कुंभ मेले के दौरान कोरोना टेस्टिंग में बड़ा फर्जीवाड़ा- मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के कार्यकाल का नहीं

17 JUNE 2021# Himalayauk Newsportal & Print Media# High Light # उत्तराखंड के हरिद्वार में कुंभ मेले के दौरान कथित तौर पर कई हजार लोगों की फर्जी कोरोना रिपोर्ट बनाने के मामले में पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया # मैक्स कॉर्पोरेट सर्विस और दिल्ली- हिसार लैब के खिलाफ धोखाधड़ी, आपदा एक्ट और क्रिमिनल कॉन्सपिरेसी जैसी अलग धाराओं में मामला दर्ज

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HIGH LIGHT#हरिद्वार में कुंभ मेले के दौरान निजी लैब द्वारा फर्जी कोविड टेस्ट की रिपोर्ट बनाने का मामला सामने आया है. स्वास्थ्य विभाग की प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि एक निजी लैब ने टेस्ट की संख्या ज्यादा दिखाने के लिए फर्जी आधार कार्ड जमा कर टेस्ट किए. इस प्राइवेट लैब द्वारा एक ही फोन नंबर को कई श्रद्धालुओं की जांच रिपोर्ट में डाला गया है. कई जांच रिपोर्ट में एक ही आधार कार्ड का इस्तेमाल किया गया है. वहीं एक ही घर से सैकड़ों लोगो की जांच का मामला सामने आया है.

देहरादून: उत्तराखंड के हरिद्वार में कुंभ मेले के दौरान कोरोना टेस्टिंग में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है. इसे लेकर राज्य सरकार ने जांच के आदेश दे दिए हैं. मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने इसे लेकर कहा कि ये मामला बहुत पुराना है. मैंने आते ही इसपर जांच कराई.

कोरोना के साये के बीच हरिद्वार में अप्रैल में कुंभ हुआ था, उससे पहले हरिद्वार स्थानीय प्रशासन ने 22 लैबोरेट्रीज के साथ कोविड टेक्स्ट को लेकर अनुबंध किया थाथा। मैक्स कॉरपोरेट सर्विस उसमें से एक फॉर्म थी जिसके पास दो लैबोरेट्री थी। इन लैब्स द्वारा हजारों की संख्या में किये गए टेस्ट शक के दायरे में हैं। लैब टेस्ट पर शक की सुई तब घुमी जब पंजाब के युवक के मोबाइल में मैसेज आया उसकी की उसकी रिपोर्ट नेगेटिव आई है, जबकि वह युवक कभी हरिद्वार आया ही नहीं था। जिसके बाद यह पूरा मामला संज्ञान में आया।

उत्तराखंड के हरिद्वार में कुंभ मेले के दौरान कथित तौर पर कई हजार लोगों की फर्जी कोरोना रिपोर्ट बनाने के मामले में पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। हरिद्वार पुलिस ने एक फर्म समेत दो प्राइवेट लैब के खिलाफ एफआईआर को दर्ज किया है। हरिद्वार के सीएमओ ने जानकारी देते हुए बताया कि मैक्स कॉर्पोरेट सर्विस और दिल्ली- हिसार लैब के खिलाफ धोखाधड़ी, आपदा एक्ट और क्रिमिनल कॉन्सपिरेसी जैसी अलग धाराओं में मामला दर्ज किया गया है।

इस मामले में उत्तराखंड के सीएम तीरथ सिंह रावत में पहली बार बयान देते हुए कहा है कि फर्जी टेस्ट का मामला उनके कार्यकाल के दौरान का नहीं है। वह मार्च में मुख्यमंत्री बने थे। सीधे तौर पर सीएम तीरथ सिंह रावत ने इस घटनाक्रम से अपने आप को पूरी तरह अलग कर लिया है।

कांग्रेस ने आरोप लगाते हुए कहा कि इस मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए। ताकि सच्चाई सामने आ सके कि आखिर किसकी वजह से और कौन इसके पीछे जिम्मेदार है। अब जब दो लैब शक के घेरे में आई हैं तब अधिकारी बाकी लैब के रिजल्ट खंगालने की बात कर रहे हैं।

तीरथ सिंह रावत ने कहा कि ”मैं मार्च में आया हूं और ये मामला बहुत पुराना है. हमें इसकी जानकारी मिली, मैंने आते ही इसपर जांच कराई. हम चाहते हैं कि दूध का दूध और पानी का पानी हो जाए. दोषी के खिलाफ सख़्त से सख़्त कार्रवाई होगी.”

