हड़कंप ;मुख्यमंत्री का कोरोना वायरस का टेस्ट -क्वारनटीन होगे & Top News 15 April 20
High Light # सीएम की तबीयत सही है और वह पूरी तरह ठीक हैं, लेकिन उन्होंने होम क्वारनटीन होने का फैसला किया#देश के जिलों को तीन श्रेणियों में विभाजन (वर्गीकृत) # भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद को हिमाचल समेत 3 राज्यो के चमगादडो में कोरोना वायरस की मौजूदगी मिली # हाईवे पर चलने वाले ढाबे खोले जा सकते हैं. # अपुष्ट खबर वायरल करने पर जेल जाना पडा #टिकटों का रिफंड लौटा पाने की स्थिति में भी नहीं # Coronavirus: कुत्तों ने चमगादड़ों से इंसानों में फैलाया कोरोनावायरस, स्टडी में खुलासा # मुरादाबाद जिले में डॉक्टरों की टीम पर हमले के मामले में राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत कार्रवाई # रमजान का महीना 23 अप्रैल से शुरू हो रहा है, जो 23 मई को खत्म होगा ; व्रत रखने से रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है, जिसकी वजह से आपको वायरस लगने का खतरा बढ़ जाता है
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गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी का बुधवार को कोरोना वायरस का टेस्ट हुआ है. गुजरात सरकार ने कहा है कि सीएम विजय रुपाणी की तबीयत सही है और वह पूरी तरह ठीक हैं, लेकिन उन्होंने होम क्वारनटीन होने का फैसला किया है. अब सीएम अपने घर से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कामकाज देखेंगे. जानें डॉक्टरों ने क्या कहा. बता दें, सीएम विजय रूपाणी और डिप्टी सीएम नितिन पटेल के साथ कांग्रेस के विधायक इमरान खेड़ावाला के अलावा दो और कांग्रेसी विधायक बैठक के लिए पहुंचे थे, लेकिन इस बैठक के चंद घंटे बाद ही इमरान खेड़ावाला की कोरोना टेस्ट रिपोर्ट आ गई, जिसमें उन्हें पॉजिटिव बताया गया. ये खबर मिलते ही गुजरात सरकार के अंदरखाने तक हड़कंप मच गया है.
कांग्रेस विधायक इमरान खेड़ावाला का कोरोना टेस्ट पॉजिटिव आने के बाद गुजरात में हड़कंप मचा हुआ है। क्योंकि मंगलवार को ही विधायक ने मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के साथ एक बैठक में भाग लिया था। इसके बाद रूपाणी ने एक हफ़्ते के लिये ख़ुद को आइसोलेट कर लिया है। इस बैठक में राज्य सरकार के गृह मंत्री प्रदीप सिंह जडेजा भी शामिल थे। खेड़ावाला ने बैठक के बाद पत्रकारों से भी बातचीत की थी। ऐसे में संक्रमण अन्य लोगों में भी फैलने का ख़तरा है। बुधवार को रूपाणी का टेस्ट किया गया है और अभी तक उनमें कोरोना वायरस का कोई लक्षण नहीं मिला है। रूपाणी ने सभी मीटिंग्स को एक हफ़्ते के लिये रद्द कर दिया गया है और वह वीडियो कॉन्फ़्रेन्सिंग के जरिये सरकारी कार्यक्रमों की समीक्षा करेंगे। खेड़ावाला के अलावा कांग्रेस के कई अन्य विधायक भी इस बैठक में उपस्थित थे। बीते कुछ दिनों में अहमदाबाद कोरोना वायरस का हॉट स्पॉट बनकर उभरा है। इसे देखते हुए राज्य सरकार ने मंगलवार को इस इलाक़े में एक हफ़्ते के लिये कर्फ़्यू लगा दिया है।
खेड़ावाला अपने विधानसभा क्षेत्र के लोगों के भी संपर्क में थे और लोगों से कोरोना की जांच कराने में सहयोग की अपील कर रहे थे। इसलिये हो सकता है कि वह इस वायरस की चपेट में आ गये हों। लेकिन विधायक के संपर्क में आये लोग भी इस वायरस से संक्रमित हो सकते हैं। गुजरात में कोरोना वायरस के संक्रमण के 56 नये मामले सामने आने के बाद राज्य में कुल संक्रमित व्यक्तियों की संख्या 695 हो गयी है। इनमें से 415 मामले अकेले अहमदाबाद के हैं। राज्य में अब तक 30 लोगों की मौत इस वायरस के कारण हो चुकी है।
देश के जिलों को तीन श्रेणियों में विभाजन (वर्गीकृत)
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान लव अग्रवाल ने जानकारी दी है कि देश के जिलों को तीन श्रेणियों में विभाजन (वर्गीकृत) किया जाएगा। हॉटस्पॉट जिले, नॉन-हॉटस्पॉट जिले (जहां मामले सामने आ रहे हैं) और ग्रीन ज़ोन जिलों (जहां कोई मामला सामने नहीं आया है) में बांटा गया है। हॉटस्पॉट जिले वो हैं जहां ज्यादा मामले आ रहे हैं या मामलों की बढ़ने की गति तेज है।स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने आगे कहा कि जिलों को बताया गया है कि वो कोविड डेडिकेटिड अस्पताल, माइल्ड केस के लिए कोविड केयर सेंटर और गंभीर मामलों के लिए कोविड हेल्थ सेंटर, नाजुक मामलों के लिए कोविड अस्पताल बनाएं (जहां वेंटिलेटर भी मौजूद हो)।बता दें कि कैबिनेट सचिव ने आज सभी मुख्य सचिवों, डीजीपी, स्वास्थ्य सचिवों, कलेक्टरों, एसपी, नगर आयुक्तों और सीएमओ के साथ एक वीडियो कॉन्फ्रेंस आयोजित की जिसमें हॉटस्पॉट्स पर चर्चा की गई।
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद को हिमाचल समेत 3 राज्यो के चमगादडो में कोरोना वायरस की मौजूदगी मिली
कोरोना वायरस (कोविड-19) महामारी से पूरी दुनिया के देश जूझ रहे हैं। इसी बीच भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) को केरल, हिमाचल प्रदेश, पुडुचेरी और तमिलनाडु में चमगादड़ों की दो प्रजातियों में अलग तरह के कोरोना वायरस- ‘बैट कोरोना वायरस (बैट कोव)’ की मौजूदगी मिली है। आईसीएमआर की यह रिसर्च इंडियन जर्नल ऑफ मेडिकल रिसर्च में प्रकाशित हुई है। वहीं पुणे में राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी) में वैज्ञानिक और इस रिसर्च की मुख्य लेखिका डॉ प्रज्ञा डी यादव के मुताबिक, इस बात का कोई सबूत या शोध नहीं है जो यह दावा करता हो कि यह बैट कोरोना वायरस मानव में बीमारी की वजह बन सकती है।मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हिमाचल प्रदेश, केरल, पुडुचेरी और तमिलनाडु के रौजेत्तुस और टेरोपस प्रजाति के 25 चमगादड़ केरल, हिमाचल प्रदेश, पुडुचेरी और तमिलनाडु में बैट कोव पॉजिटिव पाए गए हैं। रिसर्च की मुख्य लेखिका डॉ प्रज्ञा डी यादव का कहना है कि इन बैट कोरोना वायरस का कोविड-19 महामारी से कोई संबंध नहीं है। साल 2019-19 में टेरोपस प्रजाति के चमगादड़ों में केरल में निपाह वायरस मिला था। इस रिसर्च के अनुसार, बताया गया है कि चमगादड़ों में प्राकृतिक रूप से कई वायरस होते हैं। इमने कुछ वायरस ऐसे होते जो मानव को बीमार कर सकते हैं। भारत में टेरोपस प्रजाति के चमगादड़ों में पहले निपाह वायरस मिला था। शक है कि हाल में सामने आया संक्रमण कोविड-19 का संबंध भी चमगादड़ों से है। इस रिसर्च का शीर्षक है कि देश के विभिन्न हिस्सो में टेरोपस और रौजेत्तुस प्रजाति के चमगादड़ों में कोरोना वायरस का पता लगाना।
हाईवे पर चलने वाले ढाबे खोले जा सकते हैं.
गृह मंत्रालय द्वारा जारी निर्देश के मुताबिक रेस्टोरेंट तो नहीं खुलेंगे, लेकिन हाईवे पर चलने वाले ढाबे खोले जा सकते हैं. शराब की दुकानें खोलने के बारे में किसी तरह की ढील नहीं दी गई है. खासकर ट्रक चालकों को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है. इन गतिविधियों में ढील देने के साथ ही राज्य सरकारों को यह सुनिश्चित करना होगा कि सभी दफ्तरों और व्यावसायिक केंद्रों में सोशल डिस्टेंसिंग का सख्ती से पालन हो. इस बात से बहुत लोगों को निराशा हो सकती है कि सरकार ने शराब की दुकानों को खोलने का निर्णय नहीं लिया है. इसके अलावा बार भी पहले की तरह बंद रहेंगे. निर्देश में कहा गया है, ‘सभी सिनेमा हॉल, मॉल, शॉपिंग काम्प्लेक्स, जिम, स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, स्वीमिंग पूल, एंटरटेनमेंट पार्क, थिएटर, बार और ऑडिटोरियम 3 मई तक बंद रहेंगे.’
अपुष्ट खबर वायरल करने पर जेल जाना पडा
बांद्रा में मंगलवार शाम को जुटी मजदूरों की भारी भीड़ के मामले में पुलिस ने विनय दुबे नाम के शख़्स को गिरफ़्तार किया है। इसके अलावा एक टेलीविजन चैनल के पत्रकार के ख़िलाफ़ भी मुक़दमा दर्ज कर उसे गिरफ़्तार कर लिया गया है। पत्रकार ने रेलवे मंत्रालय के एक आंतरिक नोट का हवाला देते हुए कहा था कि प्रवासियों के लिये स्पेशल ट्रेन चलाई जाएगी। राज्य सरकार की ओर से 1 हज़ार लोगों के ख़िलाफ़ दंगा करने के आरोप में भी मुक़दमा दर्ज किया गया है। नवी मुंबई में रहने वाले विनय दुबे का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसमें वह प्रवासियों से ‘चलो घर की ओर’ का आह्वान कर रहा है। आरोप है कि उसने प्रवासियों को घर से बाहर निकलने के लिये उकसाया। वीडियो में दुबे कहता है, ‘14 अप्रैल को लॉकडाउन ख़त्म होने के बाद राज्य सरकार उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल जाने वाले लोगों के लिये ट्रेनों की व्यवस्था करे। एक बार ये लोग अपनी जगह पहुंच जाएं तो फिर उन्हें क्वरेंटीन कर लें। ये लोग यहां परेशान हैं और कोरोना वायरस से नहीं तो भूख से मर जाएंगे।’ विनय दुबे ने आगे कहा, ‘हम 14 या 15 अप्रैल तक का इंतजार करेंगे और अगर सरकार कुछ नहीं करती है तो मैं ख़ुद प्रवासियों के साथ पैदल यात्रा शुरू करूंगा।’
आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने सवाल उठाया है कि जब प्रधानंमत्री और मुख्यमंत्रियों के बीच 12 अप्रैल को वीडियो कॉन्फ़्रेंसिन्ग के जरिये हुई बातचीत के बाद यह लगभग तय हो गया था कि लॉकडाउन को आगे बढ़ाया जाएगा, तो रेलवे के अधिकारी 13 अप्रैल को विशेष ट्रेन चलाने की योजना किस आधार पर बना रहे थे। उन्होंने पूछा है कि किसने यह अफ़वाह फैलाई।
रेलवे ने भी स्वीकार किया है कि ट्रेन चलाए जाने की ख़बर ज़ोन के वाणिज्यिक विभाग के आंतरिक संवाद के पत्र पर आधारित है और यह सोशल मीडिया पर चली गई।
लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ाये जाने की घोषणा के बाद से ही मजदूरों के धैर्य का बांध टूट गया है। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में मजदूरों को कहते हुए सुना जा सकता है कि वे किसी भी तरह अपने घर जाना चाहते हैं क्योंकि महानगरों में न उनके पास काम है और न ही खाने के लिये भोजन। इसके अलावा उनके पास पैसे भी ख़त्म हो चुके हैं और वे किसी तरह छोटे-छोटे कमरों या शेल्टर होम में दिन गुजार रहे हैं।
ये मजदूर इस बात के इंतजार में थे कि 14 अप्रैल को लॉकडाउन पार्ट वन ख़त्म होगा तो वे अपने घर जा सकेंगे। लेकिन लॉकडाउन को बढ़ाये जाने और रेल सेवाओं पर पाबंदी जारी रहने के कारण वे हताश हो गये। विनय दुबे के वायरल वीडियो और टीवी चैनल पर रेलवे मंत्रालय के नोट के हवाले से ख़बर चलाये जाने के बाद उन्हें लगा कि वे घर जा सकते हैं और वे सड़कों पर उतर आये।
टिकटों का रिफंड लौटा पाने की स्थिति में भी नहीं
हालत यह है कि कोई भारतीय कंपनी 14 अप्रैल की पूर्व निर्धारित डेट के बाद यात्रियों द्वारा बुक कराए गए टिकटों काा रिफंड लौटा पाने की स्थिति में भी नहीं है. गौरतलब है कि देश में 21 दिन का लॉकडाउन पहले 14 अप्रैल को खत्म होना था लेकिन कोरोना वायरस के संक्रमण के हालात को देखते हुए मंगलवार को पीएम ने इसे 3 मई तक बढ़ाने का ऐलान किया था.
नई दिल्ली:Covid-19 Pandemic: कोरोना वायरस की महामारी और सरकार की ओर से किसी भी तरह की वित्तीय मदद के संकेत नहीं मिलने के बीच देश का विमानन सेक्टर (Aviation Sector) दिवालियेपन के करीब पहुंच चुका है. ऐसे समय जब देश में लॉकडाउन 3 मई तक आगे बढ़ाया जा चुका है, भारतीय विमान कंपनियां उड़ान भरने के लिए बेताब होने के बावजूद आर्थिक संसाधनों की कमी से जूझ रही हैं. हालत यह है कि कोई भारतीय कंपनी 14 अप्रैल की पूर्व निर्धारित डेट के बाद यात्रियों द्वारा बुक कराए गए टिकटों काा रिफंड लौटा पाने की स्थिति में भी नहीं है. गौरतलब है कि देश में 21 दिन का लॉकडाउन पहले 14 अप्रैल को खत्म होना था लेकिन कोरोना वायरस के संक्रमण के हालात को देखते हुए मंगलवार को पीएम ने इसे 3 मई तक बढ़ाने का ऐलान किया था.
इसके बजाय, स्पाइसजेट, विस्तारा, इंडिगो और गो-एयर ने यात्रियों से कहा है कि 3 मई तक की यात्रा के लिए उनकी बुकिंग रद्द कर दी गई है और उनकी पूरी राशि एक “क्रेडिट-शेल” में सुरक्षित होगी, जिसका उपयोग यात्रा के बाद वर्ष में बुक करने के लिए या अगले साल की शुरुआत में किया जा सकता है.हालांकि इसके बावजूद अभी यह स्पष्ट नहीं है कि इनमें से ये एयरलाइन कंपनियां अगले कुछ महीनों में सरकार के भारीभरकम ‘बेलआउट पैकेज’ के बिना अस्तित्व में रह पाएंगी या नहीं. देश में नागर विमानन सेक्टर पर गहराई से नजर रखने वाले सेंटर फॉर एशिया पैसिफिक एविएशन (CAPA) के अनुसार, ज्यादातर इंडियन एयरलाइंस का बिजनेस मॉडल ही इस तरह का नहीं है कि ईंधन की ऊंची कीमतों और आर्थिक मंदी जैसे झटकों को झेल सके. तस्वीर एक तरह से साफ है कि तीन माह के शटडाउन की स्थिति में दो बड़ी एयरलाइन कंपनियों इंडिगो और स्पाइस जैट का वर्ष 2020 के चौथे क्वार्टर और वर्ष 2021 के पहले क्वार्टर का समग्र घाटा 1.25 से 1.50 अरब यूएस डॉलर तक पहुंच जाएगा. CAPA की रिपोर्ट ‘प्रोजेक्टिंग द पोटेंशियल फाइनेंशियल इम्पेक्ट ऑफ कोविड-19 ऑन इंडियन एविएशन’ के अनुसार, छोटे कैरियर की हालत तो इतनी खराब हो जाएगी कि उन्हें ‘मैदान ही छोड़ना’ पड़ सकता है. एविएशन सेक्टर में आई इस मंदी के कारण कई देशों में लाखों की संख्या में लोगों की नौकरी जाने का खतरा है, हालांकि भारत में फिलहाल इस तरह की घोषणा नहीं की गई है.
अमेरिका की बात करें तो यहां आर्थिक संकट के कारण परेशान एयरलाइंस 71 अरब यूएस डॉलर के सहायता पैकेज के भरोसे हैं.यूके यानी ब्रिटेन में एयरलाइंस जॉब प्रोटेक्शन के उपायों के तहत तीन महीने तक सरकार को एक निश्चित सीमा तक 80 प्रतिशत वेतन देने का अनुरोध कर सकती हैं. इसी तरह यूरोपीय संघ में विभिन्न एयरलाइनों ने पहले ही पैकेज के लिए अपनी सरकारों के साथ बातचीत शुरू कर दी है. फिनएयर ने $650 मिलियन डॉलर की लोन गारंटी हासिल की है जबकि नॉर्वे की एयरलाइंस को 540 मिलियन डॉलर और स्वीडन की एयरलाइंस को 540 मिलियन डॉलर की राशि, सहायता पैकेज के तौर पर देने का वादा किया गया है. सिंगापुर और यूएई जैसे देश जिनकी इकोनॉमी काफी कुछ सिविल एविएशन सेक्टर पर ही निर्भर है, ने अपनी प्रमुख एयरलाइंस को बचाने के लिए आर्थिक मदद दी है, यूएई सरकार भी इक्विटी इन्फ्यूजन के जरिये अपनी एयरलाइंस के समर्थन में खड़ी है जबकि जबकि सिंगापुर ने विमानन क्षेत्र के लिए $ 500 मिलियन के पैकेज, $ 2.8 अरब के ऋण और इक्विटी और परिवर्तनीय बॉन्ड में $ 10 बिलियन के अधिकारों की घोषणा की है
इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन यानी IATA का मानना है कि भारत में एयरलाइंस ने ईंधन की बढ़ती लागत और भारतीय रुपये के मूल्य में गिरावट’ की दोहरी मार झेली. भारत में ईंधन की लागत, जो कम लागत वाले वाहक की कुल लागत का 40 प्रतिशत है, 24 प्रतिशत के वैश्विक औसत से ऊपर’ है. ईंधन की कीमतों में लगातार उतार-चढ़ाव और एविएशन सेक्टर में जारी ‘प्राइज वार’ के चलते जेट एयरवेज और किंगफिशर एयरलाइंस जैसी प्रमुख एयरलाइंस ध्वस्त हो गईं.
Coronavirus: कुत्तों ने चमगादड़ों से इंसानों में फैलाया कोरोनावायरस, स्टडी में खुलासा
टोरंटो:वैज्ञानिक कोरोनावायरस के प्रसार के लिए जिम्मेदारी तय करने के लिए विभिन्न प्रजातियों का अध्ययन कर रहे हैं और उनका ऐसा अनुमान है कि आवारा कुत्तों ने, खास कर उनकी आंतों ने इस महामारी की उत्पत्ति में भूमिका अदा की है. मॉलिक्यूलर बायोलोजी एंड एवोल्यूशन में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, यह बीमारी सांपों से शुरू हो कर कई प्रजातियों में होती हुई हाल ही में पेंगोलिन तक पहुंची है. और संभवत: इन सभी जानवरों का सार्स कोविड 2 के संक्रमण को एक-दूसरे के बीच फैलाने में हाथ रहा. और इस प्रकार यह चमगादड़ों तक और उसके बाद इंसानों तक पहुंचा. कनाडा में ओटावा यूनिवर्सिटी के शिहुआ शी के अनुसार इन जानवरों से लिए गए वायरस, सार्स कोविड 2 से काफी अलग हैं. शी ने बताया, “सार्स कोविड 2 के पूर्वज वायरस और उनका निकट संबंधी वायरस, चमगादड़ों में पाया जाने वाला वायरस है जिससे भेड़िए और कुत्तों पर आधारित कैनिडाए परिवार की आंतों में संक्रमण हुआ और संभवत: उनमें तीव्र क्रमिक विकास हुआ और वायरस छलांग लगा कर इंसानों तक में पहुंच गया.”
पूरी दुनिया में वैज्ञानिक उन प्रजातियों का पता लगाने में जुटे हैं जिनसे कोरोनावायरस मूल रूप से निकला और इंसानों तक पहुंच गया. शोधकर्ताओं का मानना है कि इस अध्ययन के परिणाम इस बात को रेखांकित करते हैं कि कैनिडाए परिवार में कोरोनावायरस जैसे सार्स की निगरानी की जरूरत है. शी कहते हैं कि इंसानों और स्तनपायी में एक महत्वपूर्ण एंटीवायरल प्रोटीन जेडएपी होता है जो एक वायरस को उसके मार्ग में ही रोक देता है. वह इस वायरस को उसके मूल में ही बढ़ने से रोक कर इसके जीनोम का क्षरण करता है. शी ने बताया कि जेडएपी एक रसायनिक जोड़े सीपीजी डाइन्यूक्लिओटाइड को उसके आरएनए जीनोम के भीतर निशाना बनाता है. लेकिन वायरस फिर से हमलावर हो सकता है.
उनका कहना है कि सार्स कोविड जैसा कोरोना वायरस जेडएपी से बच सकता है और इस तरह से यह एंटीवायरल प्रोटीन को बेअसर कर देता है. शोधकर्ताओं के अनुसार, इसका एक परिणाम यह हो सकता है कि वायरल जीनोम पर बाकी सीपीजी डाइन्यूक्लिओटाइड का बने रहना महत्वपूर्ण हो सकता है. इस शोध में शी ने सभी 1252 बीटाकोरोनावायरस जीनोम का अध्ययन किया जो जीन बैंक में जमा हैं. जेनेटिक सीक्वेंस वाले इस डाटाबेस तक पहुंच निर्बाधित है. उन्होंने बताया, “सबसे पहले वायरस एक ऐसे टिश्यू में पैदा हुआ जिसमें जेडएपी का उच्च स्तर था. यह निम्न सीपीजी वाले वायरल जीनोम के लिए फायदेमंद होता है.” “दूसरी सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि वायरस का जिंदा रहना इस बात का संकेत है कि यह सफलतापूर्वक जेडएपी से बच निकलने में कामयाब रहा. दूसरे शब्दों में कहें तो वायरस इंसानों के लिए बेहद घातक और खतरनाक बन चुका है.”
जब शी ने कुत्तों में इन आंकड़ों का अध्ययन किया तो पाया कि कैनिडाए परिवार में पाए जाने वाले कोरोना वायरस ( CCOVS) के केवल एक जीनोम में वही सीपीजी वैल्यू है जो सार्स कोविड 2 और बैटकोविड आरएटीजी13 में पाई गई थी. CCOVS बेहद संक्रामक आंत की बीमारी है जिसने दुनियाभर के कुत्तों को प्रभावित किया था. इसके आधार पर शी ने बताया है कि कोरोना वायरस सबसे पहले चमगादड़ों से कैनिडाए परिवार में फैला जिन्होंने चमगादड़ों का मांस खाया था.
मुरादाबाद जिले में डॉक्टरों की टीम पर हमले के मामले में राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत कार्रवाई
उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले में डॉक्टरों की टीम पर हमले के मामले
में राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रतिक्रिया दी है. योगी आदित्यनाथ ने
कहा कि स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टर्स व कर्मी, सभी
सफाई अभियान से जुड़े अधिकारी,कर्मचारी, सुरक्षा में लगे सभी पुलिस अधिकारी व पुलिस विभाग
के कर्मी इस आपदा की घड़ी में दिन रात सेवा कार्य में जुटे हैं. मुरादाबाद में
पुलिस, स्वास्थ्य एवं स्वच्छता अभियान से जुड़े
कर्मियों पर हमला एक अक्षम्य अपराध है, जिसकी
घोर निंदा की जाती है. मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे दोषी व्यक्तियों के खिलाफ
आपदा प्रबंधन अधिनियम तथा राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत कार्रवाई की
जाएगी. दोषियों द्वारा की गई राजकीय संपत्ति के नुकसान की भरपाई उनसे सख्ती से की
जाएगी.
सीएम योगी ने कहा कि
जिला पुलिस प्रशासन ऐसे उपद्रवी तत्वों को तत्काल चिन्हित करे और प्रत्येक नागरिक
को सुरक्षा के साथ ही उपद्रवी तत्वों पर पूरी सख्ती भी करें. उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले में डॉक्टरों की
टीम पर हमला करने का मामला सामने आया था. कोरोनावायरस के संदिग्ध मरीज को अस्पताल
ले जाने के लिए पहुंचे डॉक्टरों और मेडिकल स्टॉफ की टीम पर स्थानीय लोगों ने हमला
कर दिया.
मिली जानकारी के मुताबिक इस हमले कई लोग घायल हो गए. इतना ही नहीं, डॉक्टरों, पैरा मेडिकल टीम और एंबुलेंस की सुरक्षा के लिए तैनात पुलिस टीम पर भी हमला किया गया. यह घटना मुरादाबाद के नवाबपुरा पुलिस थाने क्षेत्र में घटित हुई.
बिहार के मोतिहारी में स्थानीय लोगों ने पुलिस पर हमला कर दिया। इस हमले में दो पुलिसकर्मी समेत 3 घायल हो गए हैं। पुलिस ने बताया कि वह स्थानीय लोगों को कोरोना वायरस से बचाव के लिए जागरूक करने के लिए गए थे। मोतिहारी जिले में कोरोना वायरस के संक्रमण के साथ यहां एईएस का खतरा भी बढ़ गया है। गर्मी बढ़ने के साथ ही बच्चों को एईएस की शिकायत यहां होने लगती है। वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां लोगों को खाने के लिए पर्याप्त खाना नहीं मिल रहा है। मिली जानकारी के मुताबिक, जागापाकड़ गांव के भैयाटोला में एसडीओ और बीडीओ लोगों को समझाने पहुंचे थे। इसी दौरान कुछ ग्रामीणों ने हमला कर दिया। मोतिहारी के जिला मजिस्ट्रेट ने बताया कि अधिकारियों का गांव-गांव जाकर लोगों को रकोरोना वायरस और एईएस के प्रति लोगों को जागरूक कर रहे हैं। इस दौरान एक टीम जागापाकड़ गांव में गई थी। फिलहाल पुलिस ने बैठक के दौरान हो रही वीडियो ग्राफी के जरिए उन ग्रामीणों की पहचान कर ली है। जिसने पुलिस की टीम पर हमला किया था।बता दें कि लगातार देश के कई हिस्सों से डॉक्टर और पुलिस पर हमले की खबरें सामने आ रहे हैं। हाल ही में मुरादाबाद में भी पुलिस और डॉक्टर की टीम पर लोगों ने हमला कर दिया।
रमजान का महीना 23 अप्रैल से शुरू हो रहा है, जो 23 मई को खत्म होगा ; व्रत रखने से रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है, जिसकी वजह से आपको वायरस लगने का खतरा बढ़ जाता है
नई दिल्ली: दुनिया पर जहां कोरोनावायरस (Coronavirus) का खतरा मंडरा रहा है, वहीं, अब जल्द ही मुस्लिमों का सबसे पवित्र त्योहार ईद आना वाला है. ईद (Eid 2020) से पहले रमजान (Ramadan 2020) का महीना सबसे पवित्र माना जाता है. इस दौरान मुस्लिम समुदाय के लोग पूरे महीने रोजा रखते हैं. ईद को देखते हुए और रमजान को लेकर बॉलीवुड प्रोड्यूसर तनुज गर्ग (Tanujj Garg) ने मुस्लिम समुदाय के लोगों के लिए अपनी चिंता जाहिर की है. दरअसल, तनुज गर्ग ने एक ट्वीट किया है, जो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. तनुज गर्ग (Tanujj Garg) ने रमजान (Ramadan) को लेकर ट्वीट करते हुए लिखा, “मैं उन लोगों के लिए काफी चिंतिंत हूं, जो इस रमजान में रोजा रखेंगे. क्योंकि व्रत रखने से रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है, जिसकी वजह से आपको वयारस लगने का खतरा बढ़ जाता है.” तनुज गर्ग के इस ट्वीट पर लोग खूब कमेंट कर रहे हैं और अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं.
वहीं, रमजान का महीना 23 अप्रैल से शुरू हो रहा है, जो 23 मई को खत्म होगा. उसके बाद पूरी दुनिया में धूमधाम से ईद मनाई जाएगी. बता दें, भारत में कोरोनावायरस (Coronavirus) तेजी से पैर पसार रहा है. भारत में कोविड-19 (COVID-19) से अब तक 273 लोगों की मौत हो चुकी है और कोरोना संक्रमण के 8447 मामले (Coronavirus Cases) सामने आए हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय (Health Ministry) की तरफ से रविवार को जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक, बीते 24 घंटे में देश में कोरोना के कुल 918 नए मामले आए हैं और 31 लोगों की जान गई है. हालांकि, थोड़ी राहत वाली बात यह है कि इस बीमारी से अब तक 765 लोग ठीक हुए हैं.
केन्द्र सरकार ने लॉक डाउन की अवधि को 3 मई तक बढ़ा दिया है। ऐसे में साफ है कि रमजान का पहला अशरा घरों में ही गुजरेगा। हालांकि उलमा ने पहले ही अफ्तार से लेकर तरावीह तक घरों में ही पढ़ने की अपील लोगों से की है। वहीं, रमजान में लखनऊ के होटल बंद रहने से होटल व्यवसाईयों को 20 से 25 करोड़ रूपए का नुकसान होगा। रमजान के लि आटा, मैदा, चावल समेत मसाले एक महीने पहले ही मंगा लिए गए है। जो लॉक डाउन के बाद होटल में ही बंद पड़ा है। कई बड़े होटल जो रमजान में पूरी रात खुले रहते हैं। होटलों पर सहरी करने के बाद लोग अपने घर जाते हैं। बड़े होटलों के साथ रमजान में सड़क के किनारे कश्मीरी चाय, लस्सी, पान व अन्य खाने-पीने का सामान बेचने वालों को भी बड़ा नुकसान होगा
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