(ITR) लास्ट डेट 31 दिसंबर & बीमारियों का खतरा कम करना है तो यह तेल खाये & Top National News 24 Dec. 20

24 DEHRADUN (UTTRAKHAND) TOP NEWS HIGH LIGHT # मां की ममता की एक अनूठी मिसाल #दिल की बीमारियों का खतरा कम करे- नेचुरल ऑइल मूंगफली का तेल # हजारों गुणों से भरा पड़ा है मूंगफली का तेल # कृषि कानून के मसले पर कांग्रेस पार्टी का हल्ला बोल जारी # बदली वैश्विक परिस्थिति में पाकिस्तान और रूस में संबंध की सुगबुगाहट # (ITR) भरने की की लास्ट डेट 31 दिसंबर में अब कुछ ही दिन बाकी # किसानों ने हेलीपैड को फावड़े से खोद डाला # Presents by Himalayauk Newsportal & Daily Newspaper, publish at Dehradun & Haridwar: Mob 9412932030 ; CHANDRA SHEKHAR JOSHI- EDITOR; Mail; himalayauk@gmail.com

इंसान और जानवरों के बीच – मां की ममता की एक अनूठी मिसाल

यह किसी फिल्म के दृश्य से कम नहीं है. इंसान और जानवरों के बीच पारिवारिक रिश्ते की यह बात इसलिए भी खास है कि वन्य प्राणियों में हिरण एक ऐसा जानवर है जो इंसानों के पास आना तो दूर, आहट सुनते ही भाग जाता है लेकिन जन्म के करीब 5 दिन बाद से ही हिरण के बच्चे से उसकी मां बिछड़ गई. शायद इसके बाद मुस्लिम महिला माया के रूप में मिला प्यार उनकी ओर खींच लाता है. जैसलमेर में लाठी क्षेत्र के केरालिया गांव निवासी एक मुस्स्लिम परिवार की एक महिला ने मां की ममता की एक अनूठी मिसाल पेश करते हुए बगैर मां के हिरण के बच्चे को बोतल से गाय का दूध पिलाने के साथ पालन पोषण किया. 

इंसान और जानवरों के बीच – मां की ममता की एक अनूठी मिसाल HIMALAYAUK

जिले के केरालिया गांव निवासी नूरे खान की पत्नी माया ने मादा हिरण  को आवारा कुत्तों द्वारा मौत के घाट उतारने के बाद उसके बच्चे को 7 महीने तक अपने बच्चे की तरह परवरिश करते हुए गाय का दूध पिला कर लालन पोषण कर जिंदा रखा और उसे ‘डॉन’ का नाम दिया.

अब 7 महीने बाद जब उसने वन विभाग को सौंपा तो उसका दिल भर आया और हिरण के बच्चे से बिछोह सहन न कर सकी और उसकी आंखों से आंसुओं की धारा बह निकली. मिली जानकारी के अनुसार, माया के परिवार ने हिरण बच्चे को ‘डॉन’ नाम भी दिया है. समय-समय पर दूध-पानी देने वाले परिवारजनों से हिरण के बच्चे को इतना लगाव हो गया है कि पूरे दिन वह परिवार के इर्द-गिर्द ही रहने लगे है. थोड़ा दूर चले जाने पर जैसे ही मौजूद परिवार उनके नाम से पुकारते हैं तो वह दौड़ते हुए उनके पास आ जाता है.

नूरेखान की पत्नी माया ने बताया कि उसने मादा हिरण के बच्चे को अपने बच्चे की तरह बोतल से दूध पिला-पिलाकर जिंदा रखा. अब वह तंदुरुस्त होकर चहल-कदमी करने लगा है. करीब सात माह की उम्र वाले हिरण के बच्चे माया के परिवार वालों से इतना घुल-मिल गये कि उन्हें वो अपने परिवार के सदस्य मानने लगे हैं.

माया का कहना है कि हिरण का बच्चा इतना चंचल है कि कुछ ही दिनों में वह हमसे घुलमि‍ल गया और उसका डर खत्म हो गया. परिवार का कहना है कि आवारा कुत्तों के हमले होने का डर सताता रहता है लिहाजा इसको देखते हुए वनविभाग कर्मियों को सूचित कर दिया. वन्य जीव प्रेमी राधेश्याम पेमाणी, धर्मेंद्र पवार, सुरेश जाट, महेन्द्र खां, अलशेर खां की मौजूदगी में हिरण के बच्चे को वन विभाग कर्मियों को सुपुर्द किया गया है.

दिल की बीमारियों का खतरा कम करे- नेचुरल ऑइल मूंगफली का तेल

रिफाइंड ऑइल के मुकाबले नेचुरल ऑइल इस्तेमाल करना ज़्यादा पसंद करते हैं. खासकर ग्राउंडनट ऑइल (मूंगफली का तेल) अब धीरे-धीरे लोगों की पहली पसंद बनता जा रहा है. ग्राउंडनट ऑइल में पाए जाने वाले मोनो-सैचुरेटेड फैटी एसिड्स हमारे शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल (HDL) को कम करते हैं और गुड कोलेस्ट्रॉल (LDL) को बढ़ाते हैं, जिससे दिल की बीमारियों का खतरा काफी कम हो जाता है. कमाल की बात तो ये है की ग्राउंडनट ऑइल में ज़रा भी कोलेस्ट्रॉल नहीं होता. यही नहीं, ग्राउंडनट ऑइल एंटी-ऑक्सीडेंट्स और फाइटोस्टेरोल का लाजवाब स्रोत है, जो हमारे दिल को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं. अपने हल्के स्वाद की वजह से ग्राउंडनट ऑइल हर तरह के भारतीय पकवानों को बनाने में उपयोग किया जा सकता है. साथ ही इसका बेहतरीन स्वाद हर पकवान का मज़ा दोगुना कर देता है. यह तेल आसानी से जलता भी नहीं है, जिसकी वजह से इसे डीप फ्राई के लिए सबसे अच्छा तेल माना जाता है. भारत में ग्राउंडनट ऑइल की बढ़ती मांग को ध्यान में रखते हुए गुलाब ऑइल ने बाज़ार में इस तेल के तीन प्रकार उपलब्ध कराये हैं – फिल्टर्ड ग्राउंडनट ऑइल, ऑर्गेनिक ग्राउंडनट ऑइल और कोल्ड प्रेस्ड ग्राउंडनट ऑइल. तीनों ऐमेज़ॉन और shopgulab.com पर होम डिलीवरी के लिए उपलब्ध हैं.

सनफ्लॉवर ऑइल, पाम ऑइल या कॉटनसीड ऑइल जैसे रिफाइंड ऑइल्स को बनाते वक़्त अक्सर उन्हें 200 डिग्री के तापमान पर रखा जाता है, जिससे उनमें पोषक तत्व ना के बराबर रह जाते हैं. ऐसे में खाना बनाने के लिए सबसे बेहतरीन और सेहतमंद विकल्प ग्राउंडनट ऑइल ही है, और लोग इस असलियत से भली-भांति वाकिफ हो चले हैं. इसके अनगिनत फायदों के चलते ना जाने कितने परिवारों ने खाना पकाने में ग्राउंडनट ऑइल का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है. 

गुलाब ऑइल्स एंड फूड इंडस्ट्रीज के डायरेक्टर श्री दिशित नाथवानी का कहना है कि, “ग्राउंडनट ऑइल उन नेचुरल ऑइल्स में से है जिन्हें भारत में ही निकाला जाता है. इसका बेहतरीन स्वाद और सुगंध इसे बाकी तेलों से बिलकुल अलग बनाता है. इसके स्वाद में एक मिठास है जो हर प्रकार के भारतीय भोजन में चार चांद लगा देती है. ग्राउंडनट ऑइल 100 प्रतिशत नेचुरल होता है क्यूंकि इसे बनाते वक़्त किसी भी प्रकार के केमिकल्स का इस्तेमाल नहीं किया जाता. इसे बिलकुल प्राकृतिक तरीके से बनाया जाता है और जस का तस ग्राहकों तक पहुँचाया जाता है. भारतीयों का ग्राउंडनट ऑइल की ओर बढ़ता रुझान ना सिर्फ उनकी सेहत के लिए फायदेमंद है, बल्कि इससे देश की अर्थव्यवस्था को भी बल मिलेगा, क्यूंकि ये बिलकुल स्वदेशी तेल है. इसको बनाने वाली मूंगफली की उगाई से ले कर तेल की पैकेजिंग तक, सब यहीं किया जाता है.

गुलाब ऑइल्स के लिए गुणवत्ता बेहद ज़रूरी है. पिछले 50 सालों में हमने सिर्फ ग्राउंडनट ऑइल बनाने का काम नहीं किया है, बल्कि हमारी एक विशेष टीम इस बात का ख्याल रखती है कि हमारा ऑइल बनाने में केवल सर्वश्रेष्ठ मूंगफली के दाने उपयोग किये जाएं. इसके लिए हम गुजरात के सौराष्ट्र छेत्र से मूंगफली मंगवाते हैं, जहाँ उगने वाली मूंगफली का स्वाद और सुगंध आपको कहीं और नहीं मिल सकते. तेल को फ़िल्टर करने के लिए हमारे पास एक ऐसी अनोखी तकनीक है जिससे उसकी शुद्धता के साथ-साथ उसका स्वाद और सुगंध भी बरकरार रहती है और वो अगले 12 महीनों तक एकदम ताज़ा रहता है आज गुलाब के पास तेल निकालने के अनेक कारखाने हैं, जहां बिलकुल प्राकृतिक और सबसे शुद्ध ग्राउंडनट ऑइल निकाला जाता है. हमारे यहाँ 100% रिटर्न/रिप्लेसमेंट पालिसी का पालन किया जाता है जिसके तहत अगर ग्राहक हमारे प्रोडक्ट से संतुष्ट नहीं हैं, तो वो कभी भी उसे वापस कर सकते हैं.”

