UK; राजभवन में ग्रामीण विकास पर मंथन & प्रमुख खबरे 9 Aug.

CM Photo 01 dt. 09 August, 2016#हरियाली तीज पर मुख्यमंत्री हरीश रावत  घोषणाएं #विक्षिप्त व्यक्तियों की पत्नियों को दी जाने वाली पेंशन की राशि को 1200 रूपए से बढ़ाकर 1500 रूपए #फिल्मों के निर्माता-निर्देशक नरेश खन्ना के निधन पर गहरा दुख #वरिष्ठ अधिवक्ता सूरत सिंह नेगी के निधन पर गहरा दुख #बाल अधिकार व संरक्षण के क्षेत्र में राज्य सरकार एक पार्टनर के रूप में कार्य करेगी #टाॅपर्स कानक्लेव के दूसरे दिन ग्रामीण विकास पर हुआ मंथन #उत्तराखण्ड सहकारी चीनी मिल्स संघ लिमिटेड के मुख्यालय भवन का शिलान्यास# www.himalayauk.org (UK Leading Digital Newsportal) 

देहरादून 09 अगस्त, 2016 (सू.ब्यूरो)

राज्य में विकलांग अधिकार पत्र की व्यवस्था की जाएगी। इसमें विकलांगजनों को राज्य सरकार से मिलने वाले अधिकारों व सुविधाओं का जिक्र होगा। विक्षिप्त व्यक्तियों की पत्नियों को दी जाने वाली पेंशन की राशि को 1200 रूपए से बढ़ाकर 1500 रूपए किया जाएगा। न्यू कैंट रोड़ स्थित सीएम आवास में हरियाली तीज पर आयोजित कार्यक्रम में बोलते हुए मुख्यमंत्री हरीश रावत ने उक्त घोषणाएं कीं।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि सामाजिक परिवर्तन महिला सशक्तीकरण से ही सम्भव है। महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त करने के लिए कई महत्वूपर्ण पहलें की गई हैं। गांव-गांव में महिला उद्यमी तैयार करने के लिए ‘‘मुख्यमंत्री महिला सतत् आजीविका योजना’’ प्रारम्भ की गई है। महिला स्वयं सहायता समूहों व महिला मंगल दलों की विकास में भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए ‘मुख्यमंत्री महिला स्वयं सहायता समूह सशक्तीकरण योजना’ प्रारम्भ करते हुए, इस वर्ष हम 12 हजार से अधिक महिला स्वयं सहायता समूहों को लाभान्वित करने जा रहे हैं। परम्परागत फसलों व हस्तशिल्प में कार्यरत महिला स्वयं सहायता समूहों को उनके वार्षिक टर्न ओवर पर 5 प्रतिशत का बोनस दिया जाएगा। साथ ही 5 हजार रूपए की सीड केपिटल उपलब्ध करवाते हुए इनके बैंक खाते राज्य सरकार खुलवाएगी। हम दो महिला उद्यमिता पार्क स्थापित करने जा रहे हैं। महिला उद्यमियों व महिला स्वयं सहायता समूहों के लिए उद्यमिता-हाट बनाए जाएंगे।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि हमने लैंगिक असमानता दूर करने के लिए ‘हमारी कन्या हमारा अभिमान’ योजना शुरू की है। कन्याधन योजना, गौरादेवी कन्याधन योजना की सहायता राशि में बढ़ोतरी की गई है। गर्भवती बहनों को विशेष पौष्टिक तत्वोंयुक्त अनाज, मंडुवा, भट्ट व नमक उपलब्ध करवाया जा रहा है। इससे जच्चा-बच्चा मृत्यु दर में कमी देखने को मिली है। ’हमारे बुजुर्ग-हमारे तीर्थ’ के तहत, हम चार धामों के अतिरिक्त, श्री नानकमत्ता, श्री रीठासाहिब, कलियर शरीफ व सम्मेदशिखर एवं निजामुद्दीन ओलिया की दरगाह की यात्रा को भी सम्मिलित कर चुके हैं।
उत्तराखण्ड महिला सम्मानित राज्य है। पुलिस में अतिरिक्त महिला बटालियनें गठित की जायंेगी। महिला कांस्टेबल, व महिला सब-इंस्पेक्टरों की भर्ती की प्रक्रिया चल रही है। होमगार्ड व पी0आर0डी0 में, अगले तीन वर्षों में, 30 प्रतिशत अतिरिक्त संख्या बढ़ाई जायेगी। यह समस्त भर्तियां महिलाओं की होंगी। हैण्डीक्राफ्ट व हैण्डलूम के महिला कलस्टर विकसित किये जायेंगे। अगले तीन वर्ष में 20 हजार महिला उद्यमी तैयार किये जायेंगे। नन्दा देवी सेन्टर आॅफ एक्सिलंैस फाॅर हैण्डलूम एण्ड नेचुरल फाइबर्स स्थापित किया गया है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने इस अवसर पर महिला कांग्रेस की ओर से बसंती बिष्ट, रामिंद्री मंद्रवाल, पार्वती पाण्डे, तृप्ति भट्ट, गल्जवाड़ी की प्रधान लीली शर्मा सहित अन्य महिलाओं को सम्मानित किया। कार्यक्रम में राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती सरोजिनी कैन्त्यूरा, कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष सरिता आर्या, अनुपमा रावत आदि उपस्थित थे।

