राहुल गांधी ने लिया मशहूर अर्थशास्त्री रघुराम राजन का इंटरव्यू-‘बड़ी चुनौती मिडिल क्लास के लिए आने वाली है’
30 April 20# High Light# सबसे बड़ी चुनौती लोअर मिडिल क्लास और मिडिल क्लास के लिए आने वाली है- भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कहा# राहुल गांधी से वीडियो इंटरव्यू में बोले रघुराम राजन- गरीबों की मदद के लिए 65000 करोड़ की जरूरत # रघुराम राजन वर्तमान में यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो में प्रोफेसर हैं # Chandra Shekhar Joshi- Editor in Chief: Himalayauk Leading Newsportal & Daily Newspaper publish at Dehradun & Haridwar (Uttrakhand) Mob. 9412932030
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने आज (गुरुवार) अर्थव्यवस्था पर कोरोनोवायरस महामारी के प्रभाव को लेकर भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर और मशहूर अर्थशास्त्री रघुराम राजन (Raghuram Rajan) का इंटरव्यू लिया. यह एक वीडियो इंटरव्यू था. इस दौरान रघुराम राजन ने कहा, ‘हमें 65 हजार करोड़ रुपये चाहिए होंगे, यह ज्यादा नहीं हैं. ये गरीबों को बचाने के लिए हैं.’
दरअसल इंटरव्यू के दौरान राहुल गांधी ने रघुराम राजन पूछा था, ‘गरीबों की मदद के लिए कितने पैसों की जरूरत होगी. कितना पैसा लगेगा.’ जवाब में राजन ने कहा कि गरीबों को बचाने के लिए करीब 65 हजार करोड़ रुपये चाहिए. उन्होंने कहा, ‘लॉकडाउन को हमेशा के लिए लगाना बहुत आसान है, लेकिन यह अर्थव्यवस्था के लिए टिकाऊ नहीं होगा.’
रघुराम राजन ने लॉकडाउन के बाद आर्थिक गतिविधियां जल्द खोलने की पैरवी करते हुए कहा कि कोरोना वायरस से निपटने के साथ ही लोगों की जीविका की सुरक्षा करनी होगी. देश के गरीबों, मजदूरों और किसानों की प्रत्यक्ष अंतरण के माध्यम से वित्तीय मदद करनी होगी, जिसमें 65 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे.
उन्होंने कहा, ‘हमारी अर्थव्यवस्था 200 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की है और हम 65 हजार करोड़ रुपये का वहन कर सकते हैं. अर्थव्यवस्था को जल्द खोलना होगा और साथ ही कोरोनावायरस से निपटने के कदम भी उठाते रहने होंगे.’ राहुल गांधी के एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि सामाजिक सौहार्द में लोगों की भलाई है और इस चुनौतीपूर्ण समय में हम विभाजित रहने का जोखिम नहीं उठा सकते.
रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर ने भारत में कोरोना की जांच की संख्या के मुद्दे पर कहा, ‘अमेरिका में रोजाना औसतन 150000 जांच हो रही हैं. बहुत सारे विशेषज्ञ कह रहे हैं कि पांच लाख लोगों की जांच करनी चाहिए. भारत में हम रोजाना 20-25 हजार जांच कर रहे हैं. ऐसे हमें बड़े पैमाने पर जांच करनी होगी.’ रघुराम राजन वर्तमान में यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो में प्रोफेसर हैं. साल 2013 में UPA सरकार में उन्हें रिजर्व बैंक का गवर्नर नियुक्त किया गया था.
कोरोना वायरस के संकट काल में अर्थव्यवस्था के सामने आ रही चुनौतियों को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन से चर्चा की. इस चर्चा में रघुराम राजन ने कहा कि सबसे बड़ी चुनौती लोअर मिडिल क्लास और मिडिल क्लास के लिए आने वाली है जिसके पास अच्छे जॉब नहीं होंगे.
इस चर्चा का कांग्रेस के सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रसारण किया गया. रघुराम राजन ने कहा, ‘हमारे पास लोगों के जीवन को बेहतर करने का तरीका है. फूड, हेल्थ एजुकेशन पर कई राज्यों ने अच्छा काम किया है, लेकिन सबसे बड़ी चुनौती लोअर मिडल क्लास और मिडल क्लास के लिए है, जिसके पास अच्छे जॉब नहीं होंगे.’
उन्होंने कहा कि आंकड़े चिंता पैदा करने वाले हैं, CMIE ने कहा है कि 10 करोड़ लोग वर्कफोर्स से बाहर हो जाएंंगे, हमें बड़े कदम उठाने होंगे.
उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि ग्लोबल आर्थिक सिस्टम में कुछ गलत तो है, लोगों के पास नौकरी नहीं है, जिनके पास नौकरी है उनको आगे की चिंता है, आय का असमान वितरण हो रहा है अवसरों का सही वितरण करना होगा.’
