मोदी जी की केदारनाथ और राहुल की मानसरोवर यात्रा- कौन पहले भोलनाथ के दरबार में

#तांत्रिक मंत्रोपचार समेत 16 विधि-विधान से पूजा# पशुपतिनाथ धाम गए # केदारनाथ की यात्रा करनी होगी- 

 पशुपतिनाथ  और केदारनाथ यात्रा के उपरांत ही शिव की यात्रा पूर्ण मानी जाती है, वही जल्‍द ही राहुल गॉधी की मानसरोवर की यात्रा होने वाली है, देखना यह होगा कि क्‍या मोदी जी की केदारनाथ यात्रा से पहले राहुल की मानसरोवर यात्रा हो जायेगी- जिसका दूरगामी प्रभाव पडना तय है- सामाजिक भी धार्मिक भी- देखना है कि कौन भोलेनाथ के दरबार में पहले पहुंचता है

#हिमालयायूके न्‍यूज पोर्टल

मोदी हवाईअड्डे से सीधे हिंदू देवी सीता के नाम पर बने जानकी मंदिर पहुंचे। मोदी षोडशोपचार पूजा में शामिल हुए और मंदिर में मंजीरा भी बजाया. षोडशोपचार पूजा विशेष अतिथि द्वारा किया जाता है मंदिर में मोदी द्वारा प्रार्थना किए जाने के दौरान सीता और राम के भजन बजाए गए। जानकी मंदिर में षोडशोपचार पूजा केवल विशेष अतिथि ही करते हैं। इसमें तांत्रिक मंत्रोपचार समेत 16 विधि-विधान से पूजा की जाती है। इस धार्मिक संस्कार के दौरान सीता जी की पूजा की जाती है और उन्हें पोशाकों और आभूषणों से सजाया जाता है। इसके बाद मोदी ने अपने दौरे के दूसरे दिन की शुरुआत मुक्तिनाथ मंदिर से की. वो वहां पहुंचकर पूजा अर्चना की मोदी अपने नेपाल दौरे के आखिरी दिन आखिरी मंदिर दर्शन के तौर पर पशुपतिनाथ मंदिर गए. उन्होंने पशुपतिनाथ मंदिर में पूजा अर्चना की. यहां उन्होंने विशेष तौर पर भगवान शिव की पूजा की. हिमालयायूके न्‍यूज पोर्टल

भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नेपाल के दो दिन की यात्रा में 12 मई को पहले मुक्तिनाथ धाम में पूजा अर्चना की फिर विश्व प्रसिद्ध पशुपतिनाथ धाम गए।  पशुपतिनाथ केे बाद केदारनाथ मंदिर की यात्रा से ही पूर्ण शिव अर्चना होती  है; ऐसे में मोदी जी को कुछ माह के अन्‍दर केदारनाथ की यात्रा करनी होगी- 

