29 जून 2020 बहुत ही शुभ – भड़ली नवमी. 1 जुलाई से चार्तुमास- सृष्टि की बागडोर भगवान शिव के हाथों में

28 June 20: Himalayauk Newsortal & Print Media # पंचांग 29 जून 2020 के अनुसार आज शुभ तिथि है, आज नवमी की तिथि है.

29 जून 2020 बहुत ही शुभ – भड़ली नवमी. 1 जुलाई से चार्तुमास # 29 जून 200 का दिन बहुत ही शुभ है. इस दिन भड़ली नवमी है. मान्यता है कि इस दिन कोई भी शुभ कार्य बिना पंचांग देखे ही किया जा सकता है.  30 जून 2020 को देवताओं के गुरु बृहस्पति का राशि परिवर्तन होने जा रहा है. बृहस्पति अब धनु राशि में गोचर करेंगे. पंचांग के अनुसार बृहस्पति 30 जून की सुबह 03 बजकर 07 मिनट के बाद मकर राशि को छोड़कर धनु राशि में आ जाएगें

चार्तुमास लगने के बाद जब भगवान विष्णु पाताल लोक में अपने शयन कक्ष में विश्राम के लिए प्रस्थान कर जाते हैं तो सृष्टि की बागडोर भगवान शिव के हाथों में आ जाती है.

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1 जुलाई 2020 को देवशयनी एकादशी है. इस तिथि को भगवान विष्णु विश्राम करने के लिए पाताल लोक में चले जाएंगे. इसी दिन से चार्तुमास आरंभ होंगे. चार माह तक शुभ कार्य नहीं किए जा सकेंगे. इसलिए आज का ही दिन शेष है.

29 जून 200 का दिन बहुत ही शुभ है. इस दिन भड़ली नवमी है. मान्यता है कि इस दिन कोई भी शुभ कार्य बिना पंचांग देखे ही किया जा सकता है. आज के दिन शादी विवाह, मुंंडन, नामकरण संस्कार आदि किए जा सकते हैं. लेकिन इस दिन के बाद शुभ कार्य नहीं किए जा सकेंगे.

1 जुलाई से चार्तुमास आरंभ हो रहे हैं. चार्तुमास के चार महीनों तक कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है. इन चार में भगवान का स्मरण किया जाता है. हिंदू धर्म में चार्तुमास का विशेष महत्व बताया गया है. इन चार माह में व्यक्ति को अनुशासित जीवनशैली का पालन करना चाहिए.

पंचांग के अनुसार 29 जून को नवमी की तिथि है. इस नवमी को भड़ली नवमी भी कहा जाता है. चर्तुमास से पहले यह आखिरी शुभ तिथि मानी गई है. जिसमें किसी भी शुभ कार्य को किया जा सकता है. इसके लिए पंचांग की भी मदद लेने की जरूरत नहीं पड़ती है. आषाढ़ी मास की शुक्ल पक्ष की नवमी को गुप्त नवरात्रि का अंतिम दिन भी माना गया है.

29 जून की नवमी का विशेष महत्व है. इस दिन सोमवार है. सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित है. चार्तुमास लगने के बाद जब भगवान विष्णु पाताल लोक में अपने शयन कक्ष में विश्राम के लिए प्रस्थान कर जाते हैं तो सृष्टि की बागडोर भगवान शिव के हाथों में आ जाती है.

अबूझ मुहूर्त वे शुभ मुहूर्त कहलाते हैं जिनमें पंचांग देखने की आवश्यकता नहीं पड़ती है. पंचांग के अनुसार वसंत पंचमी, फाल्गुन शुक्ल पक्ष की दूज फुलेरा दूज, राम नवमी, जानकी नवमी, वैशाख पूर्णिमा, गंगा दशमी, भड़ली नवमी और अक्षय तृतीया की तिथि को अबूझ मुहूर्त माना गया है.

29 जून की रात्रि 12 बजकर 35 मिनट से नवमी तिथि का आरंभ होगा. जो रात्रि 8 बजकर 12 मिनट पर समाप्त होगी.

