पीएम मोदी दूसरे देश के नेताओं की बात कैसे समझ पाते हैं ?

पीएम मोदी को केवल गुजराती, हिंदी और अंग्रेजी भाषा बोलने, लिखने और पढ़ने आती है। ऐसे में सवाल ये भी है वो इन देश के नेताओं के साथ कैसे बातचीत करते हैं।  पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह हिन्दी नहीं पढ़ सकते थे और उनके भाषण उर्दू में लिखे होते थे? अटल बिहारी वाजपेयी  11 भाषाओं के ज्ञाता है ;  

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देश की जानी मानी भाषा अनुवादक गुरदीप चावला ही वह महिला है जो जब पीएम मोदी विदेशी दौरे पर हिंदी में भाषण देते हैं तो गुरदीप पीछे बैठकर उसका अंग्रेजी में लाइव अनुवाद करती हैं, जिससे विदेशी मेहमान और नेता पीएम मोदी का भाषण को समझ पाते हैं। 
पीएम जब विदेशों जाते हैं तो वो वहां के नेताओं से कैसे बात करते हैं और जब वे हिंदी में भाषण देते हैं तो दुसरे देश के नेता उनकी बातों को कैसे समझ पाते हैं। पीएम मोदी ने साल 2014 में देश का पीएम बनने से लेकर अभी तक कई देशों के दौरे किये हैं। पीएम मोदी ने अपने हर विदेश दौरे पर वहाँ के प्रमुखों से बातचीत की, लेकिन सवाल ये उठता है कि पीएम मोदी उस देश के नेताओं से बात कैसे करते हैं। आपको बता दें कि पीएम मोदी को केवल गुजराती, हिंदी और अंग्रेजी भाषा बोलने, लिखने और पढ़ने आती है। ऐसे में सवाल ये भी है वो इन देश के नेताओं के साथ कैसे बातचीत करते हैं। दरअसल, इस काम में एक महिला उनकी मदद करती है। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा से लेकर फेसबुक के सीईओ तक पीएम मोदी जिससे भी मिलते हैं गुरदीप उनके साथ दिखाई देती हैं।
संयुक्त राष्ट्र में पीएम मोदी का जोरदार भाषण याद होगा। पीएम मोदी ने संयुक्त राष्ट्र के मंच से आतंकवाद पर पाकिस्तान को जमकर सुनाया था और उनके इस भाषण की खुब तारीफ हुई थी। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी की आप जिस आवाज को सुन रहे थे उसके पीछे गुरदीप चावला थीं। दरअसल, गुरदीप चावला पीएम मोदी के भाषण का अंग्रेजी में अनुवाद कर रही थीं और हम सब उनके माध्यम से भाषण सुन रहे थे।
गुरदीप चावला 27 साल से भाषा अनुवादक का कार्य कर रही हैं। साल 1990 में गुरदीप ने संसद भवन में भाषा अनुवादक के तौर पर कार्य करना शुरु किया था। संसद भवन के जैसे दस्तावेजों का अनुवाद करते हुए उन्होंने 1996 तक यहां काम किया। लगभग 6 साल तक संसद भवन में काम करने के बाद गुरदीप ने नौकरी छोड़ दी और पति के साथ अमेरिका चली गई। गुरदीप बताती हैं कि संसद में अनुवादक के तौर पर उन्हें जो ट्रेनिंग मिली, वो कोई प्रोफेशनल स्कूल नहीं सिखा सकता।
पीएम जब विदेशी दौरे पर होते हैं या कोई विदेशी नेता भारत आता है तो गुरदीप मोदी के साथ नजर आती हैं। मोदी जब भी कभी हिंदी में भाषण देते हैं तो गुरदीप उस भाषण का अंग्रेजी में अनुवाद करती हैं जिससे वर्ल्ड लीडर उनके भाषण को समझ पाते हैं। 2014 में मेडिसन स्कवॉयर गार्डन के कार्यक्रम में जब मोदी ने करीब 18 हजार भारतीयों को संबोधित किया था उस दौरान भी गुरदीप चावला ने हिंदी में अनुवाद किया था। वे मोदी के साथ उन्हीं के विशेष विमान से वाशिंगटन गई थीं। उस दौरान उन्होंने पीएम मोदी और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति ओबामा के बीच बातचीत का ट्रांस्लेशन किया था।
गुरदीप ने 1990 में भारतीय संसद से करियर की शुरुआत की थी। 1996 में शादी के बाद उन्हें यह काम छोड़ना पड़ा। वे अपने पति के साथ अमेरिका चली गईं। इसके बाद 2010 में उन्हें ओबामा का इंटरप्रिटेटर बनने का मौका मिला, तब ओबामा पहली बार भारत दौरे पर आए थे। इस दौरान गुदीप उनकी इंटरप्रिटेटर बनकर भारत आई थी। अब वह पीएम मोदी के लिए अनुवाद करती है। बाकौल गुरदीप अनुवादक के तौर पर उनकी जो ट्रेनिंग संसद में हुई, वो किसी भी प्रोफेशनल स्कूल में सिखाई नहीं जा सकती।
गुरदीप के मुताबिक भाषा अनुवादक के सामने सबसे बड़ा चैलेंज ये होता है कि उसे विदेशी नेताओं के भाषण पर 100 फीसदी फोकस करना पड़ता है और फिर उसी परिपेक्ष और अंदाज में रूपांतरित करना पड़ता है। इस लाइन में कोई लाइफलाइन नहीं होती है।

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