विशेषज्ञों के अनुसार 40 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को अधिकतम 7 किलो तेल का इस्तेमाल ही एक साल में करना चाहिए। स्वास्थ्य के प्रति सचेत लोगों ने नए तरह के ऑइल (जैसे ऑलिव, अवोकाडो) का इस्तेमाल भी बढ़ा दिया है। उच्च आय वर्ग खाने में ऑलिव ऑइल को तरजीह दे रहा है। हिमालयायूके सम्‍पादक कहते है कि आलिव आयल आरएस ही प्रयोग करें ऑलिव ऑइल का इस्तेमाल करते समय ध्यान देना चाहिए कि यह डीप फ्राइ के लिए नहीं है। इसमें स्मोकिंग पॉइंट कम होता है एंटी ऑक्सीडेंट्स हैं, जो आर्थराइटिस के दर्द को कम करते हैं। ये पार्किन्सन और अल्जाइमर से बचाता है। दिल के लिए बेहद फायदेमंद। लेकिन> इसके 5 एमएल में करीब 45 कैलोरी होती है। तेल का उपयोग करते समय ध्यान रखना चाहिए कि इसे बदल-बदलकर खाना चाहिए। एक व्यक्ति को एक दिन में दो बड़े चम्मच ही तेल का सेवन करना चाहिए।

हजारों गुणों से भरा पड़ा है मूंगफली का तेल

मूंगफली के तेल में कोलेस्‍ट्रॉल स्‍तर घटाने, दिल को स्‍वस्‍थ रखने, कैंसर से लड़ने और पाचन प्रक्रिया को दुरूस्‍त बनाएं रखने के गुण होते हैं। इस तेल में ओलिक एसिड, स्‍टेरिक एसिड, पालमिटिक एसिड और लिनोलिक एसिड होता है जो स्‍वास्‍थ्‍य को बेहतर बना देता है। चूंकि इसमें फैटी एसिड, असंतुलित मात्रा में नहीं होता है तो शरीर में फैट भी नहीं बढ़ता है। जिन लोगों को डायबटीज की समस्‍या होती है उन्‍हे खासकर मूंगफली के तेल का ही सेवन करना चाहिए। इस तेल के सेवन से शरीर में इंसुलिन की पर्याप्‍त मात्रा बनी रहती है। इसके सेवन से ब्‍लड़ ग्‍लूकोज लेवल सामान्‍य रहता है और ब्‍लड़ सुगर लेवल, नियंत्रण में रहता है।  ऐसे हजारों गुणों से भरा पड़ा है मूंगफली का तेल। इस तेल से मसाज करने से जोड़ों के दर्द में आराम मिलता है क्‍योंकि यह विटामिन ई से भरपूर होता है। इससे मसाज करने से त्‍वचा में भी दमक आ जाती है।  मूंगफली का तेल, एमयूएफए से भरपूर होता है जिसके कारण शरीर में फैट की मात्रा बहुत ज्‍यादा नहीं पहुंचती है और बैड कोलेस्‍ट्रॉल भी बॉडी में नहीं पहुंचता है। इस तेल के सेवन से कोरोनरी ऑर्टरी बीमारी नहीं होती है और धमनियों में रक्‍त का प्रवाह भी अच्‍छे से होता है।   मूंगफली के तेल में लिनोलेईक एसिड होता है जिसमें एेसे गुण होते हैं जो शरीर की क्रियाविधि को दुरूस्‍त बनाएं रखते हैं।    किसी भी तेल के इस्‍तेमाल से पहले कोलेस्‍ट्रॉल का ख्‍याल सबसे पहले आता है। मूंगफली के तेल में ऐसी समस्‍या नहीं होती है। इसमें बैड कोलेस्‍ट्रॉल नहीं होता है जिससे मोटापे का खतरा नहीं मंडराता है।   मूंगफली के तेल मोनाअसंतृप्‍त वसा होता है जो शरीर में उच्‍च रक्‍तचाप को होने से बचाता है। इससे दिल के रोग होने का खतरा काफी कम हो जाता है।   मूंगफली के तेल में 2-3 बूंद नींबू का रस मिलाकर लगाने से शरीर पर निकले दानों का उपचार हो जाता है। यह एक प्रकार का नेचुरल स्‍कीन केयर होता है, ड्राई स्‍कीन पर इस पेस्‍ट को लगाने से भी काफी आराम मिलता है।  मूंगफली के तेल का सेवन करने से पेट संबंधी समस्‍याएं काफी हद तक दूर हो जाती हैं। कब्‍ज, पाचन क्रिया, डायरिया आदि रोगों से निजात मिल जाता है।  मूंगफली के तेल में प्रोटीन की मात्रा काफी ज्‍यादा होती है। हर दिन निश्‍िचत मात्रा में भोजन बनाते समय इसका सेवन करने से शरीर में मजबूती आती है।

