नम्रता और सादगी से भी राजनीति होती है क्‍या ?

#नम्रता और सादगी पूर्ण व्यवहार से भी राजनीति में सफलता मिलती है#यह उत्‍तराखण्‍ड में भाजपा नेता प्रकाश पंत ने यह सिद्व कर दिया #समूचे राज्य की निगाह इस राजनेता पर लगी #पिथौरागढ जनता में उनकी जीत का मार्जिन उनकी वजनदार भागीदारी तय करेगाा#विगत सरकार में पिथौरागढ को मंत्रिमण्‍डल में उपेक्षा का शिकार होना पडा#ईमानदारी, सादगीपूर्ण जीवन से उन्होंने आम जनता के बीच म गहरी लोकप्रियता पायी #पूरे जनपद को उस समय अपने इस प्रकाश पर गर्व हुआ था # प्रकाश पंत ने भी अपने दरवाजे से कभी किसी को निराश नही लौटने दिया#राजनीति के इस धुरंधर के अंदर एक कवि भी निवास करता है# चरित्र  हिमालय की तरह ही # ऊॅत्तराखण्ड क्षितिज के दैदीव्यमान नक्षत्र का नाम है प्रकाश पंत# Execlusive Article;  #www.himalayauk.org (Leading Digital Newsportal & Print Media) ; Bureau Report:    FILE PHOTO; PRAKASH PANT with SH NARENDRA MODI 

प्रकाश पंत ने कभी किसी गुटबाजी की राजनीति नहीं की। वह भाजपा संगठन तथा भाजपा सरकार में अपना एक विषेश स्थान बनाने में सफल हुए। मधुरभाषी, ईमानदार, कर्तव्यनिश्ठ, अहंकार से कोसो दूर प्रकाश पंत उत्तराखण्ड क्षितिज के उस दैवीव्यमान नक्षत्र का नाम है जिसकी ओर आज समूचे राज्य की निगाह लगी हुई है। पिथौरागढ जनता में उनकी जीत ही पिथौरागढ जनता की मंत्रिमण्डल में वजनदार भागीदारी तय करेगी, विगत पांच वर्ष में पिथौरागढ विधानसभा में इसको लेकर भी आक्रोश रहा। पिथौरागढ को मंत्रिमण्‍डल में उपेक्षा का शिकार होना पडा- 
अपने राजनीतिक जीवन से ही अति विशिश्ठ पदों पर रहने का सौभाग्य प्राप्त कर चुके प्रकाश पंत को लोक व्यवहार का गहरा ज्ञान है। प्रकाश पंत ने अपने व्यवहार से यह सिद्ध किया है कि नम्रता और सादगी पूर्ण व्यवहार से भी राजनीति में सफलता प्राप्त की जा सकती है। ईमानदारी, सादगीपूर्ण जीवन से उन्होंने आम जनता के बीच म गहरी लोकप्रियता पायी है। प्रकाश पंत का सामाजिक सरोकारों से गहरा नाता रहा है। वर्श १९८४ तक सरकारी सेवा में रहते हुए समाज के दबे-कुचले शोषित वंचित वर्ग के मध्य सेवा कार्य किया। सरकारी सेवा स्वच्छंद कार्य में बाधा होने के कारण अपने पद से त्याग पत्र देकर समाज के मध्य स्वयं को समर्पित कर दिया। वर्श १९८४ में प्रकाश पंत ने भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण की।
उनके पिता का नाम श्री मोहन चन्द्र पंत तथा माता का नाम श्रीमती कमला पंत है। ११ नवम्बर १९६० को उनका जन्म हुआ। उनका स्थाई पता ग्राम खडकोट, पिथौरागढ है। उनकी राजनीतिक यात्रा १९७७ में रा.स्वा.महाविद्यालय पिथौरागढ में सैन्य विज्ञान परिशद में महासचिव बनने से शुरु हुई। १९८८ में नगर पालिका पिथौरागढ में सभासद बने। १९८८ में स्थानीय निकाय निर्वाचन क्षेत्र से विधान परिषद सदस्य निर्वाचित हुए। २००१ में अंतरिम विधानसभा उत्तरांचल के अध्यक्ष निर्वाचित हुए तथा कॉमनवैल्थ देशों में सर्वाधिक कम उम्र के विधान सभा अध्यक्ष निर्वाचित होने का गौरव प्राप्त हुआ। वर्ष २००२ में उत्तरांचल विधान सभा में पिथौरागढ विधान सभा क्षेत्र से निर्वाचित हुए। ८-३-२००७ को द्वितीय निर्वाचित उत्तराखण्ड सरकार की मंत्रि परिषद में संसदीय कार्य, पर्यटन, संस्कृति मंत्री बनाये गये। वहीं संसदीय कार्यमंत्री के रुप में आपने विधानसभा में भी अपनी एक अलग छाप छोडी हैं। संस्कृति मंत्री के रुप में उन्होंने बेजोड कार्य किया है।
पूरे जनपद को उस समय अपने इस प्रकाश पर गर्व हुआ था और प्रकाश पंत ने भी अपने दरवाजे से कभी किसी को निराश नही लौटने दिया।
श्री पंत पण्डित दीनदयाल उपाध्याय को अपना आदर्श मानते हैं। उनकी अभिरुचि साहित्य सृजन तथा राजनीतिक समाज कार्य में है। राजनीति के इस धुरंधर के अंदर एक कवि भी निवास करता है। उनका कविता संग्रह भी प्रकाशित हुआ है जो ”एक आवाज“ तथा ”प्रारब्ध“ व लक्ष्य (भाशण व निबंध का संग्रह) नाम से है। उनका आत्मकथन -नर सेवा, नारायण सेवा एक बेहतरीन प्रकाशन है जिससे श्री पंत की मानवीय भावना ज्ञात होती है। विनम्र राजनीतिज्ञ, विद्वान कवि के अलावा प्रकाश पंत एक कुशल खेल खिलाडी भी हैं। राष्ट्रीय निशानेबाजी में रजत पदक भी वह जीत चुके हैं। जी०बी० मावलंकर शूटिंग प्रतियोगिता कोयम्बटूर वर्ष २००४ में उन्हने रजत पदक जीता। इसके अलावा राज्य स्तरीय निशानेबाजी प्रतियोगिता में वह २००४ में स्वर्ण पदक भी जीत चुके हैं। प्रकाश पंत ने दुनियां के विभिन्न देशों का भ्रमण किया है। चीन, जापान, आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैण्ड, मलेशिया, कनाडा के अलावा अनेक देषों का वह भ्रमण कर व्यापक अनुभव ले चुके हैं। प्रकाश पंत ने मतदाताओं को केवल वोटर नही समझा, वरन अपने परिवार का समझ कर सम्मान दिया, जिससे उन्हने भी भरपूर प्यार पाया वहीं भाजपा आलाकमान का आशीर्वाद भी उनको मिलता रहा। वही ईष्ट देवी-देवताओं, पर्वत राज हिमालय के आशीर्वाद को वह कभी भूले नही, जिससे आज उनका चरित्र आज हिमालय की तरह ही ऊॅचा हो गया है। वहीं प्रकाश पंत का लक्ष्य समाज के अंतिम व्यक्ति के जीवन स्तर में सुधार लाना है। इसमें वह पूरे प्राण-मन से जुटे हैं तथा भाजपा के शीर्ष नेता व पिथौरागढ ही नही आज पूरे राज्य की जनता उनमें अपना भविष्य देख रही है तभी राज्य के आम जन का कहना है कि उत्तराखण्ड क्षितिज के दैदीव्यमान नक्षत्र का नाम है प्रकाश पंत।
प्रकाश पंत सरल तथा विशाल व्‍यक्‍तित्‍व व घमंड से कोसो दूर-
पिथौरागढ़ में भाजपा प्रत्याशी प्रकाश पंत ने शक्ति प्रदर्शन व रोड शो के बिना सीधे नामांकन कराया। इस दौरान डीडीहाट विधायक विशन सिंह चुफाल सहित कई भाजपा नेता उनके साथ मौजूद रहे। भाजपा प्रत्याशी व पूर्व विधान सभा अध्यक्ष पंत इससे पूर्व के सभी चुनावों में शक्ति प्रदर्शन के साथ नामांकन कराते रहे हैं। इस बार उनके बिना किसी रोड शो व समर्थकों के साथ सीधे नामांकन को लोग बदली चुनावी रणनीति से जोड़ रहे हैं। कहा जा रहा है कि वे राजनीतिक तौर पर पूरी सजगता बरत रहे हैं। इसलिए उन्होंने नामांकन में समर्थकों के शक्ति प्रदर्शन से परहेज किया है।इस मौके पर भाजपा के डीडीहाट विधायक चुफाल ने कहा कि पंत बेहद लोकप्रिय हैं। उनकी जीत तय है। नामांकन के दौरान भाजपा जिला अध्यक्ष विरेन्द्र वल्दिया, राजेन्द्र रावत, महेन्द्र सिंह लुंठी, उमेश महर, राजेश ठकुराठी, गेहराज पाण्डेय सहित कई शामिल रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *