आपने मेरे कार्यकाल पर भी सवाल उठा दिया- हरीश रावत ने संगठन से कहा-
दूर होते जा रहे हैं हरीश रावत के अपने भी – हरीश रावत के सितारें उनसे कुछ इस तरह के चाल चल रहे हैं कि वो खुद अपनों से दूर होते जा रहे हैं, मार्च 2016 से शुरू हुआ संकट भी जाने अनजाने मेे उनकी धीमी कार्यशैली के कारण शुरू हुआ, बडा संकट आया और इस दौरान जो उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खडेे रहे, अब वो भी धीरे धीरे हरीश रावत की धीमी तथा निराश करने वाली, थका देने वाली कार्यशैली से उनसे दूर होते जा रहे हैं- हरीश रावत को कांग्रेस संगठन को यह कहना पडा- ये क्या है भला? आपने वर्ष 2000 से अब तक की जांच की मांग की है। इससे तो आपने मेरे कार्यकाल पर भी सवाल उठा दिया? वही एक मुख्यमंत्री से पूरे प्रदेश की जनता को भारी अपेक्षा होती है- उनके द्वारा दिया गया निराशाजनक बयान-क्यों दिया गया- मुख्यमंत्री को कांग्रेस संगठन के पदाधिकारियों सेे कहना पडा-* आज तक मैं अपने भाई तक को कुछ काम तक नहीं दिला पाया और लोग कहां से कहां तक पहुंच गए।
उ त्तराखण्ड कांग्रेस संगठन के द्वारा उठाये गये कदमों से मुख्यमंत्री को सख्त आपत्ति हुई है, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष श्री किशोर उपाध्याय ने मुख्यमंत्री श्री हरीश रावत को पत्र लिखकर उत्तराखण्ड में भ्रष्टाचार एवं घोटालों से सम्बन्धित विभिन्न मामलों में कार्रवाई की मांग की है। मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार- भ्रष्टाचार की जांच में अपने कार्यकाल को भी शामिल करने की संगठन की मांग से मुख्यमंत्री हरीश रावत को धक्का लगा है। बीजापुर कैंप आफिस में मंगलवार को जांच का ज्ञापन लेकर पहुंचे संगठन पदाधिकारों के सामने सीएम का गम और गुस्सा एक साथ फूटा।
वही दूसरी ओर बीजेपी बुधवार से राज्य सरकार के खिलाफ पर्दाफाश यात्रा निकालने जा रही है. यात्रा की शुरुआत भाजपा अध्यक्ष अजय भट्ट प्रदेश कार्यालय से विधिवत पूजा अर्चना के साथ करने जा रहे हैं. सरकार के खिलाफ बीजेपी पर्दाफाश यात्रा कांग्रेस व उनके सहयोगियों के 44 विधानसभा क्षेत्रों में ही करेगी. यानी पार्टी का पूरा फोकस कांग्रेस सरकार और उसके सहयोगियों पर हमला बोलना पर रहेगा. इस यात्रा में भाजपा ने आठ दिग्गज नेताओं के नेतृत्व में आठ समूह बनाए हैं और कांग्रेस छोड़ कर भाजपा में शामिल हुए सभी बागी नेता भी इस यात्रा में मौजूद रहेंगे.
उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने मंगलवार को मुख्यमंत्री हरीश रावत से राज्य गठन से लेकर अब तक सामने आए भ्रष्टाचार और घोटालों के विभिन्न प्रकरणों की न्यायिक जांच कराने की मांग करते हुए राज्य की जनता के सामने शुचिता का उदाहरण प्रस्तुत करने को कहा.
मुख्यमंत्री रावत को लिखे एक पत्र में उपाध्याय ने कहा कि कांग्रेस महात्मा गांधी के पदचिन्हों का अनुसरण करने वाली पार्टी होने के साथ ही उनकी विरासत की वाहक और हकदार भी है और इसलिए वह समाज में पनप रहे भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं कर सकती.
वर्ष 2000 में राज्य गठन से लेकर अब तक के 16 वर्षों के अल्पकाल में घपले, घोटाले और भ्रष्टाचार के मामलों के लगातार प्रकाश में आने से प्रदेश की छवि के धूमिल होने की बात कहते हुए उपाध्याय ने कहा, ‘अब राज्य में कांग्रेस की सरकार है और हमारी सरकार को इस संबंध में समय रहते ठोस निर्णय लेकर उपरोक्त अवधि के भ्रष्टाचार और घोटालों की जांच उच्च न्यायालय के न्यायाधीश को सौंपकर जनता के सामने शुचिता का उदाहरण प्रस्तुत करना चाहिए.’ इस संबंध में उपाध्याय ने रावत को याद दिलाया कि भ्रष्टाचार एवं अनियमितताओं के प्रकरणों को वह राष्ट्रपति शासन के दौरान राज्यपाल एवं उससे पहले उनके संज्ञान में भी लाते हुए निष्पक्ष जांच की मांग कर चुके हैं.
उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने तथा मुख्यमंत्री ने संयुक्त रूप से राष्ट्रपति शासन के दौरान 18 अप्रैल को राज्यपाल से इस संबंध में उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के माध्यम से भ्रष्टाचार के सभी प्रकरणों की जांच की मांग की थी.
कांग्रेस अध्यक्ष ने इस संबंध में राज्य की संवैधानिक संस्थाओं में नियुक्तियों में हो रही देरी का भी मसला उठाया और कहा कि इससे राज्य के प्रबुधजनों एवं समाज के विभिन्न वर्गों में यह राय बन रही है कि इसी वजह से भ्रष्टाचार पर प्रभावी अंकुश नहीं लग पा रहा है.
उन्होंने कहा कि राज्य में लोकायुक्त संस्था का गठन भी नहीं हुआ है और भाजपा ने इस विषय को एक बड़ा मुद्दा बनाया हुआ है.
उपाध्याय ने कहा कि मुख्य सूचना आयुक्त एवं अन्य सूचना आयुक्तों की नियुक्ति में हो रहे विलंब के कारण भी इन संवैधानिक संस्थाओं के गठन के उद्देश्य की प्राप्ति नहीं हो रही है और इसलिये इस संबंध में भी तुरंत निर्णय लिया जाना चाहिए.
मुख्यमंत्री श्री हरीश रावत को लिखे पत्र में कांग्रेस अध्यक्ष श्री किशोर उपाध्याय ने कहा है कि कांग्रेस पार्टी महात्मा गांधी जी के पद चिन्हों का अनुसरण करने वाली पार्टी होने के साथ-साथ हम कांग्रेस पार्टी के लोग अपने को उनकी विरासत का वाहक और हकदार मानते हैं। आमजन का मानना है कि जो राजनैतिक पार्टी महात्मा गांधी जी द्वारा दिखाये जाने वाले मार्ग पर चलने वाली पार्टी हो वह समाज में पनप रहे भ्रष्टाचार को कैसे बर्दास्त कर सकती है। उत्तराखण्ड की इस देवभूमि में राज्य गठन से लेकर अब तक के 16 वर्षों के अल्पकाल में घपले, घोटाले और भ्रष्टाचार के मामलों के लगातार प्रकाश आने से कहीं न कहीं इस देवभूमि की छबि धूमिल हो रही है। राज्य के प्रबुद्धजनों एवं समाज के विभिन्न वर्गों से लगातार बातें उभर कर आ रही हैं कि राज्य में संवैधानिक संस्थाओं का समुचित रूप से गठन न होने के कारण भ्रष्टाचार पर प्रभावी ढंग से अंकुश नहीं लग पा रहा है। राज्य में लोकायुक्त संस्था का गठन भी नहीं हुआ है। भारतीय जनता पार्टी ने इस विषय को राज्य में बड़ा मुद्दा बना रखा है। मुख्य सूचना आयुक्त एवं सूचना आयुक्तों की नियुक्ति में हो रहे विलम्ब के कारण भी इन संवैधानिक संस्थाओं के गठन के उद्देश्य की प्राप्ति नहीं हो रही है। भ्रष्टाचार एवं अनियमितता के प्रकरणों को लेकर मैंने राष्ट्रपति शासन के दौरान श्री राज्यपाल एंव कुछ मामलों में राष्ट्रपति शासन से पूर्व में आपके संज्ञान में लाते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की थी जिनमें मैंने यह निवेदन किया था किः-
★ उत्तराखण्ड राज्य में समय-समय पर भ्रष्टाचार एंव घोटालो के जो मामले उजागर हुए हैं उनके सम्बन्ध में मैंने तथा आपने राष्ट्रपति शासन के दौरान दिनांक 18 अप्रैल 2016 को संयुक्त रूप से श्री राज्यपाल महोदय से ज्ञापन के माध्यम से आग्रह किया था कि राज्य गठन 9 नवम्बर, 2000 से अब तक भ्रष्टाचार या घोटालो के जितने भी मामले संज्ञान में आये हैं उन सबकी जांच उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के माध्यम से कराई जानी चाहिए। राज्य में अब कांग्रेस की सरकार है और हमारी सरकार को इस सम्बन्ध में समय रहते ठोस निर्णय लेकर उपरोक्त अवधि के भ्रष्टाचार और घोटालो के मामलों की जांच उच्च न्यायालय के न्यायाधीश को सौंप कर राज्य की जनता के सामने सुचिता का उदाहरण प्रस्तुत करना चाहिए।