रघुराम राजन ने कहा कि लॉकडाउन हमेशा के लिए नहीं रखा जा सकता. दूसरे लॉकडाउन का मतलब यह है कि आप पहले लॉकडाउन में पूरी तरह से सफल नहीं रहे. सरकार को इसे खत्म करने और उसके कुशलता से प्रबंधन की योजना बनानी होगी. लोगों की जीविका को खोलना जरूरी है, लेकिन काफी काम करना होगा, यह सुनिश्चित करना होगा कि वर्कप्लेस सुरक्षित हों. इकोनॉमी खोलने से पहले काफी टेस्ट करना होगा, टेस्ट क्षमता बढ़ानी होगी.
राजन ने कहा, ‘हमारी क्षमता और संसाधन सीमित हैं, आर्थिक संसाधन सीमित हैं, जब हम इकोनॉमी को खोलें तो यह बेहतर तरीके से चले, लोगों का जीवन बचाना भी बहुत जरूरी है यह अभूतपूर्व महामारी है.’
उन्होंने कहा कि गरीबों की मदद करने के लिए डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर का फायदा उठाना होगा. पेंशन, मनरेगा जैसी योजनाओं से फायदा देना होगा. लोगों के पास जॉब नहीं है, अगले तीन-चार महीने अनिश्चिततता है, हमें उनको सपोर्ट देना होगा, करीब 65000 करोड़ रुपये खर्च कर गरीबों को सपोर्ट दे सकते हैं, यह कोई ज्यादा नहीं है. हमारा जीडीपी 200 लाख करोड़ का है, हम कर सकते हैं, अगर यह गरीबों की जिंदगी बचाने के लिए है तो करना चाहिए.
उन्होंने कहा कि इस समय भारत के लिए अपने इंडस्ट्री को आगे बढ़ाना मौका है भारत को प्रयास करना होगा कि नई वैश्विक व्यवस्था में संवाद कर अपनी भूमिका बढ़ाए. कोरोना भारतीय इंडस्ट्री के लिए एक अवसर भी है.
आने वाले हफ्तों में राहुल गांधी कोरोना महामारी के मुद्दों पर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों से बात करेंगे. बता दें कि कोरोना को लेकर राहुल गांधी लगातार सक्रिय हैं. हाल ही में उन्होंने मोदी सरकार से लॉकडाउन के बाद का प्लान पूछा था. राहुल कोरोना की टेस्टिंग और अर्थव्यवस्था को लेकर सुझाव देने के मामले में सक्रिय रहे हैं.
राहुल गांधी के अलावा कांग्रेस पार्टी भी कोरोना लॉकडाउन पर सरकार पर निशाना साधती रही है. हाल ही में कांग्रेस ने लॉकडाउन किए जाने पर कहा है कि बिना सोचे-समझे और बिना योजना के फैसला लेने से नुकसान सिर्फ मौद्रिक नहीं होता है.
कांग्रेस ने केंद्र सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि नोटबंदी की तरह लॉकडाउन से भारत का काफी नुकसान हुआ है. कांग्रेस ने कहा है कि 14 करोड़ से अधिक लोग अपनी नौकरी खो चुके हैं. आने वाले हफ्तों में लाखों के नौकरी जाने की आशंका है, क्या भाजपा सरकार के पास उनकी मदद करने की योजना है?
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी कोविड-19 के संकट से निपटने के लिए भारतीय रिजर्व बैक (आरबीआई) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन के साथ बातचीत की है। इस बातचीत के दौरान राहुल गांधी ने कहा कि हमारे देश की समाज की व्यवस्था अमेरिकी समाज से बहुत अलग है। ऐसे में सामाजिक आवश्यकता है। देश के प्रतिएक राज्य का अलग तरीका है, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश को एक नजरिए से नहीं देख सकते हैं। भारत में हमेशा सत्ता कंट्रोल करना चाहती है, जो काफी लंबे वक्त से जारी है। आज जिस तरह की असमानता है, वह काफी चिंता वाला विषय है। बता दें कि देश में 29 अप्रैल को कोरोना वायरस के 1702 मामले आए हैं। इनमें से 60 फीसदी के करीब मामले सिर्फ तीन राज्यों में आए हैं। महाराष्ट्र, गुजरात और दिल्ली में 1030 मामले आए हैं। जबकि 672 मामले अन्य राज्यों में आए हैं। आंकड़ों के मुताबिक अब देशभर में कोरोना वायरस से संक्रमितों मरीजों की संख्या 33062 हो गई है। इनमें से 23546 मरीजों का अस्पतालों में उपचार चल रहा है। 8437 मरीज अभी तक ठीक हो चुके हैं। जबकि देश में महामारी से 1079 लोगों की मौत हुई है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन से बातचीत की। राहुल गांधी ने रघुराम राजन ने कहा कि इस समय गरीबों की मदद करना जरूरी है, जिसके लिए सरकार के करीब 65 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे। आरबीआई के पूर्व गवर्नर ने कहा कि भारत वैश्विक मंच पर एक बड़ी भूमिका निभा सकता है। उनका कहना है कि नये वर्ल्ड ऑर्डर में भारत अपनी जहग बना सकता है। शक्तिहीन लोगों को शक्तिशाली नेता ही अच्छा लगता है। पूर्व गवर्नर का कहना है कि हम एक विभाजित समाज के साथ कहीं नहीं पहुंच सकते हैं। आज के वर्तमान समय में नौकरी, स्वास्थ्य के लिए अच्छी व्यवस्था करना बहुत जरूरी है।
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