सरसों: सर्दी और त्वचा संबंधी बीमारियों में फायदा : फूड एक्सपर्ट एचए मिश्रा बताते हैं कि संतुलित मात्रा में खाएं तो यह पाचन बेहतर करता है। भूख बढ़ाता है। सर्दी, त्वचा की बीमारियों में फायदेमंद होता है। लेकिन > इरूसिक एसिड होता है। दिल-फेफड़े के लिए खतरा है।

मूंगफली: बैड कोलेस्ट्रॉल कम होता : इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल के डॉ. केके पांडे कहते हैं कि इसमें मोनो और पॉलीअनसैचुरेटेड फैट होते हैं, जिससे बैड कॉलेस्ट्रॉल कम होता है। लेकिन > बहुत भारी होता है। प्रमुख तेलों में सिर्फ इसकी खपत कम हुई है।

राइस ब्रान: इंसुलिन रेजिस्टेंस को बेहतर करता : इसमें ओरीज़नॉल पाया जाता है। इससे कॉलेस्ट्रॉल लेवल कम होता है। यह तेल इंसुलिन रेजिस्टेंस को बेहतर करता है। स्क्वालीन भी पाया जाता है, जो त्वचा को बेहतर बनाता है। लेकिन > इस तेल में ओमेगा-3 नहीं के बराबर होता है, जो ठीक नहीं है।

सनफ्लॉवर: कैंसर और दिल की बीमारी से बचाता : ओमेगा-6 और विटामिन ई होने के कारण यह शरीर की काेशिकाओं के लिए बेहतर है। कैंसर और दिल की बीमारियों से बचाता है। प्रतिरक्षा तंत्र और तंत्रिका तंत्र बेहतर करता है। लेकिन > इसमें सैचुरेटेड फैट ज्यादा। अधिक सेवन से कॉलेस्ट्रॉल बढ़ता है।

कृषि कानून के मसले पर कांग्रेस पार्टी का हल्ला बोल जारी

NEW DELHI (Himalayauk) कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को राष्ट्रपति से मुलाकात कर कृषि कानून के खिलाफ ज्ञापन सौंपा. इससे पहले भी राहुल गांधी विपक्ष के नेताओं के साथ मिलकर राष्ट्रपति से मुलाकात कर चुके हैं.  कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कृषि कानूनों के मसले पर एक बार फिर सरकार को जमकर घेरा है. गुरुवार को राहुल गांधी ने राष्ट्रपति से मुलाकात कर इन मसलों को उठाया. इसी दौरान मीडिया से बात करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि जो भी मोदी सरकार के खिलाफ बोलता है, ये उन्हें आतंकी बताना शुरू कर देते हैं. राहुल ने इसी दौरान कहा कि अगर कल को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत खिलाफ हो जाएंगे, तो उन्हें भी आतंकी बता दिया जाएगा. 

कृषि कानून के मसले पर कांग्रेस पार्टी का हल्ला बोल जारी है. कांग्रेस सांसद राहुल गांधी राष्ट्रपति से मिलने पहुंचे हैं, दूसरी ओर मार्च में शामिल प्रियंका गांधी वाड्रा को हिरासत में ले लिया गया हालांकि बाद में उन्हें छोड़ भी दिया गया.

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को कृषि कानून के मसले पर राष्ट्रपति से मुलाकात की, जिसके बाद उन्होंने केंद्र सरकार पर हमला बोला. राहुल गांधी बोले कि राष्ट्रपति से हमने कहा है कि इन कानूनों से किसानों को नुकसान होने वाला है, देश को दिख रहा है कि किसान कानून के खिलाफ खड़ा है. राहुल गांधी ने कहा कि बीजेपी, नरेंद्र मोदी का एक ही लक्ष्य है जो किसान और मजदूर समझ चुके हैं. राहुल गांधी ने कहा मोदी सरकार के खिलाफ जो भी बोलता है उसे ये आतंकवादी बता देते हैं. उन्होंने कहा कि अगर मोहन भागवत भी इनके खिलाफ बोलेंगे तो उन्हें भी ये आतंकवादी बता देंगे.

