एक बेहतरीन राजनेता आज अकेला दिख रहा है
एक बेहतरीन राजनेता आज अकेला दिख रहा है… आज फेसबुक पर यह कमेन्ट था उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्यमत्री पर- वही वह अपनी मौजूदगी जताने के लिए हास्यास्पद तरीके अपना रहे हैं – कभी गैरसैण में सत्र के नाम पर धरने पर बैठने की बात हो, फिर अगले दिन ही म0प्र0 में किसानों के मामले को लेकर हरिद्वार में तप करने का-
एक बडे राजनेता की यह हरकत आम जनता को पच नही रही है जब समय प्रतिकूल हो तो शांत बैठना ही उचित माना जाता है- जब पाण्डव भी सत्ता से दूर हो गये थे तो उन्होंने अपने नाम तक को छुपा दिया था- इसी तरह हरीश रावत जी छोटी मोटी उजूल फिजूल हरकतो से जनता में हास्यास्पद ही बनेगे, क्योंकि उन्हें यह नही भूलना चाहिए कि उनके कार्यो से बुरी तरह नाराज थी उत्तराख्ण्ड की जनता- उनको नही भूलना चाहिए- कांग्रेस हाईकमान उनसे बुरी तरह नाराज है, जनता नाराज न होती तो एक सीट तो देती- उनको गुमनामी में जाकर वहां तप करके मंथन करना चाहिए-
यह वह जनता थी जिसने हरीश रावत को सिर पर बैठाया था, मुख्यमंत्री बनते ही तीन तीन विधानसभा उप चुनाव जिताये थे- जबकि उस समय वह दिल्ली में गर्दन के इलाज के लिए भर्ती थे- जब जनता ने उन्हें इतना प्रचण्ड समर्थन दिया था तो जब वह जनता के मापदण्डो पर खरे नही उतरे तो उन्हें चाहिए समय का इंतजार करें- अपने साथ के कॉकस को दूर करें- साथ सुथरी छवि के लोग सोशल मीडिया में उनके साथ दिखे- अन्यथा 2019 में एक पटकनी के लिए और तैयार हो जाये-
मीडिया को आकर्षित करने के लिए हरीश रावत जी पाण्डवों की तरह गुमनामी में जाना ही उचित रहेगा- जहां से समय आने पर ही वह आये, इस तरह काफल व चाट का आनन्द उनको एक बार फिर पटकनी देगा-
वही प्राप्त विवरण के अनुसार पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत जी ने अपने कैम्प कार्यालय राजपुर रोड़, देहरादून में उत्तराखण्ड की परम्परा व संस्कृति को जोड़ते हुए काफल पार्टी का आयोजन किया। जिसमें पत्रकार बन्धु, समाजसेवा से जुड़े लोग व कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के साथ काफल व चाट का आनन्द लिया। उन्होंने इस अवसर पर बोलते हुए कहा काफल फल ही नहीं है यह हमारी संस्कृति, परम्परा व बेटी के अपने मायके से रिश्ते का प्रतिक है। उन्होंने कुछ पत्रकारों के इसके राजनैतिक निहर्ताथ के सवाल पर कहा कि मैं तो यह चाहता हॅू कि इस परम्परा से जुड़े और इस परम्परा को आगे भी बढ़ायें। उन्होंने कहा कि उन्हें खुशी है कि मेरी इस काफल पार्टी में बढ़चड़ कर सिरकत की, मुझे विश्वास है कि उनके द्वारा पर्वतीय क्षेत्र की विकास जो योजनाऐं, गांव के विकास का जो ऐंजडा मैंने बनाया था, मेरा मडुवा, कोदो, झंगोरा फोकस में रहेगा व मेरा उत्तराखण्ड व गैरसैंण का एजेंडा मजबूत होगा। हर गांव का विकास सरकार का केन्द्र बिन्दु बनेगा। पर्वतीय क्षेत्र का दुर्गम विकट जीवन को राहत पहुंचाने वाला उनका रोड़ मैप से कोई हटा नहीं पायेगा। इस अवसर पर अखिल भारतीय कांग्रेस केमटी के राष्ट्रीय सचिव एवं विधायक काजी निजामुद्दीन, महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय सचिव अनुपमा रावत, पूर्व मुख्यमंत्री के मुख्य प्रवक्ता, सुरेन्द्र कुमार, कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता मथुरा दत्त जोशी, प्रवक्ता आर0पी0 रतूड़ी, गरिमा दसौनी, संजय भट्ट, शोभा राम, स्टेट यूनियन नेता रवि पचैरी, आर0ए0 खान, उपाध्यक्ष, मदरसा बोर्ड, इकबाल सिद्वक्की, प्रदेश सचिव, कमल रावत, सय्यद मोहम्मद कासिम, कमल शर्मा, साधना तिवारी कई समाज सेवी एवं कांग्रेस नेता आदि उपस्थित थे।
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