अब नारी शक्ति ही उत्तराखण्ड के विकास के द्वार खोलेगी; हरीश रावत

CM Photo 06 dt. 19 August, 2016#मलिन बस्ती के निवासियों को उनकी जमीन पर मालिकाना हक  #निर्धनो के लिए 25000 नये घर निमार्ण  #महिला सशक्तिकरण राज्य सरकार का फोकस बिन्दु  #सभी लोगों को राज्य के विकास में राज्य सरकार के साथ भागीदारी करनी होगी  #राज्य सरकार जन्म से वृ़द्धावस्था तक प्रत्येक स्तर पर उनके साथ# www.himalayauyk.org (UK Leading Digital Newsportal)

देहरादून 19 अगस्त, 2016 (सू.ब्यूरो) www.himalayauk.org (UK Leading Digital Newsportal)
राज्य सरकार का लक्ष्य आंगनबाड़ी को एक सुन्दर बगीचे के रूप में विकसित करने का है जिसमें बच्चों का सर्वागीण विकास सुनिश्चित किया जा सके। अब आंगनबाड़ी में बच्चों को दूध व अंडा भी दिया जायेगा। राज्य सरकार मलिन बस्तियों के नियमतिकरण तथा विकास पर विशेष बल दे रही है। इसके लिए मलिन बस्ती के निवासियों को उनकी जमीन पर मालिकाना हक दिया जायेगा। राज्य सरकार निर्धनो के लिए 25000 नये घर निमार्ण करेगी। 22000 महिलाएं निर्धन वर्ग के अनुसूचित जाति, जनजाति व पिछडे़ वर्ग तथा मुस्लिम वर्ग से चुनी जायेगी जिन्होंने दसवी कक्षा या उससे अधिक शिक्षा प्राप्त की हो। उन्हें चुल्हा प्रदान किया जायेगा। महिला सशक्तिकरण राज्य सरकार का फोकस बिन्दु है। केन्द्र सरकार के स्र्टाट अप योजना आधार पर राज्य सरकार द्वारा चार प्रकार के स्टार्ट अप आरम्भ किये गये है। युवाओं को निस्बड के माध्यम से विभिन्न प्रकार के व्यवसायिक प्रशिक्षण प्रदान करके उन्हे रोजगार प्रदान किये जा रहे है। अब तक इस योजना के अन्र्तगत 2000 युवा लाभान्वित हो चुके है राज्य सरकार का लक्ष्य 20000 युवाओं को प्रशिक्षत करने का है। 50000 युवाओं को विभिन्न रोजगारो ं से जोड़ने का लक्ष्य राज्य सरकार ने निर्धारित किया हैं।

मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री स्व0 राजीव गांधी के जन्म दिवस के पूर्व संध्या पर न्यू कैन्ट रोड स्थित मुख्यमंत्री आवास में उपरोक्त विचार व्यक्त किये। मुख्यमंत्री श्री रावत ने पूर्व प्रधानमंत्री का भावपूर्ण स्मरण करते हुए कहा कि गरीबों के सेवा करके हम उनके सपनों को पूरा कर सकते है। श्री रावत ने युवाओं का आहवाहन करतें हुए कहा कि सभी लोगों को राज्य के विकास में राज्य सरकार के साथ भागीदारी करनी होगी।
मुख्यंमत्री श्री रावत ने उपस्थित महिलाओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि हम मातृ शक्ति का सम्मान करते है। आज राज्य सरकार जन्म से वृ़द्धावस्था तक प्रत्येक स्तर पर उनके साथ है। राज्य सरकार कन्या जन्म पर निर्धन परिवारों को 5000 रूपये प्रदान करती है। बालिकाओं की शिक्षा के प्रोत्साहन के लिए गौरादेवी योजना संचालित है। लड़कियों के विवाह के अवसर पर नन्दा देवी योजना के अन्र्तगत निर्धन वर्ग की लड़कियों को आर्थिक सहायता दी जा रही है। गर्भावस्था में उनकों पौष्टिक अनाज व अन्य सहायता उपलब्ध करवायी जा रही है इनमें आंगनबाड़ियों की महत्वपूर्ण भूमिका है। 60 वर्ष से अधिक आयु की महिलाओं को राज्य सरकार द्वारा पेंशन उपलब्ध करवायी जा रही है। वृद्ध महिलाओं को रोडवेज की बसों में निःशुल्क यात्रा की सुविधा दी गयी है साथ ही मेरे बुर्जुग मेरे तीर्थ योजना के अन्र्तगत उन्हें चारधाम यात्रा निःशुल्क करवायी जा रही है। राज्य सरकार द्वारा कमजोर बच्चों को आंगनबाडी के माध्यम से पौष्टिक आहार उपलब्ध करवाया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने महिलाओं से अनुरोध किया कि कमजोर बच्चों को आंगनबाड़ी में ले जाया जाय। महिलाओं को 5 रूपये प्रति लीटर बोनस प्रदान किया जा रहा है। निर्धन विधवा महिलाओं को गंगा गाय योजना के अन्र्तगत गाय प्रदान की जा रही है। इन्दिरा अम्मा भोजनालय योजना महिलाओं के लिए संचालित की गयी है। महिला स्वयं सहायता समूह द्वारा स्थानीय उत्पादों को बेचने के प्रयासो को राज्य सरकार द्वारा प्रोत्साहन दिया जा रहा है। राज्य सरकार महिला स्वयं सहायता समूहों व महिला मंगल दलों से प्राप्त स्थानीय उत्पादों की बिक्री से जितनी भी आय प्राप्त करेगी उसका 5 प्रतिशत महिला मंगल दलो व स्वय सहायता समूहों को दिया जायेगा। 5000 रूपये की आरम्भिक राशि से महिला मंगल दलों के खाते खोले जायेगे। व्यवसायिक गतिविधियाॅं आरम्भ करने के लिए महिला स्वयं सहायता समूहों को 20 से 25 हजार तक का अनुदान प्रदान किया जायेगा। आर्थिक स्वालम्बन ही महिला सशक्तीकरण की कुंजी है। राज्य सरकार विश्वास करती है कि अब नारी शक्ति ही उत्तराखण्ड के विकास के द्वार खोलेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सराकर राज्य में महिला सशक्तिकरण पर विशेष बल दे रही है। राज्य में महिला उद्यमिता के विकास, महिला मंगल दला तथा स्वयं सहायता समूहों को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा की राज्य सरकार द्वारा विभिन्न प्रकार की सामाजिक पेंशन समाज के प्रत्येक कमजोर वर्ग को प्रदान की जा रही है। दो साल पहले तक राज्य में सामाजिक पेंशनो को प्राप्त करने वाले लाभार्थियों की संख्या 1.84 लाख थी जो अब 7 लाख से ऊपर हो गयी है। राज्य सरकार का लक्ष्य इन पेशंन लाभार्थियों की संख्या 10 लाख तक करने का है। पहले मात्र 1000 रूपये की आमदनी वाला व्यक्ति पेंशन का पात्र था लेकिन राज्य सरकार ने आय सीमा को बढ़ाकर अब 4000 रूपये कर दिया है। देश में अन्य कोई ऐसा राज्य नही है जो अपनी जनता को इतनी प्रकार की पेंशन प्रदान करता हो। विकलांग, बौने, जागरी, मौलवी, विक्षिप्त व्यक्ति की पत्नी, जन्म के समय विकलांग होने वाले बच्चे, विधवा, परित्यकता आदि विभिन्न प्रकार की पेंशन राज्य सरकार द्वारा दी जा रही है। वास्तव में राज्य सरकार इन पेंशनों के माध्यम से राज्य के कमजोर व असहाय जनता में एक सुरक्षा की भावना उत्पन्न करता चाहती है ताकि वह किसी भी परिस्थिती में स्वयं को अकेला अनुभव न करे। जनता को यह विश्वास रहे कि राज्य सरकार उनके साथ एक मददगार की तरह उनके साथ है।
उत्तराखण्ड के समाज का कोई भी कमजोर हिस्सा ऐसा नही है जिसे राज्य सरकार द्वारा पेंशन के रूप में कोई आर्थिक सहायता नही दी जा रही हो । राज्य सरकार ने लक्ष्य रखा है कि सामाजिक पेंशन पाने वाले लाभार्थियों की संख्या 10 लाख तक की जायेगी। मुख्यमंत्री श्री रावत ने बताया कि राज्य सरकार इस वर्ष युवाओं को 30000 नौकरियाॅ देने जा रही है जो कि अपने आप में एक रिकार्ड है।
इस अवसर पर विधायक/सभा सचिव राजकुमार, दर्जा प्राप्त मंत्री पृथ्वी पाल चैहान, सुशील राठी, उपस्थित थे।

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