50% मरीज ठीक हो रहे हैं & Top National News 18 May 20

18 May 20# High Light# (Himalayauk Newsportal Bureau) # भारत में अब रोजाना करीब 50 फीसदी मरीज ठीक हो रहे हैं #केजरीवाल ने कहा कि प्रतिबंधों से छूट देने का समय आ गया है # प्रियंका गांधी के एक हजार बस चलाने की अनुमति यूपी सरकार ने मान ली #कर्नाटक राज्य के सभी चार परिवहन निगमों को बस सेवा शुरू करने की अनुमति # महाराष्ट्र में सियासी संकट का हुआ अंत #बॉलीवुड अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी मुजफ्फरनगर स्थित अपने पैतृक गांव बुढ़ाना में क्वारंटाइन # लॉकडाउन 4.0 में जम्मू-कश्मीर को कोई राहत नहीं मिली #और अब चक्रवाती तूफान ‘अम्फान’ का विकराल रूप # पूरे देश में मानसून 8 जुलाई से 17 सितंबर तक एक साथ सक्रिय होगा #कुशीनगर जिले ; लगातार प्रवासी मजदूरों के साथ रोड एक्सीडेंट की खबरें # Presents by : Himalayauk

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भारत में अब रोजाना करीब 50 फीसदी मरीज ठीक हो रहे हैं # लॉक डाउन का चौथा चरण शुरू हो गया है और केंद्र सरकार ने नई गाइडलाइंस जारी कर दी है जिसमें काफी हद तक छूट दी गई है।

भारत में कोरोना वायरस अब तीसरे चरण में पहुंच गया है। भारत में पहली बार एक दिन में पांच हजार से ज्यादा मामले आए हैं। इनमें से महाराष्ट्र में 2347 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हुए हैं। इसके बाद कोरोना संक्रमितों की संख्या 1 लाख के करीब पहुंच गई है। देशभर में अभी तक 96441 लोगों में कोरोना वायरस की पुष्टि हुई है। महाराष्ट्र के मुंबई में 17 मई को रिकॉर्ड 1595 लोगों में कोरोना वायरस की पुष्टि हुई है। सिर्फ मुंबई में अभी तक 20150 लोग महामारी की चपेट में आ चुके हैं जबकि पूरे प्रदेश में कुल 33053 लोगों में कोविड 19 की पुष्टि हुई है। महाराष्ट्र के अलावा तमिलनाडु में 639, दिल्ली में 422, गुजरात में 391, राजस्थान में 242, उत्तप्रदेश में 206, बिहार में 142 और पश्चिमी बंगाल में 101 कोरोना वायरस संक्रमित मिले हैं।

दूसरी तरफ देशभर में अभी तक 96441 लोग महामारी की चपेट में आ चुके हैं। इनमें से 56133 मामले सक्रिय हैं यानि अस्पतालों में उपचार चल रहा है। अभी तक 37261 लोग ठीक होकर घर जा चुके हैं और 3041 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें से महाराष्ट्र में 1198 लोगों की मौत हुई है। 24 घंटे में 152 लोगों की मौत देश में कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है। पिछले 24 घंटे में 152 लोगों की मौत हो चुकी है। महाराष्ट्र में 17 मई को 63 लोगों की मौत हुई है। जबकि गुजरात में 34 लोगों ने दम तोड़ा है। इसके अलावा दिल्ली में 19, उत्तर प्रदेश में 8 और पश्चिमी बंगाल में 6 लोगों की मौत हुई है। 50 फीसदी मरीज हो रहे ठीक भारत में अब रोजाना करीब 50 फीसदी मरीज ठीक हो रहे हैं। देश में रोजाना जितने मामले आ रहे हैं उसके अनुपात में करीब आधे मरीज ठीक होकर घर जा रहे हैं। आंकड़ों के मुताबिक 17 मई को रिकॉर्ड 2538 मरीज ठीक हुए हैं। इसके अलावा 16 मई को 4012, 15 मई को 2234 मरीज ठीक हुए हैं।

केजरीवाल ने कहा कि टैक्सी कैब, मैक्सी कैब, आरटीवी  और बसें चलेंगी.

   नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने लॉकडाउन-4 को लेकर राज्य के लिए गाइडलाइन की घोषणा की. उन्होंने कहा कि दिल्ली में मेट्रो, स्कूल, कॉलेज, सिनेमाहॉल, मॉल, थियेटर, बार, ऑडिटोरियम और जिम बंद रहेंगे. उन्होंने कहा कि सभी धार्मिक संस्था बंद रहेंगे. सैलून और स्पा भी फिलहाल बंद रहेंगे. शाम को सात बजे से सुबह सात बजे तक घर से निकलने की इजाजत नहीं होगी. केजरीवाल ने कहा कि टैक्सी कैब, मैक्सी कैब, आरटीवी  और बसें चलेंगी. बसों में 20 से ज्यादा यात्री नहीं होंगे. मार्केट काम्प्लेक्स ऑड-ईवन के साथ खुलेंगे. जरूरी सामानों की सारी दुकानें रोज खुलेंगी. निर्माण का काम शुरू किया जा रहा है. केवल दिल्ली के वर्कर्स को काम करने की इजाजत होगी. शादी के लिए केवल 50 लोग इकठ्ठा हो सकते हैं.

जब भारत में कोरोना वायरस आया था तो हमारी तैयारी नहीं थी. लेकिन पिछले डेढ़-पौन दो महीने के अंदर इंतजाम कर लिया है. अब हमें अपनी अर्थव्यवस्था को धीरे-धीरे खोलने की दिशा में बढ़ा होगा. कल केंद्र सरकार ने इसके बार में कुछ गाइलडाइन जारी की है. इसी को ध्यान में रखते हुए दिल्ली सरकार ने लॉकडाउन में ढील देने का फैसला किया है. दिल्ली में अब तक 10054 केस हुए हैं लेकिन लोग ठीक होकर लोग घर जा रहे हैं. अब तक यहां 4485 लोग ठीक होकर घर जा चुके हैं. उन्होंने बताया कि दिल्ली में इस वायरस की वजह से 160 लोगों की मौत हो चुकी है.  बता दें कि रविवार को केंद्र सरकार ने लॉकडाउन के चौथे चरण को लेकर गाइडलाइन जारी की थी. इसके बाद अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट करते हुए कहा था कि दिल्ली के बारे में विस्तृत गाइडलाइन कल यानी आज सोमवार को जारी करेंगे. उन्होंने कहा था कि अब प्रतिबंधों से छूट देने का समय आ गया है.

प्रियंका गांधी के एक हजार बस चलाने की अनुमति यूपी सरकार ने मान ली # घर जाने के लिए दिल्ली-गाजियाबाद बॉर्डर पर बैठे मजदूर, बच्चे के दूध के लिए नहीं हैं पैसे

लखनऊ: प्रवासी मजदूरों के लिए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के एक हजार बस चलाने की अनुमति मांगी थी जिसे अब यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ने स्वीकार कर लिया है. यूपी सरकार ने एक हजार बसों के ड्राइवर और दूसरी जानकारी मांगी है. सूत्रों के मुताबिक, प्रियंका गांधी के दफ्तर ने यूपी मुख्यमंत्री के दफ्तर से संपर्क साधा है और ये जानकारी भेजी जा रही है. इससे पहले सीएम योगी ने कांग्रेस पर ओछी राजनीति करने का आरोप लगाया था. उन्होंने कहा, ”कांग्रेस से एक हजार बसों की सूची मांगी गई है लेकिन अभी तक कोई सूची नहीं मिली. ओछी राजनीति कांग्रेस नहीं करे.” मुख्यमंत्री ने कांग्रेस नेतृत्व पर निशाना साधते हुए कहा, ”तब क्या कर रहे थे ये लोग…यानी शोषण भी करेंगे और फिर ईमानदारी का चेहरा भी दिखाएंगे…सौ चूहे खाकर बिल्ली हज करने चली…ये कहावत आज कांग्रेस नेतृत्व की हो गयी है.

गाजियाबाद में प्रवासी मजदूरों की इस भीड़ पर राजनीति भी शुरू हो गई है. प्रियंका गांधी ने इसे लेकर सरकार को निशाने पर लिया है. प्रियंका के ट्वीट कर कहा, ‘प्रवासी मजदूरों की भारी संख्या घर जाने के लिए गाजियाबाद के रामलीला मैदान में जुटी है. यूपी सरकार से कोई व्यवस्था ढंग से नहीं हो पाती. यदि एक महीने पहले इसी व्यवस्था को सुचारू रूप से किया जाता, तो श्रमिकों को इतनी परेशानी नहीं झेलनी पड़ती. कल हमने 1000 बसों का सहयोग देने की बात की, बसों को उप्र बॉर्डर पर लाकर खड़ा किया, तो यूपी सरकार को राजनीति सूझती रही और हमें परमिशन तक नहीं दी. विपदा के मारे लोगों को कोई सहूलियत देने के लिए सरकार न तो तैयार है और कोई मदद दे तो उससे इंकार है. अब योगी सरकार ने प्रियंका गांधी वाड्रा के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है. एक हज़ार बसों के चालक परिचालक और डिटेल मांगी गई हैं. प्रियंका ने योगी सरकार से अपील की थी कि वो प्रवासी मजदूरों के लिए एक हजार बसें चलाने की अनुमति दें।

इस पर कांग्रेस ने पलटवार किया. यूपी कांग्रेस के ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया, ”योगी जी अभी तक झूठ से काम चला रहे थे. कह रहे थे कि हमने तीन दिन से सूची मांगी है बसों की. खैर हम तो बस लेकर खड़े थे. यूपी की जनता का धन्यवाद कि आपने दबाव बनाकर इस सेवा कार्य में अड़चन डालने वाले सीएम को सही फैसला लेने पर मजबूर किया. श्रमिक भाई-बहनों को राहत मिलनी जरूरी थी.

प्रियंका गांधी ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को चिट्ठी लिखी थी. इसमें उन्होंने कहा था, ”पालयन करते हुए बेसहारा प्रवासी श्रमिकों के प्रति कांग्रेस पार्टी अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए 500 बसें गाजीपुर बॉर्डर गाजियाबाद और 500 बसें नोएडा बॉर्डर से चलाना चाहती है. इसका पूरा खर्चा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस वहन करेगी. महामारी से बचने के सब नियमों का पालन करते हुए प्रवासी श्रमिकों को मदद करने के लिए हम 1000 बसों की चलाने की अनुमति चाहते हैं.

कि लॉकडाउन के चौथे चरण के पहले दिन ही गाजियाबाद में सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों भी खुलेआम धज्जियां उड़ती दिखाई दी. बदइंतजामी के हालात को दर्शाता प्रवासी मजदूरों की भीड़ का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. अपने-अपने घरों को जाने के लिए बेसब्र मजदूरों की भीड़ रामलीला मैदान में इस कदर उमड़ आई कि किसी को कोरोना के खतरे का ख्याल भी नहीं रहा. हजारों प्रवासी मजदूर गाजियाबाद में तीन श्रमिक स्पेशल ट्रेन के लिए अपना रजिस्ट्रेशन करने के लिए रामलीला मैदान में उमड़ पड़े. ये श्रमिक स्पेशल ट्रेनें यूपी के अलग-अलग हिस्सों के लिए रवाना होंगी.  इस भीड़ को देखकर कोई ये नहीं कह सकेगा कि इस वक्त हम कोरोना के डर के साये में जी रहे हैं और देश में लॉकडाउन लगा हुआ है. यहां सोशल डिस्टेंसिंग का नामो-निशान तक नजर नहीं आया. हजारों की संख्या में मजदूर एक-दूसरे से सटे और एक-दूसरे पर लदे हुए नजर आए. पुलिस के भी इस स्थिति को काबू करने पाने में पसीने छूट गए. इस घटना पर एडीएम सिटी गाजियाबाद शेलेन्द्र कुमार ने बताया जो भीड़ उमड़ी है, ये बिहार जाने वालों की है. हम सब की व्यवस्था करवा रहे हैं. सभी को बिहार तक छोड़ा जाएगा. यूपी रोडवेज की अभी तक 50 बस लगा दी गई हैं. जरूरत पड़ने पर और बसों को लगाया जाएगा. जो भी जरूरी कदम है, उसे उठाया जा रहा है. सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो रहा है, लेकिन हम कोशिश कर रहे हैं कि भीड़ को उचित दूरी के साथ खड़ा किया जाए. सभी के खाने-पीने और घर भेजने के प्रबंध किया जा रहा है.

कर्नाटक राज्य के सभी चार परिवहन निगमों को बस सेवा शुरू करने की अनुमति

बेंगलुरु: केंद्र सरकार द्वारा राज्य सरकारों को फैसले लेने की खुली छूट देने के बाद कर्नाटक मुख्यमंत्री ने आज बैठक के बाद कई नए फैसले लिए हैं. सरकार ने सोमवार को लॉकडाउन के नियमों में और ढील देते हुए रेड जोन और निषिद्ध जोन को छोड़ कर राज्य के सभी चार परिवहन निगमों को बस सेवा शुरू करने की अनुमति दे दी. कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी.एस.येदियुरप्पा ने बताया कि ”कर्नाटक में सिर्फ सड़क राज्य परिवहन निगम की बसें और प्राइवेट बसें ही चलेंगी. कंटेनमेंट ज़ोन्स में लॉकडाउन का सख्ती से पालन किया जाएगा और अन्य क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों अनुमति दी जाएगी. रविवार को पूरे राज्य में पूरी तरह लॉकडाउन रहा करेगा.” येदियुरप्पा ने आगे कहा कि ”सभी दुकानों को खोलने की अनुमति होगी. सभी ट्रेनों को राज्य के भीतर चलने की अनुमति दी जाएगी. हमने 31 मई तक गुजरात, महाराष्ट्र, केरल और तमिलनाडु के लोगों को प्रवेश की अनुमति नहीं देने का फैसला लिया है.”

कर्नाटक राज्य के सभी चार परिवहन निगमों को बस सेवा शुरू करने की अनुमति – लॉकडाउन 4 में अब कर्नाटक में ये छूट मिलेगी….

अलग-अलग जिलों में जाने के लिए बस सेवा और नगरीय बस सेवा भी कल से शुरू होगी. टैक्सी और ऑटो को भी कल से चलने की अनुमति मिलेगी. कंटेनमेंट एरिया को छोड़कर बाकी सभी जगहों पर ट्रांसपोर्ट को अनुमति दी जाएगी लेकिन लॉक डाउन के नियमों का पालन भी होगा. पब्लिक पार्क को भी कल से खोल दिया जाएगा, लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करना होगा. गृह मंत्रालय की गाइडलाइंस के अनुसार 31 मई तक उन सभी विषयों पर पाबंदी होगी जिसकी हिदायत केंद्र सरकार ने दी है. 31 मई तक दूसरे राज्यों से आने वाले लोगों को इंस्टीट्यूशनल क्वॉरेंटाइन में भेजा जाना अनिवार्य होगा.  कर्नाटक के अंदर ट्रेन सेवाओं को भी मंजूरी. रविवार को इन सब पर पाबंदी होगी. सभी स्टैंड अलोन दुकानों को सुबह 9 बजे से शाम 7 बजे तक खोलने की अनुमति दी जाएगी. सैलून खोलने की अनुमति.  कर्फ्यू शाम सात से सुबह सात बजे तक जारी रहेगा. तमिलनाडु, गुजरात, महाराष्ट्र और केरल से लोगों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है, इन चार राज्यों से लोग कर्नाटक नहीं पहुंच पाएंगे.

पर्यावरण को आगे भी इसी तरह का बनाए रखने का प्रयास होना चाहिए; केंद्रीय पर्यावरण

NEW DELHI (Himalayauk)  जैसे-जैसे लॉकडाउन (Lockdown) में ज्यादा रियायतें दी जा रही हैं, आम गतिविधियां बढ़ती जा रही हैं. ऐसे में केंद्र सरकार को एक बार फिर पर्यावरण (Environment) की चिंता सताने लगी है. कोरोना (Coronavirus) काल में पाबंदियों के कारण हवा शुद्ध हुई, नदियों में गंदगी कम हो गई, नदियों का जल स्वच्छ हो गया और ध्वनि प्रदूषण नाम मात्र का रह गया था. लेकिन लॉकडाउन में रियायतों के बाद फिर से इन सबका नुकसान होने की संभावना बढ़ गई है. 

ऐसे में केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर (Prakash Javadekar) ने मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखा है. उन्होंने पत्र में लिखा कि कोविड 19 लॉकडाउन के चलते औद्योगिक गतिविधियों, यातायात इत्यादि में कमी का प्रभाव प्रदूषण पर पड़ा है.  पर्यावरण मंत्री ने लिखा कि अब हवा-पानी अधिक साफ है. ध्वनि प्रदूषण कम हुआ है. ऐसे में इसे ही बेंच मार्क मानते हुए पर्यावरण को आगे भी इसी तरह का बनाए रखने का प्रयास होना चाहिए. 

अब जब हम सामान्य जीवन की ओर वापसी कर रहे हैं ऐसे में हम सब के लिए इस स्तर को बनाए रखना एक चुनौती होगी. पत्र में जावडेकर ने कहा है कि राज्य सरकार को प्रदूषण नियंत्रण के नियमों को सख्ती से लागू करना होगा. उन्होंने कहा कि नदियों में औद्योगिक कचरा, उत्सर्जन आदि पर नियंत्रण लगाया जाए. जनता को जागरूक करने की जरूरत है. जावडे़कर ने मुख्यमंत्रियों से सहयोग की अपील की है. साथ ही कहा कि वे अपने संबंधित विभागों को इस बारे में निर्देश भी दें.

महाराष्ट्र में सियासी संकट का हुआ अंत

महाराष्ट्र कई सप्ताह से चले आ रहे सियासी संकट का आज अंत हो गया है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने आज विधान परिषद के सदस्य के तौर पर शपथ ले ली है। बीते गुरुवार को सीएम और 8 अन्य उम्मीदवारों को राज्य विधान परिषद के लिए निर्विरोध निर्वाचित किया गया था। जिसके बाद सीएम ठाकरे समेत सभी ने शपथ ली है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सीएम उद्धव ठाकरे के अलावा विधान परिषद की उपसभापति नीलम गोरे (शिवसेना), रणजीत सिंह मोहिते पाटिल, गोपीचंद पाडलकर, प्रवीण दटके और रमेश कराड को भी निर्वाचित घोषित किया गया है। निर्वाचित होने वाले उम्मीदवारों में राकांपा के शशिकांत शिंदे, अमोल मितकरी और कांग्रेस के राजेश राठौड़ शामिल हैं।

महाराष्ट्र कई सप्ताह से चले आ रहे सियासी संकट का आज अंत हो गया है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने आज विधान परिषद के सदस्य के तौर पर शपथ ले ली है। बीते गुरुवार को सीएम और 8 अन्य उम्मीदवारों को राज्य विधान परिषद के लिए निर्विरोध निर्वाचित किया गया था। जिसके बाद सीएम ठाकरे समेत सभी ने शपथ ली है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सीएम उद्धव ठाकरे के अलावा विधान परिषद की उपसभापति नीलम गोरे (शिवसेना), रणजीत सिंह मोहिते पाटिल, गोपीचंद पाडलकर, प्रवीण दटके और रमेश कराड को भी निर्वाचित घोषित किया गया है। निर्वाचित होने वाले उम्मीदवारों में राकांपा के शशिकांत शिंदे, अमोल मितकरी और कांग्रेस के राजेश राठौड़ शामिल हैं।

महाराष्ट्र में विधान परिषद की नौ सीटें 24 अप्रैल से खाली थीं। विधान परिषद के चुनाव में सबकी निगाहें सीएम उद्धव ठाकरे पर टिकी हुईं थीं। क्योंकि उद्धव ठाकरे का महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बने रहने के लिए एमएलसी चुना जाना जरूरी था। ऐसा इसलिए क्योंकि उद्धव ठाकरे विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार नहीं थे। उद्धव ठाकरे ने बीते साल 28 नवंबर को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। ठाकरे को 27 मई से पहले विधानमंडल के दोनों सदनों में से किसी एक का सदस्य बनना जरूरी था।

बॉलीवुड अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी मुजफ्फरनगर स्थित अपने पैतृक गांव बुढ़ाना में क्वारंटाइन

बॉलीवुड अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी को प्रशासन ने क्वारंटाइन कर दिया है। बताया जा रहा है कि नवाजुद्दीन सिद्दीकी को प्रशासन ने उनके मुजफ्फरनगर स्थित पैतृक आवास पर 14 दिनों के लिए क्वारंटाइन कर दिया है। इन 14 दिनों वे न तो किसी से मिल सकते हैं और न ही उनसे कोई मिल सकता है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नवाजुद्दीन सिद्दीकी अपने परिवार के चार सदस्यों के साथ मुंबई से उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर स्थित अपने पैतृक गांव बुढ़ाना में घर आए थे। वह परिवार के सदस्यों के साथ 11 मई को देर रात अपने घर बुढ़ाना पहुंचे थे। जानकारी मिलने के बाद प्रसाशन और स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंची और उन्हें और उनके परिवार के सदस्यों को होम क्वारंटाइन किया।

लॉकडाउन 4.0 में जम्मू-कश्मीर को कोई राहत नहीं मिली

जम्मू: कोरोना वायरस (Coronavirus) के संक्रमण की रोकथाम के लिए देशभर में आज सोमवार से शुरू हुए लॉकडाउन 4.0 में जम्मू-कश्मीर को कोई राहत नहीं मिली है. केंद्र ने रियायत देने का मामला चूंकि राज्य सरकारों के हवाले कर दिया है इसीलिए राज्य सरकार ने हालात की समीक्षा करके छूट देने या न देने का फैसला मंगलवार तक के लिए टाल दिया है.

अब तक लॉकडाउन 3.0 में जो रियायतें दी गई थीं, उन्हें जारी रखा गया है. लेकिन ठप पड़ी अर्थव्यवस्था को चलाने के लिए व्यापारी वर्ग और आम लोग लॉकडाउन 4.0 में कुछ ज्यादा रियायतों की मांग कर रहे हैं.

और अब चक्रवाती तूफान ‘अम्फान’ का विकराल रूप

नई दिल्ली: चक्रवाती तूफान ‘अम्फान’ आज शाम तक विकारल रूप धर सकता है और बुधवार को 185 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली हवाओं के साथ यह पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश तट से टकरा सकता है. गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल और ओडिशा सरकारों को जारी परामर्श में कहा कि ‘अम्फान’ अब दक्षिणी बंगाल की खाड़ी के मध्य हिस्सों और बगल की मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर मौजूद है. इसने कहा कि यह पिछले छह घंटों से 13 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उत्तर की ओर बढ़ रहा है. भारत मौसम विभाग के बुलेटिन का हवाला देते हुए गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि वर्तमान में यह चक्रवात दक्षिणी बंगाल की खाड़ी से लगे पश्चिम-मध्य और मध्य हिस्सों के ऊपर है जो पारादीप (ओडिशा) से करीब 790 किलोमीटर दक्षिण, दीघा (पश्चिम बंगाल) से 940 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिणपश्चिम और खेपुपारा (बांग्लादेश) से 1060 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिणपश्चिम में है.

चक्रवाती तूफान ‘अम्फान’ सोमवार शाम तक विकराल रूप ले लेगा और इसके चलते ओडिशा के तटीय इलाकों और पश्चिम बंगाल की गंगा नदी के पास के इलाकों में तेज हवाओं के साथ भारी बारिश हो सकती है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘अम्फान’ से उत्पन्न स्थिति की समीक्षा करने के लिए आज शाम उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की. गृह मंत्रालय और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के साथ प्रधानमंत्री नेे बैठक की. गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल और ओडिशा सरकारों को जारी परामर्श में कहा कि ‘अम्फान’ सोमवार सुबह दक्षिणी बंगाल की खाड़ी के मध्य हिस्सों और बगल की मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर मौजूद है.

मौसम विभाग ने कहा कि चक्रवात से तटीय ओडिशा और पश्चिम बंगाल में गंगा से लगने वाले क्षेत्र में तेज हवाओं के साथ भारी बारिश होगी. ओडिशा सरकार जहां संवेदनशील इलाकों में रह रहे 11 लाख लोगों को निकालने की तैयारी कर रहा है, वहीं पश्चिम बंगाल सरकार ने तटीय जिलों के लिए अलर्ट जारी किया और राहत टीमें भेजी हैं. 

मौसम विभाग ने पश्चिम बंगाल के लिए ‘ऑरेंज’ चेतावनी जारी की है और कहा कि ‘अम्फान’ 20 मई को दोपहर या शाम के दौरान अत्यंत प्रचंड तूफान के रूप में बांग्लादेश में हटिया द्वीप और पश्चिम बंगाल के दीघा के बीच पश्चिम बंगाल एवं बांग्लादेश तट के बीच से गुजरेगा. इस दौरान 155-165 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलेंगी जो कभी भी 185 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ सकती हैं. 

अधिकारी ने कहा कि संभवत: यह उत्तरपश्चिम बंगाल की खाड़ी के पास उत्तर-उत्तरपूर्वी दिशा की तरफ बढ़ेगा और 20 मई को दोपहर या शाम के दौरान अत्यंत प्रचंड तूफान के रूप में बांग्लादेश में हटिया द्वीप और पश्चिम बंगाल के दीघा के बीच पश्चिम बंगाल एवं बांग्लादेश तट के बीच से गुजरेगा. इस दौरान 155-165 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलेंगी जो कभी भी 185 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ सकती हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘अम्फान’ से उत्पन्न स्थिति की समीक्षा करने के लिए उच्च स्तरीय बैठक कर रहे हैं. इस बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, गृह मंत्रालय, एनडीएमए और एनडीआरएफ के अधिकारी मौजूद हैं. मौसम विभाग ने कहा कि चक्रवात से तटीय ओडिशा और पश्चिम बंगाल में गंगा से लगने वाले क्षेत्र में तेज हवाओं के साथ भारी बारिश होगी. ओडिशा सरकार जहां संवेदनशील इलाकों में रह रहे 11 लाख लोगों को निकालने की तैयारी कर रहा है, वहीं पश्चिम बंगाल सरकार ने तटीय जिलों के लिए अलर्ट जारी किया और राहत टीमें भेजी हैं.

