देव दीवाली, कार्तिक पूर्णिमा और गुरुनानक जयंती & चंद्रग्रहण असर- राजनीति में काफी उथल-पुथल की स्थिति & 15 दिनों के अंदर 2 बड़े ग्रहण & डूम्सडे क्लॉक ने प्रलय का आंकलन जारी किया- 7 & 8 Nov
7 NOV. 22 # 08 नवंबर को शाम के समय जैसे ही चंद्रोदय होगा उसी समय चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई देगा। यह चंद्र ग्रहण शाम 6 बजकर 19 मिनट पर खत्म हो जाएगा। # राजनीति में काफी उथल-पुथल की स्थिति बनती दिख रही है # शाम 5:12 बजे से शुरू होगा ग्रहण : चंद्रग्रहण से प्रकृति के व्यवहार में बहुत हद तक बदलाव देखा जाएगा। पृथ्वी पर रहने वाले अधिकतर जीव-जंतु ग्रहण की चपेट में आएंगे। चंद्रग्रहण पर चांडाल दोष लगने की आशंका भी जताई गई है। जिससे कई राशियों के जातकों के जीवन में उथल-पुथल # वर्ष 2022 का दूसरा और आखिरी ग्रहण आठ नवंबर को # इस दिन देव दीवाली के साथ ही कार्तिक पूर्णिमा और गुरुनानक जयंती भी रहेगी। ऐसे में चंद्रग्रहण इस तिथि को खास बना रहा है। ग्रहण्ा का सूतक सुबह से शुरू होगा और ग्रहण शाम 6:23 बजे समाप्त #इस दिन शनि और मंगल के आमने-सामने होने के कारण षडाष्टक योग, नीचराज भंग और प्रीति योग # ज्योतिषाचार्य के अनुसार ने साल का आखिरी चंद्रग्रहण आठ नवंबर को भारत में 5:12 बजे से दिखाई देना शुरू होगा और शाम 6:23 बजे समाप्त # अब ऐसा संयोग 18 साल बाद : 8 नवंबर 22 (मंगलवार) को साल का आखिरी चंद्र ग्रहण: चंद्र ग्रहण का सूतक ग्रहण शुरू होने से नौ घंटे पहले सुबह 5.38 बजे से शुरू #साल का ये आखिरी चंद्रग्रहण मेष राशि में लगेगा। इस दिन मेष राशि का स्वामी मंगल तीसरे भाव में वक्री स्थिति में बना रहेगा। इस दिन चंद्रमा के साथ राहु की स्थिति होगी, लेकिन सूर्य भी केतु, शुक्र और बुध के साथ रहेगा और शनि इन सभी ग्रहों की पूर्ण दृष्टि रखेगा # मानवता का अंत कितने निकट है
By Chandra Shekhar Joshi Chief Editor www.himalayauk.org (Leading Web & Print Media) Publish at Dehradun & Haridwar. Mail; himalayauk@gmail.com Mob. 9412932030
सूतक काल के दौरान पूजा-पाठ और शुभ कार्य वर्जित होता है। 08 नवंबर को सुबह 6 बजकर 39 मिनट से सूतक काल आरंभ हो जाएगा जो ग्रहण की समाप्ति के साथ खत्म हो जाएगा। ग्रहण के दौरान इसके असर को कम करने के लिए चंद्रमा से जुड़े हुए मंत्रों का जाप करना चाहिए। ग्रहण खत्म होने पर पूरे घर में गंगाजल का छिड़काव करना चाहिए।
ग्रहण से सूर्य और चंद्रमा प्रभावित होंगे। यह एक अनूठा चंद्रग्रहण होगा। बृहस्पति की भाग्य दृष्टि भी उन पर नहीं होगी। शनि मकर राशि में रहेगा जबकि बृहस्पति अपनी मूल राशि मीन राशि में वक्री गति में रहेगा। पूर्ण चंद्रग्रहण के समय इनमें से प्रत्येक ग्रह की स्थिति का अनूठा प्रभाव पूरे देश और पूरे ग्रह पर स्पष्ट रूप से दिखाई देगा।
कार्तिक पूर्णिमा चंद्रग्रहण से एक दिन पहले सात नवंबर सोमवार से ही प्रभाव में रहेगी। पूर्णिमा तिथि सोमवार को दोपहर 3:40 बजे से आरंभ होगी, जो अगले दिन 3:35 बजे तक रहेगी। हालांकि, उदय कालिक स्थिति के आधार पर कार्तिक पूर्णिमा तिथि आठ नवंबर को मनाई जाएगी।
इस बार दो दिन दीपदान हो सकते हैं. 6 नवंबर की शाम को चतुर्दशी होने के कारण 6 से 7 नवंबर तक दीपदान किया जा सकता है. जबकि पूर्णिमा वाले दिन ग्रहण होने के कारण गंगा स्नान पड़वा यानि प्रतिपदा तिथि की सुबह भी किया जा सकता है.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार 15 दिनों के अंदर 2 बड़े ग्रहण का होना अशुभ संकेत देता है. पंडित सुरेश श्रीमाली के मानें तो ठीक ऐसा ही ग्रहण महाभारत काल में भी पड़ा था.
पंडित सुरेश श्रीमाली का कहना है कि सूर्य ग्रहण के बाद से कई हादसे देखने को मिले हैं. जैसे बांग्लादेश में तूफान, साउथ कोरिया में हेलोवीन हादसा, सोमालिया में आतंकी हमला, फिलीपींस में पैंग तूफान, गुजरात के मोरबी में पुल का टूटना आदि. इनका कहना है कि जब दो-दो ग्रहण एक साथ एक ही महीने में होते हैं तो तूफान, भूकंप, मानवीय भूल से बड़ी संख्या में जनहानि होने के योग बनते हैं. एक ही महीने में सूर्य और चंद्र ग्रहण होते हैं तो सेनाओं की हलचल बढ़ती है. सरकारों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.प्राकृतिक आपदा आने के योग रहते हैं.
मान्यता के अनुसार दिवाली के 15 दिन बाद देव दिवाली मनाई जाती है. लेकिन इस बार कार्तिक मास की पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है. ऐसे में इस बार देव दीपावली पूर्णिमा से एक दिन पहले 7 नवम्बर 2022 को मनाई जाएगी.
डूम्सडे क्लॉक (Doomsday Clock) ने चेतावनी जारी की है कि दुनिया परमाणु युद्ध (Nuclear War) की नींद में चल रही है.
यह भी जानिए : डूम्सडे क्लॉक एक सांकेतिक घड़ी (Symbolic Clock) है, जिसके माध्यम से दुनियाभर के शीर्ष परमाणु वैज्ञानिक हर साल कयामत के दिन (Doomsday) यानी प्रलय का आंकलन जारी करते हैं. इस घड़ी के माध्यम से बताया जाता है कि परमाणु युद्ध और जलवायु परिवर्तन (Climate Change) जैसे संकटों से मानवता का अंत कितने निकट है. एक एनजीओ ‘बुलेटिन ऑफ द एटोमिक साइंटिस्ट्स’ ने 1945 में डूम्सडे क्लॉक की स्थापना की थी. इसका उद्देश्य उन खतरों के बारे में याद दिलाते रहना है, जिनसे धरती पर जीवन को खतरा है. इस घड़ी में मध्य रात्रि के 12 बजने का अर्थ है कि प्रलय का अंत बेहद करीब है या दुनिया में परमाणु युद्ध होने की आशंका 100 फीसदी है. एनजीओ के सहयोगी संपादक फ्रांस्वा डियाज-मॉरिन ने न्यूजवीक को बताया, ”स्पष्ट है, यूक्रेन जंग के दौरान और अब भी दुनिया परमाणु युद्ध की नींद में रही हो सकती है.
8 Nov 22 चंद्र ग्रहण के दौरान इन चीजों का करें दान:
ज्योतिष शास्त्र में ग्रहण को अशुभ माना जाता है। इस दौरान कई चीजों का निषेध होता है। चंद्र ग्रहण के दौरान कुछ चीजों का दान अवश्य करे ग्रहण के दौरान सफेद रंग की वस्तुओं का दान करना विशेष महत्व रखता है। चंद्र ग्रहण के बाद चीनी या सफेद वस्त्र का दान करे
8 नवंबर 2022 का चंद्र ग्रहण क्यों इतना विशेष माना जा रहा है? देश दुनिया पर इसका क्या असर होगा, मेष से मीन राशि तक के लोगों के लिए ये ग्रहण क्या लेकर आ रहा
सूर्य ग्रहण के महज 15 दिनों में लगने जा रहा है साल का अंतिम चंद्र ग्रहण मंगलवार 8 नवम्बर कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन खग्रास चन्द्र ग्रहण है. ऐसा होने से कई राशियों की बदलेगी चाल और कई राशियों पर इसका दुष्प्रभाव भी पड़ेगा. साथ ही कुछ राशियों का चंद्रग्रहण के प्रभाव से बंद किस्मत के ताले खुल जाएंगे.
चंद्र ग्रहण का सूतक काल 12 घंटे पहले लग जाता है जो कि ग्रहण समाप्ति के साथ ही खत्म हो जाता है. ऐसे में सूतक लगने से पहले देव दिवाली मनाई जाएगी. 8 नवंबर 2022 को सुबह 5 बजकर 53 मिनट पर सुतक लग जाएगा. शाम 5 बजकर 53 मिनट पर ग्रहण दिखाई देगा और शाम 6 बजकर 19 मिनट पर खत्म होगा.
चंद्र ग्रहण भरणी नक्षत्र और मेष राशि में घटित होगा, जो इस नक्षत्र और राशि में जन्मे व्यक्तियों को कष्टप्रद रहेगा. ग्रहण के समय चंद्र राहू- का सूर्य-बुध-शुक्र-केतु से समसप्तक योग बनने से यह कार्तिक मास में मंगलवार को होने से जन धन की हानि तथा धातु व रस पदार्थों में तेजी भी ला सकता है. इसके साथ साथ ही लूटपाट, चोरी, डकैती, अग्नि कांड, प्रदर्शन आदि जैसी घटनाएं बढ़ सकती हैं. शीतकालीन फसलों में रोग का प्रकोप देखने को मिल सकता है. राजनीति में काफी उथल-पुथल की स्थिति बनती दिख रही है.
कार्तिक पूर्णिमा 7 नवंबर की शाम करीब 4:40 बजे शुरू होगी, जो कि अगले दिन यानी 8 तारीख की शाम तक रहेगी। इस वजह से दो दिन देव दीपावली है। 7 नवंबर की शाम को दीपदान कर सकते हैं। अगर 8 नवंबर को दीपदान करना चाहते हैं तो ग्रहण खत्म होने तक इंतजार करना होगा। 6.19 बजे ग्रहण खत्म होने के बाद स्नान करें और फिर दीपदान करें। दान-पुण्य दोनों दिन कर सकते हैं। भगवान सत्यनारायण की कथा करना चाहते हैं तो 7 नवंबर को कर सकते हैं।
चंद्रग्रहण से मिथुुन, कर्क, वृश्चिक और कुंभ राशि वालों को लाभ होगा। इस ग्रहण से मिथुुन राशि वाले जातकों को लाभ, कर्क वालों को सुख, वृश्चिक को सुख, कुंभ को श्री हासिल होगा। इसी तरह मेष को घात, वृष को हानि, सिंह को मान नाश, कन्या को मृत्यु तुल्य कष्ट, तुला को स्त्री पीड़ा, धनु वालों को चिंता, मकर को व्यथा और मीन वालों को क्षति का फल प्राप्त होगा। ग्रहण के समय मूर्ति स्पर्श एवं भोजन निषेध है। ईश्वर का स्मरण, जाप करने से दोष का असर कम होता है।नवंबर के महीने में कई ग्रहों का गोचर होने वाला है। लेकिन 13 नवंबर को एक साथ दो बड़े ग्रह एक साथ राशि परिवर्तन करेंगे, जिससे की कई राशियों के लोगों को जीवन में उतार-चढ़ाव देखने को मिलेगा। ज्योतिषाचार्यों को अनुसार ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति के अनुसार नवंबर का महीना बहुत खास माना जा रहा है। जिसमें 13 नवंबर 2022 को मंगल वृषभ राशि और बुध वृश्चिक राशि में प्रवेश करेंगे। इन दोनों ग्रहों के गोचर के कारण कुछ राशियों पर शुभ प्रभाव डालेगा तो कुछ को इसके बुरे प्रभाव देखने को मिलेंगे। राशियों पर दिखेगा क्या प्रभाव-वृषभ राशि-मंगल और बुध का राशि परिवर्तन इस राशि वाले जातकों के लिए बहुत शुभ होने वाला है। कर्क राशि आपको थोड़ा सतर्क रहने की जरूरत है। सिंह राशि वाले जातकों पर मंगल और बुध ग्रहों के गोचर का शुभ प्रभाव देखने को मिलेगा, धनु : सफलता के योग मकर; मकर राशि के लिए मंगल और बुध का गोचर अच्छा माना जा रहा है