भारत-नेपाल सीमा (Indo-Nepal Border) पर तनाव & Top UK News 16 May 20
16 May 20# Himalayauk Newsportal Bureau : #मास्क का इस्तेमाल न करने वालों एवं सार्वजनिक स्थानों पर थूकने वालों पर जुर्माना-मुख्यमंत्री # देहरादून- होम क्वारेंटीन के नियमों का उल्ंलघन करने वाले के विरूद्ध आपदा प्रबन्धन अधिनियम एंव महामारी अधिनियम में वर्णित प्राविधानों के अन्तर्गत विधिक कार्यवाही- आपदा कन्ट्रोलरूम के दूरभाष नम्बर 0135-2729250 एवं पुलिस कन्ट्रोलरूम के नम्बर 0135-2722142 पर सूचित कर सकते है# देहरादून जनपद में कोरोना पाजिटिव संक्रमितों की संख्या 44 # वित्त मंत्री द्वारा की गई घोषणाओं से विकास के नए आयाम-मुख्यमंत्री # डा0 देवेन्द्र भसीन एवं मसूरी विधायक गणेश जोशी ने docOPD ऐप का उद्घाटन किया # बिहारी महासभा ने लिया पूर्वांचल के लोगों को घर वापसी का संज्ञान # कोविड- 19 के संकट की इस घड़ी में हमारे साथी देशवासियों को उनसे प्रेरणा मिल सके- मनिषा जैन # चमोली ; प्रवासियों की घर वापसी जारी # चमोली ; 43 लोगों के ब्लड सैंपल जाच के लिए भेजे गए # चमोली ; सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों का रविवार को टेस्ट लेकर मूल्यांकन # भारत-नेपाल सीमा (Indo-Nepal Border) पर तनाव #Presents by Himalayauk Newsportal & Daily Newspaper, publish at Dehradun & Haridwar: Mob 9412932030 Mail; himalayauk@gmail.com
मास्क का इस्तेमाल न करने वालों एवं सार्वजनिक स्थानों पर थूकने वालों पर जुर्माना-मुख्यमंत्री
देहरादून 16 मई, 2020 (सू.ब्यूरो) मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शनिवार को सचिवालय में कोविड-19 के प्रभावी नियंत्रण के लिए अधिकारियों की बैठक ली। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि बाहरी राज्यों से उत्तराखण्डवासी काफी संख्या में आ रहे हैं, ये जिन जनपदों में आ रहे हैं, वहां पर थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था की जाए ताकि उत्तराखण्ड के बोर्डर ऐरिया पर स्क्रीनिंग का लोड कुछ कम हो सके। बाहर से आने वाले लोगों को जहां पर क्वारंटाइन किया जा रहा है, उसकी नियमित मोनिटरिंग की जाए। इसके लिए कर्मिकों की तैनाती की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना पर नियंत्रण के लिए सोशल डिस्टेंसिंग एवं मास्क की अनिवार्यता का कड़ाई से पालन करवाया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि लोगों के पास मास्क की उपलब्धता हो। मास्क का इस्तेमाल न करने वालों एवं सार्वजनिक स्थानों पर थूकने वालों पर जुर्माने की कारवाई की जाए। बाहरी राज्यों के जो श्रमिक उत्तराखण्ड में हैं, अगर वो अपने राज्यों में वापस जाना चाहतें हैं, तो सम्बन्धित राज्यों से जो वाहन आ रहे हैं, उन्हें उन वाहनों में भेजने की व्यवस्था की जाए।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि बाहरी राज्यों से जितने भी लोग आ रहे उनका पूरा डाटा रखा जाए कि ये कहां पर क्वारंटाइन किये गये हैं। यदि इनमें से कोई कोरोना पाॅजिटिव पाया जाता है तो अन्य लोगों को भी ट्रेस किया जा सके। इसके लिए पुलिस द्वारा संबंधित लोगों को अलर्ट के लिए एस.एम.एस भेजने की व्यवस्था भी की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कन्ट्रोल रूम एवं आईटी सेक्टर को और मजबूत करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में जिन लोगों को क्वारंटीन किया जा रहा है, ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम प्रधानों द्वारा अच्छा कार्य किया जा रहा है एवं पूरा सहयोग दिया जा रहा है।
बैठक में मुख्य सचिव श्री उत्पल कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव श्री ओम प्रकाश, डीजीपी श्री अनिल कुमार रतूड़ी, सचिव श्री अमित नेगी, श्री नितेश झा, श्री शैलेष बगौली, आईजी श्री संजय गुंज्याल, निदेशक एनएचएम श्री युगल किशोर पंत एवं डीजी स्वास्थ्य श्रीमती अमिता उपे्रती उपस्थित थे।
देहरादून- होम क्वारेंटीन के नियमों का उल्ंलघन करने वाले के विरूद्ध आपदा प्रबन्धन अधिनियम एंव महामारी अधिनियम में वर्णित प्राविधानों के अन्तर्गत विधिक कार्यवाही- आपदा कन्ट्रोलरूम के दूरभाष नम्बर 0135-2729250 एवं पुलिस कन्ट्रोलरूम के नम्बर 0135-2722142 पर सूचित कर सकते है
देहरादून दिनांक 16 मई 2020 (जि.सू.का), जिलाधिकारी डाॅ आशीष कुमार श्रीवास्तव ने अवगत कराया है कि कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार को रोकने एवं सुरक्षा के दृष्टिगत होम क्वारेंटीन किये गये व्यक्तियों की व्यापक स्तर पर मानिटिरिंग की जा रही है। जिलाधिकारी ने बताया कि ऐसे व्यक्ति जो होम क्वारेंटीन किये गये हैं, यदि वे सुरक्षा मानकों का पालन नही कर रहें तथा घर से बाहर निकल रहें है, इसकी सूचना देने हेतु आपदा प्रबन्धन केन्द्र एवं पुलिस कन्ट्रोल रूम के दूरभाष नम्बर जारी किये गये, होम क्वारेंटीन किये गये व्यक्तियों के परिचित एवं निवास के निकट रहने वाले व्यक्ति एंव परिवार आपदा कन्ट्रोलरूम के दूरभाष नम्बर 0135-2729250 एवं पुलिस कन्ट्रोलरूम के नम्बर 0135-2722142 पर सूचित कर सकते है, सूचना देने वाले का नाम गुप्त रखा जायेगा। होम क्वारेंटीन के नियमों का उल्ंलघन करने वाले के विरूद्ध आपदा प्रबन्धन अधिनियम एंव महामारी अधिनियम में वर्णित प्राविधानों के अन्तर्गत विधिक कार्यवाही अमल में लाई जायेगी। जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया है कि वर्तमान में जनपद में प्रर्याप्त मात्रा में इंस्टीट्यूशनल क्वारेंटीन सेन्टर हैं तथा वर्तमान में जो प्रवासी जनपद में आ रहे हैं उन्हें होम क्वोंरटीन किया जा रहा है। आवश्यकता होने पर इंस्टीट्यूशनल क्वारेंटीन भी किया जायेगा।