देहरादून 09 अगस्त, 2016 (सू.ब्यूरो)

मुख्यमंत्री हरीश रावत ने उŸाराखण्डी फिल्मों के निर्माता-निर्देशक नरेश खन्ना के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने दिवंगत आत्मा की शांति व शोक संतप्त परिवारजनों को धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से कामना की है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि श्री खन्ना के निधन से उŸाराखण्ड सिनेमा व इससे जुड़ें लोगों को अपूरणीय क्षति हुई है। गौरतलब है कि श्री खन्ना का दिल्ली के एम्स अस्पताल में हृद्याघात के कारण सोमवार रात्रि निधन हो गया। उन्होंने चक्रचाल, बेटी बुवारी, बंटवारू, सुबेरोघाम व भुली ए भुली फिल्में बनाई थीं।

देहरादून 09 अगस्त, 2016 (सू.ब्यूरो)

मुख्यमंत्री हरीश रावत ने वरिष्ठ अधिवक्ता सूरत सिंह नेगी के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने दिवंगत आत्मा की शांति व शोक संतप्त परिवारजनों को धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से कामना की है। मुख्यमंत्री ने लक्खीबाग जाकर स्व.नेगी की पार्थिव देह को नमन किया और शोक संतत्प परविारजनों को ढाढस बंधाया।

देहरादून 09 अगस्त, 2016 (सू.ब्यूरो)

बाल अधिकार व संरक्षण के क्षेत्र में राज्य सरकार एक पार्टनर के रूप में कार्य करेगी। राज्य सरकार की योजनाएॅं जिसमें पालना, अन्नप्राशन, खिलती कलियाॅं व उत्तराखण्ड पुलिस का आॅपरेशन स्माइल, बाल विकास व सरंक्षण के क्षेत्र कुछ आरम्भिक प्रयास है। सभी के सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता है। आधुनिक जीवनशैली में बिखरते परिवारों पर चिंता व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि परिवारों के बिखरने का सबसे अधिक कुप्रभाव बच्चों पर पड़ता है। ऐसे दम्पŸिायों की काउन्सिंग के लिए सरकार पुलिस प्रशासन को बेहतर प्रशिक्षण देने का व्यवस्था करेगी।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि बाल सरंक्षण व विकास के क्षेत्र में चल रहे राष्ट्रीय तथा राज्य स्तरीय सभी प्रयासों को समेकित करने की आवश्यकता है। उत्तराखण्ड राज्य बाल अधिकार सरंक्षण आयोग की फंक्शनिंग को कैसे बेहतर किया जा सकता है, राज्य सरकार इस सम्बन्ध में पूरा सहयोग करेगी। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने मंगलवार को उत्तराखण्ड राज्य एवं राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा किशोर न्याय अधिनियम-2015 के सम्बन्ध में राजकीय महिला औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, ई0सी0 रोड़ देहरादून में आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में अपने सम्बोधन में उपरोक्त विचार व्यक्त किये।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने अपने सम्बोधन में कहा कि वे सभी गैर सामाजिक संगठन, राज्य सरकार के विभिन्न विभाग, विशेषकर आॅपरेशन स्माइल चलाने वाला पुलिस विभाग, सामाजिक संस्थाऐं बधाई व प्रशंसा की पात्र है जो बाल अधिकार सरंक्षण के क्षेत्र में कार्य कर रहे है। यह सभी प्रयास एक सीखने की प्रक्रिया है जो राज्य सरकार को उसकी बाल विकास व सरंक्षण सम्बधित नीतियो के लिए एक मार्गदर्शक का कार्य करेगी। सभी प्रयासो को समेकित करने की आवश्यकता है तथा इनका राज्य व राष्ट्रीय बाल अधिकार सरंक्षण आयोग के साथ समन्वय करने की भी आवश्यकता है। यह एक राष्ट्रीय मेन्डेट है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस प्रकार 9 अगस्त 1942 को स्वतंत्रता सेनानियों ने साम्राज्यवाद के खिलाफ भारत छोड़ो का आंदोलन आरम्भ किया था आज हमें कुपोषण, गरीबी, सामाजिक कुरीतियों से मुक्ति विशेषकर बाल समाज को कुपोषण से मुक्ति दिलाने के लिए एक अभियान आरम्भ करने की आवश्यकता है। बच्चें सामाजिक कुरीतियों से कुप्रभावित होने वाला हमारे समाज का सबसे कमजोर हिस्सा है। आज कई देश बाल सरंक्षण में बहुत विकसित है हमें उनसे सीखने की आवश्यकता है।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री श्री रावत ने सिटी मजिस्टेªट ललित नारायण मिश्रा, बाल सरंक्षण से जुडे़ मनोज कत्याल, मुंशीब अजुंम, गुरूनयन सिंह,राजकुमार प्रजापति, आॅपरेशन स्माइल से जुड़ी अपर पुलिस अधीक्षक देहरादून ममता बोहरा, एंटी टेरेफिक से जुडे़ राकेश भटट, परवीन सिंह, उपनिरीक्षक मंजू पाण्डेय, राज विक्रम सिंह, राजेश कुमार, संजीव मंमगाई, हेड काॅस्टेबल प्रदीप पाण्डेय, काॅस्टेबल देशराज, राकेश कुमार आदि को सम्मानित किया।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने उत्तराखण्ड राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा आयोजित पांच भाषाओं हिन्दी, अंग्रेजी, संस्कृत, उर्दू व पंजाबी में आयोजित निबन्ध प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय तथा तृतीय रहे विद्यार्थियों को सम्मानित किया। कार्यक्रम में राष्ट्रीय बाल अधिकार सरंक्षण आयोग की अध्यक्ष स्मृति ककड़, उत्तराखण्ड राज्य बाल अधिकार सरंक्षण आयोग के अध्यक्ष योगेन्द्र खण्डूरी, पूर्व मुख्य सचिव केरल पी0 के0 मोहन्ती, प्रमुख सचिव राधा रतूड़ी तथा बड़ी संख्या में पुलिस अधिकारी, सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधि, स्कूली बच्चे उपस्थित थे।

