जमीन खरीदने वालों की सूची आम करेगे हरीश रावत
भाजपा की घेराबंदी शुरू की हरीश रावत ने# जमीनें खरीदने वालों की सूची तैयार करने के निर्देश दिये मुख्यमंत्री श्री रावत # 23-24 घंटे बिजली दी जा रही मुख्यमंत्री श्री रावत # जैविक खेती को बढ़ावा देने में उत्तराखंड अच्छी तरह से काम कर रहा है ; केन्द्रीय मंत्री # मुख्यमंत्री ने प्रदेश में जैविक मांस (organic meat) के कन्सेप्ट पर कार्ययोजना तैयार करने कहा
देहरादून 28 नवम्बर, 2016(सू.ब्यूरो)
मुख्यमंत्री श्री रावत ने भाजपा को घेरने के लिए कदम उठाया- मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा- पिछले दो-तीन माह में बड़े पैमाने पर जमीनें खरीदने वालों की सूची बनायी जाये-ज्ञात हो कि केन्द्र्र मे कांग्रेस ने यह आरोप लगाये हैं कि नोटबंदी से पूर्व भाजपा ने पूरे देश के राज्य मुख्यालयों में बडे पैमाने पर जमीने खरीदी- इसी क्रम में- 28 नव0 2016 को
सोमवार को बीजापुर हाउस में आयोजित बैठक में मुख्यमंत्री हरीश रावत ने विमुद्रीकरण से राज्य की अर्थव्यवस्था व राज्य सरकार के राजस्व पर पड़ने वाले प्रभावों का अध्ययन करने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समिति गठित करने के निर्देश दिए हैं। समिति विमुद्रीकरण से राज्य पर विपरीत प्रभावों को कम करने के उपायों पर भी विचार विमर्श करेगी। समिति में विŸा, कृषि, व्यापार कर, पर्यटन, राजस्व, स्वास्थ्य, यातायात सहित अन्य संबंधित विभागों के प्रमुख सचिव व सचिव सदस्य होंगे।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने पिछले दो-तान माह में बड़े पैमाने पर जमीनें खरीदने वालों की सूची भी तैयार करने के निर्देश दिए। बैठक में बताया गया कि सभी जिलाधिकारी, मजदूरों व श्रमिकों के बैंक खाते खोलने के लिए कैम्प आयेाजित कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने सीएसडी कैंटीन में राज्य सरकार द्वारा मदिरा पर लगाए जाने वाले आबकारी शुल्क को पूर्व सैनिकों के लिए कम करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने प्रदेश में जैविक मांस (organic meat) के कन्सेप्ट पर कार्ययोजना तैयार करने को भी कहा। इसके लिए आर्गेनिक बोर्ड के तहत आर्गेनिक मीट विपणन बोर्ड बनाया जाए। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि आर्गेनिक मीट की अधिक कीमत मिलने से विशेष तौर पर बकरी पालन को लाभकारी बनाया जा सकता है।
देहरादून 28 नवम्बर, 2016(सू.ब्यूरो)
सोमवार को सीएम हरीश रावत ने ऑफिसर्स क्लब यमुना कॉलोनी में उत्तरांचल पावर इंजीनियर्स एसोसिएशन के 16 वें वार्षिक महाधिवेशन का शुभारम्भ किया। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि पावर सेक्टर उत्तराखण्ड का प्रोमिसिंग सेक्टर है। पिछले दो तीन वर्षों में इस क्षेत्र में अच्छा काम हुआ है। लगभग 23-24 घंटे बिजली दी जा रही है। लाईन लॉस कम करने की और सम्भावना है। लाईन लॉस कम करने को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए। मुख्यमंत्री श्री रावत ने विभागीय प्रमोशन की प्रक्रिया में तेजी लाने व बिजली विभाग में सुधार लाने पर प्राप्त अतिरिक्त आय का कुछ भाग कार्मिकों के साथ साझा करने के भी निर्देश दिए।
कार्यक्रम में प्रमुख सचिव डा.उमाकांत पंवार, यूपीसीएल के एमडी एसएस यादव, पिट्कुल के एमडी एसएन वर्मा, एसोसिएशन के पदाधिकारी मौजूद थे।
##जैविक खेती को बढ़ावा देने में उत्तराखंड अच्छी तरह से काम कर रहा है ; केन्द्रीय मंत्री
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री राधा मोहन सिंह ने रविवार को कहा कि मौजूदा हालात में जैविक खेती के महत्व और उसके लाभ को ध्यान में रखकर भारत सरकार देशभर में जैविक खेती को बढ़ावा दे रही है. कृषि मंत्री ने कहा कि जैविक खेती न केवल वायु, जल एवं मृदा से अत्यधिक रसायनों को बाहर करते हुए पर्यावरण से विषाक्त भार कम करता है, बल्कि यह लंबी अवधि तक स्वस्थ मृदा को तैयार करने और जैव विविधता को बढ़ाने एवं संरक्षित करने में भी मदद करता है.
सेवा भारती की ओर से उत्तराखंड के देहरादून में आयोजित जैविक खेती सम्मेलन को संबोधित करते हुए कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार ने इसके लिए राष्ट्रीय सतत कृषि मिशन के अंतर्गत परम्परागत कृषि विकास योजना (पीकेवीवाई) और पूर्वोत्तर क्षेत्रों के लिए जैविक मूल्य श्रृंखला विकास (ओवीसीडीएनईआर) योजनाओं की शुरुआत की है. कृषि मंत्री ने कहा कि उत्तराखंड जैविक खेती को बढ़ावा देने में अच्छी तरह से काम कर रहा है और इसे आगे ले जाना चाहिए.उन्होंने कहा कि पहले जैविक खेती को बारानी, पहाड़ी एवं आदिवासी क्षेत्रों में बढ़ावा दिया जा रहा है, क्योंकि इन क्षेत्रों में रासायनिक उर्वरकों एवं कीटनाशकों का प्रयोग बहुत कम है.
उन्होंने कहा कि वर्ष 2015-16 के दौरान जंगली फसल को छोड़कर जैविक प्रमाणन के तहत वर्तमान में जैविक खेती में कुल क्षेत्र 14.90 लाख हेक्टेयर है. गरीब एवं सीमांत किसान उच्च लागत के कारण इसे अपना नहीं रहे हैं, इसलिए घरेलू जैविक मंडी विकास के लिए पीजीएस-भारत कार्यक्रम की शुरुआत की गई है.
राधा मोहन ने कहा कि परम्परागत कृषि विकास योजना पहली व्यापक योजना है, जिसे एक केंद्रीय प्रायोजित कार्यक्रम (सीएसपी) के रूप में शुरू किया गया है. इस योजना का कार्यान्वयन प्रति 20 हेक्टेयर के क्लस्टर आधार पर राज्य सरकारों की ओर से किया जाता है.
उन्होंने कहा कि क्लस्टर के अंतर्गत किसानों को अधिकतम एक हेक्टेयर तक की वित्तीय सहायता दी जाती है और सहायता की सीमा तीन वर्षों के रूपांतरण की अवधि के दौरान प्रति हेक्टेयर 50,000 रुपए है. दो लाख हेक्टेयर क्षेत्र को कवर करते हुए 10,000 क्लस्टरों को बढ़ावा देने का लक्ष्य है.