पशुपतिनाथ को केदारनाथ मंदिर का आधा भाग माना जाता है।  पौराणिक कथा के अनुसार जब महाभारत के युद्ध में पांडवों द्वारा अपने ही रिश्तेदारों का रक्त बहाया गया तब भगवान शिव उनसे बेहद क्रोधित हो गए थे। श्रीकृष्ण के कहने पर वे भगवान शिव से मांफी मांगने के लिए निकल पड़े। गुप्त काशी में पांडवों को देखकर भगवान शिव वहां से विलुप्त होकर एक अन्य स्थान पर चले गए। आज इस स्थान को केदारनाथ के नाम से जाना जाता है। शिव का पीछा करते हुए पांडव केदारनाथ भी पहुंच गए। लेकिन भगवान शिव उनके आने से पहले ही भैंस का रूप लेकर वहां खड़े भैंसों के झुंड में शामिल हो गए। पांडवों ने महादेव को पहचान तो लिया लेकिन भगवान शिव भैंस के ही रूप में भूमि में समाने लगे।  इसपर भीम ने अपनी ताकत के बल पर भैंस रूपी महादेव को गर्दन से पकड़कर धरती में समाने से रोक दिया। भगवान शिव को अपने असल रूप में आना पड़ा और फिर उन्होंने पांडवों को क्षमादान दे दिया। लेकिन भगवान शिव का मुख तो बाहर था लेकिन उनका देह केदारनाथ पहुंच गया था। जहां उनका देह पहुंचा वह स्थान केदारनाथ और उनके मुख वाले स्थान पशुपतिनाथ के नाम से प्रसिद्ध हुआ।   केदाराखंड में पशुपतिनाथ का संबंध भगवान केदारनाथ से बताया जाता है। पांडवों से बचकर निकलने के लिए भैंस के रूप प्रकट हुए केदारनाथ जब धरती में समा रहे थे तो भीम नें उन्हें कसकर पकड़ लिया जिससे कूल्हा केदारनाथ के रूप में प्रकट हुआ। जहां शिव के पैर धरती से बाहर हुए वह सभी पंच केदार के रूप में मान्य हुए। पशुपतिनाथ में शिव का मुख प्रकट हुआ था इसलिए इनके दर्शन भी केदारनाथ के दर्शन के समान फलदायी बताया गया है। ऐसी मान्यता है कि पशुपतिनाथ के दर्शन से मनुष्य को अगले जन्म में पशु योनी में जन्म नहीं लेना पड़ता है।

 पशुपतिनाथ लिंग विग्रह में चार दिशाओं में चार मुख और ऊपरी भाग में पांचवां मुख है। प्रत्येक मुखाकृति के दाएं हाथ में रुद्राक्ष की माला और बाएं हाथ में कमण्डल है। प्रत्येक मुख अलग-अलग गुण प्रकट करता है। पहला मुख ‘अघोर’ मुख है, जो दक्षिण की ओर है। पूर्व मुख को ‘तत्पुरुष’ कहते हैं। उत्तरमुख ‘अर्धनारीश्वर’ रूप है। पश्चिमी मुख को ‘सद्योजात’ कहा जाता है। ऊपरी भाग ‘ईशान’ मुख के नाम से पुकारा जाता है। यह निराकार मुख है। यही भगवान पशुपतिनाथ का श्रेष्ठतम मुख है।

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नेपाल के प्रसिद्ध मुक्तिनाथ मंदिर पहुंचे। प्रधानमंत्री ने मंदिर में पूजा कर भगवान शालिग्राम का आशीर्वाद लिया। मुक्तिनाथ मंदिर में पूजा करने के बाद पीएम मोदी पशुपतिनाथ मंदिर पहुंचे। पीएम मोदी पशुपतिनाथ मंदिर में विधि-विधान से पूजा की। उन्होंने भगवान की मूर्ति पर फूल भी चढ़ाए। इस दौरान उनके साथ मंदिर के दो पुजारी भी मौजूद थे। पीएम मोदी ऐसे पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं, जिन्होंने मुक्तिनाथ मंदिर के दर्शन किए हैं। इससे पहले प्रधानमंत्री ने कल जानकी माता मंदिर में विधिवत पूजा-अर्चना की थी। जानकी माता मंदिर में पूजा के दौरान मंदिर के पुजारियों ने उन्हें मिथिलांचल की शान कही जाने वाला पाग पहनाया था।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दो दिवसीय नेपाल दौरे में मुक्तिनाथ मंदिर पहुंचकर दर्शन किए. मोदी ने मुक्तिनाथ मंदिर में मौजूद लोगों से मुलाकात भी की. मुक्तिधाम के बाद पीएम मोदी काठमांडू के प्रसिद्ध पशुपतिनाथ मंदिर गए. मोदी ऐसे वक्त पर नेपाल में मंदिर-मंदिर के दर्शन और पूजा अर्चना कर रहे हैं जब कर्नाटक विधानसभा चुनाव में आज वोट डाले जा रहे हैं. यह पहली बार नहीं है जब पीएम मोदी किसी राज्य के चुनाव में वोटिंग के दिन ऐसे तरीका खोज निकालते हैं जब चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन भी न हो और वो खुद सर्खियों में बने रहें. टीवी चैनलों पर छाए रहें.
विशेष बात यह रही कि तांत्रिक मंत्रोपचार समेत 16 विधि-विधान से पूजा करायी गयी, जानकी मंदिर में षोडशोपचार पूजा केवल विशेष अतिथि ही करते हैं. इसमें तांत्रिक मंत्रोपचार समेत 16 विधि-विधान से पूजा की जाती है. इस धार्मिक संस्कार के दौरान सीता जी की पूजा की जाती है और उन्हें पोशाकों और आभूषणों से सजाया जाता है. जानकी मंदिर में पूजा के दौरान पंडित ने प्रधानमंत्री मोदी को पाग पहनाया। बता दें कि पाग को मिथिला में काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। अंग्रेजी संस्कृति में जैसे ‘क्राउन’ का महत्व है, उसी प्रकार मिथिला में ‘पाग’ का महत्व है। जनकी मंदिर में पूजा के दौरान पीएम मोदी के साथ नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली भी मौजूद थे। मंदिर में दर्शन करने के बाद पीएम मोदी ने विजिटर बुक में अपना संदेश लिखा।

