नेहरू-गांधी खानदान की विरासत के प्रभामंडल को कौन बचायेगा?

2019  लोकसभा चुनाव #कांग्रेस अब ‘अप्रसांगिक’# नेशनल हेराल्ड मामले ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी को बहुत बड़ा झटका #आयकर विभाग की जांच के दायरे में  #इससे पूर्व  प्रियंका गांधी ने   सफाई दी थी कि हरियाणा  में जमीन अपने पति रॉबर्ट वाड्रा या किसी कंपनी के अवैध तरीके से कमाए गए पैसे से खरीदी # इससे यह लोग  नेहरू-गांधी खानदान की विरासत के प्रभामंडल को बचा पा रहे हैं? # 2019 के लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस का सफाया

# कांग्रेस अपने घोषणा पत्र में पाटीदारों को आरक्षण देने की बात करती है तो पाटीदार कांग्रेस का समर्थन : हार्दिक पटेल # 

(www.himalayauk.org) HIMALAYA GAURAV UTTRAKHAND: mail himalayauk@gmail.com

इंदिरा गांधी जब प्रधानमंत्री थीं तो उनके एक निजी चिकित्सक हुआ करते थे डॉ. पीके माथुर. डॉॅ. माथुर ने इंदिरा गांधी के उस वक्त को याद करते हुए यह चौंकाने वाली जानकारी दी कि 1977 में जब इंदिरा गांधी चुनाव हारीं तो उनके पास कहीं और रहने के लिए कोई घर तक नहीं था. वे अपना पुश्तैनी मकान आनंद भवन तो पहले ही राष्ट्र को समर्पित कर चुकी थीं. ऐसे में उन्हें उनके एक सहयोगी मोहम्मद यूनुस ने 12, विलिंगटन क्रेसेंट राेड का अपना मकान खाली करके उन्हें दिया और वे इस मकान में रहीं. लेकिन आज प्रियंका या राहुल का राजनीतिक जीवन ऐसा नहीं है. कांग्रेस के विधिवेत्ता इस मामले में अपने इन दोनों नेताओं की कोई मदद नहीं कर पा रहे हैं.

 प्रियंका गांधी की तुलना अपनी दादी से काफी बार की जाती है,  जनता पार्टी की सरकार ने उन पर चुनाव सभाओं में भ्रष्टाचार के भले कितने ही आरोप लगाए हों, लेकिन ऐसे आरोप कभी टिक नहीं सके. इंदिरा गांधी पर सत्ताधीश होने या आपातकाल लगाए जाने के आरोप भले सही साबित हों, लेकिन जनता सरकार उन्हें भ्रष्टाचार के मामले में कतई परेशान नहीं कर सकी.  दिल्ली हाई कोर्ट ने नेशनल हेराल्ड मामले में यंग इंडिया लिमिटेड के खिलाफ आयकर विभाग की कार्यवाही पर रोक लगाने से इनकार कर दिया तो इससे लगा कि कांग्रेस के विधिवेत्ता और राजनीतिक रणनीतिकार यथास्थितिवाद का ही पोषण कर रहे हैं. कांग्रेस के नेताओं में किसी तरह की जुंबिश न देखकर ऐसा लगता है कि वे अपने आपको परास्त मान चुके हैं. खासकर ऐसे समय जब नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर भी धोखाधड़ी के आरोप लगे हैं. कांग्रेस पार्टी के नेता और गांधी-नेहरू खानदान के सदस्य कभी किसी जमाने में भले ‘नवजीवन’ का संचार करते रहे हों और ‘कौमी आवाज़’ बनते रहे हों, लेकिन आज न कहीं नवजीवन की कोंपल फूटती दिख रही है और कहीं से कौमी आवाज़ उठती सुन रही है. यह हालात बेचैनी से ज्यादा बेकसी के हैं और इसीलिए ये ज्यादा परेशानी वाले हैं. अब कोई इंदिरा गांधी नहीं है, जो न किसी निक्सन से डरती हो और न किसी राष्ट्रव्यापी विरोध से.

