इस बार कोरोना वायरस को पकड़ पाना मुश्किल साबित – देश में कोरोना संक्रमण बेकाबू ; देश के एक्सपर्ट डा0 का क्‍या कहना है

HIGH LIGHT# 13 APRIL 21# दूसरी लहर में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों में अजीब से लक्षण दिख रहे हैं। दिल्ली के अस्पतालों में ऐसे मामले सामने आ रहे हैं जहां इस वायरस से संक्रमित लोगों की दो से तीन बार में भी रिपोर्ट नेगेटिव ही आती है। ऐसे में इस वायरस को पकड़ पाना मुश्किल साबित हो रहा है। साथ ही इस बार कोरोना वायरस का वैरिएंट काफी तेज़ी से संक्रमण फैलाने वाला है। 

विदेशों में विकसित वैक्सीन को मंजूरी देने की प्रक्रिया में तेज़ी लाने का फ़ैसला

#UP मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंगलवार ख़ुद आइसोलेट #उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण की तेज़ रफ़्तार जारी है और मंगलवार को 18,021 नए मामले सामने आए हैं। इस दौरान 85 लोगों की मौत हुई है। राज्य में एक्टिव मामलों की संख्या में भी खासी बढ़ोतरी हुई है और यह आंकड़ा 95,980 तक पहुंच गया है। प्रदेश के कानून मंत्री ब्रजेश पाठक का कहना है कि अगर हालात काबू में नहीं आते हैं तो लॉकडाउन लगाना पड़ सकता है। :

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को उसके ही मंत्री ने कटघरे में खड़ा कर दिया है। प्रदेश की राजधानी सहित ज्यादातर बड़े शहरों में मरीजों की भारी तादाद के चलते अस्पतालों में बेड नहीं बचे हैं तो मृतकों के अंतिम संस्कार के लिए लंबी लाइन लगी हैं और घंटों इंतजार करना पड़ रहा है।  लखनऊ के जाने-माने इतिहासकार और पद्मश्री योगेश प्रवीन की मौत सोमवार को एंबुलेंस न मिलने के चलते हो गयी। प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री ब्रजेश पाठक ने स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारियों को लिखे पत्र में इतिहासकार की मौत का हवाला देते हुए कहा है कि उनके आग्रह के बावजूद भी एंबुलेंस उपलब्ध नहीं हो सकी। 

MAHARASHTA;

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को कोरोना संक्रमण को लेकर बन रहे हालात पर राज्य के लोगों को संबोधित किया। ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र में कोरोना काबू से बाहर हो रहा है और उन्होंने कई लोगों से चर्चा की है लेकिन अब चर्चा का वक़्त निकल चुका है। ठाकरे ने कुछ कड़े क़दम उठाने का एलान किया। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए इस तरह के प्रतिबंध लगाने ही होंगे। उन्होंने कहा कि ये प्रतिबंध लॉकडाउन की ही तरह हैं और 14 अप्रैल की रात से 8 बजे से लागू होंगे। उन्होंने लोगों से सहयोग करने की अपील की। 

उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण की तेज़ रफ़्तार जारी

उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण की तेज़ रफ़्तार जारी है और मंगलवार को 18,021 नए मामले सामने आए हैं। इस दौरान 85 लोगों की मौत हुई है। राज्य में एक्टिव मामलों की संख्या में भी खासी बढ़ोतरी हुई है और यह आंकड़ा 95,980 तक पहुंच गया है। उत्तर प्रदेश में लखनऊ, कानपुर नगर, प्रयागराज और वाराणसी सबसे ज़्यादा प्रभावित हैं। मंगलवार को लखनऊ में 5382, प्रयागराज में 1856, कानपुगर नगर में 1271 और वाराणसी में 1404 मामले सामने आए हैं। 

यूपी में अगर राजधानी की ही बात करें तो बीते साल के मुकाबले कोरोना संक्रमितों की संख्या में कई गुना का इजाफा हुआ है। बीते साल जहां 35 अस्पतालों में कोरोना संक्रमितों का इलाज हो रहा था वहीं इस बार इनकी संख्या महज 20 ही है। हर रोज सरकारी प्रेस नोटों में कोविड बेड बढ़ाने का दावा करने के बाद भी कहीं बेड उपलब्ध नहीं हो सके हैं। 