विज्ञप्ति जारी किये जाने तक कुल 159 व्यक्तियों की रैण्डम सैम्पलिंग संकलित की गयी जिनमें, आशारोड़ी चैकपोस्ट पर 51, कुल्हाल चैक पोस्ट पर 30, रायवाला चैकपोस्ट पर 18 और महाराणा प्रताप स्पोर्टस कालेज रायपुर में 60 सैम्पल शामिल है तथा जनपद में अन्य राज्यों से आये उत्तराखण्ड राज्य के 729 व्यक्तियों को 31 बसों के माध्यम से देहरादून से स्वास्थ्य जांच (थर्मल स्क्रीनिंग) के उपरान्त सम्बन्धित जनपदों हेतु भेजा गया, जिनमें पौड़ी गढवाल के 310, उत्तरकाशी के लिए 69, टिहरी के 45, रूद्रयाग के 191, चमोली के 67, पिथौरागढ 10, अल्मोड़ा 4, हरिद्वार 5, बागेश्वर 28, व्यक्तियों को उनके जनपद हेतु भेजा गया।
कोविड-19 संक्रमण की रोकथाम के दृष्टिगत डाॅ ए.के डिमरी, एवं जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी जी.सी कण्डवाल द्वारा तहसील एवं ब्लाक आॅफिस विकासनगर के 45 कार्मिकों, मेलटिंग मूवमेंटस बैकरी राजपुर रोड के 56 कार्मिकों सहित कुल 101 व्यक्तियों को प्रशिक्षण दिया गया। जनपद में विभिन्न विकासखण्डवार मनरेगा कार्याें के अन्तर्गत आतिथि तक 937 निर्माण कार्य प्रारम्भ किये गये, जिनमें 11613 श्रमिकों को सैनिटाईजेशन एवं सामाजिक दूरी का अनुपालन करवाते हुए उक्त कार्य में योजित कर रोजगार उपलब्ध कराया गया। प्रधानमंत्री जनधन खाताधारकों द्वारा जनपद में विभिन्न बैंकों से 2633 लाभार्थियों द्वारा अपने जनधन खाते से धनराशि की निकासी की गयी। कोविड-19 के संक्रमण के दृष्टिगत जिला आपदा परिचालन केन्द्र देहरादून में जन सहायता हेतु स्थापित कन्ट्रोलरूम में कुल 72 काॅल प्राप्त हुई हैं, जो सभी पास के सम्बन्ध में हैं।
जनपद में कोरोना वायरस से संक्रमण के प्रसार को रोके जाने के दृष्टिगत सोशल डिस्टेंसिंग रखते हुए निबन्धन कार्यालयों में आज जन सामान्य द्वारा कुल 58 लेख पत्रों का पंजीकरण (रजिस्ट्री) कराई गयी, जिससेे 28.53 लाख का राजस्व प्राप्त हुआ।
कोरोना वायरस संक्रमण के दृष्टिगत किये गये लाॅक डाउन अवधि में विभिन्न संस्थाओं एवं व्यक्तियों द्वारा निरन्तर निराश्रित एवं निर्धन परिवारों/ व्यक्तियों हेतु भोजन के पैकेट एवं राशन उपलब्ध करवाकर जिला प्रशासन का सहयोग किया जा रहा है। इसी क्रम में आज विभिन्न स्वंयसेवी संस्थाओं ने जिला प्रशासन को सहयोग प्रदान करते हुए भोजन पैकेट उपलब्ध कराये, जिसमें मुख्यतः राधास्वामी सत्संग व्यास, पृथ्वीनाथ महादेव मंदिर समिति, झण्डा बाजार, श्री महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास परियोजना कार्यालय देहरादून, सत्य सांई सेवा संस्थान, शिल्पा प्रोडक्शन, कालिका मन्दिर समिति, स्काउट गाईड/सिविल डिफेंस, सीता रसोई-बालाजी सेवा समिति द्वारा भोजन के पैकेट उपलब्ध कराये गये। जनपद सदर क्षेत्रान्तर्गत कुल 2880 व्यक्तियों को भोजन के पैकेट वितरित किये गये जिनमें, थाना पटेलनगर में 500, पटेलनगर चैकी में 546, आराघर चैकी में 250, धारा चैकी में 500, इन्दिरानगर चैकी में 200, रायपुर थाना में 150, आईएसबीटी चैकी में 500, नगर निगम में 75, कचहरी में 86, घंटाघर में 35, पत्थरीबाग में 4, कौलागढ में 4, ट्रांस्पोर्टनगर में 20, आईटी पार्क में 10 व्यक्तियों को भोजन के पैकेट वितरित किये गये।
जिला प्रशासन की टीम द्वारा स्वयंसेवी संस्थाओं के सहयोग से जनपद अन्तर्गत विकासखण्ड चकराता, विकासनगर, सहसपुर, रायपुर व डोईवाला एवं तहसील सदर में कुल 1958 निराश्रित पशुओं जिसमें 1443 श्वान, 461 गौवंश एवं 54 अन्य पशुओं को चारा व पशु आहार उपलब्ध कराया गया।
जिला प्रशासन की टीम द्वारा विभिन्न सामाजिक संस्थाओं एवं व्यक्तियों के सहयोग से जनपद के विभिन्न स्थानों पर 1340 अन्नपूर्णा राशन किट वितरित की गयी, कोतवाली दून में 150, थाना रायपुर 280, थाना पटेलनगर मेें 240, थाना राजपुर 120, थाना नेहरूकालोनी में 300, डालनवाला में 150, तहसील मसूरी में 100 अन्नपूर्णा किट वितरित किये गये। उत्तरंाचल पंजाबी महासभा द्वारा कोरोना संक्रमण की रोकथाम हेतु विभिन्न डयूटियों में तैनात कार्मिकों एवं आम जनमानस को अपने संशाधनों से निर्मित ओ.एच.पी मास्क शील्ड, मास्क, सेनिटाइजर, भोजन, खाद्य सामग्री उपलब्ध कराते हुए जिला प्रशासन को सयहोग प्रदान कर रहे हैं। ये गये।
जनपद के देहरादून क्षेत्र में 8 सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानों के माध्यम से प्रति पैकेट रू0 43 की दर से 500 पैकेट विक्रय किया गया। इसी क्रम में जनपद के विभिन्न चयनित स्थानों पर प्रशासन द्वारा अधिकृत 19 मोबाईल वैन के माध्यम से सस्ते दरों पर 105 क्विंटल फल-सब्जियों का विक्रय किया गया। जिला प्रशासन की टीम द्वारा जनपद के ऋषिकेश नगर निगम क्षेत्र में अवस्थित बीस बीघा, शिवा एन्कलेव ऋषिकेश में खाद्य एवं दैनिक उपयोग की आवश्यक सामग्री उपलब्ध करवाई गयी। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के अन्तर्गत बीस बीघा ऋषिकेश में 509 उपभोक्ताओं को खाद्यान उपलब्ध कराया गया। दुग्ध विकास विभाग द्वारा आजाद कालोनी में 125 ली0, चमन विहार कालोनी में 40 ली, बीस बीघा ऋषिकेश में 55 ली0, शिवा एन्कलेव में 45 एवं आवास विकास कालोनी ऋषिकेश में 45 कुल 310 ली0 दूध विक्रय किया गया।
