14 Nov.: World Diabetes Day डायबिटीज मधुमेह कब कैसे क्यों ?

शुगर की बीमारी बहुत ही गंभीर और खतरनाक बीमारी है। इसी कारण से इसे कभी भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। क्योंकि यह धीरे-धीरे बढ़ती जाती है। और अपने साथ दूसरी कई तरह की बीमारियां लेकर आती है। जैसे कि ब्लड प्रेशर, ब्रेन स्ट्रोक, किडनी का ख़राब होना, आंखों में अंधापन, हार्ट प्रॉब्लम,आदि यह सब बीमारियां अपने आप में और बड़ी और जानलेवा दोनों है। इसलिए जब भी डायबिटीज हो की शिकयत हो तुरंत उपचार करे-  डॉ अनामिका चौधरी(आयुर्वेदा एम. डी.) सहारनपुर रोड देहरादून निकट ओल्‍ड एसबीआई बिल्‍डिंग के पास प्रैक्‍टिस रत है, मो08171117711

यदि आप बाजारू दवाइयों का सेवन अधिक मात्रा में करते हैं। तो मधुमेह से जुड़ी समस्या मे इसके कई प्रकार के साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं। अतः आप कोशिश करें कि जब भी आप मधुमेह की समस्या से परेशान हो तो घरेलू उपचार के माध्यम से शरीर के अंदर होने वाले मधुमेह की समस्या को समाप्त करें। साथ ही साथ यदि आप इस जानकारी के बारे में किसी प्रकार के प्रश्न को पूछना चाहते हैं। तो डाक्‍टर साहब से बात कर सकते हैं।

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डायबिटीज का रोग आजकल समान्य होने के साथ-साथ एक बहुत ही गंभीर बीमारी है। और करोड़ों लोग आज इस बीमारी से पीड़ित है। भारत में डायबिटीज के मरीज पूरी दुनिया के मुकाबले सबसे ज्यादा है।और यह बीमारी तेज़ी से बढ़ती ही जा रही है। आज हमारे देश के जायदातर लोगो को यही लगता है की मधुमेह की बीमारी ज्यादा मीठा और ज्यादा चीनी खाने से होती है। लेकिन ऐसा नहीं है।

हमारे शरीर में शुगर यानी ग्लूकोस ही एकमात्र ऐसा पदार्थ होता है। जो हमारे शरीर की सेल यानी की कोशिकाओं में तेजी से प्रवेश करके हमें ताकत और एनर्जी प्रदान करता है। परंतु इस शुगर को एनर्जी में बदलने के लिए हमारे शरीर में इंसुलिन का होना जरूरी है। जब भी हम खाना खाते हैं। तो हमारा पेट उस खाने में से ग्लूकोस को अलग करके खून में पहुंचाता है। और फिर यह ग्लूकोस इंसुलिन की मदद से खून से होकर हमारे शरीर की कोशिकाओं में पहुंचता है। हमारे पेट के नीचे पेनक्रियाज यानी की अग्नाशय होता है। जो हमारे शरीर में इंसुलिन पैदा करने का मुख्य स्त्रोत होता है। और अगर यह पैंक्रियास ठीक तरह से काम नहीं करता है। तो शरीर में इंसुलिन बनना कम हो जाता है।

जिसके कारण खून में मौजूद शुगर कोशिकाओं में नहीं जा पाती है। और वह खून में ही रह जाती है। और फिर यह शुगर धीरे धीरे जमा होकर बढ़ती ही जाती है। जिससे हमारा शुगर लेवल हाई हो जाता है। और फिर हमें डायबिटीज की बीमारी हो जाती है। कुछ स्थितियों में पैंक्रियास बिल्कुल ही काम करना बंद कर देता है। इस वजह से शरीर में इंसुलिन बनना पूरी तरह से ही रुक जाता है। ऐसी स्थिति डायबिटीज टाइप वन को जन्म देती है।

जो लोग हेल्थी भोजन करते हैं। और अच्छी जीवनशैली जीने के साथ-साथ शारीरिक एक्सरसाइज भी करते हैं। उनका हमेशा पैंक्रियाज यानी की अग्नाशय हमेशा स्वस्थ बना रहता है। और वह लोग चाहे जितना भी मीठा खा ले। उन्हें शुगर की बीमारी नहीं होती है। बॉडी में मौजूद शुगर जब एनर्जी में कन्वर्ट नहीं होती है। तो हमारे शरीर धीरे-धीरे कमजोर होने लगता है। जल्दी थकान हो जाती है। और कभी-कभी वजन भी घटने लगता है। इसके अलावा शुगर में वृद्धि होने पर ज्यादा प्यास लगती है। और मुँह एवं आँखे भी सूखने लगती है। 

  आंखों में सूखापन के कारण धीरे धीरे नजरें भी खराब होने लगती है। इसके अलावा बार बार पेशाब जाना पड़ता है। और शरीर में शुगर के कारण पेशाब में भी शुगर अधिक निकलती है। जिससे कई बार जलन की परेशानी भी होने लगती है। डायबिटीज होने पर हमारे शरीर का मेटाबॉलिज्म और इम्यून सिस्टम यानी की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बहुत कमजोर पड़ जाती है। जिससे अक्सर घबराहट होने लगती है। और शरीर में कुछ और बीमारी बुखार या फिर किसी तरह की चोट लग जाती है। तो उसे ठीक होने में बहुत समय लगता है। या इसके लक्षण भी दिखाई दे। तो उसको बहुत गंभीरता से लेना चाहिए। और इसके इलाज में बिल्कुल भी लापरवाही नहीं बरतना चाहिए। ज्यादातर लोग डायबिटीज में केवल दवाइयां और इंसुलिन पर निर्भर हो जाते हैं। मगर केवल दवाई खाने से इस बीमारी के कॉम्प्लिकेशंस नहीं बचा जा सकता है। इसलिए खानपान में सावधानी बरतने के साथ-साथ कुछ घरेलू और आयुर्वेदिक नुस्खे का भी इस्तेमाल करना चाहिए। क्योंकि यही नुस्खे होते हैं। जो सीधे बीमारी की जड़ पर असर करते हैं। और साथ ही इनसे बहुत तेजी से परिणाम प्राप्त होते हैं।