भारतीय जनता पार्टी के नेताओं द्वारा लगाए गए किसान आंदोलन में खालिस्तानी समर्थकों का हाथ होने के आरोप पर राहुल गांधी ने जवाब दिया. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपने संबोधन में कहा, ‘बीजेपी, नरेंद्र मोदी जी का एक ही लक्ष्य है और वो किसान-मजदूर समझ गया है. उनका लक्ष्य अपने अमीर दोस्तों को फायदा पहुंचाना है, जो भी नरेंद्र मोदी के खिलाफ खड़े होते हैं वो उनके बारे में कुछ ना कुछ गलत बोलते रहते हैं.’ 

राहुल गांधी ने आगे कहा, ‘किसान खड़े हो जाएंगे तो उसे आतंकवादी बोलेंगे, मजदूर खड़े हो जाएंगे तो उन्हें आतंकवादी बोलेंगे और एक दिन अगर मोहन भागवत खड़े हो जाएंगे तो कहेंगे ये भी आतंकवादी हैं. जो भी नरेंद्र मोदी जी से सवाल पूछने की कोशिश करेगा वो आतंकवादी है और नरेंद्र मोदी सिर्फ अपने दो-तीन लोगों के लिए काम कर रहे हैं जिनको वो पूरा हिंदुस्तान पकड़ा रहे हैं.’ 

राहुल ने गुरुवार को अपने बयान में कहा कि देश का किसान तबतक पीछे नहीं हटेगा, जबतक तीनों कृषि कानून वापस नहीं होंगे. आज किसानों को पता है कि ये कानून उनके लिए नहीं हैं, ऐसे में कांग्रेस पार्टी किसानों की लड़ाई में उनके साथ है. केंद्र सरकार को तुरंत संसद का सत्र बुलाकर तीनों कानूनों को रद्द करना चाहिए.

बता दें कि एक तरफ राहुल गांधी ने गुरुवार को राष्ट्रपति से मुलाकात की, तो वहीं राष्ट्रपति भवन तक मार्च निकालने जा रहे कांग्रेसी नेताओं को हिरासत में भी लिया गया, इनमें कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा भी शामिल थीं. 

बदली वैश्विक परिस्थिति में पाकिस्तान और रूस में संबंध की सुगबुगाहट

भारत और रूस के रिश्तों में पहले जैसी गर्माहट नहीं रही, ऐसी बातें पिछले कुछ वर्षों से कही जा रही हैं. बुधवार को अचानक से खबर आई कि दोनों देशों के बीच होने वाली वार्षिक बैठक टाल दी गई है. इसके बाद से कई तरह की अटकलें शुरू हो गईं. प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और वर्तमान कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी के बेटे राहुल गांधी ने इसे लेकर ट्विटर पर अपनी टिप्पणी में मोदी सरकार को आड़े हाथों लिया.

उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘’रूस भारत का अहम दोस्त हैं. पारंपरिक संबंधों को नुकसान पहुंचाना हमारी अदूरदर्शिता है और यह भविष्य के लिए खतरनाक है.’’ राहुल गांधी की इस टिप्पणी के बाद दोनों देशों की तरफ से आधिकारिक बयान आया और बताया गया कि कोविड 19 महामारी के कारण इसे टाला गया है. भारत में रूस के राजदूत निकोलय कुदाशेव ने कहा कि भारत और रूस के संबंध गतिशील हैं

वहीं, भारत में रूस के राजदूत निकोलय कुदाशेव ने  कहा, ‘’हम लोग बैठक की नई तारीख को लेकर संपर्क में हैं. हम इस बात को लेकर आश्वस्त हैं कि जल्द ही बैठक का आयोजन किया जाएगा.’’

पाकिस्तान के साथ रूस के कारोबारी और सैन्य संबंध ना के बराबर रहे हैं, लेकिन अब बदली वैश्विक परिस्थिति में पाकिस्तान और रूस में संबंध की सुगबुगाहट देखी जा रही है.

चीन की सैन्य आक्रामकता के कारण भारत को अमेरिका के करीब जाना पड़ा है तो पाकिस्तान के अमेरिका से संबंध ऐतिहासिक रूप से खराब हुए हैं. पाकिस्तान का चीन सदाबहार दोस्त है. ऐसे में पाकिस्तान, चीन के साथ रूस भी जाता है तो भारत के लिए चिंतित होना स्वाभाविक है.

अब भी लद्दाख में दोनों देशों की सेना आपने-सामने है. इस तनाव को लेकर भारत ने रूस से भी बात की थी. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह दो बार रूस भी जा चुके हैं. हालांकि, इस मामले में रूस से कोई मदद नहीं मिली और लद्दाख में अब भी इस साल अप्रैल के पहले जो स्थिति थी, वो बहाल नहीं हो पाई है.

पुतिन मई 2000 में रूस के राष्ट्रपति बने और तब से भारत-रूस के बीच यह वार्षिक बैठक हो रही है. यह पहली बार है जब वार्षिक बैठक को टाला गया है. कई लोग कोविड महामारी के तर्क को लेकर कह रहे हैं कि बैठक वर्चुअल भी हो सकती थी. ऐसे लोग दोनों देशों के तर्कों से सहमत नहीं हैं. हाल के दिनों में, प्रधानमंत्री मोदी कई वर्चुअल अंतरराष्ट्रीय समिट में शरीक हुए हैं.

