संकट से उबारती हैं मां पीतांबरा

राजसत्ता की देवी मां पीतांबरा # अमित शाह ने यहां मनौती मांगी थी #देश के कोने कोने से लोग मां के चरणों में हाजिरी लगाने आते हैं
मा यहां दिन में तीन बार रूप बदलती है, मॉ के दर्शन छोटी सी खिडकी से ही होते हैं, मॉ को राजसत्‍ता की देवी माना जाता है
मध्य प्रदेश के दतिया शहर में स्थित है पीतांबरा पीठ। इसे शक्ति की देवी दुर्गा के सिद्ध पीठ में गिना जाता है। खासतौर पर पीतांबरा पीठ के बारे में कहा जाता है कि आप अगर किसी केस मुकदमें में फंसे हैं तो मां की साधना से आपको मुक्ति मिलती है। इसलिए देश के कोने कोने से लोग मां के चरणों में हाजिरी लगाने आते हैं। खास तौर पर राजनेताओं की पीतांबरा पीठ में बड़ी आस्था है। वसुंधरा राजे के संकट मॉ ने कई बार दूर किये, जिससे उन्‍होंने यहां हवन कराया, यूपी चुनाव में अमित शाह ने यहां मनौती मांगी थी,

बड़ी हस्तियां पहुंचती हैं पूजा करने – यहां तमाम नामचीन हस्तियां पूजा करने आ चुकी हैं। मशहूर फिल्म स्टार संजय दत्त भी पीतांबरा पीठ आकर मां के चरणों में हाजिरी लगा चुके हैं। कहा जाता है पंडित नेहरू, अटल बिहारी वाजपेयी, राजमाता सिंधिया, दिग्विजय सिंह, उमा भारती जैसी तमाम हस्तियां यहां पूजा कर चुकी हैं।

मां पीतांबरा को राजसत्ता की देवी भी कहा जाता है। पीतांबरा पीठ को बगलामुखी साधना करने वालों के बीच बड़े ही सिद्ध पीठ के तौर पर जाना जाता है। पीतांबरा मां का मंदिर वैसे तो काफी पुराना बताया जाता है। पर इसे 1920 में पूज्यपाद अनंत श्री स्वामी जी महाराज ने भव्य रुप प्रदान करवाया। बाद में 1980 में मंदिर परिसर को और भी भव्य बनवाया गया। कहा जाता है कि मां पीतांबरा ने समुद्र मंथन के दौरान विष्णु की मदद की थी जिससे समुद्र मंथन से अमृत पाने में देवता सफल हो सके। इसलिए शरणागत भक्तों को मां संकट से उबारती हैं। कई बार इस मंदिर में देश पर आए युद्ध के संकट से देश को उबारने के लिए विशेष यज्ञ कराए गए हैं।
मंदिर का मुख्य द्वार काफी भव्य बना है। मंदिर के मुख्य द्वार के अलावा उत्तरी द्वार भी है। मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं के लिए वाहन पार्किंग और शीतल जल आदि का बेहतर इंतजाम है। निःशुल्क जूता घर और बैगेज काउंटर की सुविधा भी उपलब्ध है। हाल में मंदिर में प्रवचन कक्ष भी बनाया गया है। मंदिर परिसर में एक सुंदर सरोवर है जिसका नाम हरिद्रा सरोवरम है। यह सरोवर कूर्म ( कछुआ) के आकार का है।
दतिया शहर को महाभारत काल के दंतवक्त की राजधानी कहा जाता है। पीतांबरा मंदिर के ही परिसर में महाभारतकालीन शिव मंदिर है जिसे वनखंडेश्वर महादेव कहा जाता है। मंदिर परिसर में धूमवती देवी का मंदिर है। यहां से श्रद्धालु भभूत लेकर जाते हैं। पर मां धूमावती के दर्शन सिर्फ आरती के समय होते हैं। बाकी समय उनका कपाट बंद रहता है। यहां भगवान परशुराम का भी मंदिर है।

मंदिर में प्रबंधन की ओर से प्रसाद काउंटर बना हुआ है जहां न्यूनतम 20 रुपये और अधिकतम अपनी श्रद्धा के अनुसार प्रसाद खरीद सकते हैं। मंदिर का बना हुआ बेसन का लड्डू काफी सुस्वादु है। मंदिर का प्रसाद सिर्फ श्रद्धालुओं के लिए ही है। मंदिर की स्वच्छता देखकर दिल खुश हो जाता है। मंदिर के अंदर फोटोग्राफी निषेध है।

बड़ी हस्तियां पहुंचती हैं पूजा करने – यहां तमाम नामचीन हस्तियां पूजा करने आ चुकी हैं। मशहूर फिल्म स्टार संजय दत्त भी पीतांबरा पीठ आकर मां के चरणों में हाजिरी लगा चुके हैं। कहा जाता है पंडित नेहरू, अटल बिहारी वाजपेयी, राजमाता सिंधिया, दिग्विजय सिंह, उमा भारती जैसी तमाम हस्तियां यहां पूजा कर चुकी हैं।
पीतंबरा पीठ दतिया शहर के बीचों बीच स्थित है। दतिया मध्य प्रदेश का जिला है जो ग्वालियर शहर से 70 किलोमीटर और उत्तर प्रदेश के शहर झांसी से 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। रेलवे स्टेशन से मां का मंदिर 2.5 किलोमीटर है जबकि बस स्टैंड से मंदिर की दूरी महज आधा किलोमीटर है। दतिया का रेलवे स्टेशन शहर से बाहर है। स्टेशन के बिल्कुल करीब अभी होटल,रेस्टोरेंट आदि नहीं हैं। ग्वालियर से झांसी के मध्य होकर गुजरने वाली कई ट्रेनें यहां रूकती हैं।

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