लाक डाउन अवधि में सिविल सोसायटी व शासकीय विभागों द्वारा किये गये उत्कृष्ट कार्यों के दृष्टिगत आज के कोरोना वारियर-
कोरोना वारियर (सिविल सोसायटी से)
बचपन बचाओ आन्दोलन, देहरादून
श्री सुरेश उनियाल, स्टेट कार्डिनेटर,
लाक डाउन अवधि में निराश्रितों/जरूरतमंदो को भोजन, राशन, मास्क, सेनिटाइजर, सेनट्री नेपकिन उपलब्ध करवाकर जिला प्रशासन को सहयोग कर रहे हैं।
कोरोना वारियर (शासकीय विभाग से)
श्री प्रेम सिंह रावत,
सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी, देहरादून
अन्य जनपदों एवं राज्यों से आने व जाने वाले व्यक्तियों को उनके घर गृह जनपदों को भेजने एवं सुरक्षा जांच एवं व्यक्तिगत विवरण का संकलन कर दिये गये दायित्वों का निर्वहन कर हैं।
देहरादून जनपद में कोरोना पाजिटिव संक्रमितों की संख्या 44
देहरादून दिनांक 16 मई 2020 (जि.सू.का), जिलाधिकारी डा आशीष कुमार श्रीवास्तव ने अवगत कराया है आज कोरोना वायरस संक्रमण के दृष्टिगत 290 सैम्पल जाचं हेतु भेजे गये तथा 115 सैम्पल प्राप्त हुए जिनमें 4 व्यक्ति की जांच रिपोर्ट पाजिटिव आने के फलस्वरूप जनपद में कोरोना पाजिटिव संक्रमितों की संख्या 44 हो गयी है, जिनमें 27 व्यक्ति स्वस्थ हो गये हैं तथा वर्तमान में 16 व्यक्ति उपचाररत् हैं।
जनपद में 14 टीमों द्वारा 118 व्यक्तियों की दूरभाष के माध्यम से सामुदायिक निगरानी का कार्य किया गया। आज आजाद नगर कालोनी एवं चमन विहार कन्टेंमेंट जोन अन्तर्गत आंगनबाड़ी कार्यकर्तियों की 3 टीमों द्वारा 165 व्यक्तियों की सामुदायिक निगरानी का कार्य किया गया। इसी प्रकार आज जनपद में विकासखण्डवार 2028 आंगनबाड़ी कार्यकतियों द्वारा 48932 व्यक्तियों से सम्पर्क कर सामुदायिक निगरानी का कार्य किया गया। कोरोना वायरस संक्रमण के दृष्टिगत लाक डाउन अवधि के दौरान जनपद में बनाये गये 7 राहत शिविरों में ठहरे 129 व्यक्तियों का चिकित्सकों एवं परामर्शदाताओं द्वारा स्वास्थ्य परीक्षण उपरान्त कांउसिलिंग प्रदान की गयी। कोरोना वायरस संक्रमण के दृष्टिगत दिहाड़ी/मजदूरी करने आये 6 श्रमिकों जिन्हे रेनबसेरा लालपुल देहरादून में बनाये गये राहत शिविर में ठहराया गया है, की साईकेट्रिक सपोर्ट टीम द्वारा रिवाइस्ड कांउसिलिंग की गयी।
वित्त मंत्री द्वारा की गई घोषणाओं से विकास के नए आयाम-मुख्यमंत्री
देहरादून 16 मई, 2020 (सू.ब्यूरो) मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा है कि वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण द्वारा आज की गई घोषणाओं से विकास के नए आयाम स्थापित होंगे। औद्योगिक क्षेत्र में ढांचागत सुधार से आत्मनिर्भर भारत के लिए मजबूत नींव रखी जाएगी। इन सुधारों से देश कड़ी प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार होगा। फास्ट ट्रैक इन्वेस्टमेंट से निवेश अधिक होगा। युवाओं के लिए रोजगार के नए क्षेत्र खुलेंगे। सोलर पीवी, एडवांस्ड सेल बैटरी जैसे नए चैम्पियन सेक्टर विकसित होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोयला, खनन, रक्षा, नागरिक उड्डयन, परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में महत्वपूर्ण सुधार किए गए हैं। कोयले की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए देश आत्मनिर्भर होगा। कोयला क्षेत्र में इंफ्रास्ट्रक्चर सुधार के लिए 50 हजार करोड़ रूपए खर्च किए जाएंगे। इसी प्रकार खनन में किए गए ढांचागत सुधार से इसमें निजी निवेश बढ़ेगा। इससे खनन में उत्पादन, रोजगार बढ़ेगा और स्टैट ऑफ आर्ट टेक्नोलॉजी का प्रयोग होगा। रक्षा क्षेत्र में भी आत्मनिर्भरता के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। इससे हमारी रक्षा- उपकरणों के लिए दूसरे देशों पर हमारी निर्भरता कम होगी। एयरस्पेस मैनेजमेंट से नागरिक उड्डयन क्षेत्र की कार्य-कुशलता बढ़ेगी। सामाजिक ढांचागत क्षेत्र में निजी निवेश को बढ़ावा देने के लिए लगभग 8100 करोड़ रूपए की वायबिलिटी गैप फंडिंग की व्यवस्था की गई है। अंतरिक्ष क्षेत्र में भी निजी भागीदारी को प्रोत्साहित किया जाएगा।
डा0 देवेन्द्र भसीन एवं मसूरी विधायक गणेश जोशी ने docOPD ऐप का उद्घाटन किया
देहरादून 16 मई : भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष डा0 देवेन्द्र भसीन एवं मसूरी विधायक गणेश जोशी ने docOPD ऐप का उद्घाटन किया। यह भी स्पष्ट है कि चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा 25 मार्च 2020 को टैलीमेडिसन प्र्रैक्टिस गाइडलाइन एक्ट में संशोधन कर टैलीमेडिसन को अब कानूनी अधिकार दे दिया गया है।
शनिवार को देहरादून के नयागांव स्थित वरिष्ठ नागरिक कल्याण समिति के कार्यालय में भाजपा उपाध्यक्ष डा0 देवेन्द्र भसीन एवं मसूरी विधायक गणेश जोशी ने डॉकओपीडी ऐप का उद्घाटन किया। डॉक-ओपीडी नाम की एक संस्था जो कि सम्पूर्ण भारत में टैलीमेडिसन के माध्यम से मरीजों एवं डॉक्टरों के बीच सम्पर्क स्थापित कर रही है, इसे उत्तराखण्ड में लॉच किया गया। खास बात यह है कि 60 वर्ष से अधिक ऐसे सभी व्यक्ति इस सुविधा का लाभ निःशुल्क ले सकते हैं। एक कोड ‘रिस्पेक्ट-60‘ को ऐप में दर्ज करने पर यह सुविधा उपलब्ध होगी।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डा0 देवेन्द्र भसीन ने कहा कि यह ऐप बिल्कुल सुरक्षित है और इसके माध्यम से 500 से अधिक योग्य चिकित्सकों को जोड़ा गया है। इस ऐप को मोबाइल में इंस्टॉल करने के बाद आनलाइन ही डाक्टर से सलाह मिलेगी। उन्होनें कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश में एवं मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के नेतृत्व में प्रदेश में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए बेहतर कार्य कर रहे हैं। कोरोना की बिमारी का कोई इलाज नहीं होने के कारण एकमात्र सावधानी बरतना ही सुरक्षित है। प्रवासियों को अपने घरों के पहुचने पर होम या इंस्टयूश्नल क्वारनटींन, जो भी आवश्यक हो, रहना चाहिए। इससे हमारे परिवार, गांव एवं देश-प्रदेश की भलाई है।
