हार्ट अटैक ;10 सेकेंड में खुद अपनी जिंदगी कैसे बचाएं- एक्सक्लूसिव

HIGH LIGHT# देश में हार्ट अटैक की वजह से हर घंटे 33 में से 1 शख्स अपनी जान गंवाता हैं # हार्ट अटैक का दर्द उठने पर तुरन्त यह कार्य करे # हार्ट में ब्लॉकेज होना (heart blockage) एक बहुत ही गंभीर बीमारी # दिल की धड़कन बहुत धीरे-धीरे चलने लगती है #   हार्ट ब्लॉकेज खोलने के घरेलू उपाय (ayurvedic treatment for heart blockage) बीमारी का इलाज कर सकते हैं # आयुर्वेद के अनुसार, हार्ट के ब्लॉकेज को खोलने के लिए अनेक असरदार उपाय # ये हाट॔ अटैक का दद॔ हो सकता है # हार्ट ब्लॉकेज खोलने के उपाय के लिए इन घरेलू तरीकों (heart blockage treatment in ayurveda) को प्रयोग में लाकर देख सकते हैं # चिंता कम से कम करें # हार्ट के ब्लॉकेज को जाँचने के लिए इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (electro cardiogram) यानि ईसीजी टेस्ट किया जाता है।

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HIGH LIGHT# हाट॔ अटैक से बचा जा सकता #लाल मिच॔ चबा के खाने से हाट॔ अटैक से बचा जा सकता हैं # हार्ट अटैक के बचने के लिए तुलसी बहुत ही फायदेमंद होती है # इलायची हार्ट ब्लॉकेज की संभावना को कम करना है। # अनार में धमनियों की परत को क्षतिग्रस्त होने से रोकता है # हार्ट से जुड़ी बीमारियों जैसे कि हाई कोलेस्ट्रॉल, ब्लड प्रेशर, आर्टरी में ब्लॉकेज और कोरोनरी आर्टरी डिज़ीज़ के इलाज में अर्जुन वृक्ष की छाल से फायदा #दालचीनी हार्ट अटैक के लक्षणों से राहत पाने, और हार्ट ब्लॉकेज खोलने में सहायता कर सकता है # हार्ट ब्लॉकेल को खोलने के लिए अलसी का घरेलू उपचार लाभप्रद # हल्दी बंद धमनियों को खोलने का काम करता है #नींबू रक्त प्रवाह में ऑक्सीडेटिंव के नुकसान को रोकता है, # अंगूर सेवन से उम्र भी बढ़ती है, क्योंकि यह नई टिशू के निर्माण में सहायक है # हार्ट के ब्लॉकेज को खोलने के लिए अदरक #अपने साथ हमेशा डिस्प्रिन की गोली रखें ताकि अचानक किसी तरह की समस्या महसूस होने पर उसका इस्तेमाल किया जा सके. हार्ट अटैक होने की स्थिति में डिस्प्रिन की गोली चबा लें. # # #

लाल मिर्च का इस्तेमाल  इसमें मौजूद कैप्सेसिन नामक तत्व खराब कोलेस्ट्रॉल या एलडीएल ऑक्सीकरण से बचाता है। यह रक्त में खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करता है, जो धमनियों के बंद होने के मुख्य कारणों में से एक है। इसके अलावा यह ब्लड सर्कुलेशन में सुधार करता है। यह दिल के दौरे और स्ट्रोक के खतरे को भी कम (ayurvedic treatment for heart blockage) करता है। गर्म पानी के एक कप में आधा या एक चम्मच लाल मिर्च मिला लें। कुछ हफ्तों के लए इसे नियमित रूप से लें। इसके अलावा लाल मिर्च के सप्लीमेंट भी ले सकते हैं। 

हार्ट अटैक के बचने के लिए तुलसी बहुत ही फायदेमंद होती है। तुलसी के 25-30 पत्तोंं का रस, 1 नींबू तथा थ़ोड़ा-सा शहद (अगर ड़ायबिटीज नहीं है तो) थोड़ी मात्रा में चाटें, या पानी में मिलाकर पियें। यह हार्ट ब्लॉकेज का देसी इलाज (heart blockage ka desi ilaj) है। 

