24 जून को मॉस्को में 75वीं विक्ट्री डे परेड समारोह में पिघलेगी लददाख की गर्म बर्फ
22 JUNE 20; Himalayauk Web & Print Media LAC पर जारी तनाव के बीच सेना प्रमुख एमएम नरवणे लद्दाख का दौरा करेंगे. यह दौरा जल्द होगा. नरवणे मौजूदा हालातों और सुरक्षा-व्यवस्था का जायजा लेंगे. गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों ने जिस तरह के शौर्य का प्रदर्शन किया है, उससे चीन के होश उड़े हुए हैं. भारतीय सेना के हौंसले बुलंद हैं. सरकार की ओर से तीनो सेनाप्रमुखों को किसी भी हालात से निपटने की खुली छूट दे दी गई है. वही दूसरी ओर रक्षामंत्री रूस रवाना होने वाले है, जहां रक्षामंत्री भारत के खास रणनीतिक साझेदार देश के साथ संवाद करेगे; हिमालयायूके ब्यूरो रिपोर्ट
24 जून को मॉस्को में 75वीं विक्ट्री डे परेड समारोह में पिघलेगी लददाख की गर्म बर्फ
रूस की राजधानी मॉस्को में 75वीं विक्ट्री डे परेड समारोह में शरीक होने के लिए चीनी रक्षा मंत्री जनरल वेई फेंगही भी 24 जून को हो रहे समारोह में शिकरत करने पहुंच रहे हैं भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी शरीक होंगे सरकारी सूत्रों के मुताबिक 22 जून की देर शाम मॉस्को पहुंचने वाले राजनाथ सिंह अगले दिन रूस में अहम मुलाकातें करेंगे. इसमें रूस के रक्षा मंत्री समेत अन्य नेताओं के साथ बैठकें होंगी.
रूस की विक्ट्री डे परेड समारोह में चीन के 105 सदस्यों वाले प्रतिनिधिमंडल का प्रतिनिधत्व रक्षा मंत्री फेंगही करेंगे. भारत ने मॉस्को में 24 जून को होने वाली परेड के लिए जहां तीनों सेनाओं के 75 सैनिकों का कंटिंजेंट भेजा है. इसकी अगुवाई एक कर्नल रैंक अधिकारी कर रहे हैं. वहीं भारतीय दल के अगुवा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह करेंगे. सोवियत युद्ध की स्मृति में आयोजित इस समारोह के लिए दुनिया के कई देशों के नेता और सैनिक दस्ते पहुंचे हैं.
सीमा तनाव के बीच यह पहला अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम होगा, जहां दोनों देशों के सैनिक साथ होंगे, तो वहीं रक्षा मंत्री भी शरीक होंगे. इतना ही नहीं कोरोना संकट के दौरान यह पहला मौका है, जब भारत का कोई बड़ा मंत्री विदेश दौरे पर जा रहा है. देर शाम मॉस्को पहुंच रहे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 25 जून की देर शाम वापस लौटेंगे. मॉस्को में भारत और चीन के रक्षा मंत्रियों के बीच किसी द्विपक्षीय मुलाकात का कोई निर्धारित कार्यक्रम नहीं है. मगर इतना जरूर है कि रूसी मेजबानी में हो रहे इस समारोह में दोनों रक्षा मंत्री साथ होंगे. वहीं, रूसी रक्षा मंत्री की ओर से मेहमान नेताओं के सम्मान में देने वाले भोज में भी साथ हो सकते हैं. वैसे इस बाबत आधिकारिक तौर पर न भारत की तरफ से कुछ कहा गया है और न चीन की ओर से कोई बयान आया है.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की रूस यात्रा भारत के खास रणनीतिक साझेदार देश के साथ संवाद के एक मौके के तौर पर भी देखी जा रही है. इस दौरान जहां भारत रूस से एस-400 मिसाइल सिस्टम से लेकर सुखोई-30 और आधुनिक मिग-29 लड़ाकू विमानों की आपूर्ति तेज करने का आग्रह करेगा. वहीं बातचीत के दौरान पुराने दोस्त रूस के साथ चीन के आक्रामक रवैये और सीमा तनाव पर भी बात संभव है.
महत्वपूर्ण है कि भारत की ही तरह रूस भी चीन का पड़ोसी देश है. इतना ही नहीं रूस को पूर्ववर्ती सोवियत संघ के जमाने में सीमा पर चीन की आक्रामक कार्रवाई को झेलना पड़ा था. हालांकि पामीर के इलाके में 1969 में की गई आक्रामक कार्रवाई पर चीन को मुंह की खानी पड़ी थी. सोवियत संघ के रिकॉर्ड के मुताबिक मार्च से सितंबर 1969 के बीच चले संघर्ष में चीन के 200 से ज्यादा सैनिक मारे गए थे. हालांकि हमेशा की तरह चीन ने इस टकराव में भी अपने हताहत सैनिकों की संख्या को बहुत कम ही बताया था.
जानकारों के मुताबिक भारत के साथ विशेष रणनीतिक साझेदारी रखने वाले रूस के इन दिनों चीन के साथ भी अच्छे रिश्तें हैं.
चीन के साथ लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर जारी तनातनी के बीच अब दिल्ली के साउथ ब्लॉक में सेना कमांडर्स की बैठक चल रही है. अब इसमें इस बात की चर्चा की जाएगी कि आखिर चीन का इलाज क्या है. सेना के कमांडरों की कॉन्फ्रेंस एसीसी-20 (ACC-20) आज और कल यानी 22 और 23 जून को हो रही है. इस दौरान उत्तरी और पश्चिमी मोर्चे पर परिचालन की स्थिति की समीक्षा की जाएगी.
भारतीय सेना के सात कमान हैं, जिनमें 6 क्रियाशील कमान (कमांड) और 1 प्रशिक्षण कमांड है. हरेक कमान का प्रमुख जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ होता है जोकि एक लेफ्टिनेंट जनरल रैंक का अधिकारी होता है. इन्हें थ्री स्टार अधिकारी भी कहा जाता है.ये कमांडर सीधे तौर पर सेना मुख्यालय दिल्ली से जुड़े होते हैं. ससे पहले LAC पर तनाव को लेकर भारत और चीन के बीच सोमवार को कोर कमांडर स्तर की बातचीत हुई. चीन क्षेत्र के माल्डो में दोनों सेनाओं के बीच बातचीत हुई. पीपल्स लिबरेशन आर्मी के आग्रह पर बैठक बुलाई गई.
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