मसूरी विधायक गणेश जोशी ने कहा कि यह ऐप कोरोना वायरस की इस महामारी के दौरान संक्रमण को रोकने के लिए एवं सोशल डिस्टिंसिग को कायम रखने के लिए यह कदम अत्यधिक सार्थक होगा। साथ ही, वरिष्ठ नागरिकों को घर से बाहर न निकलने के सरकार के आदेश को भी बल मिलेगा और वरिष्ठ नागरिकों को अत्यधिक सहुलियत होगी। उन्होनें कहा कि इस ऐप के माध्यम से नॉन-अमेरजेंसी सेवाओं जैसे, डाईबटीज, थाईराइड एवं रुटीन मेडिसन के सम्बन्ध में डॉक्टरों संग परामर्थ लिया जा सकता है। इससे अस्पताल आने-जाने का व्यय एवं समय दोनों में बचेगें। विधायक जोशी ने कहा कि आगामी समय में तकनीकि का अत्यधिक महत्व होने जा रहा है और सरकार का फोकस भी ई-ऑफिस, टैलीमेडिसन, ई-परामर्श, ई-बैंकिग, ई-शिक्षा आदि पर चल रहा है। साथ ही, उत्तराखण्ड राज्य की भौगोलिक परिस्थिति को देखते हुए भी यह ऐप काफी कारगर साबित होगी। विधायक जोशी ने सभी वरिष्ठ नागरिकों को जूस, सैनिटाइजर, मास्क देकर उनका सम्मान भी किया।
इस अवसर पर डॉकओपीडी ऐप के प्रदेश समन्वयक अमरदीप सिंह, भाजपा के मण्डल अध्यक्ष राजीव गुरुंग, चन्द्रवीर थापा, एमएस कार्की, आरएस थापा, विनोद थापा, जीआरके उपाध्याय, अनूप राणा, माधव प्रसाद, सुभाष प्रधान, महेन्द्र सिंह बिष्ट, ज्योति कोटिया, राहुल रावत, आरसी जोशी आदि उपस्थित रहे।
बिहारी महासभा ने लिया पूर्वांचल के लोगों को घर वापसी का संज्ञान*
High Light# *उत्तराखंड से वापस जाएंगे पूर्वांचल के 40000 लोग* *बिहारी महासभा ने लिया पूर्वांचल के लोगों को घर वापसी का संज्ञान* *सभा के अध्यक्ष लगातार कर रहे थे उच्च अधिकारियों से वार्ता* *उत्तराखंड में पूर्वांचल के लोगों का सबसे बड़ा संगठन है बिहारी महासभा* *बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने साझा पहल कर लिया निर्णय* *राशन वितरण वाले फोटोग्राफ जारी नहीं करने के अध्यक्ष ने दिए थे आदेश* *बिहारी महासभा के मंच पर कोरोना योद्धा चुने गए गोविंदगढ़ मंडल के अध्यक्ष विनय कुमार , शंकर और रवि लोक डाउन के बाद होगा सम्मान*
*DEHRADUN (Himalayauk Newsportal & Print Media Bureau) कोरोना covid 19 बीमारी से जहां एक तरफ पूरा देश लड़ रहा है वहीं उत्तराखंड में बिहारी महासभा पूर्वांचल के लोगों के लिए मसीहा बनकर पहले दिन से ही काम कर रहा है । बता दें कि लॉक डाउन के तुरंत बाद बिहारी महासभा ने अपने महासभा के लोगों के साथ मिलकर उत्तराखंड के लोगों के साथ मिलकर समाज से तकरीबन ₹600000 इकट्ठा किए थे। बिहारी महासभा ने 34 दिनों तक लगातार जरूरत मंदो को राशन वितरण का कार्यक्रम मास्क वितरण का कार्यक्रम सैनिटाइजर वितरण का कार्यक्रम चलाया था परंतु सभा के अध्यक्ष के आदेश पर किसी भी जरूरतमंद का फोटोग्राफ जारी नहीं करने का आदेश दिया गया था इसलिए सभा ने किसी भी जरूरतमंदों का छायाचित्र जारी नहीं किया
पूर्वांचल के लोगों की एक बड़ी तादाद उत्तराखंड में काम करती है और उत्तराखंड में बिहारी महासभा पूर्वांचल के लोगों का सबसे बड़ा और व्यापक संगठन है। बिहारी महासभा के अध्यक्ष श्री ललन सिंह ने एक प्रेस बयान जारी कर कहा है कि पूरे उत्तराखंड में पूर्वांचल के लोग चाहे बिहार के हो, उत्तर प्रदेश के हैं झारखंड के हो सभी पूर्वांचल के भाइयों के लिए उत्तराखंड सरकार से उच्चस्तरीय बातचीत की जा रही है। ताकि देश में जिस प्रकार से देश के अन्य राज्यों से लोग अपने अपने गांव घर की ओर जा रहे हैं उसी प्रकार उत्तराखंड में भी पूर्वांचल के लोगों को उनके घर तक पहुंचाने की व्यवस्था की मांग बिहारी महासभा लंबे समय से माननीय मुख्यमंत्री से करते आ रही हैं।
सभा ने बताया कि उत्तराखंड के यशस्वी मुख्यमंत्री ने लगातार भरोसा दिलाया था कि किसी भी पूर्वांचल के मजदूरों को रहने वाले लोगों को यहां पर किसी भी प्रकार की समस्या नहीं होगी मजदूरों को भरपेट भोजन कराया जाएगा उसी के तर्ज पर मुख्यमंत्री ने वादा निभाया और आज बिहारी महासभा की पहल पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने पूर्वांचल के लोगों के घर वापसी के रास्ते को भी सुलभ कर दिया है। बिहारी महासभा के अध्यक्ष श्री ललन सिंह ने कहा है कि उन्होंने दूरभाष के माध्यम से एवं व्यक्तिगत अधिकारियों के साथ मिलकर उत्तराखंड में सचिवालय के कई वरिष्ठ अधिकारियो के साथ बातचीत करके बिहार ,यूपी,झारखंड के लोगों को उनके घर वापसी की मांग रखी थी उन्होंने कहा कि इस क्रम में उत्तराखंड के यशस्वी मुख्यमंत्री के साथ साथ उत्तराखंड के मुख्य सचिव श्री उत्पल कुमार सिंह ,अपर मुख्य सचिव श्री ओम प्रकाश ,प्रमुख सचिव श्री आनंद वर्धन ,सचिव श्रीमती राधिका झा, सहित अन्य पदाधिकारियों से भी बिहार के पूर्वांचल के लोगों के घर वापसी के लिए निवेदन किया था