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इससे पहले उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि ”यह एक गंभीर अपराध है, लापरवाही नहीं. कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए. इस मामले में निष्पक्ष जांच होनी चाहिए.” उन्होंने कहा कि ”सरकार ने इसको बहुत गंभीरता से लिया है और इस पर एसआईटी बैठाने का निर्णय लिया है जो स्वागत योग्य है. जिन लोगों ने ये किया है, अपराध की पुष्टि होने पर उन पर कठोर कार्रवाई होनी चाहिए.”

हरिद्वार में कुंभ मेले के दौरान निजी लैब द्वारा फर्जी कोविड टेस्ट की रिपोर्ट बनाने का मामला सामने आया है. स्वास्थ्य विभाग की प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि एक निजी लैब ने टेस्ट की संख्या ज्यादा दिखाने के लिए फर्जी आधार कार्ड जमा कर टेस्ट किए. इस प्राइवेट लैब द्वारा एक ही फोन नंबर को कई श्रद्धालुओं की जांच रिपोर्ट में डाला गया है. कई जांच रिपोर्ट में एक ही आधार कार्ड का इस्तेमाल किया गया है. वहीं एक ही घर से सैकड़ों लोगो की जांच का मामला सामने आया है.

मामले का पता तब चला जब प्राइवेट लैब ने पंजाब के एक युवक को कोरोना की रिपोर्ट एसएमएस कर दी. युवक ना तो हरिद्वार कुंभ मेले में शिरकत करने पहुंचा था और ना ही उसने कोविड टेस्ट कराया था. युवक द्वारा इस मामले की शिकायत इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) से की गई जिसके बाद आईसीएमआर ने जांच के निर्देश जारी किए गए थे.

उत्तराखंड में कुंभ मेले के दौरान सरकार की तरफ से बाहर से आने वाले तीर्थ यात्रियों और श्रद्धालुओं के लिए कोरोना टेस्टिंग के लिए कुछ लैब को नियुक्त किया था। जिसमें बड़ी मात्रा में फर्जी कोरोना रिपोर्ट को तैयार किया गया है। अब इस मामले की जांच शुरू हो गई है। बता दें कि इस मामले की जांच हरिद्वार के डीएम के सुपुर्द की गई है और उन्होंने 3 सदस्य टीम का गठन किया है, जो इस मामले की जांच कर रही और 14 दिन के अंदर रिपोर्ट मांगी गई है। उन्होंने कहा था कि अगर कोई भी इस मामले में दोषी पाया जाता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। चाहे कंपनी हो या कोई निम्न अधिकारी किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। इसी साल कोरोना के साये के बीच हरिद्वार में अप्रैल में कुंभ हुआ था, उससे पहले स्थानीय प्रशासन ने 22 लैबोरेट्रीज के साथ कोविड टेक्स्ट को लेकर अनुबंध किया थाथा। मैक्स कॉरपोरेट सर्विस उसमें से एक फॉर्म थी जिसके पास दो लैबोरेट्री थी। इन लैब्स द्वारा हजारों की संख्या में किये गए टेस्ट शक के दायरे में हैं। लैब टेस्ट पर शक की सुई तब घुमी जब पंजाब के युवक के मोबाइल में मैसेज आया उसकी की उसकी रिपोर्ट नेगेटिव आई है, जबकि वह युवक कभी हरिद्वार आया ही नहीं था। जिसके बाद यह पूरा मामला संज्ञान में आया।

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