टाॅपर्स कानक्लेव के दूसरे दिन ग्रामीण विकास पर हुआ मंथन
* गांव हमारी जड़ हैं, जड़ पर ही माटी-पानी का संचय होता है।
राजभवन, देहरादून दिनांक 09 अगस्त, 2016

उत्तराखण्ड राजभवन में आयोजित 5 दिवसीय द्वितीय टाॅपर्स कानक्लेव के दूसरे दिन अतिथि वक्ताओं ने उत्तराखण्ड के संदर्भ में ‘‘पर्वतीय क्षेत्र में ग्रामीण कृषि को लाभप्रद बनाये जाने’ तथा ‘‘ग्रामीण अर्थव्यवस्था और उत्तराखण्ड में इसका विकास’’ जैसे ज्वलंत मुद्दों पर व्याख्यान देकर कानक्लेव में मौजूद टापर्स और विभिन्न विश्वविद्यालयों से आये विद्यार्थियों का ज्ञानवर्धन करके उनका मार्ग प्रशस्त करने का प्रभावी प्रयास किया।
वैचारिक मंथन एवं संपूर्ण व्याख्यान प्रक्रिया सत्र के दौरान राज्यपाल डा0 कृष्ण कांत पाल ने लगातार मौजूद रहकर कानक्लेव के महत्व को और अधिक गरिमा प्रदान की।
आज के इस सत्र के मुख्य अतिथि वक्ता जी0बी पंत विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ0 मंगला राय और ‘हेस्को’ के संस्थापक और निदेशक पद्मश्री डाॅ0 अनिल पी जोशी रहे।
डाॅ0 मंगला राय ने ‘‘पर्वतीय क्षेत्र में ग्रामीण कृषि को कैसे लाभप्रद बनाया जाय’ विषय पर व्याख्यान के दौरान टाॅपर्स से संवादात्मक शैली में परिचर्चा भी की। उन्हांेने कहा कि उत्तराखण्ड प्राकृतिक सम्पदाओं से परिपूर्ण हैं, लेकिन यहां की कृषि तथा आर्थिक विकास से इस संसाधनों को नहीं जोड़ा जा सका। उन्हांेने महाराष्ट्र और कर्नाटक का उदाहरण देकर कहा कि इन राज्यों में उत्तराखण्ड से कम मात्रा में वर्षा होने पर भी वे कृषि के क्षेत्र में हमसे बहुत आगे हैं। डा0 मंगला राय द्वारा आधुनिक तकनीक से जल उपयोग तथा भूमि के उपयोग की क्षमता बढ़ाने और खेती में वैज्ञानिक के साथ-साथ जैविक तरीकों को अपनाये जाने की बात कही। उन्होंने उपलब्ध संसाधनों के माध्यम से ग्रामीण कृषि को अधिकाधिक लाभप्रद बनाए जाने के विभिन्न विकल्पों पर व्यापक प्रकाश डाला। डा0 राय ने जल स्रोतों का उपयोग तथा लाभप्रद कृषि के लिए परम्परागत कृषि को आधुनिक तकनीकी से जोड़ने, काश्तकारों को उन्नत तकनीक की जानकारी देने और उन्नत किस्म के बीजों की उपलब्धता और उनके प्रयोग पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि यहां की कृषि को रोजगार से जोड़ने के लिए और रोजगारपरक कृषि को बढावा देना होगा जिसके लिए नकदी फसलों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।
डाॅ0 अनिल जोशी ने ‘‘ग्रामीण अर्थव्यवस्था और उत्तराखण्ड में इसका विकास’’ विषय पर अपना व्याख्यान दिया, और उत्तराखण्ड के परिपे्रक्ष्य में इस पर सभी सहभागियों से वैचारिक मंथन भी किया। उन्होंने कहा कि ग्रामीण विकास के लिए इकोलाॅजी और इकोनाॅमी को साथ लेकर चलना होगा। हम प्रोडक्शन तो करते हैं लेकिन उसे ब्रांड नहीं दे पाते, अतः प्रोडक्ट के साथ-साथ प्रोडक्ट को ब्रांड देना होगा।
डाॅ0 जोशी ने कहा कि स्थानीय प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग स्थानीय लोगों के लिए स्थानीय स्तर पर कैसे किया जा सकता है इस बात पर चिंतन करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि ‘हेस्को’ की स्थापना इसी उद्देश्य से की गयी थी जो पिछले कई दशकों से राज्य तथा देश के कई अन्य राज्यों में स्थानीय संसाधनों को प्रयोग में लाकर ग्रामीण विकास की ओर कार्य कर रही है। डाॅ0 जोशी ने टाॅपर्स को अपनी जड़ों से जुड़े रहने का आह्वाहन करते हुए कहा कि कोई भी देश या राज्य अपने ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के बिना प्रगति की ऊँचाईयों तक नहीं पहुँच सकता।
उन्होंने कहा कि गाँव का विकास कृषि और औद्यानिकी से ही किया जा सकता है। उन्होंने गांव और शहरों के बीच बढ़ती दूरियों को चिन्ताजनक बताते हुए कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुधार लाने के लिए ज्ञान, विज्ञान, तकनीक तथा परम्परागत ज्ञान व संसाधनों के बीच समन्वय की जरूरत है।
प्रश्नोत्तर सत्र में सभी टाॅपर्स ने दोनों वक्ताओं के विषयों पर कई प्रश्न-उत्तर किये जिनकी जिज्ञासाओं का समाधान दोनों वक्ताओं द्वारा किया गया।
इस अवसर पर टाॅपर्स के साथ-साथ एस.जी.आर.आर पीजी कालेज के विद्यार्थी, सचिव राजभवन अरूण ढौंडियाल, मेडीकल विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ0 सौदान सिंह, श्रीदेव सुमन वि.वि के कुलपति डाॅ0 यू0 एस0 रावत, कुमायूँ वि.वि के कुलपति डाॅ0 एच0 एस0 धामी, यू.टी.यू के कुलपति डाॅ0 पी0 के0 गर्ग आदि उपस्थित थे।

उत्तराखण्ड सहकारी चीनी मिल्स संघ लिमिटेड के मुख्यालय भवन का शिलान्यास
देहरादून 09 अगस्त 2016(मी0से0)
स्थानीय बद्रीपुर में लगभग 2.5 करोड़ की लागत की उत्तराखण्ड सहकारी चीनी मिल्स संघ लिमिटेड के मुख्यालय भवन का शिलान्यास गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग मंत्री सुरेन्द्र सिंह नेगी ने किया।
इस अवसर पर आयोजित सभा में गन्ना किसानों को सम्बोधित करते हुए गन्ना विकास मंत्री श्री नेगी ने कहा कि भवन को मूर्त रूप देने के लिए क्षेत्र के गन्ना किसानों का योगदान सराहनीय है जिसके वे साधुवाद के पात्र हैं। उन्होंने कहा कि इस भवन की स्थापना का मूल उददेश्य गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग से जुड़ी गतिविधियों को प्रभावी ढ़ग से लागू करना है वर्तमान में मुख्यालय किराये की बिल्डिंग में चलने के कारण गन्ना किसानों तथा इससे जुड़े अधिकारियों को कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कार्यदायी संस्था उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम के प्रबन्ध निदेशक को निर्देश दिये कि भवन के डिजाइन में किसानों के लिए विश्राम कक्ष तथा गोष्ठि के लिए एक हाॅल को भी शामिल किया जाये। जिसके अतिरिक्त धनराशि का अलग से प्राविधान करने का भी आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि किसान हमारे देश की आर्थिकी रीढ़ है जिसको देखते हुए उत्तराखण्ड सरकार द्वारा किसानों के हित के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। तथा सरकार ने गन्ना किसानों के बकाया मूल्य को दिलाने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और आगे भी यह क्रम जारी रहेगा।
उन्होंने कहा कि पूर्व में देश के गन्ना किसानों का बकाया 10 हजार करोड़ था। उत्तराखण्ड सरकार की पहल पर पूर्व केन्द्रीय सरकार में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के प्रयासों से पूरे भारत के गन्ना किसानों को 6 हजार 6 सौ करोड़ रूपये के बकाया गन्ना मूल्य का पैकेज प्राप्त हुआ। इस वर्ष देश गन्ना किसानों पर बकाया मूल्य 22 हजार करोड़ रूपये हो गया। मा0 मुख्यमंत्री के लगातार प्रयासों से वर्तमान सरकार से देश के गन्ना किसानों के बकाया मूल्य के लिए 6 हजार करोड़ रूपये का पैकेज मिला। उन्होंने कहा कि इस गन्ना के बकाया मूल्य को दिलाने के लिए उत्तराखण्ड सरकार द्वारा केन्द्रीय सरकार से प्रभावी पहल की गई। उनका कहना था कि इससे गन्ना किसानों की आर्थिकी सुदृढ़ करने में मद्द मिलेगी। उन्होंने चिन्ता व्यक्त की कि वर्तमान परिपेक्ष मे लोगों का खेती की तरफ झुकाव कम हो रहा है तथा कृषि क्षेत्र लगातार कम हुआ है, जिसके कारण चीनी मिलों की पेराई की क्षमता भी बढ़ गई है, जिसको देखते हुए उत्तराखण्ड सरकार द्वारा किसानों को कम मेहनत से अधिक गन्ना मूल्य दिलाने के लिए उन्नत किस्म की गन्ने की खेती के प्रभावी प्रयास किये गये हैं। उन्होंने किसानों से नई तकनीकी से गन्ना उगाने पर जोर दिया। उन्होंने रिजेक्टेड वैरायटी वाली गन्ना प्रजाति को हतोत्साहित करने पर जोर दिया। उन्होंने अनेक गन्ना किसानों का नाम गिनाते हुए किसानों से कम क्षेत्र में अधिक गन्ना उत्पादन करने का आह्वान किया तथा महाराष्ट्र की तर्ज पर गन्ने की रिकवरी बढ़ाने की अपेक्षा की तथा किसानों से गन्ना विकास को प्राथमिकता से लेने की अपील की तथा सरकार की ओर से गन्ने के विकास के लिए हर सम्भव सहयोग करने का आश्वासन दिया। उन्होंने जानकारी दी कि पेराई सत्र 2015-16 में गन्ना किसानों को 580.62 करोड़ रूपये का गन्ना मूल्य भुगतान किया जा चुका है तथा सहकारी बैंक से लगभग 50 करोड़ रूपये ऋण दिलाने के लिए कार्यवाही गतिमान है।
इस अवसर पर गन्ना समिति के अध्यक्ष चैधरी महेन्द्र सिंह, गन्ना आयुक्त आनन्द श्रीवास्तव, पूर्व गन्ना समिति देहरादून अध्यक्ष रवि कुमार, उन्नतशील कृषक नित्यानन्द भट्ट, अख्तर भाई, सुन्दर लाल उनियाल, प्रधान प्रबन्धक नादेही आर0के0सेठ, प्रधान प्रबन्धक सितारगंज विनित जोशी, सलाहाकर एन.के.उपाध्याय, अपर सचिव/प्रबन्ध निदेशक उत्तराखण्ड शुगर्स प्रदीप रावत, उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम के अधिकारी श्री यादव महाप्रबन्धक ए.के.भट्टाचार्य सहित अनेक गन्ना किसान एवं अधिकारी उपस्थित थे।

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