★ उत्तराखण्ड राज्य की सीमा के अन्तर्गत सन् 1990 से लेकर अब तक जिन संस्थाओं या व्यक्तियों को राज्य सरकार अथवा ग्राम समाज की भूमि आवंटित की गई है, उनका विवरण सार्वजनिक होना चाहिए। जहां तक मुझे जानकारी है कि आपने दिनांक 23 फरवरी, 2016 को अपने पत्रांक संख्या 6606/मा.मु.म.आ.का./2015-16 के माध्यम से मुख्य सचिव उत्तराखण्ड शासन को इस सम्बन्ध में आदेश भी जारी किये थे, किन्तु काफी समय गुजरने के बावजूद भी इस सम्बन्ध में कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इस तरह के पूरे प्रदेशभर में कई प्रकरण होंगे जिन्हें औने-पौने दामों में सरकारी अथवा ग्राम पंचायत की भूमि आवंटित हुई है। इस प्रकार न्यूनतम मूल्य या निःशुल्क रूप से आंवटित भूमि जिस उद्देश्य के लिए आवंटित हुई थी उसका उपयोग उस कार्य के लिए यदि नहीं किया जा रहा है या आवंटित भूमि खुर्द-बुर्द की जा चुकी है तो ऐसे सभी प्रकरणों की छानबीन के उपरान्त शर्तो का उल्लंघन करने वाली संस्थाओं या व्यक्तियों को आंवटित भूमि राज्य सरकार में निहित की जानी चाहिए।
★जहां तक मेरी जानकारी है आजाद भारत में पहली बार एक तथाकथित सी.डी. के कारण लोकतांत्रिक विधि से निर्वाचित सरकार की हत्या के काले अध्याय से केन्द्र सरकार और विशेषकर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के षड़यंत्र के कारण देवभूमि उत्तराखण्ड पर एक राजनैतिक कलंक लग गया है। सी.डी. के पीछे के षड़यंत्र की जांच पड़ताल किये बिना केन्द्र सरकार ने संविधान के विरूद्ध यह महापाप किया है। षड़यंत्रकारी भारतीय जनता पार्टी के षड़यंत्रों से आज पूरा देश ही नहीं अपितु पूरा विश्व अवगत है। अयोध्या, गोधरा, मुज्जफरनगर, मसूरी उसके कुछ उदाहरण हैं और उसी तरह का षड़यंत्र भारतीय जनता पार्टी ने इस सी.डी. प्रकरण में किया है। मुखौटे सामने अन्य हो सकते हैं, लेकिन मेरी स्पष्ट धारणा है कि उसके पीछे सीधे-सीधे प्रधानमंत्री और केन्द्र सरकार का दिमाग है। प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी सरकार गिराने मे जब हर मोर्चे पर विफल रही तब उन्होंने यह षड़यंत्र किया और इस षड़यंत्र के माध्यम से वे कांग्रेस पार्टी की छवि को धूमिल करने का प्रयास कर रहे हैं। हमारी पार्टी ने यह निर्णय किया है कि इस सी.डी. को हम स्वयं उत्तराखण्ड की जनता के सामने ले जाने का काम करेंगे, क्योंकि प्रजातंत्र में जनता का निर्णय सर्वोपरि है। दिनांक 2 मई, 2016 को प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारियों की बैठक हुई थी जिसमें छह प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किये गये थे, बैठक में यह भी निर्णय लिया गया है कि जिस तथाकथित सीडी को लेकर भाजपा कंाग्रेस के शीर्श नेतृत्व पर हमलावर है उस सीडी की सच्चाई को कांग्रेसजन स्वयं जनता के समक्ष जगह-जगह ले जाकर दिखाने का काम करेंगी। हमनें संयुक्त रूप से इस हेतु श्री राज्यपाल से सी0डी0 की मूल प्रति की मांग भी की थी जो कि हमको उपलब्ध नही हो पाई है। इसलिए मेरा आग्रह है कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी को उक्त सी.डी. की सम्पूर्ण प्रति उपलब्ध करवाई जाय ताकि जनता के बीच जाकर भाजपा के झूठ का पर्दाफाश किया जा सके।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष श्री उपाध्याय ने प्रदेश के कांग्रेसजनों की ओर से मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि उपरोक्त महत्वपूर्ण मांगो पर आप सकारात्मक रूप से विचार करते हुए यथाशीघ्र निर्णय लेकर उचित कर्रवाही करने का कष्ट करेंगे, ताकि कांग्रेस पार्टी देवभूमि की जनता की अदालत अपने पक्ष को मजबूती से रखते हुए फिर से सेवा का मौका हासिल कर सके।
(किशोर उपाध्याय)