वार्षिक बैठक टलने पर भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने भी बयान जारी कर स्पष्टीकरण दिया. उन्होंने कहा, ‘’वार्षिक बैठक को रद्द करने का फैसला पारस्परिक सहमति से लिया गया है. इसे लेकर किसी भी तरह की अटकलबाजी में भ्रमित करने वाले हैं और उनमें कोई सच्चाई नहीं है. दोनों देशों के रिश्ते बेहद अहम हैं और इसे लेकर किसी भी तरह की फर्जी न्यूज स्टोरी फैलाना एक गैर-जिम्मेदाराना रवैया है.’’

हाल ही में रूसी विदेश मंत्री सेर्गेई लावरोव के बयान से दोनों देशों के संबंधों में तनाव को हवा मिली थी. रूस के विदेश मंत्री सर्गेइ लवरोव ने क्वैड गुट पर सख्त टिप्पणी करते हुए भारत को चीन के खिलाफ पश्चिमी देशों की ‘लगातार, आक्रामक और छलपूर्ण’ नीति में एक मोहरा बताया था. क्वैड गुट में भारत, जापान, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया हैं. इस गुट को एशिया-पैसिफिक में चीन विरोधी गुट के तौर पर देखा जा रहा है.

सर्गेइ लवरोव ने कहा था, “पश्चिम एकध्रुवीय विश्व बहाल करना चाहता है. मगर रूस और चीन के उसका मातहत होने की संभावना कम है. लेकिन, भारत अभी इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में तथाकथित क्वैड जैसी पश्चिमी देशों की चीन-विरोधी नीति का एक मोहरा बना हुआ है.”रूसी मंत्री ने ये भी कहा कि पश्चिमी मुल्क भारत के साथ रूस के करीबी संबंध को भी कमजोर करना चाहते हैं.

रूसी विदेश मंत्री ने ये बात नौ दिसंबर को रूसी इंटरेशनल अफेयर्स काउंसिल की बैठक में कही थी. चीन और रूस के बीच संबंध काफी गहरे हैं जबकि भारत और चीन के संबंधों में पर्याप्त तनाव है.

हाल के दिनों में रूस और पाकिस्तान के बीच भी करीबी बढ़ी है. इसी साल नवंबर के पहले हफ्ते में रूसी सैनिक के जवान पाकिस्तान में सैन्य अभ्यास के लिए आए थे. इसके अलावा, पाकिस्तान में रूस एलएनजी पाइपलाइन बना रहा है. पाकिस्तान में सैन्य अभ्यास को लेकर रूस सफाई दे चुका है. समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, रूसी मिशन के उप-प्रमुख रोमान बाबश्किन ने इसी महीने 20 दिसंबर को कहा था कि भारत को रूस और पाकिस्तान के संबंधों को लेकर चिंतित नहीं होना चाहिए.

रोमान ने कहा था, ‘’हम लोगों को लगता है कि भारत के इस मामले में चिंतित नहीं होना चाहिए. रूस संवेदनशील मामलों को लेकर बहुत सतर्क रहता है. लेकिन हम पाकिस्तान के साथ स्वतंत्र रूप से द्विपक्षीय संबंधों के लेकर भी प्रतिबद्ध हैं. पाकिस्तान के साथ भी हमारा द्विपक्षीय व्यापार और आर्थिक एजेंडा है. पाकिस्तान एससीओ (संघाई कॉर्पोरेशन ऑर्गेनाइजेशन) का सदस्य है. किसी भी देश के साथ द्विपक्षीय रिश्ता किसी देश के खिलाफ नहीं होता.’’

एससीओ आठ देशों का गुट है. इसमें चीन और रूस का दबदबा है. भारत और पाकिस्तान 2017 में इसके स्थायी सदस्य बने थे. इसे नेटो की तर्ज पर देखा जाता है. लेकिन इस गुट में शामिल भारत, पाकिस्तान आपस में तीन युद्ध कर चुके हैं और चीन के साथ भी भारत की जंग हो चुकी है.

भारत के पाकिस्तान और चीन के साथ रिश्तों में जो अविश्वास है, वो अब तक कम नहीं हो पाया है. ऐसे में इस गुट में इसका तनाव भी साफ तौर पर देखा जाता है. भारत और पाकिस्तान का तनाव तो अक्सर इस गुट में छाया रहता है. इसका नतीजा यह होता है कि यह कोई मजबूत वैश्विक संगठन नहीं बन पाया है.

