उद्धव ठाकरे का भाजपा को धोबी पछाड- कांग्रेस को डिप्टी मेयर
कांग्रेस से समर्थन मांगा -कांग्रेस को डिप्टी मेयर का पद अॉफर; भाजपा को ठेगा – बीएमसी चुनावों परिणामों को अपनी विजय बता कर हर्षोल्लास में खोयी भाजपा को जोर का झटका धीरे से दिया –सामना में बीजेपी को बताया षड्यंत्रकारी Execlusive: www.himalayauk.org (Leading Digital Newsportal)
बीएमसी चुनाव –
एक आप्शन यह भी था कि जेपी और शिवसेना अपने मतभेद भुलाकर फिर से साथ आ जाएं। लेकिन ठाकरे की पार्टी ने इसे खारिज कर दिया है। उद्धव ठाकरे ने आज कहा कि हम आज जश्न मना रहे हैं और लगातार पांचवी बार हम बीएमसी में सरकार बना रहे हैं।
बीएमसी चुनावों में पूर्ण बहुमत न मिलने के बाद शिवसेना ने बीजेपी को इस रेस से बाहर करने के लिए पर्दे से पीछे से कांग्रेस से बातचीत शुरू कर दी है। बीएमसी के नतीजों में किसी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला था। शिवसेना के खाते में 84 तो बीजेपी को 82 सीटें मिलीं। शिवसेना और बीजेपी निर्दलीय उम्मीदवारों को अपने पक्ष में करने में जुटी हैं। दोनों ही यह बात जानती हैं कि कांग्रेस के समर्थन के बिना वह 114 के जादूई आंकड़े तक नहीं पहुंच सकते। अब तक शिवसेना को दो और बीजेपी को एक निर्दलीय उम्मीदवार का समर्थन मिला है। अरुण गवली की अखिल भारतीय सेना (एबीएस) ने शिवसेना का समर्थन किया है।
9 मार्च के मेयर का चुनाव होगा। महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष अशोक चव्हाण ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की एक बैठक बुलाई है, जिसमें सेना के प्रोपोजल के बारे में बातचीत की जाएगी। इस बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री सुशील कुमार शिंदे, नारायण राणे, मुंबई के कांग्रेस चीफ संजय निरुपम, सांसद हुसैन दलवई और महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री नसीम खान और बालासाहेब थोराट शामिल होंगे। कांग्रेस विधायक अब्दुल सतार ने कहा कि पार्टी शिवसेना को समर्थन देने के बारे में विचार करेगी। चूंकि बीजेपी हमारी सबसे बड़ी प्रतिद्वंदी है, इसलिए पार्टी की राज्य यूनिट आलाकमान को एक प्रोपोजल भेजेगी, जिसमें कहा जाएगा कि वह शिवसेना को सिर्फ बीएमसी ही नहीं बल्कि राज्य के बाकी बाकी निकाय चुनावों और जिला परिषद् के चुनावों में समर्थन देगी।
बीएमसी चुनाव के त्रिशंकु नतीजों के एक दिन बाद तीन निर्दलीय पार्षद शिवसेना में शामिल हो गये, जिसके बाद पार्टी का आंकड़ा 87 तक पहुंच गया. ये तीनों पार्षद पार्टी से बगावत करके निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनावी मैदान में उतरे थे. इससे महापौर के लिए आवश्यक 114 के आंकड़े तक पहुंचने के शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के प्रयासों को बल मिला है, लेकिन बहुमत का आंकड़ा अब भी दूर की कौड़ी नजर आ रही है. ये पार्षद ऐसे समय में पार्टी में शामिल हुए हैं जब शिवसेना और 82 सीटें जीतने वाली भाजपा गठबंधन को लेकर भविष्य की रणनीति पर पत्ते खोलने से परहेज कर रही हैं. विक्रोली से जीत कर आए स्नेहल मोरे और डिंडोशी से पार्षद चुने गये तुलसीराम शिंदे शनिवार सुबह ठाकरे के बांद्रा स्थित आवास ‘मातोश्री’ पर जाकर पार्टी में दोबारा शामिल हुए जबकि चंगेज मुल्तानी (अंधेरी) ने शाम को अपने समर्थन का ऐलान किया.
शिवसेना को साथ देने के पक्ष में कांग्रेस
चुनावों के पहले से ही हालांकि किसी के साथ गठबंधन न करने की बात कहने वाले उद्धव ठाकरे के सुर थोड़े नरम पड़े हैं. गठबंधन की बात पूछने पर उद्धव ने कहा कि अभी कोई प्रस्ताव नहीं मिला है. फिलहाल में जीत का जश्न मनाने में मशगूल हूं.
दरअसल, शिवसेना BMC में बहुमत का आंकड़ा पूरा करने के लिए कांग्रेस से हाथ मिला सकती है. कांग्रेस की ओर से शिवसेना को समर्थन देने की पेशकश भी की गई है. वहीं बीजेपी की ओर से भी साफ-साफ संकेत दिया जा चुका है.
वहीं खंडित जनादेश पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि शिवसेना-बीजेपी के पास हाथ मिलाने के अलावा कोई विकल्प नहीं है. इस बारे में अंतिम निर्णय देवेंद्र फडणवीस और उद्धव ठाकरे लेंगे.
सामना में बीजेपी को बताया षड्यंत्रकारी
शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में बीजेपी पर हमला बोला है. शिवसेना ने नाम लिए बग़ैर बीजेपी पर षड्यंत्र का आरोप लगाया है. शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में लिखा है कि सत्ता, संपत्ति और संसाधनों को मात देकर मुंबईकरों ने शिवसेना के प्रति जो लगातार पांचवीं बार विश्वास जताया है उसके लिए मुंबई के लोगों को धन्यवाद दिया है. उद्धव ने ऐलान किया है कि मुंबई का मेयर शिवसेना का ही होगा. इतना ही नहीं, महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री भी शिवसेना का ही होगा.
उद्धव ने कहा कि इस बार बड़े पैमाने पर वोटिंग लिस्ट से मतदाताओं के नाम गायब हुए. किसी भी मतदाता से मतदान का हक छीनना गलत है. इस बार यही गड़बड़ी हुई है. यह एक प्रकार का षड्यंत्र है. जो षड्यंत्र का दोषी है उस पर कार्रवाई होनी चाहिए. हालांकि शिवसेना उसी सत्ता और संपत्ति की खुद भी भागीदार है. वह राज्य और केंद्र में उसी पार्टी के साथ सत्ता में है, जिस पर दोष लगा रही है.
बीएमसी में बीजेपी को मिली बंपर जीत
मालूम हो कि गुरुवार को बृहनमुंबई नगर निगम यानि बीएमसी की 227 सीटों पर हुए चुनाव के नतीजे सामने आए. शिवसेना और बीजेपी के बीच टक्कर बेहद दिलचस्प रही और जहां शिवसेना को 84 सीटें मिली, वहीं भाजपा को 82 सीटें मिली. महाराष्ट्र में कुल निकाय के लिए चुनाव हुए थे जिसमें से 8 पर बीजेपी ने कब्जा जमाया.