उत्तराखण्ड की लोक संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्द्धन हेतु हरेला पर्व – दिनेश

3हरिद्वार जिले में गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 95 से0मी0 नीचे # वन विभाग के फील्ड कर्मियों के महासंघ के प्रथम द्धिवार्षिक महाधिवेशन का दीप प्रज्जवलित कर शुभारम्भ

देहरादून 16 जुलाई, 2016 (सू.ब्यूरो) www.himalayauk.org (Newsportal) Bureau
उत्तराखण्ड की लोक संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्द्धन को पौधारोपण से जोड़ते हुए प्रदेश सरकार द्वारा हरेला पर्व मनाया जा रहा है। यह बात वन मंत्री दिनेश अग्रवाल ने भण्डारीबाग स्थित मुस्लिम कालोनी में पौधारोपण के पश्चात जनसमूह को सम्बोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि मा.मुख्यमंत्री की पहल पर इस दिशा में हमारा प्रयास निरन्तर जारी है।
श्री दिनेश अग्रवाल ने उपस्थित जनसमूह से हरेला पर्व के अवसर पर अधिक से अधिक वृक्षारोपण करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि वृक्षारोपण पर्यावरण को संरक्षित करने में मददगार होगा। इससे प्रकृति व पर्यावरण को बचाने तथा हमारे स्थानीय खाद्यानों को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। उन्होने कहा कि हरेला के माध्यम से प्रकृति के अभिनन्दन करने की परम्परा को हम मा.मुख्यमंत्री के नेतृत्व में आगे बढ़ा रहे है। उन्होंने कहा कि पूर्व में हमारे लोग संसाधनों अभाव में वृक्षारोपण करके प्रकृति के संरक्षण एवं संवर्द्धन का प्रभावी संदेश देते रहे है, जिसका अनुपालन राज्य सरकार द्वारा हरेला पर्व के रूप में किया जा रहा है। वृक्षारोपण के प्रति राज्य सरकार की पहल को लोगों ने खुद अभियान के रूप में लिया है। जो सराहनीय है। उन्होंने कहा कि मा.मुख्यमंत्री की महत्वकांक्षी योजना ‘मेरा पेड़ मेरा धन’ में सरकार आजीविका से जुड़े पेड़ों को लगाने में प्रोत्साहन राशि दे रही है। जहां एक ओर सरकार द्वारा प्रोत्साहन देकर वृक्षारोपण को अभियान के रूप में चलाया जा रहा है वहीं सरकार चारा प्रजाति व फल वाले वृक्ष लगाने पर बल दे रही है, जिससे की वे स्थानीय की आर्थिकी का प्रमुख संसाधन बने सके। उन्हांेने एमडीडीए, उद्यान तथा वन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि जनसहभागिता से अधिक से अधिक वृक्ष रोपित करायें। उन्होंने वनों के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जहां वृक्ष आर्थिकी का प्रमुख संसाधन है वहीं यह प्राण वायु भी देते हैं, जो हमारे जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
इस अवसर पर स्थानीय पार्षद तौसीर अहमद, हयात खान, ताहिर, अख्तर, मोहम्मद ईदलिस, हातिम खां, आकेश कुमार एवं खलिल अहमद सहित अनेक स्थानीय लोग उपस्थित थे।
#########