भारत अपनी रक्षा जरूरतों के लिए रूस पर निर्भर है. भारत 90 फीसदी अपना सौदा रूस से करता है और इससे रूस को अरबों डॉलर का कारोबार मिलता है. लेकिन हाल के वर्षों में भारत ने डिफेंस डील में इजरायल को भी काफी तवज्जो दी और अमेरिका, फ्रांस जैसे देशों की भी एंट्री हुई है. विशेषज्ञों का कहना है कि रूस की एक नाराजगी यह भी है.

रूस और भारत की दोस्ती शीत युद्ध से पहले की है, जब रूस सोवियत संघ हुआ करता था. शीत युद्ध के बाद सोवियत संघ का विघटन हुआ और दुनिया एकध्रुवीय हो गई. इसके बाद से रूस और भारत के संबंधों में काफी बदलाव आए हैं. लेकिन रूस के मन में अमेरिका के ताकतवर होने और सोवियत संघ टूटने की कसक आज तक है. रूस नहीं चाहता है कि अमेरिका के नेतृत्व को भारत स्वीकार कर ले लेकिन बदलती वैश्विक परिस्थिति में भारत के लिए भी किसी एक पक्ष में जाना आसान नहीं है. भारत न तो रूस को नाराज कर सकता है और न ही अमेरिका की उपेक्षा कर सकता है.

ITR भरने की की लास्ट डेट 31 दिसंबर में अब कुछ ही दिन बाकी

इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भरने की की लास्ट डेट 31 दिसंबर में अब कुछ ही दिन बाकी है. बहुत से लोगों ने काफी पहले आयकर रिटर्न दाखिल कर दिया है. कई लोगों की शिकायत है कि उन्हें इस बार उन्हें रिफंड मिलने में देरी हो रही है. आइए जानते हैं कि इस बार देरी क्यों हुई और अपने आयकर रिफंड का स्टेटस आप कैसे चेक कर सकते हैं? 

इनकम टैक्स विभाग ने अप्रैल में यह बयान दिया था कि इस बार 5 लाख रुपये तक के इनकम टैक्स रिफंड को प्रोसेस होने के बाद तत्काल दे दिया जाएगा और इससे 14 लाख टैक्सपेयर्स लाभान्वित होंगे. लेकिन हाल यह है कि इस साल रिफंड मिलने में दिनों नहीं कई महीनों की देरी हुई है.

खुद आयकर विभाग के ट्विटर हैंडल पर कई टैक्सपेयर इसकी लगातार शिकायत कर रहे हैं. हालांकि इनकम टैक्स फाइलिंग में लगे कई फर्म का कहना है कि अब रिफंड समय से आने लगा है.

असल में आयकर दाता का इनकम टैक्स किसी वित्त वर्ष में उसके अनुमानित निवेश दस्तावेज के आधार पर एडवांस काट लिया जाता है. लेकिन जब वित्त वर्ष के अंत तक वह फाइनल कागजात जमा करता है, तब अगर हिसाब करने पर उसे यह मिलता है कि उसका टैक्स ज्यादा कट गया है और उसे आयकर विभाग से पैसे वापस लेने हैं, तो वह इसके लिए आईटीआर दाखिल कर रिफंड के लिए अप्लाई करता है.

आईटीआर वेरिफिकेशन के बाद आयकर अधिनियम 1961 के तहत आयकर विभाग टैक्स की प्रोसेसिंग करता है और फिर प्रोसेसिंग पूरी होने पर उसका नोटिफिकेशन भेजता है. ये नोटिफिकेशन मोबाइल पर और ई-मेल आईडी पर भेजा जाता है. सेंट्रल प्रोसेसिंग सेंटर यानी सीपीसी के जरिए हर आईटीआर को प्रोसेस किया जाता है, जिसमें करदाता की तरफ से दिए आंकड़ों की सीपीसी के पास पहले से मौजूद आंकड़ों से तुलना की जाती है. इस पूरी प्रक्रिया में विभाग को 45 दिन का समय दिया जाता है.लेकिन अब चीजें काफी इलेक्ट्रॉनिक और फास्ट हो गयी हैं, इसकी वजह से रिफंड काफी जल्दी मिल जाता है. 

असल में आयकर विभाग ने इस साल आईटीआर सिस्टम में एक टेक्निकल अपग्रेड करने का ऐलान किया है. आयकर रिफंड में देरी इसी वजह से हो सकती है. यह अपग्रेड इसलिए किया जा रहा है ताकि आगे इनकम टैक्स रिटर्न की प्रोसेसिंग और तेजी से हो सके. 

आयकर विभाग ने एक टैक्सपेयर के सवाल के जवाब में 30 नवंबर को ट्वीट कर बताया था, ‘टैक्सपेयर्स को सेवाओं में सुधार की अपनी प्रतिबद्धता के तहत ही हम एक नया कदम उठा रहे हैं. हम एक नए टेक्नोलॉजी अपग्रेड प्लेटफॉर्म (CPC 2.0) अपनाने जा रहे हैं ताकि आईटीआर की तेज प्रोसेसिंग हो सके. आकलन वर्ष 2020-21 की आईटीआर को CPC 2.0 पर ही प्रोसेस किया जाएगा.’ 