तटीय ओडिशा में कई स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है जबकि गजपति, गंजाम, पुरी, जगतसिंहपुर और केंद्रपाड़ा जैसे ओडिशा के तटीय जिलों में कुछ स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है. ओडिशा के विशेष राहत आयुक्त पी के जेना ने कहा कि गंजाम, गजपति, पुरी, जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा, भद्रक, बालासोर, मयूरभंज, जाजपुर, कटक, खुर्दा और नयागढ़ के जिलाधिकारियों से जरूरत पड़ने पर संवेदनशील इलाकों से लोगों को निकालने के लिए तैयार रहने को कहा है.

कोलकाता में क्षेत्रीय मौसम केंद्र के निदेशक जी के दास ने कहा कि चक्रवात के प्रभाव से उत्तर और दक्षिण 24 परगना, पूर्वी एवं पश्चिमी मिदनापुर, हावड़ा और हुगली समेत पश्चिम बंगाल के तटीय जिलों में 19 मई को कई स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है जबकि दूर-दराज के कुछ इलाकों में भारी बारिश का अनुमान है.
 एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि तटीय इलाकों में राहत सामग्रियां, सूखे मेवे और ट्रेम्पोलिन भेज दिए गए हैं. अधिकारी ने कहा, “हम किसी भी तरह की आपात स्थिति से निपटने के लिए सभी तरह के कदम उठा रहे हैं. विशेष नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गए हैं और राज्य आपदा प्रबंधन बल की टीमों को तैनात किया गया है. हम जन संबोधन प्रणालियों के जरिए घोषणाएं भी कर रहे हैं.” विभाग ने कहा कि अत्यधिक तेज हवाओं से कच्चे घरों को बहुत ज्यादा नुकसान और ‘पक्के’ घरों को कुछ हद तक नुकसान पहुंच सकता है. मौसम वैज्ञानिकों ने कहा है कि तेज हवाओं के कारण बिजली एवं संचार के खंभे मुड़ या उखड़ सकते हैं, रेलवे सेवाओं को कुछ हद तक बाधित कर सकते हैं और ऊपर से गुजरने वाले बिजली के तार एवं सिग्नल प्रणालियां प्रभावित हो सकती हैं तथा तैयार फसलों, खेतों-बगीचों को बड़े पैमाने पर नुकसान हो सकता है.  तटीय ओडिशा में 18 मई की शाम से कई स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है जबकि गजपति, गंजाम, पुरी, जगतसिंहपुर और केंद्रपाड़ा जैसे ओडिशा के तटीय जिलों में कुछ स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है. 

कोलकाता में क्षेत्रीय मौसम केंद्र के निदेशक जी के दास ने कहा कि चक्रवात के प्रभाव से उत्तर और दक्षिण 24 परगना, पूर्वी एवं पश्चिमी मिदनापुर, हावड़ा और हुगली समेत पश्चिम बंगाल के तटीय जिलों में 19 मई को कई स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है जबकि दूर-दराज के कुछ इलाकों में भारी बारिश का अनुमान है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि तटीय इलाकों में राहत सामग्रियां, सूखे मेवे और ट्रेम्पोलिन भेज दिए गए हैं. ओडिशा के विशेष राहत आयुक्त पी के जेना ने कहा कि गंजाम, गजपति, पुरी, जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा, भद्रक, बालासोर, मयूरभंज, जाजपुर, कटक, खुर्दा और नयागढ़ के जिलाधिकारियों से जरूरत पड़ने पर संवेदनशील इलाकों से लोगों को निकालने के लिए तैयार रहने को कहा है. उन्होंने कहा कि 11 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए तैयारियां कर ली गई हैं लेकिन लोगों को किन स्थानों से निकालना है यह फैसला सही समय पर किया जाएगा.  जेना ने कहा कि 12 तटीय जिलों में 809 चक्रवात शिविरों में से 242 को फिलहाल कोरोना वायरस लॉकडाउन के बीच विभिन्न राज्यों से लौट रहे लोगों के लिए अस्थायी चिकित्सा शिविर के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है. 

राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के महानिदेशक एस एन प्रधान ने कहा कि 10 इकाइयों को ओडिशा के विभिन्न जिलों में भेजा गया है जबकि 10 अन्य इकाइयों को तैयार रखा गया है.  चक्रवात ‘अम्फान’ से एक साल पहले पिछले साल तीन मई को ओडिशा में तूफान फणी ने कहर बरपाया था और 64 लोगों की जान लेने के साथ ही बिजली, दूरसंचार, पानी एवं अन्य महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों की अवसंरचना को तबाह कर दिया था. 

 पूरे देश में मानसून 8 जुलाई से 17 सितंबर तक एक साथ सक्रिय होगा

पूरे देश में मानसून जल्द ही अपने प्रभाव में आने वाला है। हालांकि इस बार की मानसून की सक्रियता का समय सीमा पहले से ज्यादा यानी 48 दिन के बजाय 71 दिन का होगा। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार मानसून की शुरुआत केरल से होगी, जो धीरे-धीरे अन्य राज्यों में प्रवेश करते हुए आखिरी में राजस्थान के Pokhran पहुंचेगा। एक जून को मानसून (Monsoon) केरल में दस्तक देगा। बता दें कि पहले देश में मानसून की समय सीमा 15 जुलाई से 1 सितंबर तक रहता था, जो अब 8 जुलाई से 17 सितंबर तक पूरे देश में एक साथ सक्रिय होगा। इसके साथ ही मानसून का नया कैलेंडर भी लागू होगा। नए कैलेंडर में केरल में मानसून के दस्तक देने की तारीख एक जून को है। 

दक्षिणी पश्चिमी मानसून की आखिरी बारिश इंफाल, कलिंगापट्‌टनम (Andra Pradesh) और गंगावटी (Karnataka) में होंगी। भारतीय मौसम विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि इस बार मानसून की समय सीमा में बदलाव से देश के प्रमुख जलाशयों, नदियों के जल प्रवाह, जल भंडारण के प्रबंधन और बिजली उत्पादन के प्रबंधन में मदद करेंगी। वहीं, पुणे के क्लाइमेट रिसर्च विंग के प्रमुख विज्ञानी डॉ. डीएस पई ने बताया कि मानसून की शुरुआत और विदाई की तारीखों में बदलाव देखने को मिलेगा। इस बदलाव से कई शहरों में इसकी अवधि बढ़ी है तो कहीं 2-5 दिन घटी भी है। बाड़मेर में मानसून अब 22 दिन ज्यादा रहेगा। जबकि अहमदाबाद, इंदौर, अकोला और पुरी आदि शहरों में पहले से कम होगा।

कुशीनगर जिले ; लगातार प्रवासी मजदूरों के साथ रोड एक्सीडेंट की खबरें

देश में प्रवासी मजदूरों के साथ हो रही घटनाएं रूक नहीं रहीं हैं। देश के अलग-अलग कोने से प्रवासी मजदूरों के साथ रोड एक्सीडेंट की खबरें लगातार सामने आ रही हैं। ताजा मामला उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले से सामने आया है। जिले एक बस ट्रक से टकरा गई। इस हादसे में बस में सवार 12 प्रवासी मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गए। सभी घायलों को तमकुही सीएचसी में भर्ती करावाया गया। जिनमें साल मजदूरों की हालत बेहद गंभीर बताई जा रही है। बस नोएडा से 3 मजदूरों को लेकर बिहार के भागलपुर जा रही थी। सीएम योगी ने दिए जांच के आदेश मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह हादसा कुशीनगर जिले के पटहेरवा इलाके में रविवार रात साढ़े नौ बजे एनएच-28 पर हुआ। बस ओवरटेक करने की वजह से ट्रक से भिड़ गई।

सीएम योगी ने जिला प्रशासन को घायलों के इलाज की व्यवस्था करने और हादसे की जांच का आदेश दिया है। प्रशासन ने संबंधित अधिकारियों से जांच रिपोर्ट मांगी है। औरैया हादसे से प्रदेश सरकार ने लिया सबक गौरतलब है कि औरैया में बीते शनिवार को हुए हादसे में 24 प्रवासी मजदूरों की मौत हो गई थी। इससे सबक लेते हुए प्रयागराज जोन पुलिस ने फैसला किया है कि प्रवासी मजदूरों को ले जाने वाले लोडिंग वाहनों पर नजर रखी जाएगी। सिर्फ खाली वाहनों यानी जिनमें कोई भारी सामान नहीं होगा उन्हें ही लोगों को ले जाने की छूट दी जाएगी। प्रवासियों को टू-व्हीलर या साईकिल से जाने की इजाजत नहीं होगी, पैदल भी सफर नहीं कर सकेंगे। पुलिस वाहनों की स्पीड पर भी नजर रखेगी।

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