रजनीकांत की फिल्म काला क्‍यो बैन कराना चाहते थे कुछ लोग

सुपरस्टार रजनीकांत की मोस्ट अवेटेड फिल्म काला रिलीज हो गई है. फिल्म की रिलीज से पहले इसे लेकर काफी विवाद भी हुआ, इसे बैन करने की मांग हुई लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इसे हरी झंडी दे दी. इस फिल्म को बॉक्स ऑफिस पर भी अच्छा रिस्पॉंस मिला है. मुख्य रुप से ये फिल्म तमिल में हैं और इसे तेलुगू और हिंदी में भी डब किया गया है. हिंदी में इस फिल्म का नाम ‘काला करिकालन’ है. इस फिल्म में रजनीकांत के अलावा नाना पाटेकर और हुमा कुरैशी मुख्य भूमिका में हैं. इस फिल्म को धनुष प्रोड्यूस कर रहे हैं. इसे पा. रंजीत ने डायरेक्ट किया है. रंजीत के साथ रजनीकांत की ये दूसरी फिल्म है. इससे पहले इन दोनों ने ‘कबाली’ में साथ काम किया था. मूवी में मुंबई के धारावी बस्ती पर आधारित है। इसमें रजनीकांत काला नाम के शख्स का किरदार निभा रहे हैं। बस्ती के लोग उसे मान-सम्मान देते रहे हैं। वहीं, नाना पाटेकर धारावी की जमीन चाहते हैं। दोनों के बीच भिड़त भी दिखाई जाती है। रजनीकांत फुल एक्शन मोड में नजर आ रहे हैं।

फिल्म की कहानी मुंबई के धारावी इलाके से शुरू होती है जहां का राजा काला करिकालन (रजनीकांत) अपने परिवार के साथ रहता है . काला की साउथ के एक गांव से मुंबई के धारावी इलाके तक पहुंचने की सफर को फिल्म के दौरान दर्शाया जाता है. आज वो धारावी का किंग है, लोग उसकी बातें सुनते हैं , चुनाव होने पर उसको वोट भी देते हैं. काला बच्चों के साथ क्रिकेट और फुटबॉल भी खेलता है , वहां रहने वाले लोगों की मदद भी करता है और एक तरह से मसीहा कहलाता है . एक दिन जब विदेश से जरीना (हुमा कुरैशी ) की वापसी होती है तो काला का उत्साह बढ़ जाता है . जरीना एक सिंगल मदर है और उसकी भी एक कहानी है जो फिल्म के दौरान आपको पता चलती है, सब ठीक चल रहा होता है तभी लोकल नवभारत राष्ट्रवादी पार्टी के मुखिया हरिदेव अभयंकर (नाना पाटेकर) की एंट्री के साथ ही कहानी में कई उतार चढ़ाव आते हैं. हरिदेव और काला के बीच का छत्तीस का आंकड़ा है और दोनों एक-दूसरे के पीछे हाथ धोकर पड़े रहते हैं जिसके पीछे आपसी रंजिश और वर्चस्व की लड़ाई होती है . कई बार दोनों को सामना भी होता है पर अंत में क्या होता है ,ये जानने के लिए आपको फिल्म देखनी पड़ेगी.

नाना पाटेकर इस फिल्म में विलेन हैं. इसमें नाना पाटेकर कद्दावर नेता की भूमिका में है और वो काला यानि रजनीकांत को रावण कहकर बुलाते हैं. नाना पाटेकर का एक डायलॉग है, ‘हमने फैसला किया है कि गरीबी को अंधकरा को प्रकाश में बदल देंगे.’ लेकिन काम इसके उलट करते हैं. इसके बाद लोगों को और धारावी को बचाने के लिए काला की एंट्री होती है. ‘फिल्म में रजनीकांत की मौजूदगी से एक अलग तरह का स्वैग दिखाई पड़ता है. कहानी टिपिकल वर्चस्व की लड़ाई, अमीर-गरीब के बीच के फासले वाले पैटर्न पर ही बेस्ड है जिससे दर्शक जरूर कनेक्ट करेंगे . रजनी के चश्मा पहनने का ढंग, लूंगी स्टाइल , लड़ाई का तरीका, संवाद बोलने का अंदाज दर्शकों की सीटियां और तालियां जरूर पाता है. वहीं दूसरी तरफ नाना पाटेकर का दमदार प्रदर्शन भी देखने को मिलता है.”
‘रजनीकांत की एंट्री उनके फैन्स को थोड़ा चौंका सकती है क्योंकि वे गुंडों से लड़ते हुए या गोली बारी करते हुए नहीं आते हैं, बल्कि उनके हाथ में बैट होता है और वे क्रिकेट खेलते हुए एंट्री लेते हैं. रजनीकांत के जोक्स उस समय फेल होते नजर आते हैं जब उस सीन में वे कोई बड़ा शॉट नहीं खेलते बल्कि क्लीन बोल्ड हो जाते हैं. वाकई यह सीन बहुत ही इंट्रेस्टिंग है.”
ये रजनीकांत की फिल्म नहीं है बल्कि पा. रंजीत की है जिसमें रजनीकांत हैं. इसमें काला स्लम में बच्चों के साथ क्रिकेट खेलते हुए नज़र आता है. आप सोचेंगे कि वो जरुर छक्का मारेगा लेकिन ऐसा नहीं होता बल्कि वो क्लीन बोल्ड हो जाता है. इससे एक बात साफ हो जाती है कि हम इसमें सुपरस्टार रजनीकांत को नहीं देखने जा रहे बल्कि 80 के दशक के रजनी को देखने जा रहे हैं.” आगे लिखा है, ”ये फिल्म गैंगेस्टर के बारे में नहीं है बल्कि क्रांति के बारे में है.”

फिल्म में रजनीकांत की मौजूदगी से एक अलग तरह का स्वैग दिखाई पड़ता है. कहानी टिपिकल वर्चस्व की लड़ाई, अमीर-गरीब के बीच के फासले वाले पैटर्न पर ही बेस्ड है जिससे दर्शक जरूर कनेक्ट करेंगे . रजनी के चश्मा पहनने का ढंग, लूंगी स्टाइल , लड़ाई का तरीका, संवाद बोलने का अंदाज दर्शकों की सीटियां और तालियां जरूर पाता है. वहीं दूसरी तरफ नाना पाटेकर का दमदार प्रदर्शन भी देखने को मिलता है, एक तरह से कह सकते हैं की एक दूसरे के सामने जब ये दोनों दिग्गज मौजूद होते हैं और संवादों का आदान प्रदान होता है तो देखने लायक दृश्य होता है . फिल्म में अंजलि पाटिल और पंकज त्रिपाठी ने भी बढ़िया अभिनय किया है . वहीं हुमा कुरैशी का जरीना के रूप में काम अच्छा है. फिल्म का बैकग्राउंड स्कोर बेहतरीन है जो की कहानी के संग-संग चलता है. कैमरा वर्क और खास तौर पर ड्रोन कैमरे का प्रयोग बड़े अच्छे तरह से किया गया है जो काफी दर्शनीय है . फिल्म का संगीत ठीक है और रैप करते हुए भी धारावी का एक अलग फ्लेवर दर्शाने की कोशिश की गयी है . कहानी के दौरान महाभारत के कुछ हिस्सों को अच्छे से स्क्रीनप्ले में फिट किया गया है. रजनीकांत डांस करते हुए भी दिखाई देते हैं जो उनके फैंस के लिए ट्रीट है.

हिमालयायूके न्यूज पोर्टल www.himalayauk.org (Leading Digital Newsportal & Print Media ) Publish at Dehradun & Haridwar, Available in FB, Twitter, whatsup Groups & All Social Media ; Mail; himalayauk@gmail.com (Mail us) whatsup Mob. 9412932030; CS JOSHI- EDITOR ; H.O. NANDA DEVI ENCLAVE, BANJARAWALA, DEHRADUN (UTTRAKHAND)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *