आरएसएस के ताकतवर पद महासचिव (सरकार्यवाह) 10 मार्च को चुने जायेगे

दुनियाभर में व्यापार युद्ध छिड़ सकता है # TOP NATIONAL NEWS;  हिमालयायूके न्‍यूज पोर्टल 

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने कई राज्यों में महापुरुषों की मूर्तियों के साथ तोड़फोड़ की घटनाओं की निंदा की है. संघ के मुताबिक विभाजनकारी ताक़तों से सावधान रहने का जरूरत है. इस बीच संघ के दूसरे सबसे ताकतवर पद महासचिव (सरकार्यवाह) के चुनाव को लेकर अटकलों का दौर जारी है.

आरएसएस की सर्वोच्च निर्णायक संस्था अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की तीन दिनों की बैठक नागपुर में शुक्रवार को शुरू हुई. देश भर के करीब डेढ़ हजार प्रतिनिधि इसमें हिस्सा ले रहे हैं. बैठक में बताया गया कि संघ की गतिविधियों में तेजी आई है. संघ की शाखाएं एक साल में करीब 1800 बढ़कर 58967 हो गई हैं.

संघ ने त्रिपुरा में बीजेपी की जीत का जिक्र किए बिना वहां के घटनाक्रम पर संतोष जताया. लेकिन इस जीत के बाद लेनिन, श्यामाप्रसाद मुखर्जी और महात्मा गांधी की मूर्तियों से तोड़फोड़ की घटनाओं की निंदा की.

 इस बैठक में संघ के कुछ महत्वपूर्ण पदों पर बदलाव की भी संभावना है. संघ के सरकार्यवाह का चुनाव शनिवार को होगा. सरसंघचालक के बाद यह दूसरा सबसे महत्वपूर्ण पद है. मौजूदा सरकार्यवाह भैयाजी जोशी ने 2009 में कार्यभार संभाला था.
संघ के कई नेता चाहते हैं कि वे तीन साल का एक कार्यकाल और लें. हालांकि खुद जोशी इसके पक्ष में नहीं हैं. संघ के कई अन्य नेता  सह सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले या कृष्ण गोपाल को सरकार्यवाह बनाने के पक्ष में हैं. नया सरकार्यवाह अपनी टीम बनाएगा जिसमें कई बड़े परिवर्तन हो सकते हैं.
संघ के नेतृत्व में संभावित बदलाव का महत्व इसलिए ज्यादा है क्योंकि अगले एक साल में लोकसभा समेत कई राज्यों के महत्वपूर्ण चुनाव होने हैं. पिछले साढ़े तीन साल में संघ ने सरकार के काम में वैसा दखल नहीं दिया जैसा वाजपेयी सरकार के समय देखा गया था. संघ परिवार में बेहतर तालमेल भी देखने को मिला. यही कारण है कि मौजूदा नेतृत्व को बनाए रखने की दलील भी दी जा रही है. बैठक में संघ के अगले तीन वर्षों के कार्यक्रम और एजेंडे पर भी विस्तार से चर्चा होगी.
(2)

भविष्य में नेहरू-गांधी परिवार से बाहर का सदस्य पार्टी का अध्यक्ष- पीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी 

मुंबई:  यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने शुक्रवार को कहा कि भविष्य में नेहरू-गांधी परिवार से बाहर का सदस्य पार्टी का अध्यक्ष बन सकता है. उन्होंने कहा कि वर्ष 2004 में उन्होंने मनमोहन सिह का प्रधानमंत्री के रूप में चयन इसलिए किया था क्योंकि वह इस पद के लिए उनसे बेहतर उम्मीदवार थे. एक हिंदी न्यूज चैनल के कार्यक्रम में यह पूछे जाने पर कि क्या उनके परिवार के बाहर का कोई सदस्य कांग्रेस अध्यक्ष बन सकता है, सोनिया ने कहा, “क्यों नहीं, भविष्य में ऐसा हो सकता है.”

 

सोनिया गांधी 13 मार्च को विपक्षी एकजुटता के लिए डिनर डिप्लोमेसी का दांव खेलने जा रही हैं. इस डिनर के लिए विपक्षी दलों के नेताओं के साथ बीजेपी से नाराज चल रहे उसके कुछ सहयोगियों को भी न्योता दिए जाने के कयास लगाए जा रहे हैं.सोनिया गांधी 2019 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस या कांग्रेस नीत गठबंधन की सत्ता में वापसी को लेकर पूरी तरह आश्वस्त दिखीं. सोनिया ने कहा, ‘हम वापसी करने जा रहे हैं. हम उन्हें सत्ता में दोबारा नहीं आने देंगे.’  

 

यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस अपने नेता के तौर पर एक गांधी के बिना आगे बढ़ सकती है, उन्होंने कहा कि यह प्रश्न कांग्रेस कार्यकर्ताओं के समक्ष रखा जाना चाहिए. सोनिया ने कहा कि कांग्रेस में एक परंपरा है और नेताओं का चयन लोकतांत्रिक तरीके से होता है. उन्होंने अमेरिका में बुश परिवार और क्लिंटन परिवार और भारत के कई राज्यों में वंशवाद का उदाहरण दिया.

यह पूछे जाने पर कि क्या वह पार्टी को जोड़े रखने वाली ग्लू हैं, सोनिया मुस्कुराईं और कहा, “यह काफी मुश्किल प्रश्न है. कई कांग्रेस नेता हैं, आप उनसे पूछ सकते हैं.” यह पूछे जाने पर वह प्रधानमंत्री क्यों नहीं बनीं, उन्होने कहा, “क्योंकि मुझे लगा कि डा. मनमोहन सिह मुझसे बेहतर प्रधानमंत्री होंगे.”  सोनिया गांधी ने इस बात को खारिज कर दिया कि मनमोहन सिंह भले प्रधानमंत्री रहे हों लेकिन सत्ता उन्हीं के (सोनिया के) हाथ में थी. उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि ऐसी कोई भी स्थिति थी. उन्होंने कहा कि राजनीति में आने का फैसला उन्होंने तब लिया जब उन्होंने देखा कि कांग्रेस मुश्किल दौर से गुजर रही है. सोनिया ने कहा, “कुछ लोग कांग्रेस छोड़ रहे थे. मुझे सच में यह महसूस हुआ कि मैं एक तरह से कायर होऊंगी अगर मैं पार्टी के लिए कुछ करने की कोशिश न करूं.”

सोनिया गांधी ने पीएम मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि लोकतंत्र में चर्चा और मतभेद दोनों स्वीकार्य हैं पर एकालाप नहीं. उन्होंने इस बात पर भी खेद जताया कि राष्ट्र निर्माताओं को बदनाम किया जा रहा है. साथ ही उन्होंने कांग्रेस और उसके प्रधानमंत्रियों द्वारा आजादी के बाद हासिल की गई उपलब्धियों की सत्तारूढ़ पार्टी द्वारा लगातार आलोचना किए जाने का संदर्भ देते हुए कहा कि पूर्व की उपलब्धियों को द्वेष के कारण कमतर बताया जा रहा है. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस को भी संगठन के स्तर पर लोगों से जुड़ने का एक नया तरीका विकसित करने की जरूरत है.

राहुल को सलाह देने के संबंध में पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा, “मैं खुद ऐसा नहीं करने की कोशिश करती हूं. राहुल पार्टी को पुनर्जीवित करने के लिए वरिष्ठ और युवा नेताओं के बीच संतुलन बनाना चाहते हैं, और यह कोई आसान काम नहीं है.” 

पूर्वोत्तर राज्यों में मतों की गिनती के दौरान राहुल के देश में मौजूद नहीं रहने की आलोचना पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि चुनाव प्रचार करने के बाद वह तीन दिन के लिए इटली में अपनी नानी को देखने गए थे. अपनी बेटी प्रियंका गांधी के राजनीति में आने को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, “प्रिंयका फिलहाल अपने बच्चों की देख- रेख में व्यस्त हैं. यह उनका फैसला है और भविष्य के बारे में कोई नहीं जानता.”  

राहुल गांधी क्या उनकी सुनते हैं, इस सवाल के जवाब में सोनिया गांधी ने कहा,’ पेरेन्ट के नाते हम उन्हें (बच्चों को) कंट्रोल करने की कोशिश करते हैं. लेकिन ये मुश्किल होता है. जब मुझसे कोई सलाह मांगी जाती है तो मैं देती हूं.’ राहुल गांधी के कामकाज के तौर-तरीकों की बाबत पूछे जाने पर सोनिया ने कहा, ‘हर व्यक्ति का काम करने का अपना खास ढंग होता है. साथ ही कांग्रेस की एक निश्चित नीति है, जिसका हम पालन करते हैं.’

(3)अमेरिकी राष्ट्रपति  की भारत और चीन को धमकी

अमेरिकी राष्ट्रपति के इस्तपात और एल्युमिनियम आयात से जुड़े आदेश पर हस्ताक्षर करने के बाद दुनियाभर में चिंता का माहौल है. दूसरी तरफ डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और चीन जैसे देशों को अमेरिकी टैरिफ को नहीं मानने पर जवाबी टैक्स लगाने की धमकी दी है. पिछले दिनों ट्रंप ने कई बार हार्ले डेविडसन बाइक पर भारत में लगाए जा रहे 50 प्रतिशत आयात शुल्क पर पर नाराजगी जताई थी.   हार्ले डेविडसन अमेरिका की एक प्रीमियम बाइक निर्माता कंपनी है, जिसकें बाइक्स भारतीय बाजार में ऊंची कीमतों पर मिलती हैं. ट्रंप ने कई बार कहा था कि भारत से आयात होने वाली मोटरसाइकिलों पर अमेरिका में जीरो टैक्स लगाया जाता है. उन्होंने यह भी कहा था कि अमेरिका भी भारतीय मोटरसाइकिलों पर आयात शुल्क लगा सकता है. ट्रंप ने कहा अगर चीन हम पर 25 फीसदी चार्ज लगाएगा और भारत 75 फीसदी चार्ज करेगा तो हम भी इसके जवाब में उतना ही टैक्स लगाएंगे. आपको बता दें कि पिछले दिनों भारत ने हार्ले डेविडसन जैसी महंगे ब्रांड की मोटरसाइकिलों पर आयात शुल्क को घटाकर 50 प्रतिशत कर दिया था. लेकिन ट्रंप इसे घटाने की बात कह रहे हैं.

ट्रंप ने कहा था कि भारत सरकार ने हाल में आयातित मोटरसाइकिलों पर शुल्क 75 प्रतिशत से घटाकर 50 प्रतिशत कर दिया है, जो कि सही नहीं है. उन्होंने इसे एक जैसा बनाने पर जोर दिया था. गौरतलब है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को ही इस्पात के आयात पर 25 प्रतिशत और एल्यूमिनियम पर 10 फीसदी शुल्क लगाने संबंधी आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं. ट्रंप के इस कदम के बाद दुनियाभर में व्यापार युद्ध छिड़ सकता है. अमेरिका का यह विवादित शुल्क 15 दिन के भीतर ही अमल में आ गया.

अमेरिका में इस्पात और एल्यूमीनियम के आयात पर शुल्क लगाने के इस कदम से शुरुआती तौर पर चीन से होने वाला आयात प्रभावित होगा. केवल दो देशों कनाडा और मैक्सिको को ही इससे छूट दी गई है. यह छूट तब तक ही होगी जब तक कि उत्तरी अमेरिका मुक्त व्यापार समझौता (नाफ्टा) को लेकर बातचीत पूरी नहीं हो जाती. ट्रंप ने आदेश पर हस्ताक्षर करने के बाद कहा कि अन्य देशों को यदि वह इस्पात और एल्यूमीनियम आयात शुल्क से छूट चाहते हैं तो उन्हें अमेरिका के व्यापार प्रतिनिधियों (यूएसटीआर) से बातचीत करनी होगी.

अमेरिका का कहना है कि यदि शुल्क अमेरिकी शुल्कों के अनुरुप नहीं होते हैं तो वह चीन और भारत जैसे देशों पर उन्हीं के अनुरूप शुल्क थोपेगा. बहरहाल, अमेरिका ने इस्पात और एल्यूमीनियम पर जो आयात शुल्क लगाया है. अमेरिका के बड़े व्यापारिक भागीदारी यूरोपीय संघ और चीन भी उसके जवाब में शुल्क लगा सकते हैं.

(4)राहुल गांधी फ्रांस के राष्ट्रपति से मुलाकात करेंगे

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों से उनकी चार दिवसीय भारत यात्रा के दौरान मुलाकात करेंगे। सूत्रों के मुताबिक, राहुल के थाईलैंड और सिंगापुर की यात्रा से लौटने के बाद रविवार को यह मुलाकात होगी। विदेशों में बसे भारतीय लोगों तक पहुंच कायम करने की कवायद के तहत राहुल थाईलैंड और सिंगापुर की यात्रा पर गए हैं। 

बहरहाल अप्रैल 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से किए गए राफेल करार के मुद्दे पर लगातार मोदी सरकार पर हमलावर रही कांग्रेस ने कहा कि राहुल और मैक्रों की मुलाकात के दौरान राफेल करार का मुद्दा नहीं उठाया जाएगा। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस पार्टी किसी विदेशी राष्ट्राध्यक्ष से भारत के रक्षा करार की चर्चा नहीं करेगी।  

यह हमारा अंदरूनी मामला है और इस मुद्दे पर सरकार को फ्रांस से बात करनी है, कांग्रेस को नहीं। उन्होंने कहा कि हम अपनी सरकार से जवाब मांग रहे हैं, फ्रांस की सरकार से नहीं। राफेल करार की ओर इशारा करते हुए सुरजेवाला ने कहा कि जब कोई कुछ खरीदने जाता है तो खरीददार को सुनिश्चित करना होता है कि उत्पाद अच्छा है कि नहीं, क्योंकि विक्रेता तो हमेशा कहेगा कि उसका उत्पाद अच्छा है। 