##2019 के लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस का सफाया

नई दिल्ली: गोवा में मंत्री विश्वजीत राणे ने शनिवार को दावा किया कि 2019 के लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस का सफाया हो जाएगा. उन्होंने विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस छोड़ दी थी. राणे की यह टिप्पणी कांग्रेस द्वारा बॉम्बेे हाईकोर्ट में उनके उपचुनाव लड़ने पर रोक लगाने की मांग करने संबंधी याचिका दायर करने के एक दिन बाद आई है. राणे के पास स्वास्थ्य मंत्रालय है और उन्होंने इस साल फरवरी में कांग्रेस के टिकट पर गोवा विधानसभा का चुनाव लड़ा था. वह 16 मार्च को विधानसभा से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हुए हैं. उन्हें राज्य मंत्रिमंडल में शामिल किया गया.

राणे ने यहां पत्रकारों से कहा, ‘कांग्रेस में किसी की भी दिलचस्पी नहीं है.. खासतौर पर राहुल गांधी जैसे विफल नेतृत्व में. पार्टी का 2019 में सफाया हो जाएगा’. अपने खिलाफ दायर याचिका पर राणे ने कहा कि उन्होंने दल बदल नहीं किया है बल्कि विधानसभा के सदस्य के तौर पर इस्तीफा दिया है और नए जनादेश का सामना करूंगा. राणे ने कहा कि कांग्रेस अब ‘अप्रसांगिक’ हो गई है, क्योंकि यह सरकार बनाने में विफल रही है. कांग्रेस उनके खिलाफ बोलकर सुर्खियां बटोरने की कोशिश कर रही है. मंत्री ने मनोहर पर्रिकर सरकार के अस्थिर होने की अफवाहों का खंडन किया.

नैशनल पार्टी कांग्रेस आज किस कदर खस्ताहाल हो चुकी है, इसकी मिसाल यूपी के बाद अब गुजरात में देखने को मिलेगी हार्दिक पटेल के साथियों की गुजरात कांग्रेस अध्यक्ष भरत सिंह सोलंकी के साथ हुई बैठक ने गुजरात में एक नया विवाद छेड़ दिया है. बीजेपी जहां बार-बार ये आरोप लगा रही थी कि पाटीदार आंदोलन कांग्रेस द्वारा प्रायोजित है, वहीं इस मीटिंग के बाद अब हार्दिक पटेल ने ये साफ कर दिया है कि अगर कांग्रेस अपने घोषणा पत्र में पाटीदारों को आरक्षण देने की बात करती है तो पाटीदार कांग्रेस का समर्थन करेंगे. हार्दिक पटेल ने कहा कि बीजेपी ने पाटीदारों पर बहुत अत्याचार किया है. भरत सिंह सोलंकी से मीटिंग के दौरान हार्दिक पटेल मौजूद नहीं थे. ‘आज तक’ से खास बातचीत में हार्दिक ने कहा कि पाटीदार आंदोलन किसी भी पार्टी से प्रायोजित नहीं है. हार्दिक ने कहा कि चुनाव के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ही मायने रखता है, इसलिए वे कांग्रेस के साथ शुरुआत कर रहे हैं. हार्दिक पटेल ने कहा कि अगर कांग्रेस पाटीदारों के हितों की बात करती है तो पाटीदार कांग्रेस को वोट देंगे. जब तक कांग्रेस का घोषणा पत्र स्पष्ट नहीं होता, तब तक वे कुछ भी साफ तौर पर नहीं कहेंगे. हार्दिक ने कहा कि मोदी लहर के दौरान बीजेपी की 110-115 सीटें आती थीं, अब इतने लोग विरोध कर रहे हैं, पाटीदार और दलित बीजेपी के साथ नहीं हैं, तो अब कहां से सीटें आएंगी. हार्दिक ने बताया कि बीजेपी ज्यादातर निर्दलीय लोगों को खड़ा करती है, ऐसी जगहों पर वे लोगों को समझाएंगे. बीजेपी जिस तरह से चुनाव में रणनीति बनाती है, वैसी ही रणनीति बनाई जाएगी और जातिगत समीकरणों का भी ध्यान रखा जाएगा. जहां पाटीदारों के क्षेत्रीय वोट बंट जाते हैं, वहां सबको साथ लाने की कोशिश की जाएगी.

 

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