मोदी मोटर बोट में बैठे दिखायी पड़ रहे हैं। उन्होंने सुरक्षा बलों की एक कैप लगा रखी है। उनके पाछे एक आदमी झुका हुआ दिखायी पड़ रहा है जो संभवत: एसपीजी का जवान हो सकता है। तसवीर में बाईं तरफ़ कुछ लोगों की पीठ दिखायी पड़ रही है।

तीसरी तसवीर में दूर का शॉट दिखायी पड़ रहा है जहाँ क़रीब 30 लोग नज़र आ रहे हैं। इसमें से कुछ एसपीजी की सुरक्षा के लोग जान पड़ते हैं और कुछ लोग शूटिंग करने वाली टीम के सदस्य हैं। इस दृश्य में बिलकुल साफ़ दिख रहा है कि किसी फ़िल्म की शूटिंग हो रही है। एक आदमी बैकपैक लिए भारी-भरकम ट्राईपैड उठा कर चल रहा है। दूसरा बूम माइक लिए चल रहा है। एक अन्य आदमी के हाथ में रिफ्लेक्टर है और बोट के क़रीब प्लेटफॉर्म पर कैमरा लिए एक आदमी खड़ा है। इस तसवीर में प्रधानमंत्री नहीं दिख रहे हैं।


चौथी तसवीर पहाड़ियों के बीच एक झील की है जिसमें छह मोटर बोट दिख रही हैं। सबसे आगे वाली बोट में कुछ लोग सवार हैं। यह वही बोट है जिसमें दूसरी तसवीर में प्रधानमंत्री बैठे दिखायी पड़ रहे हैं। 
वैसे इन चारों तसवीरों को देखकर यह कहना मुश्किल है कि यह किस वक्त की तसवीर है। क्योंकि आसमान में बादल छाये हुए हैं और धूप का नामो-निशान नहीं है।

कांग्रेस पार्टी ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ़्रेंस कर यह दावा किया था कि पुलवामा हमले के बाद भी प्रधानमंत्री मोदी जिम कार्बेट में डिस्कवरी चैनल के लिए शूटिंग कर रहे थे। शुक्रवार को पार्टी के प्रवक्ता मनीष तिवारी ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस कर फिर यह सवाल पूछा कि प्रधानमंत्री देश को बताएँ कि 3 बजकर 10 मिनट पर जब पुलवामा में हमला होता है और 5 बजकर 10 मिनट पर रैली को संबोधित कर रहे थे, इस दरमियान आप कहाँ थे? कांग्रेस ने आज सीधे प्रधानमंत्री पर हमला किया और कहा कि इतनी बड़ी घटना हुई तो क्या प्रधानमंत्री को पहला काम यह नहीं करना चाहिए था कि रैली को संबोधित करने से पहले इस हमले की निंदा करते और शोक में दो मिनट के लिए मौन रखकर श्रद्धांजलि देते?
 मनीष तिवारी ने कहा कि हम बड़ी ज़िम्मेदारी के साथ कहना चाहते हैं कि हम एक परमाणु संपन्न देश हैं और शीर्ष पर संचार-व्यवस्था का यह हाल है तो यह और भी गंभीर बात है।
राहुल गाँधी के इस हमले के बाद बीजेपी भी हमलावर हो गयी। बीजेपी ने राहुल गाँधी के #PhotoShootSarkar वाले ट्वीट को रिट्वीट करते हुए पलटवार किया। बीजेपी ने लिखा, ‘राहुल जी आपके फ़ेक न्यूज़ से देश तंग आ चुका है। उस दिन सुबह की तसवीर को बेशर्मी के साथ फैला कर राष्ट्र को गुमराह न करें। हो सकता है आपको हमले की जानकारी पहले मिल गयी हो लेकिन भारत की जनता को हमले की जानकारी तो शाम को ही मिली। अगली बार आप बेहतर स्टंट करें जो जवानों के बलिदान से जुड़ा न हो।’ पुलवामा हमले के बाद शूटिंग के आरोप का न तो पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने खंडन किया और न ही क़ानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने खंडन किया है। शुक्रवार को बीजेपी की तरफ़ से यह बताने की कोशिश की गयी कि शूटिंग दरअसल पुलवामा हमले के पहले हुयी थी और राहुल गाँधी झूठी तसवीरें लोगों के बीच में फैला रहे हैं। यह सच है कि राहुल गाँधी ने जो तस्वीरें ट्वीट की हैं उनको देखकर यह बताना मुश्किल है कि ये तसवीरें 3 बजकर 10 मिनट से पहले यानी पुलवामा हमले के पहले की हैं या बाद की। तसवीर में बादल छाये हुए हैं और धूप का नामो निशान नहीं है। लेकिन यह बात पूरे विश्वास के साथ कही जा सकती है और इस बात के पुख्ता सबूत हैं कि उन्होंने पुलवामा हमले के दो घंटे बाद रुद्रपुर में रैली को संबोधित किया था। 
यानी इतनी बड़ी घटना होने के बाद भी प्रधानमंत्री का ध्यान अपने चुनावी प्रचार पर था। अब प्रधानमंत्री को कांग्रेस के सवाल का जवाब देना चाहिए कि पुलवामा में इतनी बड़ी घटना हो गयी तो उन्होंने रैली कैंसिल क्यों नहीं की?  टेलीफ़ोन पर रैली को संबोधित करने की क्या मजबूरी थी? और क्या रैली को संबोधित करने से पहले उन्होंने शहीदों को श्रद्धांजलि दी थी और दो मिनट का मौन लोगों से रखवाया था या नहीं? और अगर प्रधानमंत्री जी को वाक़ई में पुलवामा की घटना की जानकारी नहीं थी तो राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर इससे बड़ी ख़तरनाक बात हो ही नहीं सकती है।

एनडीटीवी की ख़बर के मुताबिक, सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी 14 फरवरी को सुबह करीब सात बजे दिल्ली से देहरादून पहुंचे. देहरादून पहुंचने के बाद खराब मौसम के कारण उड़ान न भर पाने के कारण वे वहां करीब चार घंटे तक रुके रहे.सुबह सवा 11 बजे वे जिम कार्बेट नेशनल पार्क पहुंचे. वे वहां तीन घंटे तक रहे. उन्होंने वहां टाइगर सफारी, इको टूरिज्म जोन और रेस्क्यू सेंटर का उद्घाटन किया. पीएम मोदी ने ढिकाला का दौरा करने के लिए कालागढ़ से मोटरबोट में यात्रा की. ढिकाला पहुंचने के बाद उन्होंने जंगल की सैर की. पीएम मोदी को दोपहर बाद तीन बजे रुद्रपुर में जनसभा को संबोधित करना था लेकिन यह रैली खराब मौसम और पुलवामा हमले के कारण स्थगित कर दी गई. उन्होंने फोन के जरिए संक्षेप में संबोधन दिया. रामनगर के गेस्ट हउस में पहुंचने के बाद उन्होंने पुलवामा हमले को लेकर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए), गृह मंत्री और जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल से बात की.  खराब मौसम के कारण हैलिकॉप्टर का उड़ान भरना संभव नहीं था. इस कारण उन्होंने रामनगर से बरेली तक सड़क मार्ग से यात्रा की. रामनगर से शाम सात बजे रवाना हुए पीएम मोदी देर शाम को दिल्ली पहुंचे. पीएम मोदी को पुलवामा में हुए हमले की सूचना 25 मिनिट की देरी से मिली. इस पर उन्होंने एनएसए अजीत डोभाल को फोन करके नाराजगी जताई. डोभाल ने सुरक्षा एजेंसियों से स्पष्टीकरण मांगा है कि प्रधानमंत्री को यह सूचना देने में देर क्यों हुई? कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पुलवामा आतंकी हमले वाले दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक चैनल के लिए फिल्म की शूटिंग करने संबंधी खबरों को लेकर शुक्रवार को उन पर हमला बोला. राहुल गांधी ने कहा कि आरोप लगाया कि जब शहीदों के घर ‘दर्द का दरिया’ उमड़ा था तो ‘प्राइम टाइम मिनिस्टर’ हंसते हुए दरिया में शूटिंग कर रहे थे. गांधी ने प्रधानमंत्री की शूटिंग से जुड़ी तस्वीर ट्विटर पर शेयर करते हुए कहा, ‘पुलवामा में 40 जवानों की शहादत की खबर के तीन घंटे बाद भी ‘प्राइम टाइम मिनिस्टर’ फिल्म शूटिंग करते रहे. देश के दिल व शहीदों के घरों में दर्द का दरिया उमड़ा था और वे हँसते हुए दरिया में फोटोशूट पर थे.’

वेब मीडिया एसोसिएशन के नेशनल प्रेसीडेंट चन्‍द्रशेखर जोशी ने राहुल गॉधी द्वारा सोशल मीडिया का सफलतम उपयोग करने पर कहा है कि भाजपा के सर्वोच्‍च नेता उत्‍तराखण्‍ड में आये पर डबल इंजन के बावजूद भाजपा सोशल मीडिया में पिछडती दिख रही है,

ज्ञात हो कि वेब मीडिया एसोसिएशन देश की पहली पंजीकरण वाली संस्‍था है जिसके सदस्‍य देश के हर राज्‍यो में सोशल मीडिया के पारंगत पत्रकार है

FROM; CHANDRA SHEKHAR JOSHI- National President

Web Media Assocition, H.Q.: Aligang, Lucknow & Dehradun, Mail; himalayauk@gmail.com

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