खरीदार को अपनी जेब का ख्याल रखते हुए फैसला करना होता है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार को सुनिश्चित करना है कि उसके धन की बर्बादी न हो और कम पैसे में बेहतरीन सौदा हो। सरकारी खजाने को कोई नुकसान नहीं होना चाहिए। कांग्रेस प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि यह श्रीमान मैक्रों की नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण की जिम्मेदारी है और उस पर वे नाकाम हुए हैं। 

राफेल करार के मुद्दे पर कांग्रेस लगातार मोदी सरकार पर हमले बोल रही है और विमान की कीमत के मुद्दे पर उससे जवाब मांग रही है। कांग्रेस ने आज आरोप लगाया कि राफेल लड़ाकू विमानों की फ्रांसीसी निर्माता कंपनी दशॉ एविएशन से विमान खरीद कर मोदी सरकार ने सरकारी खजाने को 12,612 करोड़ रुपए का नुकसान पहुंचाया है। 

पार्टी ने आरोप लगाया कि कंपनी ने 11 महीने पहले कतर और मिस्र को जिस कीमत पर प्रत्येक विमान बेचे उससे 351 करोड़ रुपए अधिक प्रत्येक विमान के लिए भारत से लिए। फ्रांस सरकार के साथहुए समझौते में गोपनीयता के प्रावधान के कारण सरकार राफेल विमानों की खरीद की कीमत बताने से इनकार कर रही है। 

सुरजेवाला ने कहा कि यदि किसी देश के राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री भारत आते हैं तो वह हमारे मेहमान हैं और सरकार एवं विपक्ष के बीच कोई मतभेद नहीं होते। उन्होंने कहा कि राष्टाध्यक्ष औपचारिक तौर पर विपक्षी नेताओं से मिलते हैं जैसे वे पहले सुषमा स्वराज एवं अरुण जेटली से मुलाकात करते थे। कांग्रेस अध्यक्ष का पद संभालने के बाद से राहुल भारत की यात्रा पर आने वाले राष्ट्राध्यक्षों एवं शासनाध्यक्षों से मुलाकात करते रहे हैं। 

उन्होंने हाल में कंबोडिया के प्रधानमंत्री समछेच हुन सेन और कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो से मुलाकात की थी। वियतमान के राष्ट्रपति त्रान दाई कुआंग की भारत यात्रा के दौरान राहुल इटली में थे, जिसके कारण त्रान ने यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात की थी। 

(5)

कुछ दिनों पहले अनुष्का शर्मा और विराट कोहली की एक तस्वीर वायरल हुई थी, जिसमें दोनों एक-दूसरे को हग कर रहे थे. इस तस्वीर को लेकर एक बंगाली अखबार ने खबर छापी है कि अनुष्का ने हमारे साथ हुए इंटरव्यू में बताया कि वो हग अचानक हो गया था. अनुष्का ने ट्विटर पर उस आर्टिकल की तस्वीर शेयर करते हुए लिखा कि मैंने कभी किसी को अपनी निजी जिंदगी से जुड़ा इंटरव्यू नहीं दिया है.

अनुष्का ने लिखा- एक नामी पब्लिकेशन में मेरा फर्जी इंटरव्यू देखकर मैं हैरान हूं. मैं बता दूं कि मैंने अपनी निजी जिंदगी से जुड़ा कोई इंटरव्यू ना तो उन्हें और ना ही किसी और को दिया है. यह दिखाता है कि आपकी निजी स्वतंत्रता को वो कैसे देखते हैं. 2014 में जब अनुष्का, विराट को डेट कर रही थीं, तब उन्होंने कहा था कि वो कुछ छुपा नहीं रहीं, लेकिन वो नहीं चाहतीं कि उनकी निजी जिंदगी एंटरटेनमेंट का टॉपिक बन जाए. विराट और अनुष्का ने 11 दिसंबर, 2017 को इटली में शादी की थी. शादी के बाद उन्होंने एक रिसेप्शन दिल्ली में और दूसरा रिसेप्शन मुंबई में दिया था. फिल्मों की बात करें तो उनकी फिल्म ‘परी’ अभी रिलीज हुई है, जो बॉक्स-ऑफिस पर औसत बिजनेस कर रही है. इसके बाद वो वरुण धवन के साथ ‘सुई-धागा’, शाहरुख खान के साथ ‘जीरो’ और रणबीर कपूर के साथ संजय दत्त की बायोपिक में नजर आएंगी.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *