कोरोना की दूसरी लहर नहीं, बल्कि सुनामी- जो ऑक्सीजन आपूर्ति रोकने की कोशिश करेगा, उसे लटका दिया जाएगा- हाई कोर्ट की गंभीर टिप्पणी
24 April 2021: कोरोना महामारी से इस वक्त देश लड़ रहा है. आपूर्ति नहीं होने के चलते दिल्ली से लेकर पंजाब तक में मरीज़ों की ऑक्सीजन की कमी की वजह मौतें हो रही हैं. दिल्ली के जयपुर गोल्डन अस्ताल में ऑक्सीजन सप्लाई में कमी होने के चलते 25 मरीज़ों की मौत हो गई. इसके अलावा पंजाब के अमृतसर में एक अस्पताल में भी ऑक्सीजन की कमी के चलते छह मरीज़ों की जान चली गई. भारत मे 12 राज्य ऐसे है जहां कोरोना संक्रमण के मामले तेजी बढ़ रहे हैं. ये राज्य हैं- महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, कर्नाटक, छतीसगढ़, मध्य प्रदेश, केरल, गुजरात, तमिलनाडु, राजस्थान, बिहार और पश्चिम बंगाल. वहीं भारत मे मौजूद कुल एक्टिव केस 25,52,940 में 67% केस सात राज्यों में है. ये राज्य हैं महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश , कर्नाटक, केरल, छतीसगढ़, राजस्थान और गुजरात.
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दिल्ली हाई कोर्ट ने शनिवार को ऑक्सीजन आपूर्ति से जुड़ी एक याचिका पर सुनवाई करते हुए गंभीर टिप्पणी की और बहुत ही कड़ा रुख अपनाया। उसने ऑक्सीजन आपूर्ति हर हाल में सामान्य करने का आदेश देते हुए चेतावनी दी कि जो कोई ऑक्सीजन आपूर्ति रोकने की कोशिश करेगा, ‘उसे लटका दिया जाएगा।’ अदालत ने कहा कि यह कोरोना की दूसरी लहर नहीं, बल्कि सुनामी है और सरकार बताए कि वह उसे रोकने के लिए क्या कर रही है।
अगर दिल्ली के टैंकर कहीं रोके गए तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। हम किसी को नहीं बख्शेंगे- दिल्ली हाई कोर्ट
दिल्ली हाई कोर्ट ने अपनी नाराज़गी जताते हुए कहा कि यह मुश्किल है कि हर अस्पताल के लिए ऑक्सीजन आपूर्ति के लिए आदेश जारी करें, ऑक्सीजन की कमी का एक पहलू यह भी है कि सप्लाई के लिए टैंकर नहीं है।
दिल्ली स्थित जयपुर गोल्डन अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी से शुक्रवार को 20 कोरोना मरीजों की मौत
पूरे देश में ऑक्सीजन के लिए हाहाकार मचा हुआ है और इस मामले में दिल्ली की स्थिति बेहद खराब है, एक बहुत ही भयावह ख़बर आई है। ख़बर है कि दिल्ली स्थित जयपुर गोल्डन अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी से शुक्रवार को 20 कोरोना मरीजों की मौत हो गई। समाचार चैनल ‘आजतक’ के अनुसार, जयपुर गोल्डन अस्पताल के प्रबंध निदेशक डी. के. बलूजा ने कहा है कि शुक्रवार की रात ऑक्सीजन की कमी से कोरोना संक्रमित 20 लोगों की मौत अस्पताल में हो गई। तमाम कोशिशों के बावजूद उन्हें नहीं बचाया जा सका। बलूजा ने यह भी कहा कि अस्पताल ने दिल्ली सरकार को ऑक्सीजन की कमी को लेकर एक एसओएस (यानी किसी तरह हमारी जान बचाओ) संदेश भेजा था। उन्होंने यह भी कहा कि एसओएस में कहा गया था कि अस्पताल में सिर्फ 45 मिनट तक चलने लायक ऑक्सीजन बचा हुआ है।
याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस विपिन सांघी ने कहा कि ‘हम कई दिनों से सुनवाई कर रहे हैं। रोजाना एक ही तरह की बात सुनाई दे रही है। अखबारों और चैनलों में बताया जा रहा है कि हालात गंभीर हैं।’
हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि वह बताए कि दिल्ली को कितनी ऑक्सीजन मिलेगी और कैसे आएगी?
इसके पहले दिल्ली सरकार ने अदालत में कहा था कि उसे शुक्रवार तक सिर्फ 296 मीट्रिक टन ऑक्सीजन मिली थी, जो 480 मीट्रिक के कोटे से बहुत ही कम है। उसने यह भी कहा था कि कोटे की 480 मीट्रिक टन ऑक्सीजन दिलाई जाए, वर्ना पूरी व्यवस्था चौपट हो जाएगी। हर मिनट जान जा रही हैं।
याचिका पर बहस के दौरान केंद्र के वकील ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें खुद ही टैंकर का इंतजाम कर रही हैं। इसी तरह नाइट्रोजन और ऑर्गन को ऑक्सीजन टैंकर में तब्दील किया जा रहा है।
दिल्ली हाईकोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि जिन राज्यों में तरह का उद्योग नहीं है, वह टैंकरों का इंतजाम कहाँ से करेंगे?
जयपुर गोल्ड अस्पताल के स्वास्थ्य निदेशक ने ‘एनडीटीवी’ से कहा कि सरकार ने अस्पताल को 3.5 मीट्रिक टन ऑक्सीजन देने की बात कही थी। वह ऑक्सीजन शुक्रवार को रीफिल होना था, नहीं हुआ। शुक्रवार की रात महज 1500 लीटर रीफिलिंग की गई थी, इसी कारण अस्पताल के पास ऑक्सीजन खत्म हो गई और 20 कोविड मरीजों की मौत हो गई।
बत्रा के पास 20 मिनट का ऑक्सीजन
दिल्ली स्थित बत्रा अस्पताल ने भी दिल्ली सरकार को भेजे गए एसएओएस में कहा कि अस्पताल में सिर्फ 20 मिनट चलने लायक ऑक्सीजन बचा हुआ है, लिहाज़ा जल्दी से जल्दी ऑक्सीजन की आपूर्ति किसी भी सूरत में की जाए। इस एसओएस के बाद अस्पताल को ऑक्सीजन आपूर्ति की गई। बत्रा अस्पताल के प्रबंद निदेशक ने कहा कि अस्पताल के पास 500 लीटर ऑक्सीजन पहुँच गया, जो एक दिन के इस्तेमाल के लिए काफी है।
यूपी जहां Corona संक्रमण के मरीजों की संख्या ने तोड़े पिछले सारे रिकॉर्ड. दिन प्रतिदिन कोरोना के मामले बढ़ते ही जा रहे है, यूपी में कोरोना का अकड़ा पिछले 24 घंटे में 38 हजार 55 नए मामले सामने आए. एक्टिव केसों की संख्या पहुंची 2 लाख 88 हजार 144, कोरोना से अब तक 10959 लोगों की गई जान.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को कोविड-19 प्रबंधन के लिए गठित टीम-11 को निर्देश दिया कि आम लोगों को बेड की उपलब्धता की समुचित जानकारी उपलब्ध कराई जाए. प्रदेश में ऐसे सभी अस्पताल जहां कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों का इलाज हो रहा है, वहां रिक्त बेड का विवरण हर दिन दो बार सार्वजनिक किया जाए.
ऑक्सीजन की कोई कमी
नहीं
उत्तर प्रदेश अपर मुख्य
सचिव सूचना नवनीत सहगल ने बताया कि प्रदेश में ऑक्सीजन के लिए नियंत्रण कक्ष खोला
गया है. जिसके माध्यम से अस्पतालों को कब, कहां, कितनी ऑक्सीजन जा रही है, इसकी निगरानी की जा रही है. ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है.
नवनीत सहगल ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया हैं कि डॉक्टर
की तरफ से दी गई दवा की पर्ची दिखाने पर ऑक्सीजन सिलेंडर दिया जाए ताकि होम
आइसोलेशन में लोगों को परेशानी ना हो.
रेमडेसिविर के 18000 इंजेक्शन मिले
उत्तर प्रदेश अपर मुख्य
सचिव सूचना नवनीत सहगल ने ये भी बताया कि प्रदेश में रेमडेसिविर के 18000 इंजेक्शन प्राप्त हुए हैं. रेमडेसिविर के
इंजेक्शन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं. उन्होंने बताया कि सीएम योगी ने ऑक्सीजन
की मांग और पूर्ति में संतुलन बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया है.
उत्तर प्रदेश में बढ़ते कोरोना संक्रमण की वजह से हालात बिगड़ते जा रहे हैं. बीते 24 घंटों में कोरोना के 38055 नए केस सामने आए हैं. उत्तर प्रदेश अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि इलाज के बाद 23,231 लोग अस्पतालों से डिस्चार्ज हुए हैं. नए मामले सामने आने के बाद प्रदेश में संक्रमित मरीजों की संख्या 10 लाख को पार कर गई है. इस समय राज्य में सक्रिय मामलों की कुल संख्या 2,88,144 है और अब तक 10959 लोगों की मौत हो चुकी है. इतना ही नहीं अब तक कोरोना संक्रमण से कुल 7,52,211 लोग ठीक हो चुके हैं.
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