देहरादून 16 जुलाई, 2016 (सू.ब्यूरो)
हरिद्वार जिले में गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 95 से0मी0 नीचे है। उत्तराखण्ड शासन द्वारा लगातार जलस्तर पर नजर रखी जा रही है। प्रतिघंटा जलस्तर की सूचना जिला आपाताकालीन परिचालन केन्द हरिद्वार तथा राज्य आपदा परिचालन केन्द्र, देहरादून को प्राप्त हो रही है। बाढ़ चैकियां सक्रिय की गयी है। नदी के डाउनस्ट्रीम में नदी किनारे पेट्रोलिंग की जा रही है। किसी भी असामान्य स्थिति के लिए प्रतिवादन हेतु 6 जल पुलिस टीमे, 5 मोटर बोट/राफ्ट सहित उपलब्ध है।
पिथौरागढ़ मंेे अतिवृष्टि से सबसे प्रभावित ग्राम बस्तड़ी/राहत केन्द्र सिंगली में एस0डी0एम0 डीडीहाट के नेतृत्व में क्षति का आंकलन एवं राहत सहायता हेतु राहत शिविर में प्रभावितों हेतु व्यवस्थायें सुनिश्चित की जा रही है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी के नेतृत्व में 02 मेडिकल टीमें प्रभावितों का उपचार कर रही है। मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी के नेतृत्व में सिंगली में अस्थाई पशु चिकित्सालय खोला गया है, जहाॅ पशुओं का टीका करण एवं चिकित्सा की जा रही है। प्रभावित क्षेत्रों में सैनिटाइजेशन किया जा रहा हैैै।
उप सचिव आपदा प्रबंधन संतोष बड़ोनी ने जानकारी दी कि विगत 15 जुलाई तक पी0एम0जी0एस0वाई0 सहित राज्य में कुल 151 मार्ग बाधित थे किन्तु विगत रात्रि को हुयी वर्षा से 143 सड़क और बाधित हुयी इसमें से 57 सड़के यातायात के लिए खोल दी गयी है तथा 237 सड़कों को खोलने का कार्य प्रगति पर है। इनमें से अधिकांश 205 सड़के ग्रामीण क्षेत्र की हैं। राज्य के सभी नेशनल हाई वे तथा चारधाम यात्रा मार्ग यातायात के लिए खुले है। मार्गो की अद्यतन सूचना चूकण्नाण्हवअण्पद पर उपलब्ध है। समस्त जिलाधिकारियों से अतिवृष्टि से हो रही क्षति का आंकलन प्राप्त किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि लोक निर्माण विभाग द्वारा आपदा से प्रभावित कुल 1155 सड़कों में से 1004 सड़को में यातायात चालू करा दिया गया है। शेष अधिकतर ग्रामीण सड़कों में कार्य तेजी से गतिमान है। लोनिवि द्वारा आपदा से प्रभावित सड़कों को पूर्व की स्थिति में लाने हेतु वर्तमान में रू.10572 लाख का प्रांक्कलन प्रस्तुत किया गया है।
भूस्खलन से प्रदेश में वर्तमान तक कुल 1185 ग्रामों/तोकों में विद्युत आपूर्ति बाधित हुयी थी, इसमें से 1184 ग्रामों तोकों में विद्युत आपूर्ति बहाल कर दी गयी है। शेष एक बचे कपकोट ब्लाॅक के लाठी ग्राम में कार्य प्रगति पर है। विद्युत विभाग द्वारा इन प्रभावित गांवों में विद्युत आपूर्ति सुचारू करने में रू. 167.28 लाख रूपये खर्च किए गए है।
विगत 1 जुलाई, 2016 को पिथौरागढ़ एवं अन्य जिलो में कुल 87 पेयजल योजनायें क्षतिग्रस्त हुयी थी, जिनमें पेयजल आपूर्ति बहाल कर दी गयी है। जल संस्थान द्वारा अतिवृष्टि से प्रभावित प्रदेश की कुल 559 योजनाओं में से 555 योजनाओं को अस्थायी रूप से चालू कर दिया गया है। संस्थान द्वारा इन योजनाओं को स्थायी रूप से बनाने हेतु 1289.68 लाख रूपये का प्रांक्कलन सचिव, आपदा को प्रस्तुत किया गया है। तथा इन क्षतिग्रस्त योजनाओं को अस्थायी रूप से बनाने के लिए 206.68 लाख रूपये का प्रांक्कलन प्रस्तुत किया गया है।
उत्तराखण्ड पेयजल निगम डीडीहाट द्वारा मानसून आपदा 2016 मंे क्षतिग्रस्त 76.00 लाख रूपये का प्रांक्कलन प्रस्तुत किया गया है। तथा 10 जनपदों में अतिवृष्टि से क्षतिग्रस्त 250 योजनाओं में से 245 योजनाओं को अस्थायी रूप से चालू कर दिया गया है। तथा इन योजनाओं को स्थायी रूप से चालू करने के किए 11.919 करोड़ रूपये का प्रस्ताव आपदा प्रबंधन को प्रस्तुत किया गया है।

######
देहरादून 16 जुलाई, 2016 (सू.ब्यूरो)
स्थानीय नगर निगम हाॅल में वन मंत्री दिनेश अग्रवाल ने वन विभाग के फील्ड कर्मियों के महासंघ के प्रथम द्धिवार्षिक महाधिवेशन का दीप प्रज्जवलित कर शुभारम्भ किया।
इस अवसर पर उन्होंने वन फील्ड अधिकारी व कर्मचारियों की नियामावली प्रख्यापन की मांग को उचित बताते हुए दूरभाष पर अपर मुख्य सचिव एस. रामास्वामी से नियमावली को कैबिनेट में लाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि हर समस्या को सुलझाने से रास्ता निकलता है, जिसको देखते हुए वन कर्मियों को अपनी मांगों को मनवाने के लिए अधिकारियों से सीधे संवाद स्थापित करने चाहिए है। उन्होंने कहा कि फील्ड के वन अधिकारी व कर्मी विषम भौगोलिक परिस्थितियों में कार्य करते है। अतः उन्हेंने पुलिस एवं अन्य विभागों के कर्मियों की भांति फील्ड वन कर्मियों की मांग एक माह का अतिरिक्त वेतन तथा पोषण भत्ता की प्रभावी पैरवी की। उनका कहना था कि यदि इसमें कोई कठिनाई है तो उसका रास्ता निकाला जायेगा। उन्होंने कहा कि अगर कोई विसंगति है तो उसका हल निकाला जायेगा। उन्होंने कहा कि सरकार राज्य कर्मचारियों के सहयोग के लिये हमेशा तत्पर है।
इस अवसर पर राज्य कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष ठाकुर प्रह्लाद सिंह तथा चैधरी ओमवीर सिंह, प्रदेश प्रवक्ता अजय पाण्डेय एवं शक्तिप्रसाद भट्ट, अखिल भारतीय वन कर्मचारी संघ के कमल यादव, इन्द्रमोहन कोठारी, ऋषिराम पैन्यूली, रामसिंह बिष्ट, पीसी सुयाल एवं पंकज शर्मा तथा जिला पंचायत सदस्य राजेश परमार, राजेश शर्मा, विरेन्द्र आदि मौजूद थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *