जब सोनिया गॉधी बीमार है, तब कांग्रेस नेताओं ने पत्र लीक किया, राहुल आहत, चिट्ठी के पीछे 2 नेताओं का हाथ ?

24 August 20; Himalayauk Bureau # कांग्रेस नेताओं के पत्र को लेकर गुलाम नबी आजाद को प्रियंका गांधी ने दिया जवाब # बीजेपी से मिलीभगत के आरोप पर भड़के सिब्बल, राहुल का नाम लेकर किया ट्वीट# बीजेपी के साथ मेरी मिलीभगत सिद्ध हो जाए तो कांग्रेस से इस्तीफा दे दूंगा: आजाद #गुलाम नबी आजाद ने चिट्ठी लिखने की वजह कांग्रेस कार्यसमिति को बताई #कांग्रेस नेताओं के पत्र पर बोले राहुल गांधी- काफी आहत हूं, लेटर लीक किया गया # कांग्रेस नेताओं के पत्र पर पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने उठाए सवाल #  सोनिया गांधी के अध्यक्ष पद से इस्तीफ़ा देने की ख़बरों के बाद ऐसे नेता निशाने पर हैं जिन्होंने आलाकमान को चिट्ठी लिखी है। 

राहुल गांधी ने कहा कि जिस वक्त पत्र भेजा गया उस समय सोनिया गांधी बीमार थी. उन्होंने पत्र के समय पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब कांग्रेस मध्य प्रदेश और राजस्थान के सियासी संकट का सामना कर रही थीं, जब अध्यक्ष बीमार थी, तब ही चिट्ठी क्यों भेजी गई.  राहुल गांधी ने CWC मीटिंग के दौरान पत्र लिखे जाने की टाइमिंग के पीछे बीजेपी का हाथ बताया है. उन्होंने संदेह जताया है कि बीजेपी की सांठ-गांठ से उस समय पत्र लिखा गया जब पार्टी संघर्ष की स्थिति में थी. 

CWC की बैठक से एक दिन पहले रविवार को पार्टी में उस वक्त नया सियासी तूफान आया गया जब पूर्णकालिक एवं जमीनी स्तर पर सक्रिय अध्यक्ष बनाने और संगठन में ऊपर से लेकर नीचे तक बदलाव की मांग को लेकर सोनिया गांधी को 23 वरिष्ठ नेताओं की ओर से पत्र लिखे जाने की जानकारी सामने आई.  कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्षा सोनिया गांधी ने इस पद से हटने की इच्छा जताई थी. कल सोनिया गांधी को 23 वरिष्ठ नेताओं की ओर से पत्र लिखा गया था. इस पत्र में कांग्रेस नेताओं ने जमीनी स्तर पर सक्रिय अध्यक्ष बनाने और संगठन में ऊपर से लेकर नीचे तक बदलाव की मांग की थी.

राहुल गांधी ने सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखने वालों को आड़े हाथों लिया है और कहा है कि सोनिया गांधी अंतरिम अध्यक्ष नहीं बनना चाहती थी, लेकिन उन्होंने ये जिम्मेदारी उठाई. ऐसे में जब वह अस्पताल में थीं, तब सवाल उठाना कहां उचित है??

सोनिया गांधी की तरफ से अध्यक्ष पद छोड़ने की पेशकश के बाद पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने उनसे अभी पद पर रहने का आग्रह किया है. वहीं, सूत्रों के मुताबिक, मीटिंग में राहुल गांधी ने कहा है कि सोनिया गांधी को पत्र लिखने वाले 23 नेताओं से जवाब मांगा जाएगा.

सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस में 23 नेताओं की ओर से लिखी चिट्ठी के पीछे 2 नेताओं का हाथ बताया जा रहा है. इन दोनों का राज्यसभा में कार्यकाल खत्म हो रहा है.

 इनके मन में संशय था कि इन्हें दोबारा पार्टी की ओर से राज्यसभा का टिकट दिया जाएगा. अपनी सदस्यता बरकरार रखने के लिए इन दोनों ने महाराष्ट्र में एक पार्टी से भी बात कर ली थी. इसके बाद दोनों ने दबाव बनाने के लिए सोनिया गांधी की नेतृ्त्व पर एक तरह से सवाल उठा दिया और यह ‘लेटर बम’ इसी का नतीजा है. कहा ये भी जा रहा है कि ये सब इसलिए भी किया गया कि राहुल गांधी अपने पसंद के व्यक्ति को अध्यक्ष ना बनवा सकें. हालांकि इन दोनों नेताओं का नाम सूत्र ने नहीं बताया है. लेकिन 23 वरिष्ठ नेताओं जिनमें शशि थरूर, गुलाम नबी आजाद और कपिल सिब्बल नेता जैसे शामिल हैं, की चिट्ठी सार्वजनिक होने से कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी काफी नाराज हैं और माना जा रहा है कि सोनिया गांधी कांग्रेस वर्किंग कमेटी में अपने इस्तीफे का ऐलान कर देंगी.

इस चिट्ठी के बाद से कांग्रेस में खेमेबाजी शुरू हो गई है. एक खेमा इन नेताओं की जमकर आलोचना कर रहा है. राजस्तान के सीएम अशोक गहलोत ने कहा है कि अगर चिट्ठी की बात सच है तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है. सोनिया गांधी ने 1998 से लगातार पार्टी की कमान संभाली है. वहीं पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी सोनिया गांधी की तारीफ करते हुए कहा है कि उनको पार्टी के अध्यक्ष पद पर बने रहना चाहिए और इसके बाद राहुल गांधी को कमान संभालनी चाहिए. पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पार्टी के कई अन्य वरिष्ठ और युवा नेताओं ने सोनिया और राहुल गांधी के नेतृत्व में भरोसा जताया और इस बात पर जोर दिया कि गांधी-नेहरू परिवार ही पार्टी को एकजुट रख सकता है.

लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा है कि जो लोग गांधी परिवार पर सवाल उठा रहे हैं वे कांग्रेस को कमजोर करना चाहते हैं। अधीर ऐसे लोगों पर जमकर बरसे और उन्होंने कहा है कि यह सोच-समझकर की गई कोशिश है। अधीर ने जोर देकर कहा कि कांग्रेस गांधी परिवार के हाथों में सुरक्षित है। 

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी कहा है कि 23 वरिष्ठ नेताओं द्वारा कांग्रेस अध्यक्ष को पत्र लिखे जाने की बात पर भरोसा नहीं होता। गहलोत ने कहा कि अगर यह बात सही है तो यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है और इसे मीडिया में लेकर जाने की कोई ज़रूरत नहीं थी। गहलोत ने कहा कि ऐसे मुश्किल वक्त में सोनिया गांधी को पार्टी की कमान अपने पास ही रखनी चाहिए। लेकिन अगर उन्होंने इस्तीफ़ा देने का मन बना लिया है तो राहुल गांधी को यह जिम्मेदारी लेनी चाहिए। 

उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा है कि हमारा भविष्य तभी सुरक्षित हो सकता है जब हम एक हों। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के अधिकांश कार्यकर्ता चाहते हैं कि राहुल गांधी पार्टी का नेतृत्व करें। 

कांग्रेस में राष्ट्रीय स्तर पर मचे घमासान के बीच महाराष्ट्र से एक बड़ी खबर सामने आई है। महाराष्ट्र सरकार में मंत्री सुनील केदार ने पार्टी के ही वरिष्ठ नेताओं- पृथ्वी राज चव्हाण, मुकुल वासनिक और मिलिंद देवड़ा को ट्विटर के माध्यम से खुली चुनौती दी है। इन तीनों नेताओं का नाम उस पत्र में शामिल है जो कांग्रेस में अध्यक्ष के मुद्दे पर सोनिया गांधी को लिखा गया है।  केदार ने कहा है कि अगर इन तीनों नेताओं ने अपने कृत्य के लिए माफी नहीं मांगी तो कांग्रेस कार्यकर्ता इन्हें बता देंगे कि कैसे ये तीनों नेता महाराष्ट्र में घूमते हैं। उन्होंने कहा कि इन नेताओं का कृत्य राहुल गांधी की लड़ाई की धार को कमजोर करने जैसा है, इसलिए इन्हें तत्काल माफी मांगनी चाहिए। 

– Himalayauk Newsportal Bureau ; Vinay Kumar New Delhi Mob. 09811092717 & Ajay Saini Lucknow Bureau Mob. 9411167444

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बैठक में आरोप लगाया है कि जिन्होंने इस वक्त चिट्ठी लिखी है वो भारतीय जनता पार्टी से मिले हुए हैं. इस पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता खफा हैं और पलटवार कर रहे हैं. कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने बैठक के दौरान ही ट्वीट किया. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि राहुल गांधी कह रहे हैं हम भारतीय जनता पार्टी से मिले हुए हैं. मैंने राजस्थान हाईकोर्ट में कांग्रेस पार्टी का सही पक्ष रखा, मणिपुर में पार्टी को बचाया. पिछले 30 साल में ऐसा कोई बयान नहीं दिया जो किसी भी मसले पर भारतीय जनता पार्टी को फायदा पहुंचाए. फिर भी कहा जा रहा है कि हम भारतीय जनता पार्टी के साथ हैं.

इसके अलावा बैठक में कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि अगर वह किसी भी तरह से भाजपा से मिले हुए हैं, तो वह अपना इस्तीफा दे देंगे. आजाद ने कहा कि चिट्ठी लिखने की वजह कांग्रेस की कार्यसमिति थी.

दरअसल, बैठक में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने पार्टी में नेतृत्व के मुद्दे पर सोनिया गांधी को पत्र लिखने वाले नेताओं पर निशाना साधा और कहा कि जब पार्टी राजस्थान एवं मध्य प्रदेश में विरोधी ताकतों से लड़ रही थी और सोनिया गांधी अस्वस्थ थीं तो उस समय ऐसा पत्र क्यों लिखा गया. खबरों में कहा गया है कि सीडब्ल्यूसी की बैठक में राहुल ने कथित तौर पर यह भी कहा कि पत्र लिखने वाले नेता बीजेपी के साथ साठगांठ कर रहे हैं.

आपको बता दें कि कपिल सिब्बल और गुलाम नबी आजाद उन 23 नेताओं में शामिल हैं, जिन्होंने कांग्रेस वर्किंग कमेटी से पहले चिट्ठी लिखी थी. चिट्ठी में कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व पर सवाल खड़े किए गए और कहा गया कि इस वक्त एक ऐसे अध्यक्ष की मांग है कि जो पूर्ण रूप से पार्टी को वक्त दे सके.

सोमवार को हुई इस बैठक में इस चिट्ठी को लेकर काफी विवाद हुआ, सोनिया गांधी ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की पेशकश कर दी. हालांकि, कई वरिष्ठ नेताओं ने ऐसा करने से इनकार किया. साथ ही चिट्ठी लिखने वालों पर राहुल गांधी जमकर बरसे और उन्होंने इसकी टाइमिंग पर सवाल खड़े कर दिए. 

कांग्रेस में शीर्ष नेतृत्व को लेकर जारी महाभारत में आज वर्किंग कमेटी की बैठक हो रही है. 23 नेताओं द्वारा लिखी गई चिट्ठी पर इस बैठक में जबरदस्त रोष दिखाई दे रहा है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी इस चिट्ठी के लिखे जाने की टाइमिंग पर सवाल खड़े कर दिए.

वर्किंग कमेटी की बैठक में अपने संबोधन के दौरान राहुल गांधी ने कहा कि ऐसा वक्त क्यों चुना गया जब पार्टी मध्य प्रदेश और राजस्थान में लड़ाई लड़ रही थी. साथ ही सोनिया गांधी बीमार थीं, ऐसे वक्त पर ही चिट्ठी क्यों लिखी गई.

बैठक में राहुल गांधी ने कहा कि जिस तरह से चिट्ठी को लीक किया गया, उससे उन्हें काफी ठेस पहुंची है. सिर्फ राहुल ही नहीं बल्कि कैप्टन अमरिंदर सिंह समेत अन्य कुछ नेताओं ने भी नेताओं द्वारा लिखी चिट्ठी की टाइमिंग पर सवाल किया.

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने जब बैठक में बोलना शुरू किया तब नेताओं की ओर से अपील की गई कि उन्हें ही अब पार्टी की कमान अपने हाथ में लेनी चाहिए. बता दें कि बैठक शुरू होते ही सोनिया गांधी की ओर से अंतरिम अध्यक्ष पद छोड़ने की अपील की गई और साथ ही पार्टी से कहा गया कि अब नया अध्यक्ष ढूंढा जाए.

सोनिया गांधी के इस ऐलान के बाद पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पूर्व मंत्री एके एंटनी समेत कई बड़े नेताओं ने उनसे पद पर बने रहने की अपील की. गौरतलब है कि वर्किंग कमेटी की बैठक से पहले ही गुलाम नबी आज़ाद समेत कुल 23 नेताओं ने चिट्ठी लिखकर पार्टी के नेतृत्व में बदलाव की मांग की थी और एक पूर्णकालिक अध्यक्ष बनाने को कहा था.

कांग्रेस वर्किंग कमेटी में पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखी चिट्ठी पर चर्चा हुई. इस दौरान पार्टी कई वरिष्ठ नेताओं ने इसको लेकर नाराजगी जाहिर की. वहीं गुलाम नबी आजाद राहुल के ‘बीजेपी से सांठगांठ’ वाले बयान पर भड़क गए. उन्होंने कहा कि अगर राहुल गांधी की “भाजपा के साथ मिलीभगत” की टिप्पणी सही साबित हुई तो मैं इस्तीफा दे दूंगा. हालांकि आजाद ने जवाब देते समय राहुल गांधी का नाम नहीं लिया.

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