इलायची ब्लड में कोलेस्ट्रोल के लेवल को बेहतर करने के साथ-साथ रक्त में फाइब्रिनोलिटिक गतिविधि को भी बढ़ाता है। फाइब्रिनोलिटिक का काम रक्त का थक्का को बनने से रोकना, और हार्ट ब्लॉकेज की संभावना को कम करना है।

हाट॔ अटैक आने से पहले बाए हाथ की कोहनी से कंधे तक का भाग दद॔ करता है! उसी तरह बाया कान या कनपटटी का भाग दद॔ करता है! गैस के कारण सीने मे होने वाले दद॔ मे ये लक्षण नही होते है! अगर गैस के कारण दद॔ है तो थोडासा अदरक एक चुटकी सैधा नमक के साथ खाने से 5 मिनट के अंदर आराम मिलता है ! अगर इस से आराम नही मिलता है तो ये हाट॔ अटैक का दद॔ हो सकता है ! ऐसी स्थिती मे लाल मिच॔ चबा के खाने से हाट॔ अटैक से बचा जा सकता

दुसरा उपाय : हाट॔ अटैक से बचने के लिए ऐसे व्यक्ति को श्यामा तुलसी के पत्तो को नमक के पानी से धोकर पीस ले और उसका आधा चम्मच रस पिला दे! ईस से उस व्यक्ति के शरीर मे ऑक्सीजन की मात्रा बढ जायेगी और जान बच जायेगी !

दिल का दौरा चिकित्सकीय आपातकाल होता है. आमतौर पर दिल का दौरा तब होता है जब रक्त का कोई थक्का हृदय की ओर रक्त के बहाव को रोक देता है. रक्त के बिना ऊतक को ऑक्सिजन नहीं मिल पाती और वह मर जाता है. लक्षणों में छाती, गर्दन, पीठ, या बांंहों में खिंचाव या दर्द के साथ थकान, चक्कर, असामान्य हृदयगति, और चिंता शामिल होती है. पुरुषों की तुलना में महिलाओं में अधिक असामान्य लक्षणों की संभावना होती है. इसके उपचार में जीवन शैली में बदलाव और दिल की बीमारियों के इलाज के बाद की देख-रेख (रिहैबिलिटेशन) से लेकर दवाएं, स्टेंट और बायपास ऑपरेशन शामिल हैं.

अनार में धमनियों की परत को क्षतिग्रस्त होने से रोकता है-

अनार में फाइटोकेमिकल्स होता है, जो एंटी-ऑक्सीडेंट के रूप में धमनियों की परत को क्षतिग्रस्त होने से रोकता है। रोजाना एक कप अनार के रस का सेवन करें। अनार का सेवन हार्ट अटैक से बचने का उपाय (ayurvedic treatment for heart blockage) है। हार्ट ब्लॉकेज के लक्षणों से राहत पाने में अनार का घरेलू उपाय फायदेमंद साबित होता है।

हार्ट से जुड़ी बीमारियों जैसे कि हाई कोलेस्ट्रॉल, ब्लड प्रेशर, आर्टरी में ब्लॉकेज और कोरोनरी आर्टरी डिज़ीज़ के इलाज में अर्जुन वृक्ष की छाल से फायदा

हार्ट से जुड़ी बीमारियों जैसे कि हाई कोलेस्ट्रॉल, ब्लड प्रेशर, आर्टरी में ब्लॉकेज और कोरोनरी आर्टरी डिज़ीज़ के इलाज में अर्जुन वृक्ष की छाल से फायदा होता है। यह कोलेस्ट्रोल लेवल को नियमित रखता है, और दिल को स्वस्थ बनाता है। इसकी छाल में प्राकृतिक ऑक्सिडाइजिंग होता है। हार्ट अटैक से बचने के उपाय में अर्जुन वृक्ष की छाल का औषधि के रूप में किया जाता है। आप अर्जुन की छाल के प्रयोग के बारे में किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श ले सकते हैं।

दालचीनी हार्ट अटैक के लक्षणों से राहत पाने, और हार्ट ब्लॉकेज खोलने में सहायता कर सकता है।

यह बेकार कोलेस्ट्रॉल को शरीर से कम करती है, और हार्ट को मजबूती प्रदान करती है। इसमें भी ओक्सिडाइजिंग तत्व होते हैं। इसके नियमित इस्तेमाल से सांसों की तकलीफ दूर होती है। दालचीनी हार्ट अटैक के लक्षणों से राहत पाने, और हार्ट ब्लॉकेज खोलने में सहायता कर सकता है।

हार्ट ब्लॉकेल को खोलने के लिए अलसी का घरेलू उपचार लाभप्रद

अलसी के बीज रक्तचाप और सूजन को कम करने में मदद करते हैं। यह अल्फालिनोलेनिक एसिड (ALA) के सबसे अच्छे स्रोतों में से एक है। यह बंद धमनियों को साफ रखने, और पूरे ह्रदय के स्वास्थ्य में सुधार करने में मदद करता है। हार्ट ब्लॉकेल को खोलने के लिए अलसी का घरेलू उपचार लाभप्रद साबित हो सकता है। इससे हार्ट अटैक के लक्षणों से राहत मिलने में मदद मिलती है। अलसी में बहुत अधिक मात्रा में फाइबर एलडीएल होता है, जो धमनियों को साफ करने में मदद करता है। आप एक चम्मच अलसी के बीज को नियमित रूप से पानी के साथ लें। इसके अलावा आप इसको जूस, सूप या स्मूदी में मिलाकर भी ले सकते हैं।

हल्दी बंद धमनियों को खोलने का काम करता है

हल्दी बंद धमनियों को खोलने का काम करता है। हल्दी में करक्यूमिन रहता है, जिसमें एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-इन्फ्लामेटरी गुण होता है। यह खून को जमने में रोकता है। गर्म दूध में रोजाना हल्दी मिलाकर सेवन करना चाहिए। सर्दियों से हल्दी का प्रयोग कई तरह के बीमारियों से राहत पाने के लिए किया जाता है। यह हार्ट ब्लॉकेज का देसी इलाज है। 

नींबू रक्त प्रवाह में ऑक्सीडेटिंव के नुकसान को रोकता है,

नींबू विटामिन-सी से भरपूर एक शक्तिशाली एंटी-ऑक्सीडेंट है। यह रक्तचाप में सुधार लाने, और धमनियों की सूजन को कम करने में मदद करता है। इसके अलावा, नींबू ब्लड कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने, और रक्त प्रवाह में ऑक्सीडेटिंव के नुकसान को रोकता है, तथा धमनियों को साफ करता है। इसके लिए आप गुनगुने पानी के एक गिलास में थोड़ा-सा शहद, काली मिर्च पाउडर और एक नींबू का रस मिला लें। कुछ हफ्तों के लिए दिन में एक या दो बार लें।

अंगूर सेवन से उम्र भी बढ़ती है, क्योंकि यह नई टिशू के निर्माण में सहायक है

अंगूर स्वादिष्ट और सेहतमंद फल है। अंगूर में कैलोरी, फाइबर के साथ-साथ विटामिन-सी, विटामिन-ई भरपूर मात्रा में मिलता है। अंगूर के रोजाना सेवन से उम्र भी बढ़ती है, क्योंकि यह नई टिशू के निर्माण में सहायक है। यह हार्ट अटैक के लक्षणों से राहत मिलने में भी मदद करता है।

हार्ट के ब्लॉकेज को खोलने के लिए अदरक

हार्ट के ब्लॉकेज को खोलने के लिए अदरक एक लाभकारी औषधि के रूप में काम करता है। इसके सेवन से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता अच्छी होती है। इसके अलावा हृदय रोग के लक्षणों से राहत मिलती है। प्रयोग की जानकारी किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से जरूर लें।

अगर आपके सीने में तेज दर्द होता है जो आपके हाथों से होता हुआ आपके जबड़ों तक पहुंच जाता है. आप अपने घर से सबसे नजदीक अस्पताल से 5 मील दूर हैं और दुर्भाग्यवश आपको ये नहीं समझ मे आ रहा कि आप वहां तक पहुंच पाएंगे कि नहीं.   जब कोई रास्ता ना बचा हो तो दिल का दौरा पड़ने पर आप जान कैसे बचा सकते हैं.