मैं भारत का पहला प्रधानमंत्री हूं जिसने जनकपुर में आकर पूजा की, मैं नेपाल के प्रधानमंत्री का शुक्रिया करना चाहता हूं। आज एकादशी भी है और इस दिन देवी सीता का पूजन करना मेरे लिए बहुत बड़ी बात है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शुक्रवार के नेपाल के शहर जनकपुर के प्रसिद्ध जानकी मंदिर पहुंचे और वहां विशेष पूजा-अर्चना की. इस मौके पर नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने मंदिर परिसर में पीएम मोदी का स्वागत किया. पीएम मोदी ने मंदिर में करीब 45 मिनट बिताए. नेपाल के दो दिवसीय राजकीय यात्रा पर पहुंचे पीएम मोदी हवाई अड्डे से सीधे देवी सीता के नाम पर बने जानकी मंदिर पहुंचे.. स्थानीय मीडिया के मुताबिक मोदी षोडशोपचार पूजा में शामिल हुए. मंदिर में जिस वक्‍त पीएम मोदी प्रार्थना कर रहे थे तब सीता और राम के भजन बजाए गए. इस मौके पर पीएम मोदी ने मंजीरा बजाया:
जानकी मंदिर में षोडशोपचार पूजा केवल विशेष अतिथि ही करते हैं. इसमें तांत्रिक मंत्रोपचार समेत 16 विधि-विधान से पूजा की जाती है. इस धार्मिक संस्कार के दौरान सीता जी की पूजा की जाती है और उन्हें पोशाकों और आभूषणों से सजाया जाता है.

मंदिर के पुजारी रामातपेश्वर दास वैष्णव ने बताया कि पूर्व राष्ट्रपति नीलम संजीव रेड्डी, ज्ञानी जैल सिंह और प्रणब मुखर्जी ने अपनी नेपाल यात्राओं के दौरान यह पूजा की थी. पीएम मोदी पहले प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने यह पूजा की. वहीं, पीएम मोदी के स्वागत के लिए हजारों लोग जानकी मंदिर परिसर में जुटे थे.
गौरतलब है कि जानकी मंदिर भगवान राम की पत्नी सीता का जन्म स्थान माना जाता है. सीता की याद में यह मंदिर 1910 में बनाया गया था. तीन तल वाला यह मंदिर पूरी तरह पत्थर और संगमरमर का बना हुआ है.
नेपाल के दो दिवसीय राजकीय यात्रा पर पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी हवाईअड्डे से सीधे जानकी मंदिर पहुंचे। नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने मंदिर परिसर में मोदी का स्वागत किया। मोदी मंदिर में करीब 45 मिनट बिताएं। प्रधानमंत्री ने षोडशोपचार पूजा में भी शामिल हुए। मंदिर में मोदी द्वारा प्रार्थना किए जाने के दौरान सीता और राम के भजन बजाए गए। जानकी मंदिर में षोडशोपचार पूजा केवल विशेष अतिथि ही करते हैं। इसमें तांत्रिक मंत्रोपचार समेत 16 विधि-विधान से पूजा की जाती है। इस धार्मिक संस्कार के दौरान सीता जी की पूजा की जाती है और उन्हें पोशाकों और आभूषणों से सजाया जाता है।

मंदिर के पुजारी रामातपेश्वर दास वैष्णव ने बताया कि पूर्व राष्ट्रपति नीलम संजीव रेड्डी, ज्ञानी जैल सिंह और प्रणब मुखर्जी ने अपनी नेपाल यात्राओं के दौरान यह पूजा की थी। मोदी पहले प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने यह पूजा की। मोदी के स्वागत के लिए हजारों लोग जानकी मंदिर परिसर में जुटे। जानकी मंदिर भगवान राम की पत्नी सीता का जन्म स्थान माना जाता है। सीता की याद में यह मंदिर 1910 में बनाया गया था। तीन तल वाला यह मंदिर पूरी तरह पत्थर और संगमरमर का बना हुआ है।

पूजा के बाद प्रधानमंत्री मोदी का बरबीघा मैदान में नागरिक अभिनंदन किया गया। नेपाल और भारत में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए मोदी और ओली संयुक्त रूप से रामायण सर्किट लॉन्च किया। इससे पहले नेपाल के रक्षा मंत्री ईश्वर पोखरेल और प्रांत -2 के मुख्यमंत्री लालबाबु राउत ने हवाईअड्डे पर प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत किया। प्रधानमंत्री मोदी की नेपाल की यह तीसरी यात्रा है। प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली के नेतृत्व में इस वर्ष नयी सरकार के गठन के बाद भारत की ओर से किया जाने वाला यह पहला उच्च स्तरीय दौरा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दो दिवसीय नेपाल दौरे के पहले दिन आज जनकपुर में 20वीं सदी में बने जानकी धाम मंदिर में पूजा-अर्चना की। इस दौरान वहां मौजूद पुरोहितों ने मोदी को मंदिर परिसर और वहां की संस्कृति के बारे में पूरी जानकारी दी। पूजा-अर्चना के बाद मोदी ने नेपाल प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली के साथ मिलकर जनकपुर-अयोध्या बस सर्विस को हरी झंडी दिखाई।

वहीं दूसरी ओर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनके नेपाली समकक्ष के. पी. शर्मा ओली ने आज साथ मिलकर हिंदुओं के दो पावन स्थलों – जनकपुर और अयोध्या के बीच सीधी बस सेवा का उद्घाटन किया। मोदी ने इस बस सेवा का उद्घाटन करते हुए कहा, जनकपुर और अयोध्या जोड़े जा रहे हैं। यह बस सेवा नेपाल और भारत में तीर्थाटन को बढ़ावा देने से संबंधित रामायण सर्किट का हिस्सा है। मोदी ने 20 वीं सदी के प्रसिद्ध जानकी मंदिर में पहुंचने और पूजा-अर्चना करने के उपरांत इस बस सेवा का शुभारंभ किया।

मोदी ने नेपाल में पशुपतिनाथ मंदिर, जानकी मंदिर और मुक्तिनाथ मंदिरो में पूजा अर्चना की. कहा जा रहा है कि पीएम मोदी इसके जरिए हिंदू धर्म के दोनों समुदाय शैव और वैष्णवों को साधने की कोशिश कर रहे हैं. मोदी ऐसे वक्त पर नेपाल में मंदिर-मंदिर के दर्शन और पूजा अर्चना कर रहे हैं जब कर्नाटक विधानसभा चुनाव में आज वोट डाले जा रहे हैं.

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