हरीश रावत- वही अपने शांत, सौम्य व्यवहार के साथ मोदी जी के होगे सम्मुख
अरविंद केजरीवाल जो लगातार केंद्र से अपने अधिकारों के लेकर लड़ाई लड रहे हैं कल वो मोदी जी के सम्मुख आक्रामक तेवर के साथ होगे, वही हरीश रावत- वही अपने शांत, सौम्य व्यवहार के साथ मोदी जी से मुलाकात करेेगे- www.himalayauk.org (Newsportal)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शनिवार को देश के राज्यों से आ रहे 29 मुख्यमंत्रियों से मुलाकात होगी। इन मुख्यमंत्रियों में कई लगातार केंद्र सरकार पर राज्य सरकार के काम में बाधा पहुंचाने का आरोप लगाते रहे हैं।
ऐसे ही मुख्यमंत्रियों में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी हैं जो लगातार केंद्र से अपने अधिकारों के लेकर लड़ाई करते आ रहे हैं। इतना ही नहीं दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार अधिकारों की इस जंग को लेकर खुद ही दिल्ली हाईकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गई है। उधर, इस बैठक में शामिल होने के लिए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत भी आ रहे हैं। रावत को भी हाल ही सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मुख्यमंत्री की कुर्सी मिली थी। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि इस राज्य में केंद्र ने अनधिकृत तौर पर राष्ट्रपति शासन लगाया था।
सूत्रों का कहना है कि पीएम नरेंद्र मोदी इस बैठक में राज्य सरकारों को मजबूती प्रदान करने के अपने इरादों से मुख्यमंत्रियों को अवगत कराएंगे। यह बात पीएम मोदी अक्सर कई मंचों से कहते भी रहते हैं। जब दिल्ली में तमाम मुख्यमंत्रियों की बैठक चल रही होगी तब अरुणाचल प्रदेश में नबाम तुकी विधानसभा में अपना बहुमत साबित कर रहे होंगे। तुकी को भी राज्य में सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश के बाद पुन: सीएम बनाया है। इस मामले में बुधवार को दिए गए अपने आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उत्तराखंड की भांति अरुणाचल में भी केंद्र ने गलत तरीके से राष्ट्रपति शासन लगाया था।
नबाम तुकी की स्थिति तय करेगी बैठक की दिशा
तुकी के लिए विधानसभा में बहुमत साबित करना काफी मुश्किल जान पड़ रहा है क्योंकि कांग्रेस पार्टी के कई विधायकों ने पार्टी छोड़कर अपना एक अलग दल बना लिया है।
अगर अरुणाचल में तुकी की सत्ता बरकरार रहती है तो सभी विपक्षी केंद्र पर हमलावर हो जाएंगे। ऐसे में राज्यों में विपक्षी दलों की सरकार का नेतृत्व कर रहे मुख्यमंत्रियों को यह मौका भी मिल गया है कि वह यह बता सकें कि केंद्र उनके साथ सौतेला व्यवहार कर रहा है। कहा जा रहा है कि अगर अरुणाचल में तुकी की सत्ता बरकरार रहती है तो सभी विपक्षी केंद्र पर हमलावर हो जाएंगे वहीं उलट होने पर केंद्र सरकार हमलावर हो सकती है। इसलिए माना जा रहा है कि कल की बैठक हंगामेदार हो सकती है।
दस सालों में पहली बार हो रही है बैठक
पिछले 10 सालों में यह मीटिंग पहली बार होने जा रही है। यह मीटिंग भारत के इंटर-स्टेट काउंसिल द्वारा आयोजित की जा रही है। इस काउंसिल को 1990 में बनाया गया था। इस बैठक में पीएम के अलावा छह कैबिनेट मंत्री, सभी मुख्यमंत्री और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रमुख तमाम योजनाओं के क्रियान्वयन और नीति निर्धारण की प्रक्रिया पर बातचीत करेंगे।
विपक्षी दल हाल के घटनाक्रमों को लेकर भटकाने का प्रयास करेंगे
सूत्रों का कहना है कि बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों से कहा गया है कि अगर विपक्षी दल इस बैठक में हाल के घटनाक्रमों के आधार पर भटकाने का प्रयास करें तो वे मिलकर बैठक की सार्थकता बनाए रखने का प्रयास करें। रिपोर्टों में कहा गया है कि प्रधानमंत्री मोदी चाहते हैं कि इस बैठक में आधार योजना की कामयाबी, और इसके जरिए लोगों तक सरकारी सब्सिडी का लाभ पहुंचाने की कामयाबी को प्रमुखता दी जाए।
जीएसटी पर मुख्यमंत्रियों की राय लेने के इच्छुक हैं पीएम
सूत्र बता रहे हैं कि पीएम इस बैठक के जरिए जीएसटी पर भी मुख्यमंत्रियों की राय लेना चाहते हैं। सरकार इस बार मॉनसून सत्र में इस बिल को पास कराना चाहती है। इस बिल को लोकसभा पारित कर चुकी है जहां पर बीजेपी और सहयोगी दल बहुमत में हैं लेकिन राज्यसभा में बिल गिर गया है जहां पर विपक्षी दल बहुमत में हैं।