लखनऊ में अखिलेश सरकार में बने कैंसर अस्पताल को कोविड अस्पताल में बदलने का आदेश किया गया है। हालांकि अधिकारियों का कहना है कि कागजी खानापूर्ति करने और सभी व्यवस्थाएं करने में कम से कम एक हफ्ते का समय लग जाएगा। 

इधर, मुख्यमंत्री कार्यालय में कार्यरत कुछ अधिकारियों के कोरोना संक्रमित होने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को ख़ुद को आइसोलेट कर लिया है। योगी ने कहा है कि ये अधिकारी उनके संपर्क में रहे हैं, इसलिए एहतियातन वे ये क़दम उठा रहे हैं और सभी कार्य वर्चुअली कर रहे हैं।

मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने मंगलवार को कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए दूसरे प्रदेशों से पलायन कर रहे प्रवासी मजदूरों की व्‍यवस्‍थाओं को सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। सीएम ने टीम-11 के अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रदेश के जिन जिलों में प्रवासी मजदूर लौट रहे हैं उन जिलों में क्वारेंटीन सेंटर की व्‍यवस्‍था जल्‍द से जल्‍द की जाए। प्रवासी मजदूरों की कोरोना जांच, क्वारेंटीन, खाने-पीने की व्‍यवस्‍था के विशेष इंतजाम करने के आदेश सीएम ने बैठक में दिए। 

प्रदेश के कानून मंत्री ब्रजेश पाठक ने मंगलवार को अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा को पत्र लिखकर अस्पतालों, एंबुलेंस, जांचों की खस्ताहालत का जिक्र किया है। ब्रजेश पाठक राजधानी लखनऊ की एक विधानसभा सीट से विधायक भी हैं। उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि लखनऊ के मुख्य चिकित्साधिकारी का पहले तो फोन तक नहीं उठता था और अब उठने लगा तो सुनवाई नहीं होती है। 

पाठक ने लिखा है कि निजी पैथालोजी से होने वाली जांचें बंद हो गयी हैं। सरकारी जांच करने वालों को हर रोज 17000 किट की जरुरत है जबकि उन्हें केवल 10000 किट ही मिल पा रही हैं। 

पाठक ने लिखा है कि लखनऊ में हर रोज 4000-5000 कोरोना रोगी मिल रहे हैं जबकि अस्पतालों में बेडों की संख्या काफी कम है। जांच की रिपोर्ट भी काफी देर में मिल पा रही है। मंत्री का कहना है कि अगर हालात काबू में नहीं आते हैं तो लॉकडाउन लगाना पड़ सकता है।

उत्तर प्रदेश में सरकारी आंकड़ों के मुताबिक़ बीते 24 घंटे में 13685 नए कोविड केस मिले हैं और 72 मौतें हुई हैं। इनमें भी अकेले राजधानी लखनऊ में बीते 24 घंटों में 3892 नए केस मिले और  21 मौत हुई हैं। प्रदेश भर में कुल कोरोना रोगियों में से 80 फीसदी केवल लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी और कानपुर शहरों में पाए जा रहे हैं। हालांकि प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि वास्तविक रोगियों की तादाद और मौतें सरकारी आंकड़ों से कहीं ज्यादा हैं। 

राजधानी में सोमवार को 65 कोरोना मृतकों का अंतिम संस्कार विभिन्न शवदाह गृहों में किया गया है। यह संख्या केवल हिन्दू श्मशान घरों की है जबकि कब्रिस्तानों में भीड़ लगी हुई है। कोरोना मृतकों का इस कदर तांता लगा हुआ है कि श्मशान गृहों पर जलाने के लिए लकड़ियां तक कम पड़ रही हैं। सोमवार को लखनऊ के पड़ोसी जिले सीतापुर से प्रशासन को 20 ट्रक लकड़ियां मंगानी पड़ी है। प्रदेश सरकार ने श्मशान घरों पर शवों को जलाने वाले प्लेटफार्म तक बढ़ाए हैं।

महाराष्ट्र में कल से धारा 144 लागू, कोरोना को लेकर हालात भयावह: ठाकरे

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को कोरोना संक्रमण को लेकर बन रहे हालात पर राज्य के लोगों को संबोधित किया। ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र में कोरोना काबू से बाहर हो रहा है और उन्होंने कई लोगों से चर्चा की है लेकिन अब चर्चा का वक़्त निकल चुका है। 

ठाकरे ने कुछ कड़े क़दम उठाने का एलान किया। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए इस तरह के प्रतिबंध लगाने ही होंगे। उन्होंने कहा कि ये प्रतिबंध लॉकडाउन की ही तरह हैं और 14 अप्रैल की रात से 8 बजे से लागू होंगे। उन्होंने लोगों से सहयोग करने की अपील की। 

ठाकरे ने कहा, “पूरे राज्य में धारा 144 लागू की जा रही है, बिना ज़रूरत के आना-जाना बंद किया जा रहा है, अगर ज़रूरी काम नहीं है तो लोग घरों से बाहर नहीं निकलें और लोग इसका वचन दें। हमें कोरोना वॉरियर्स की मदद करनी है।” उन्होंने कहा कि कल रात से ब्रेक द चेन मुहिम शुरू की जाएगी।

उन्होंने कहा, “दफ़्तर बंद रहेंगे। लोकल और बसों को बंद नहीं किया जा रहा है लेकिन ये सिर्फ़ अति आवश्यक सेवाओं में लगे लोगों के लिए ही चालू रहेंगी। नगर निगम के कर्मचारी और बाक़ी ज़रूरी सेवाओं में लगे कर्मचारी बाहर जा सकेंगे। ऑटो, टैक्सी भी चालू रहेंगी। बैंक, ई-कॉमर्स सेवाएं चालू रहेंगी।” उन्होंने कहा कि होटल और रेस्तरां में बैठकर खाना नहीं खा पाएंगे और होम डिलीवरी और टेक अवे की ही सुविधा मिलेगी। 

मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि हमें भीड़ इकट्ठी नहीं करनी है और अनावश्यक ट्रांसपोर्टेशन को भी रोकना है। राज्य सरकार 7 करोड़ लोगों को राशन की दुकानों से 3 किलो गेहूं और 2 किलो चावल एक महीने के लिए मुफ़्त देगी। 

मुख्यमंत्री ने कहा, “1200 मीट्रिक टन में से 950 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का इस्तेमाल कोरोना के मरीजों के लिए किया जा रहा है। बीच में रेमडिसवर की मांग कम हो गई थी लेकिन अब इसकी मांग फिर से बढ़ने लगी है। हमने केंद्र सरकार से मांग की है कि हमें ऑक्सीजन की ज़रूरत है। बाकी राज्यों से भी हम ऑक्सीजन मंगा रहे हैं।” 

शिव सेना प्रमुख की भी जिम्मेदारी संभाल रहे ठाकरे ने कहा, हम संक्रमित मरीजों और मौतों की संख्या नहीं छुपा रहे हैं और इसे लोगों के सामने रख रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने महाराष्ट्र में परीक्षाओं को बढ़ा दिया है। 

उन्होंने कहा, “हमारी केंद्र सरकार से मांग की है कि जीएसटी के रिटर्न फ़ाइल करने की तिथि तीन महीने तक बढ़ा दी जाए। कोरोना के कारण जिन लोगों के सामने आर्थिक संकट आ रहा है क्या उन्हें केंद्र सरकार से कोई मदद मिल सकती है।” 

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ऑक्सीजन, क्वारेंटीन, आइसोलेशन, आईसीयू के बेड्स बढ़ा रही है और प्रभावित इलाक़ों- पुणे, विदर्भ में भी सुविधाएं उपलब्ध करा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों के लिए यह वक़्त राजनीति करने का नहीं है, हम सभी को एक साथ आकर लड़ना होगा। 

यह कोरोना का एक अलग ही लक्षण है

आकाश हेल्थकेयर के एमडी डॉ. आकाश चौधरी ने टाइम्स ऑफ़ इंडिया (टीओआई) से कहा कि उन्हें बीते दिनों में कई ऐसे मरीज देखने को मिले हैं, जिन्हें बुखार, खांसी, सांस लेने में परेशानी थी और उनके सीटी स्कैन से पता चला कि उनके फेफड़ों में हल्के रंग के पैच थे। वह कहते हैं कि यह कोरोना का एक अलग ही लक्षण है। 

डॉ. आकाश के मुताबिक़, ऐसे कुछ मरीजों का ब्रोनकोलिवेलर लैवेज टेस्ट कराया गया, इससे पता चला कि उनके फेफड़ों में द्रव्य जमा था। ऐसे सभी लोग आरटी-पीसीआर टेस्ट में कोरोना नेगेटिव पाए गए थे लेकिन इस टैस्ट के जरिये पता चला कि उनमें पॉजिटिव मरीजों वाले लक्षण हैं। 

इसके पीछे क्या कारण हो सकता है, इस बारे में दिल्ली के मशहूर इंस्टीट्यूट ऑफ़ लिवर एंड बिलियरी साइंसेज की एसोसिएट प्रोफ़ेसर डॉ. प्रतिभा काले टीओआई से कहती हैं, “यह संभव है कि ऐसे मरीजों में यह वायरस नाक या गले में इकट्ठा नहीं हुआ है और इसी वजह से नाक या गले से स्वैब लेते समय पॉजिटिव रिजल्ट नहीं आया।” 

डॉ. प्रतिभा काले कहती हैं, “इस वायरस ने ख़ुद को एसीई रिसेप्टर्स से जोड़ लिया है, वह कहती हैं कि यह एक तरह का प्रोटीन है जो फेफड़ों की कई कोशिकाओं की सतह पर पाया जाता है और जब फेफड़ों की जांच की गई तो ऐसे मरीज कोरोना संक्रमित पाए गए।” 

इसी तरह मैक्स हेल्थकेयर के डॉ. विवेक नांगिया टीओआई से कहते हैं कि कोरोना से संक्रमित 15 से 20% लोग इस तरह की परेशानी से जूझ रहे हैं। ऐसे लोग कोरोना वायरस से बहुत ज़्यादा संक्रमित हैं लेकिन उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आती है। उन्होंने कहा कि यह एक गंभीर दिक्कत है क्योंकि ऐसे लोग दूसरे लोगों में संक्रमण फैला सकते हैं। 

दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. अरुप बसु कहते हैं कि इस वक़्त कोरोना से संक्रमित लोगों में नाक का बहना, सर्दी-जुकाम और कंजक्टिवाइटिस जैसे लक्षण दिखाई दे रहे हैं जबकि पहले ऐसा नहीं होता था। बसु के मुताबिक़, कई मरीज ऐसे हैं जिन्हें खांसी या सांस लेने में कोई दिक्कत नहीं है और फेफड़े भी सामान्य हैं लेकिन उन्हें 8 से 9 दिन तक लगातार बुखार रहता है। 

निश्चित रूप से यह चिंता का विषय है। क्योंकि ऐसे में बहुत से लोग जो कोरोना पॉजिटिव हैं लेकिन उनका टेस्ट नेगेटिव आता है, वे कई लोगों तक इस संक्रमण को फैला सकते हैं। 

विदेशों में विकसित वैक्सीन को मंजूरी देने की प्रक्रिया में तेज़ी लाने का फ़ैसला

सरकार ने अब कोरोना की विदेशी वैक्सीन को आपात इस्तेमाल के लिए मंजूरी देने की प्रक्रिया में तेज़ी लाने का फ़ैसला किया है। सरकार की ओर से यह बयान तब आया है जब आज ही रिपोर्ट आई है कि रूस की कोरोना वैक्सीन स्पूतनिक-V को मंजूरी दी गई है और उम्मीद है कि पाँच अन्य वैक्सीन को इस साल मंजूरी मिल सकती है। इसमें जॉनसन एंड जॉनसन, ज़ायडस कैडिला, सीरम इंस्टीट्यूट-नोवावैक्स और भारत बायोटेक की नेजल वैक्सीन शामिल हैं। विदेशों में विकसित वैक्सीन को मंजूरी देने की प्रक्रिया में तेज़ी लाने का फ़ैसला तब लिया गया है जब देश में रिकॉर्ड कोरोना संक्रमण के मामले आ रहे हैं, वैक्सीन का स्टॉक कम पड़ने की ख़बरें हैं और दो वैक्सीन पर ही निर्भर रहने के लिए सरकार की आलोचना की जा रही है। इस बीच सरकार ने ‘टीका उत्सव’ शुरू किया है। कुछ लोग यह कहकर भी आलोचना कर रहे हैं कि जब वैक्सीन ही नहीं है तो टीका उत्सव कैसे मनेगा!

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