आयकर विभाग ने यह नहीं बताया है कि यह अपडेशन कब तक पूरा होगा. हालांकि टैक्स मामलों के कई जानकार नाम न जाहिर करने की शर्त पर यह सवाल उठा रहे हैं कि शायद कोरोना की वजह से जो नकदी संकट आया है उसकी वजह से आयकर विभाग रिफंड में देरी कर रहा हो. गौरतलब है कि कोरोना संकट के दौरान टैक्स कलेक्शन में भी गिरावट आयी है.

इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग से जुड़े कई फर्म का कहना है कि अब चीजें दुरुस्त हो गयी हैं और रिफंड समय से आने लगा है. दिल्ली की एक फर्म गिरी ऐंड कंपनी के प्रोपराइटर अमर नाथ गिरी ने बताया, ‘पहले कुछ देरी जरूर हुई थी, लेकिन अब रिफंड समय से आने लगा है. हमारे कुछ कस्टर्मस के रिफंड एक महीने के भीतर आ गये.’ 

अपने रिफंड के स्टेटस के लिए आप एनएसडीएल या आयकर विभाग की ई-फाइलिंग पोर्टल पर जाकर चेक कर सकते हैं. ई-फाइलिंग पोर्टल पर लॉग-इन करें और अपना यूजर नाम, पासवर्ड, डेट ऑफ बर्थ आदि इनपुट डालें. इसके बाद ‘माय एकाउंट’ टैब पर क्लिक कर ‘रिफंड/डिमांड स्टेटस’ विकल्प पर जाएं. यहां क्लिक करने आपके रिफंड की स्टेटस पता चल जाएगी. 

आयकर विभाग ने बुधवार को एक ट्वीट में बताया है कि आकलन वर्ष 2020-21 के लिए यानी इस साल में 22 दिसंबर तक 3.82 करोड़ से ज्यादा इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल किये जा चुके हैं और केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने 1 अप्रैल से 20 दिसंबर 2020 के बीच 1.18 करोड़ टैक्सपेयर्स को 47,608 करोड़ रुपये का इनकम टैक्स रिफंड दे दिया है. 

किसानों ने हेलीपैड को फावड़े से खोद डाला

हरियाणा के जींद जिले के उचाना में किसानों ने उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के आने से पहले बनाए गए हेलीपैड को फावड़े से खोद डाला. इतना ही नहीं किसानों ने दुष्यंत चौटाला गो बैक के नारे भी लगाए. दरअसल दुष्यंत चौटाला के हेलिकॉप्टर को आज इस हेलीपेड पर लैंड करना था.

किसानों के विरोध को देखते हुए दुष्यंत चौटाला का दौरा रद्द कर दिया गया. किसानों का कहना है कि जब तक दुष्यंत चौटाला किसानों का समर्थन नहीं करते तब तक उन्हें इस क्षेत्र में घुसने नहीं देंगे. किसानों का कहना था कि डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला इस्तीफा देकर किसानों के बीच में आएं. उन्होंने कहा कि यहां जो भी नेता आएगा उसका इसी तरह विरोध किया जायगा.

किसानों ने एक दिन पहले ही केंद्र सरकार के नए कृषि कानून का विरोध करते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के काफिले को रोक कर काले झंडे दिखाए थे और लाठियां भी चलाई थीं. इस मामले में हरियाणा पुलिस ने 13 किसानों के खिलाफ हत्या और दंगे के प्रयास का मामला दर्ज किया है.  किसानों के खिलाफ अंबाला में ही मामला दर्ज किया गया है. जहां मंगलवार को प्रदर्शनकारी किसानों के एक समूह ने मुख्यमंत्री खट्टर को उस वक्त काले झंडे दिखाए थे, जब उनका काफिला अंबाला शहर से गुजर रहा था. खट्टर आगामी निकाय चुनावों के लिए पार्टी के उम्मीदवारों के समर्थन में जनसभा को संबोधित करने के लिए शहर में आए थे. ठीक उसी वक्त अग्रसेन चौक पर किसानों ने मुख्यमंत्री के काफिले को देखकर काले झंडे लहराए थे. उन्होंने सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की थी. पुलिस ने बुधवार को कहा कि कुछ किसानों ने काफिले की ओर बढ़ने की कोशिश की और कुछ समय के लिए रास्ता अवरुद्ध कर दिया था. पुलिस के मुताबिक उनमें से कुछ प्रदर्शनकारियों ने कुछ वाहनों पर लाठियां भी बरसाईं.

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