ज्यादातर लोग दिल के दौरे के वक्त अकेले होते हैं. बिना किसी की मदद के उन्हें सांस लेने में तकलीफ होती है. वो बेहोश होने लगते हैं और उनके पास मुश्किल से सिर्फ 10 सेकेंड होते हैं. ऐसी हालत में जोर-जोर से खांस कर खुद को सामान्य रखा जा सकता है. एक जोर की खांसी लेनी चाहिए. खांसी इतनी तेज हो कि छाती से थूक निकले. जब तक मदद न आये ये प्रक्रिया दो सेकेंड में दोहराई जाए ताकि धड़कन सामान्य हो जाए. जोर की सांसें फेफड़ों में ऑक्सीजन पैदा करती हैं और जोर की खांसी की वजह से दिल सिकुड़ता है जिससे रक्त संचालन नियमित रूप से चलता है.

जब हृदय में स्थित धमनियों की दीवारों में कफ धातु जमा हो जाता है, तो उससे पैदा होने वाला विकार को हार्ट ब्लॉकेज (ह्रदय प्रतिचय) कहते हैं। आधुनिक रहन-सहन और खाने-पीने में लापरवाही की आदतों के चलते अधिकांश लोगों में हार्ट ब्लॉकेज की समस्या आम होती जा रही है।  हार्ट ब्लॉकेज की समस्या जन्मजात भी होती है। जन्मजात ब्लॉकेज की समस्या को कॉन्जेनिटल हार्ट ब्लॉकेज (Congenital heart blockage) कहते हैं। बाद में हुई समस्या को एक्वायर्ड हार्ट ब्लॉकेज (acquired heart blockage) कहते हैं।

कोरोनरी आर्टरीज (धमनी) में किसी भी तरह की रुकावट के कारण हृदय में रक्त की आपूर्ति प्रभावित होती है। इससे रक्त के थक्के बनने लगते हैं, जिसके कारण हार्ट अटैक या दिल का दौरा पड़ता है। इसे एक्यूट मायोकार्डियल इंफार्कशन कहा जाता है।

ब्लॉक, कोलेस्ट्रॉल, फैट, फाइबर टिश्यू और सफेद रक्त कोशिकाओं के मिश्रण से होता है। यह मिश्रण धीरे-धीरे नसों की दीवारों पर चिपक जाता है। इससे ही हार्ट ब्लॉक होने लगता है। हार्ट में ब्लॉक दो तरह का होता है। जब यह गाढ़ा और सख्त होता है, तो ऐसे ब्लॉक को स्टेबल ब्लॉक कहा जाता है। जब यह मुलायम होता है तो इसे तोड़े जाने के अनुकूल माना जाता है। इसे अनस्टेबल ब्लॉक कहा जाता है।

इस तरह का ब्लॉक धीरे-धीरे बढ़ता है। ऐसे में रक्त प्रवाह को नई आर्टरीज (Artries) का रास्ता ढूंढ़ने का मौका मिल जाता है। इसे कोलेटरल वेसेल (Collateral Vessal) कहते हैं। ये वेसेल, ब्लॉक हो चुकी आर्टरी को बाईपास कर देती है, और दिल की मांसपेशियों तक आवश्यक रक्त और ऑक्सीजन पहुंचाती है। स्टेबल ब्लॉक से रूकावट की मात्रा से कोई फर्क नहीं पड़ता। इससे गंभीर दिल का दौरा भी नहीं पड़ता है।

अस्थाई ब्लॉक में, ब्लॉक के टूटने पर, एक खतरनाक थक्का बन जाता है। इससे कोलेटरल को विकसित होने का पूरा समय नहीं मिल पाता है। व्यक्ति की मांसपेशियां (Muscle) गंभीर रूप से डैमेज हो जाती हैं। कई बार इससे रोगी को अचानक दिल का दौरा पड़ता है, या रोगी कार्डिएक डेथ (Sudden Cardiac death) का शिकार हो जाता है।

भोजन में कम से कम ऑयल, डाल्डा या घी का सेवन करने से बचें। इनका ज्यादा सेवन धमनियों के ऊपर एक परत के रूप में जम जाता है, और रक्त के प्रवाह पर असर डालता है। मीठा सेवन करने से शरीर में कोलेस्ट्रोल का स्तर बहुत बढ़ सकता है। इससे रक्त के थक्के बन सकते हैं, या रक्त गाढ़ा हो सकता है। यह शरीर के लिए घातक साबित होता है।

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