500 साल पुराना बरगद का पेड़

गांधीनगर के दहेगाम का कंथारपुरा गांव। यहां करीब 500 साल पुराना बरगद का पेड़ है। 40 मीटर ऊंचा यह पेड़ आधे एकड़ में फैला हुआ है। पेड़ के नीचे मां काली का मंदिर है। इसलिए इस पेड़ को महाकाली वट भी कहा जाता है। हर पूर्णिमा पर यहां महाआरती होती है। करीब 3 हजार लोग जुटते हैं। 2006 में इसे पर्यटन स्थल घोषित किया गया। इस पेड़ के नीचे तापमान बाहर की तुलना में चार डिग्री सेल्सियस तक कम रहता है। दुनिया में एन्वॉयर्नमेंट का बिजनेस 53 लाख करोड़ और भारत में करीब 67 हजार करोड़ रुपए का है।
भारत ने 2016-17 में पर्यावरण के लिए 2675 करोड़ दिए। इसमें सिर्फ 0.3% रिसर्च के लिए।
फिर भी बिगड़ रहा है पर्यावरण संतुलन
देश की सेहत सुधारने के लिए 200 से ज्यादा कानून बने, 45 विभाग, 7 लाख एनजीओ, सालाना 3 हजार करोड़ रु. का बजट, स्वच्छ भारत सेस से 16,500 करोड़ रुपए आए, सभी राज्यों में प्रदूषण बोर्ड, सुप्रीम कोर्ट के 100 से ज्यादा बड़े फैसले, बावजूद इसके पर्यावरण संतुलन बिगड़ता जा रहा है।

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