बृहस्पति ग्रह इस समय अपनी वक्री चाल रहे हैं. जिसे उल्टी चाल भी कहते हैं. व्रकी चाल में ही बृहस्पति 30 जून को मकर से निकल कर धनु राशि में आ जाएंगे. बृहस्पति धनु राशि में 20 नवंबर तक रहेंगे. विशेष बात ये हैं कि इस परिवर्तन से बृहस्पति का राहु से दृष्टि संबंध बन रहा है. जिसका सभी 12 राशियों पर प्रभाव पड़ेगा. यह योग देश दुनिया को भी प्रभावित करेगा.

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार वक्री बृहस्पति की जब राहु के साथ दृष्टि संबंध स्थापित होता है तो कई तरह की समस्याएं आती हैं. राहु एक पाप ग्रह है. इस समय राहु शक्तिशाली अवस्था मे हैं. इसलिए राहु अपना प्रभाव डालने की कोशिश करेगा लेकिन बृहस्पति इसके प्रभाव को कम करने में मदद करेंगे लेकिन फिर भी बाढ़, प्राकृतिक आपदा, भौगोलिक बदलाव और शासन प्रशासन स्तर पर बड़े फैसले लेने की स्थिति बन सकती है.

जब कोई वक्री होता है तो वह इस अवस्था में पीड़ित माना जाता है. क्योंकि इस स्थिति में उसकी चाल उल्टी हो जाती है. बृहस्पति 13 सितंबर के बाद मार्गी होंगे. यानि बृहस्पति 13 सितंबर के बाद  सीधी चाल चलेंगे. बृहस्पति 14 मई 2020 को 122 दिनों के लिए वक्री हुए थे..

बृहस्पति का राशि परिवर्तन धनु राशि के लिए शुभ साबित होगा. इस दौरान कार्यों को पूर्ण करने के लिए आपको ऊर्जा मिलेगी. नौकरी, व्यापार में आगे बढ़ने के अवसर प्राप्त होंगे. चिंताओं से अपनों को आपको मुक्त पाएंगे और सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ेंगे. जिस कार्य को आरंभ करेंगे उसमें सफलता मिलने की संभावना अधिक रहेगी. पत्नी, बच्चों और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ समय अच्छा बीतेगा. कोई रूका हुआ कार्य भी इस दौरान गतिशील होगा.

पंचांग 29 जून 2020 के अनुसार आज शुभ तिथि है, आज नवमी की तिथि है.

पंचांग 29 जून 2020 के अनुसार आज शुभ तिथि है, आज नवमी की तिथि है. इस दिन परिघ योग है और दिशा शूल पूर्व दिशा है. आज नक्षत्र हस्त है. विक्रमी संवत्: 2077  मास अमांत: आषाढ मास पूर्णिमांत: आषाढ पक्ष: शुक्ल वार: सोमवार तिथि: नवमी – 22:14:36 तक नक्षत्र: हस्त – 07:14:33 तक करण: बालव – 11:26:10 तक, कौलव – 22:14:36 तक योग: परिघ – 17:14:07 तक  सूर्योदय: 05:26:09 AM  सूर्यास्त: 19:22:59 PM  सूर्य राशि: मिथुन  चन्द्रमा: कन्या – 18:27:06 तक  ऋतु: वर्षा  राहुकाल: 07:10:45 से 08:55:21 तक (इस काल में कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है)  शुभ मुहूर्त का समय – अभिजित मुहूर्त: 11:56:40 से 12:52:27 तक दिशा शूल: पूर्व  अशुभ मुहूर्त का समय –  दुष्टमुहूर्त: 12:52:27 से 13:48:15 तक, 15:39:49 से 16:35:37 तक  कुलिक: 15:39:49 से 16:35:37 तक  कालवेला / अर्द्धयाम: 10:05:05 से 11:00:53 तक  यमघण्ट: 11:56:40 से 12:52:27 तक  कंटक: 08:13:31 से 09:09:18 तक  यमगण्ड: 10:39:57 से 12:24:34 तक  गुलिक काल: 14:09:10 से 15:53:46 तक

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