इसका संज्ञान लेते हुए आज सरकार ने पूर्वांचल और बिहार के लोगों के घर वापसी का रास्ता साफ कर दिया है मिली जानकारी के अनुसार सरकार बिहार पूर्वांचल के लोगों को बस के माध्यम से एवं स्पेशल ट्रेन के माध्यम से लगभग 40,000 पूर्वांचल के लोगों को अपने घर तक पहुंचाएगी बिहारी महासभा ने इस सहयोग के लिए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का हार्दिक आभार एवं धन्यवाद व्यक्त किया है
सभा ने कहा कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत आपदा की इस घड़ी में पूर्वांचल के लोगों के साथ एक पैर पर खड़े रहे उन्होंने पूर्वांचल के लोगों के लिए तीनों वक्त का राशन आवश्यक दवाई एवं जरूरी सुविधाएं मुहैया कराई है इसको पूर्वांचल के लोग और बिहारी महासभा कभी नहीं भूल सकता मुख्यमंत्री ने न सिर्फ अपना फर्ज निभाया है बल्कि उससे भी आगे बढ़कर मानवीय मूल्यों को आगे बढ़ाया है
उत्तराखंड में बिहारी महासभा मुख्यमंत्री के इस कार्य की सराहना एवं भूरी भूरी प्रशंसा करती है अपने जारी प्रेस बयान में बिहारी महासभा के अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि यथासंभव बिहारी महासभा ने भी उत्तराखंड में अपने सभा से जुड़े पदाधिकारियों के माध्यम से समाज के लोगों के माध्यम से उत्तराखंड में रह रहे बिहार पूर्वांचल के अधिकारियों कर्मचारियों के माध्यम से धन एकत्रित करके लगातार 34 दिनों तक क्षमता के अनुसार जनहित में आवश्यकता के अनुसार राशन मुहैया कराया है
सभा ने मजदूर तबके के लोगों के साथ साथ अन्य जरूरतमंद लोगों को भी राशन मुहैया कराया है बिहारी महासभा के अध्यक्ष ने बिहारी महासभा के सभी पदाधिकारियों का भी अभिवादन किया है जिन्होंने इस घड़ी में बिहारी महासभा का विश्वास किया और दान देने का कार्य किया उनका भी धन्यवाद किया है जिन्होंने इस पुनीत कार्य में कोरोना बीमारी से लड़ने में कोरोना योद्धा की तरह राशन घर-घर पहुंचाया है बिहारी महासभा इसी प्रकार उत्तराखंड में जनहित से जुड़े कार्यों को करते आ रही है उत्तराखंड में अपनी संस्कृति को जीवित रखे हुए हैं और यथासंभव सांस्कृतिक एवं पारिवारिक कार्यक्रम करते रहती है
अंत में बिहारी महासभा ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत एवं उत्तराखंड के मुख्य सचिव ,अपर मुख्य सचिव, सचिव प्रमुख ,सचिव सभी पदाधिकारियों को गरीब भूखे लोगों को भोजन दिलाने के लिए एवं पूर्वांचल के लोगों को उनके घर तक पहुंचाने के लिए हार्दिक धन्यवाद एवं बधाई दिया है। उन्होंने कहा कि देहरादून में जिला प्रशासन एवं स्थानीय पुलिस की भूमिका को रोना काल में अत्यंत महत्वपूर्ण रही है जिला प्रशासन ने और स्थानीय पुलिस ने लोगों के घर जाकर अंतिम स्तर तक मदद करने का प्रयास किया है इसके लिए उत्तराखंड की पुलिस और देहरादून का जिला प्रशासन धन्यवाद के पात्र हैं ।
कोविड-19 के संकट की इस घड़ी में हमारे साथी देशवासियों को उनसे प्रेरणा मिल सके- मनिषा जैन
High Light # एक मुलाकात कार्यक्रम में श्री कैलाश सत्यार्थी और श्री यतींद्र मिश्रा एक साथ एक मुलाकात कार्यक्रम के माध्यम से पूरे देश की महानतम हस्तियों को एक-साथ लाने का प्रयास कोविड- 19 के संकट की इस घड़ी में हमारे साथी देशवासियों को उनसे प्रेरणा मिल सके- मनिषा जैन जन कल्याण की भावनाओं को अपने दिल में संजोने वाली शख्सियत, नोबेल पुरस्कार विजेता, श्री कैलाश सत्यार्थी और राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार प्राप्तकर्ता, श्री यतींद्र मिश्रा के साथ एक मुलाकात
देहरादून-16 मई, 2020- सामाजिक- सांस्कृतिक स्तर पर लोक-कल्याण एवं मानवता की भलाई के लिए समर्पित संगठन, प्रभा खेतान फाउंडेशन ने एक मुलाकात नामक अपनी पहल के जरिए नोबेल पुरस्कार विजेता श्री कैलाश सत्यार्थी तथा मशहूर कवि एवं राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार प्राप्तकर्ता श्री यतींद्र मिश्रा से एक-साथ बातचीत के सत्र का आयोजन किया, और इस वर्चुअल सेशन के माध्यम से बड़े स्तर पर समाज एवं जनकल्याण के लिए श्री सत्यार्थी के योगदान पर चर्चा की गई। प्रभा फाउंडेशन प्रदर्शन कला , संस्कृति एवं साहित्य को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है, और भारत में सांस्कृतिक , शैक्षणिक , साहित्यिक और सामाजिक कल्याण से संबंधित परियोजनाओं को अमल में लाने के लिए देखभाल कर्ताओं, इस कार्य में पूरी लगन से समर्पित व्यक्तियों तथा समान विचारधारा वाले संस्थानों के साथ सहयोग करता है। एक मुलाकात समाज के विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिष्ठित व्यक्तियों को एक मंच प्रदान करता है, जहां वे अपनी कहानियों को साझा करते हैं।
इस वर्चुअल सेशन के बारे में अपने विचार व्यक्त करते हुए, प्रभा खेतान फाउंडेशन की कम्युनिकेशन एवं ब्रांडिंग प्रमुख, श्रीमती मनिषा जैन ने कहा, “प्रभा खेतान फाउंडेशन हमेशा से कला, संस्कृति एवं साहित्य का समर्थक रहा है। लॉकडाउन की वजह से फिलहाल हम सभी अपने-अपने घरों में ही रह रहे हैं, इसलिए हमने अपने वर्चुअल सेशन के माध्यम से पूरे देश की महानतम हस्तियों को एक-साथ लाने का प्रयास किया है, ताकि संकट की इस घड़ी में हमारे साथी देशवासियों को उनसे प्रेरणा मिल सके। हम आशा करते हैं कि, श्री सत्यार्थी के जीवन एवं उनकी कृतियों से हमारे सभी दर्शकों को समाज की भलाई के लिए काम करने का प्रोत्साहन मिलेगा, खासकर ऐसी परिस्थितियों में जब हम सभी के लिए अपने समक्ष मौजूद शत्रु, यानी कि कोविड-19 के खिलाफ संघर्ष हेतु एकजुट होना आवश्यक है। भविष्य में भी हम इस प्रकार के कई ज्ञानवर्धक एवं प्रेरणादायक सत्रों के साथ उपस्थित होंगे। सत्र चाहे वास्तविक हो या आभासी, प्रभा खेतान फाउंडेशन संस्कृति एवं ज्ञान को बढ़ावा देने में समुदायों को जोड़ने के लिए प्रतिबद्ध है।”
