शीला दीक्षित द्वारा राहुल पर दिये बयान से सनसनी

राहुल मेच्योर नहीं हैं;  अपरिपक्व राहुल गांधी को कांग्रेस यूपी में क्यों थोप रही है.(www.himalayauk.org) 

Rahul Gandhi has the sensitivity and concern of a mature leader: Sheila Dikshit clarifies her comments
Congress leader and former Delhi chief minister Sheila Dikshit has clarified that her statements about Rahul Gandhi in an interview that she gave to the Times of India have been misinterpreted. In a couple of tweets, with hashtag #DontTwistMyWords, Dikshit said the Congress vice-president has the “sensitivity” and “concern of a mature leader”. In an earlier interview with Times of India, the 79-year-old Congress leader was quoted as saying that Rahul Gandhi was “still not mature and should be given (more) time”. She had also said the Congress was undergoing a generational change and in the change in the political scenario both Congress and Rahul Gandhi were adjusting.
“You see, we are going through change. It is both a generational change and a change in politics from what it was till a few years back. The political language has changed quite a lot. For instance, you would not expect the PM to say what he said about former PM Manmohan Singh. In this change of approach, link, language and relationships, Congress is adjusting itself. And please remember Rahul is still not mature, his age does not allow him to be mature. He is what… in his forties. Please give him time. Having said all this, Congress believes in development of the weak and marginalised. Rahul is the only one who has spoken about farmers,” Dikshit was quoted as saying.

राहुल गांधी की राजनीतिक समझ पर यूं तो विपक्ष हमेशा से सवाल उठाते रहे हैं. लेकिन अब उनकी ही पार्टी की एक नेता ने यह कह दिया है कि ‘राहुल मेच्योर नहीं हैं. उन्हें कुछ वक्त देना चाहिए.’
दिल्ली की पूर्व सीएम शीला दीक्षित ने एक अंग्रेजी अखबार को दिए इंटरव्यू में कहा है कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी अभी मेच्योर नहीं हुए हैं, उन्हें अभी और वक्त दिया जाना चाहिए.
राजनीति से अभी रिटायरमेंट नहीं
शीला ने कहा कि उन्होंने यूपी में कांग्रेस के लिए प्रचार बंद नहीं किया है. शीला ने जोर दिया कि वह राजनीति से रिटायर भी नहीं हुई हैं.
राहुल के आक्रामक प्रचार के बावजूद कांग्रेस को हार मिल रही है. इस सवाल के जवाब में शीला ने कहा, ‘देखिए, हम बदलावों के दौर से गुजर रहे हैं. यह पीढ़ी और राजनीति का परिवर्तन है. आज राजनीतिक भाषा बदल चुकी है.’
शीला ने नरेंद्र मोदी के बयानों का हवाला देते हुए कहा कि आप पीएम से उम्मीद नहीं कर सकते हैं कि वह पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के बारे में ऐसा बोलेंगे.
शीला ने कहा, ‘ देखिए राहुल अभी भी मैच्योर नहीं हैं. उन्हें थोड़ा और वक्त दीजिए. कांग्रेस विकास में यकीन रखती है और एक राहुल ही हैं जो किसानों की बात करते हैं.’
राहुल को चाहिए कितना वक्त
राहुल गांधी को और कितना वक्त चाहिए? इस सावल के जवाब में शीला दीक्षित ने कहा, ‘उन्होंने काफी कुछ सीखा है. वे अभी तक प्रधानमंत्री इसलिए नहीं बने क्योंकि अभी मौका नहीं आया है.’
‘वो लोगों से मिल रहे हैं और उन्हें पता है कि किसी से अपनी बात कैसे कहनी चाहिए. मुझे लगता है वो जो भी करते हैं वो स्वाभाविक है.’
खुद को यूपी में प्रचार से अलग कर लेने के सवाल पर शीला ने कहा कि यह कहना गलत होगा कि मैंने कैंपेनिंग करना बंद कर दिया है. जबसे मैं वापस आई हूं, पार्टी ने जहां भी भेजा, मैं गई हूं. मुझे कानपुर और बनारस जाना था लेकिन तबीयत खराब होने की वजह से मैं जा नहीं सकी.
अब मैं ठीक हो गई हूं और जल्द बनारस जाउंगी.
उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ में एक चुनावी रैली में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कांग्रेस पर हमला बोला है. अमित शाह ने शीला दीक्षित के बयान का हवाला देकर कहा है कि अपरिपक्व राहुल गांधी को कांग्रेस यूपी में क्यों थोप रही है. हालांकि शीला दीक्षित अपने इस बयान का खंडन कर चुकी हैं. अमित शाह ने वरिष्ठ कांग्रेस नेता शीला दीक्षित के हवाले से कहा, ‘’राहुल अभी परिपक्व नहीं हैं. ‘‘अगर परिपक्व नहीं हैं तो उत्तर प्रदेश पर क्यों थोपते हैं. ये प्रयोगभूमि है क्या ? यहां सीखने के लिए किसी को भेजना है क्या ?’’ शाह ने कहा, ‘’उत्तर प्रदेश समस्याओं का दरिया है और समस्याओं का समाधान करने के लिए कलेजा चाहिए. उत्तर प्रदेश की समस्याओं का समाधान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी की सरकार ही कर सकती है.’’
क्या कहा था शीला दीक्षित ने
दरअसल टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए इंटरव्यू में शीला दीक्षित ने कहा था, ‘’हम बदलाव के दौर से गुजर रहे हैं. पीढ़ी में बदलाव के साथ-साथ पिछले कई सालों में राजनीति भी बदल गई है. राजनीति में भाषा भी काफी बदल गई है. उदाहरण के लिए बता दूं कि आप पीएम से ऐसी भाषा की उम्मीद नहीं रख सकते जो उन्होंने पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के बारे में कही है.’’
उन्होंने आगे कहा, ”कांग्रेस इस माहौल में खुद को ढाल रही है. आप याद रखिए कि राहुल गांधी अभी परिपक्व नहीं हुए हैं, उनकी उम्र अभी परिपक्व होने लायक नहीं है. कृपया उन्हें समय दीजिए. राहुल जी अकेले नेता हैं, जिन्होंने किसानों के हित की बात की है.”
शीला दीक्षित ने किया बयान का खंडन
बाद में शीला दीक्षित ने अपने बयान पर सफाई देते हुए ट्वीट किया. उन्होंने कहा, “मेरे शब्दों का गलत मतलब निकाला गया. राहुल गांधी एक संवेदनशील और परिपक्व नेता हैं. उनके बातें एक युवा, साहसी और कभी ना थकने वाले इंसान की तरह हैं.”

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