बहुत ही असरदार और कामयाब घरेलू नुस्खे  जिसकी मदद से आप बहुत ही आसानी से अपने शरीर में शुगर लेवल को कंट्रोल में रख सकेंगे। और साथ ही डायबिटीज की समस्या को हमेशा के लिए खत्म कर पाएंगे।  डायबिटीज की बीमारी को खत्म करने के लिए सबसे असरदार नुस्खा है। डायबिटीज की बीमारी शरीर में शुगर यानी की मीठापन बनने से होती है। और किसी भी चीज को खत्म करने के लिए उसकी विपरीत यानी की उल्टी चीज का इस्तेमाल किया जाता है। इसी प्रकार मीठे का विपरीत कड़वा होता है। इसलिए शरीर में शुगर को कम करने के लिए कड़वी चीजों का इस्तेमाल बहुत ही ज्यादा तेजी से असर दिखाता है। चीनी और चीनी के इस्तेमाल से बनी गई चीजों का सेवन बिल्कुल ना करें। अगर मीठा खाने का मन करे तो प्राकृतिक मिठास वाले फलों का ही सेवन करें। जैसे किआम , पपीता, केला, अनार, पाइनापल, संतरा आदि।

जिसके लिए करेला, नीम, मेथी, और एलोवेरा यह सारी चीजें सबसे प्रमुख मानी जाती है। करेला एक ऐसा पेड़ होता है। जिसकी जड़ से लेकर फल तक सारी चीजों का इस्तेमाल अनेक तरह की दवाइयों में होता है। करेले में इतने गुण पाए जाते हैं। कि डॉक्टरों ने इसे प्लांट इंसुलिन का नाम दिया है। करेले के अंदर विटामिन B1 B2 और विटामिन सी पाया जाता है। इसमें पाए जाने वाले पोषक तत्व हमारे शरीर में ब्लड शुगर और यूरिन शुगर दोनों को बहुत तेजी से कम करते हैं। जिससे ब्लड प्रेशर और हाइपरटेंशन की समस्या में भी बहुत लाभ मिलता है। इसलिए करेले का जूस रोजाना एक टाइम जरूर पीना चाहिए। 

मेथी दाने का पाउडर, करेले के बीज का पाउडर, नीम के पत्तों का पाउडर, और आंवले का पाउडर, 2 चम्मच आंवले के पाउडर में एक चम्मच करेले के बीज का पाउडर मिलाकर एक चम्मच मेथी दाने का पाउडर मिलाएं। इसके बाद इसमें आधा चम्मच नीम का पाउडर मिलाकर इसका एकचूर्ण तैयार कर ले। इस चूर्ण का इस्तेमाल दिन में एक बार या सुबह खाली पेट कर सकते है।इस चूर्ण को चाहे तो पानी में मिलाकर पिया जा सकता है। आप देखेंगे कि समय के साथ-साथ आपको डायबिटीज की दवाइयां लेना ही बंद हो जाएगी। और आपका शुगर लेवल हमेशा संयमित रहेगा।

एक और बहुत ही कारगर नुस्खा है। जिसमे आपको किसी भी चीज को खाने की जरूरत नहीं होगी। इसके लिए 1 से 2 किलो करेले का जूस बनाकर 1 लीटर गुनगुने पानी में मिलाकर इसे एक तब या एक बाल्टी में डाल दें। और फिर इसमें अपने दोनों पैर 20 से 30 मिनट डूबा कर रखें।

इस जूस की मात्रा इतनी होना चाहिए, कि हमारे दोनों पैर लगभग डूब जाए। और फिर दोनों पैरों को इस में डूबा कर उसी तरह चलाते रहे। जिस तरह पैर धोने पर चलाया जाता है। ऐसा अगर 20 से 30 मिनट तक किया जाए तो करेले का कड़वापन हमारे पैरों की स्क्रीन पर से होकर हमारे शरीर में पहुंच जाता है। और थोड़ी देर बाद इसका कड़वापन हमें हमारे मुंह के अंदर भी महसूस होने लगता है।

हम किसी भी बीमारी का इलाज अच्छे तरह से नहीं कर पाते हैं। और उल्टा स्ट्रेस लेकर बीच में ही सब छोड़ देते हैं। जिससे वह बीमारी एक लेवल और बढ़ जाती है। डायबिटीज की बीमारी में दिमागी संतुलन बना रहना बहुत आवश्यक होता है। क्योंकि कई बार तो केवल टेंशन लेने से ही हमारा शुगर लेवल बढ़ जाता है। इसलिए कोशिश करें। कि अपने जीवन में कम से कम चीजों का टेंशन ले।और खुद के दिमाग में पॉजिटिव भावना और दिल खुश रखने की कोशिश किस करें।

ऐसा करने से बढे हुए ब्लड प्रेशर और शुगर लेवल में तुरंत राहत मिलती है। इसलिए इस नुस्खे का इस्तेमाल हफ्ते में दो से तीन बार जरूर करना चाहिए। इसके अलावा भोजन में ज्यादा से ज्यादा हाई फाइबर यानी कि ज्यादा रेशेदार फल सब्जी और अनाज का इस्तेमाल करें। और साथ में कम से कम मीठे खाद्य पदार्थो का सेवन करे।

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