सत्र के दौरान अपने विचार व्यक्त करते हुए, श्री कैलाश सत्यार्थी ने कहा, “फिलहाल हम जिन परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं, उसे मानव सभ्यता पर संकट कहना ज्यादा उचित होगा। हर दिन अपने आसपास हो रही दुखद घटनाओं के बारे में सुनकर तो यही लगता है कि, हमने प्रकृति को काफीनुकसान पहुंचाया है और अब वह हमसे इसका बदला ले रही है। मैं हमेशा से कहता आया हूं कि, दया की भावना का वैश्वीकरण भी कृतज्ञता की आपूर्ति श्रृंखला से जुड़ा हुआ है कोरोना को मानव जाति के लिए करुणा के अंतहीन सागर की तरह देखा जाना चाहिए, जहां इंसान के भीतर की अच्छाई की बुनियाद पर अर्थव्यवस्था का निर्माण होता है। सबसे जरूरी यह है कि, विपत्ति की इस घड़ी में हमारे भीतर करुणा मौजूद होनी चाहिए। इसे सांप्रदायिक नजरिए से नहीं देखा जाना चाहिए वास्तव में, करुणा आपको साहसी बनाती है, तथा आंतरिक भय एवं सामाजिक कुरीतियों से लड़ने के लिए आपके भीतर सहनशीलता एवं धैर्य की भावना का संचार करती है।”
उन्होंने आगे कहा, “इस तरह के हालात आने वाले 4 से 5 सालों तक बरकरार रह सकते हैं। लोगों की जिंदगी बचाना सरकार की पहली प्राथमिकता है। विश्व स्तर पर मानवता को इस कट से बचाना अत्यंत आवश्यक है ऐसे में हमें समाज के सुविधाहीन एवं सबसे कमजोर तबकों के लोगों को ध्यान में रखना चाहिए। इसके अलावा, हाल के आँकड़ों से तो हमारे देश में बच्चों की सुरक्षा पर प्रश्नचिन्ह लग जाता है, जहाँ हर घंटे 4 बच्चों के साथ बलात्कार होता है और 8 च्चे लापता हो जाते हैं। लॉकडाउन की शुरुआत के बाद कई अध्ययन किए गए हैं, जिनसे पता चलता है कि हाल के दिनों में चाइल्ड पोर्नोग्राफी देखने की घटनाओं में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।”
एक घंटे तक चलने वाली परस्पर-बातचीत के इस सत्र के दौरान, श्री कैलाश सत्यार्थी ने अपने जीवन पर बात की। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि एक बाल अधिकार कार्यकर्ता के रूप में उनकी यात्रा किस तरह शुरू हुई और आगे बढ़ी, साथ ही उन्होंने नोबेल शांति पुरस्कार जीतने के अपने अनुभव, अपने पसंदीदा पुस्तकों, अभिनेत्री, राजनेता के बारे में भी बताया। उन्होंने बताया कि, वह किस तरह महात्मा गांधी और स्वामी विवेकानंद की शिक्षाओं से प्रेरणा लेते हैं। इतना ही नहीं, उन्होंने बहुत पहले लिखी गई अपनी पहली कविता की पंक्तियां भी सुनाई, जो उनकी पत्नी को समर्पित है। इसके अलावा, उन्होंने इस वैश्विक महामारी की मौजूदा स्थिति पर भी प्रकाश डाला और बताया कि ऐसी निराशाजनक परिस्थितियों को देखकर उन्हें कितना दुख होता है। उन्होंने रेल की पटरियों पर सोते समय दुर्घटनावश मारे गए कुछ प्रवासी मजदूरों की मौत पर गहरा दुःख जताया, तथा इस विषय पर अपनी लिखी एक कविता भी सुनाई। उन्होंने अपनी लिखी कविता का पाठ किया तथा अपनी अन्य साहित्यिक रचनाओं के कुछ अंश भी पढ़े। श्री सत्यार्थी मशहूर बाल अधिकार कार्यकर्ता हैं जिन्हें पूरी दुनिया में सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है, साथ ही वह पिछले चार दशकों से बिना थके बाल अधिकारों का समर्थन कर रहे हैं। बच्चों को गुलामी, तस्करी, बंधुआमजदूरी, यौन शोषण तथा हिंसा के सभी रूपों से बचाने के लिए वह दुनिया के 140 से अधिक देशों में बच्चों के कल्याण से जुड़े कार्योंका संचालन कर रहे हैं। बाल शोषण के खिलाफ दुनिया भर में आंदोलनों के संचालन तथा शांति, सुरक्षा, स्वास्थ्य, कल्याण एवं शिक्षा के लिए बाल अधिकारों को कायम रखने के पक्ष में आंदोलनों के अलावा, बच्चों से जुड़ी समस्याओं को वैश्विक और राष्ट्रीय विकास एजेंडे में शामिल कराने में उनकी अहम भूमिका रही है। पूरी दुनिया में सबसे अधिक कमजोर एवं शोषित समुदाय के बच्चों के अधिकारों को बहाल कराने की दिशा में अविश्वसनीय प्रयासों के कारण उन्हें वर्ष 2014 में नोबेल शांति पुरस्कार दिया गया।
जाने-माने कवि एवं सिनेमा जगत के जानकार, श्री यतींद्र मिश्रा ने कहा, “इस सत्र का अनुभव मेरे लिए अविस्मरणीय था। श्री कैलाश सत्यार्थी जैसे महान परंतु अत्यंत विनम्र व्यक्तित्व के साथ बातचीत करने का अवसर मिलने से व्यक्ति के साथ-साथ बड़े पैमाने पर पूरी मानव जाति के विचार समृद्ध होते हैं। इस अद्भुत पहल के लिए मैं प्रभा खेतान फाउंडेशन को बधाई देना चाहूंगा। मुझे यकीन है कि इस सत्र से बहुत से दर्शकों को प्रेरणा मिलेगी तथा वे समाज के हित में काम करेंगे।”
जीवन के विभिन्न क्षेत्रों की प्रतिभाओं को प्रोत्साहन देना एवं उनका सम्मान करना इस फाउंडेशन का ध्येय रहा है, और इससे उन्हें देश भर के लगभग 30 शहरों में अत्यंत सुनियोजित तरीके से साहित्यिक सत्रों के आयोजन की प्रेरणा मिली है। भारत में उत्साहजनक प्रतिक्रिया प्राप्त करने के बाद, फाउंडेशन ने वैश्विक स्तर पर इसी प्रकार के विभिन्न सत्रों के आयोजन के लिए कदम बढ़ाए। उन्होंने शब्दों की दुनिया के कुछ महान दिग्गजों के साथ सत्रों की मेजबानी की है, और इसके साथ ही उन्होंने उभरती हुई प्रतिभाओं के लिए एक मंच तैयार करने पर ध्यान केंद्रित किया है। इनमें से प्रत्येक सत्र की अपनी एक अलग खासियत थी, जिससे लोग अलग-अलग क्षेत्रों के मूल भावों से अवगत हुए। इससे पहले भी, कई गणमान्य एवं प्रभावशाली हस्तियां एक मुलाकात के सत्र का हिस्सा रही हैं, जिसमें डॉ. शशि थरूर, जावेद अख़्तर, आशीष विद्यार्थी, डॉ. सोनल मानसिंह, दिया मिरजा, ऊषा उत्थुप, नंदिता दास, बैरोनेस संदीप वर्मा, बिट्टू सेहगल, सुदर्शन पटनायक और इसी प्रकार के कई अन्य नाम शामिल हैं।
चमोली ; प्रवासियों की घर वापसी जारी
चमोली 16 मई,2020 (सू0वि0)
कोरोना महामारी की वजह से प्रवासियों की घर वापसी जारी है। शनिवार को अहमदाबाद और राजस्थान के 460 प्रवासियों का गौचर पहुचने का सिलसिला शुरू हो गया है। 17 बसें गौचर पहुच चुकी है। आज देर रात तक सभी प्रवासी गौचर पहुच जाएंगे। विगत 3 मई से अब तक जिले के 11078 प्रवासियों की घर वापसी हो चुकी है। इसमें से 4532 प्रवासियों को राज्य सरकार ने बसों से चमोली पहुचाया है।
जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया के निर्देशानुसार गौचर मेला मैदान में बनाए गए स्टेजिंग एरिया में सभी प्रवासियों की थर्मल स्क्रीनिंग, मेडिकल जाॅच एवं पूरा डाटा तैयार किया जा रहा है। इसके लिए मेडिकल टीमें तैनात की गई है। जिला प्रशासन ने जनपद में आने और जाने वाले सभी प्रवासियों के लिए गौचर में भोजन की व्यवस्था की है। यहाॅ पहुॅचने वाले सभी प्रवासियों को जिला प्रशासन द्वारा भोजन कराया जा रहा है और बसों से उनके गतंब्य स्थलों को पहुॅचाया जा रहा है।
चमोली ; 43 लोगों के ब्लड सैंपल जाच के लिए भेजे गए
जनपद चमोली। कोरोना वायरस संक्रमण के दृष्टिगत चमोली जिले से 9 अन्य मरीजों के ब्लड सैंपल जाच के लिए भेजे गए है। जिले से अब तक 43 लोगों के ब्लड सैंपल जाच के लिए भेजे गए। जिसमें से 34 सैंपल की रिपोर्ट नेगेटिव आ चुकी है। एहतियात के तौर पर कोविड हेल्थ सेंटर गोपेश्वर के आइसोलेशन वार्ड में एक मरीज को भर्ती किया गया है।
कोविड संक्रमण से बचाव के दृष्टिगत बाहरी प्रदेशों से आए 931 प्रवासी फेसलिटी क्वारेन्टाइन में चल रहे है। जिला प्रशासन ने इन प्रवासियों को गौचर, कर्णप्रयाग, मंडल, गैरसैण, ग्वालदम, जोशीमठ भराडीसैंण, पीपलकोटी इत्यादि स्थानों पर फेसलिटी क्वारंन्टाइन किया है। मेडिकल टीम फेसलिटी क्वारंन्टीन में ठहराए गए लोगों की रेग्यूलर जाॅच कर रही है। इसके अलावा 5017 लोगों को होम क्वारंन्टीन किया गया है। होम क्वारंन्टीन लोगों के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए गठित 23 मोबाइल चिकित्सा टीमों ने शुक्रवार को 47 गांवों में घर-घर जाकर 369 लोगों का मेडिकल चैकअप किया गया।
कोरोना संक्रमण पर निगरानी रखने के लिए जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने 18 ब्लाक एवं सिटी रिसपोंस टीमें भी गठित की है। इन टीमों ने कोरोना संदिग्धों की जानकारी जुटाने के लिए आज तक 8182 लोगों से संपर्क किया गया है।
जिले में लाकडाउन का पालन कराया जा रहा है। लाॅकडाउन का उल्लंघन करने पर डीएम एक्ट के तहत 24 एफआईआर, महामारी अधिनियम के तहत 2, सीआरपीसी के तहत 49, डीएम एक्ट के तहत 41, पुलिस एक्ट के तहत 193 लोगों के खिलाफ मामले दर्ज किए जा चुके है। इसके आलावा 409 चालान और 66 वाहनों को सीज किया गया है।
जिले में खाद्यन्न आपूर्ति सुचारू बनी हुई है। स्टाक में गेहूं 2391.22 कुन्तल, चावल 3954.57 कुन्तल, मसूर दाल 290.339 कुन्तल, चना दाल 353.09 कुन्तल, चीनी 133.02 कुन्तल, पीएम गरीब कल्याण चावल 1957.58 कुन्तल व दाल 284.34 कुन्तल, एसएफवाई का अतिरिक्त गेहूॅ 1530.06 कुन्तल, चावल 2168.36 कुन्तल तथा घरेलू गैस के 3861 गैस सिलेण्डर है।
लाकडाउन अवधि में पुरानी गम्भीर बीमारियों का उपचार करा रहे लोगों को जिला अस्पताल के माध्यम से जीवन रक्षक दवा उपलब्ध कराने में मदद की जा रही है। लाकडाउन में कोई भूखा ना रहे इसके लिए भी जिला प्रशासन निरन्तर मदद कर रहा है। जिला प्रशासन ने गरीब, मजदूर एवं जरूरतमंद लोगों में अभी तक 6138 ड्राई राशन किट तथा 5150 लोगों को भोजन खिलाया गया।
चमोली ; सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों का रविवार को टेस्ट लेकर मूल्यांकन
चमोली 16 मई,2020 (सू0वि0)जिले में आनलाइन पढाई कर रहे सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों का रविवार को टेस्ट लेकर मूल्यांकन किया जाएगा। जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया के प्रयासों से लाकडाउन में सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों के लिए आनलाइन तथा आफलाईन पढाई की व्यवस्था बनाई गई। इसमें विशेषकर कक्षा 9, 10 और 12वीं के विद्यार्थियों को दो मुख्य विषयों में विशेषज्ञ अध्यापकों द्वारा शिक्षण कार्य शुरू कराया गया। अब रविवार को सुबह 8ः30 से 12 बजे तक विद्यार्थियों का टेस्ट लेकर इसका मूल्यांकन किया जाएगा।
लाकडाउन में शिक्षण कार्यो की माॅनिटरिंग के लिए जिलाधिकारी के निर्देशानुसार ब्लाक एवं जिला स्तर पर टीमें गठित है, जो प्रत्येक 15 दिनों में बच्चों को पढाए जा रहे विषयों पर प्रश्नपत्र तैयार कर मूल्यांकन करेगी। ताकि लाॅकडाउन में चल रही आॅनलाइन शिक्षण कार्यो को और बेहतर बनाया जा सके।
लाकडाउन के कारण सरकारी स्कूलों में पढ रहे बच्चों की पढाई बाधित न हो इसके लिए जिलाधिकारी की पहल पर आॅनलाइन एवं आॅफलाइन दोनों तरह से विद्यार्थियों को पढाने की व्यवस्थाएं बनाई गई। जिन विद्यार्थियों के पास आॅनलाइन सुविधा थी उन्हें आॅडियो, वीडियों क्लीप के माध्यम से मुख्य विषय पढाये जा रहे है और जिन विद्यार्थियों के पास नेटवर्क या मोबाइल फोन की सुविधा नही है उनकों नोट्स के माध्यम से पढाया जा रहा है। मुख्य विषयों के दो चैपटर की पढाई पूरी होने पर माॅनिटरिंग टीम अब रविवार को बच्चों का टेस्ट लेगी और इसका मूल्यांकन करेगी। ताकि शिक्षा की गुणवत्ता को परख कर इसको और बेहतर बनाया जा सके। +
भारत-नेपाल सीमा (Indo-Nepal Border) पर तनाव
पिथौरागढ़. उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में बनी लिपुलेख सड़क (Lipu lekh pass) के उद्घाटन के बाद भारत-नेपाल सीमा (Indo-Nepal Border) पर तनाव बढ़ गया है. एक दिन पहले नेपाल ने सीमा पर जहां सैनिकों की तैनाती के संकेत दिए, वहीं पड़ोसी देश अब उत्तराखंड के छांगरू में स्थानी छावनी निर्माण की योजना बनाता दिख रहा है. 12 साल की मेहनत के बाद चीन सीमा को जोड़ने वाली महत्वपूर्ण लिपुलेख सड़क बनने के बाद नेपाल ने विरोध भी जताया है. पड़ोसी देश पहले भी लिपुलेख और कालापानी को अपना बताते हुए सड़क निर्माण पर तीखा विरोध जताता रहा है. वहीं अब जबकि सड़क निर्माण पूरा होता दिख रहा है, तो नेपाल भारत से लगे इस इलाके में अपनी चौकसी बढ़ा दी है. कुछ रोज पहले ही नेपाल ने भारत से सटे छांगरू (Chhangru) में स्थाई तौर पर बॉर्डर आउट पोस्ट खोला था. अब जानकारी मिल रही है कि नेपाल इस इलाके को जल्द ही सैनिक छावनी में तब्दील करने जा रहा है. इस छावनी में 160 सैनिकों की तैनाती स्थाई तौर पर होनी है. यह छावनी इंटरनेशनल बॉर्डर से 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थापित होगी. लिपुलेख सड़क के उद्घाटन के बाद से ही इस इलाके में नेपाल की सक्रियता में तेज़ी देखने को मिली है. 8 मई को लिपुलेख सड़क का उद्घाटन होने के बाद 9 मई को ही नेपाल के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार इंद्रजीत राई हेलिकॉप्टर से कालापानी और छांगरू पहुंच गए थे और 13 मई को बीओपी खोलकर रवाना हुए. नेपाल फिलहाल 9 करोड़ की लागत से छावनी बनाने की योजना बना रहा है. छावनी बनने के बाद उच्च हिमालयी इलाके में नेपाली सैनिकों की साल भर मौजूदगी रहेगी. असल में लिपुलेख सड़क का उद्घाटन होने के बाद नेपाल ने कड़ा विरोध जताया है
नेपाल सरकार का दावा है कि कालापानी और लिपुलेख उसका हिस्सा है और भारत ने नेपाल के भू-भाग में जबरन सड़क का निर्माण किया है. जबकि सच्चाई ये है कि ये दोनों इलाके सुगौली संधि के बाद से ही भारत के पास है. जिस कालापानी पर नेपाल दावा जता रहा है, वहां 1962 के बाद से ही भारतीय जवानों की तैनाती है. यही नहीं, 1962 में हुए बंदोबस्त के मुताबिक कालापानी गर्व्यांग गांव का तोक है, जिसके अभिलेख भी धारचूला राजस्व विभाग के पास मौजूद हैं. लिपुलेख सड़क को लेकर नेपाल की बौखलाहट के पीछे चीनी साजिश भी नजर आ रही है. भारतीय सेना प्रमुख एम एम नरवणे भी कह चुके हैं कि ये संभव है कि नेपाल किसी अन्य के इशारे पर लिपुलेख दर्रे को जोड़ने वाली सड़क पर आपत्ति जाता रहा है. पिथौरागढ़ से लगे बॉर्डर पर नेपाल की अतिसक्रियता के बावजूद भारतीय सुरक्षा एजेंसियां पहले की ही तरह अपने काम पर लगी हैं. नेपाल बॉर्डर पर तैनात एसएसबी की 11 वीं बटालियन के सेनानायक महेंद्र प्रताप का कहना है कि नेपाल अपनी सीमाओं के भीतर काम कर रहा है. नेपाल बॉर्डर पर एसएसबी पहले की ही तरह सुरक्षा में जुटी है.
बीते दिनों रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में बनी लिपुलेख सड़क (Lipu lekh pass) का ऑनलाइन उद्घाटन किया था. सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने 12 साल की कड़ी मेहनत के बाद चीन सीमा को जोड़ने वाली इस अहम सड़क को पहाड़ काटकर बनाया है. इस सड़क के बनने से कैलाश मानसरोवर (Kailash Mansarovar Yatra) यात्रियों को तो सुविधा होगी ही, सुरक्षा के लिहाज से भी इस सड़क को खासा अहम माना जा रहा है. लेकिन इस सड़क के बनने से नेपाल (Nepal) परेशान दिख रहा है. पहले नेपाल सरकार ने लिपुलेख और कालापानी को अपना बताते हुए सड़क निर्माण पर तीखा विरोध जताया था. वहीं अब भारत से लगे इस इलाके में अपनी चौकसी बढ़ा दी है. नेपाल ने भारत से लगी सीमा पर सैनिक तैनात कर दिए हैं.
दरअसल, लिपुलेख पास तक सड़क बनने से चीन से सटी भारतीय सीमाओं की सुरक्षा में तो सहूलियत होगी ही, साथ में नेपाल सीमा पर तैनात एसएसबी के जवानों की राह भी आसान हो गई है. लेकिन नेपाल भारतीय सीमा पर छांगरु में अपनी सेना को तैनात कर रहा है.
यहां तैनात किए जा रहे जवानों को हेलीकॉप्टर की मदद से पहुंचाया जा रहा है, क्योंकि नेपाल में इस दुर्गम इलाके तक पहुंचने के लिए ढंग का रास्ता तक नही है. सीतापुल के करीब बनने वाली चेकपोस्ट के लिए फ़िलहाल सशस्त्र प्रहरी के 25 और नेपाल प्रहरी के 9 जवानों की तैनाती की गई है. चेकपोस्ट पर तैनात जवान आधुनिक सुविधाओं से लैस हैं. पिथौरागढ़ के डीएम विजय जोगदंडे ने न्यूज़ 18 को बताया कि नेपाल की चेकपोस्ट अपनी ज़मीन पर बनाई जा रही है. साथ ही उन्होंने बताया कि अभी तक आधिकारिक तौर पर उन्हें चेकपोस्ट स्थापित होने की जानकारी नहीं मिली है, लेकिन अपनी ओर से डीएम ने एसएसबी और धारचूला के एसडीएम से रिपोर्ट मांगी है.
जवानों ने छांगरु पहुंचने के साथ ही बॉर्डर पर पेट्रोलिंग भी शुरू कर दी है. पहले छांगरु में नेपाल के सुरक्षा जवान सिर्फ 6 महीने के लिए आते थे लेकिन अब यहाँ पर स्थायी चेकपोस्ट स्थापित हो गई है.
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