शिवपाल के मोर्चा की बसपा से गठबंधन की संभावना
समाजवादी पार्टी में लगातार उपेक्षा के बाद समाजवादी सेक्युलर मोर्चा का गठन करने वाले शिवपाल यादव अब 2019 लोकसभा चुनाव में एक बेहतर विकल्प बनकर उभरने की तैयारी में जुट गए हैं। अपने मोर्चे को मजबूत करने के लिए शिवपाल हर रणनीति को आजमाने में जुटे हैं। इसी क्रम में सियासी गलियारों में यह चर्चा भी तेज है कि शिवपाल बीएसपी के संपर्क में हैं।
HIMALAYAUK BUREAU REPORT;
समाजवादी सेक्युलर मोर्चा के इलाहाबाद मंडल प्रभारी मंडल और समाजवादी पार्टी सरकार में मंत्री रहे लल्लन राय ने भी इन चर्चाओं की पुष्टि की है। लल्लन राय ने कहा, मोर्चे की लड़ाई सेक्युलर दलों से रहेगी और समान विचारधारा वाले दलों से बातचीत के रास्ते भी खुले रहेंगे। साम्प्रदायिक शक्तियों को रोकने के लिए तैयार होने वाले गठबंधन का समाजवादी सेक्युलर मोर्चा समर्थन करेगा। लल्लन राय ने कहा कि समाजवादी सेक्युलर मोर्चा बीएसपी के साथ ही दूसरे समान विचारधारा वाले दलों के लगातार संपर्क में है।
यूपी की पूर्ववर्ती समाजवादी पार्टी सरकार में मंत्री रहे लल्लन राय ने समाजवादी पार्टी से अलग होने का ऐलान कर दिया है। लल्लन राय का कहना है कि शिवपाल यादव को जिस तरह से समाजवादी पार्टी में दरकिनार किया गया इससे आहत होकर ही उन्होंने समाजवादी सेक्युलर मोर्चे का गठन किया है।
सेक्युलर मोर्चा के बनने के बाद पहली बार इलाहाबाद पहुंचे लल्लन राय ने कहा, एसपी में पुराने कार्यकर्ताओं की उपेक्षा हो रही है। ऐसे में हम मोर्चे के साथ आए हैं और आगामी चुनाव में मजबूती से लड़ेंगे। शिवपाल यादव ने समाजवादी सेक्युलर मोर्चा के 14 मंडल प्रभारियों की घोषणा कर दी है और जल्द ही एसपी में उपेक्षित महसूस कर रहे पुराने समाजवादी कार्यकर्ताओं को सेक्युलर मोर्चे में शामिल किया जाएगा।
उन्होंने दावा किया कि, सपा के संरक्षक मुलायम सिंह यादव का आशीर्वाद भी समाजवादी सेक्युलर मोर्चा के साथ रहेगा। लल्लन राय ने कहा कि मुलायम सिंह यादव बेटे और भाई के मोह के बीच में फंसे हुए हैं। लेकिन समाजवादी सेक्युलर मोर्चा के प्रांतीय अधिवेशन में मुलायम सिंह यादव उनके मंच पर भी नजर आएंगे।
शिवपाल यादव अब लखनऊ में रोज लोहिया ट्रस्ट पर ही जनता और समर्थकों से मिलेंगे। यहीं से बैठकर वह लोगों की समस्याओं का समाधान कराएंगे। शिवपाल से मिलने के लिए हर रोज भारी तादाद में लोग विक्रमादित्य मार्ग पर ही स्थित उनके आवास पर सुबह शाम जुट रहे थे, पर यहां भीड़ ज्यादा होने पर वह उनकी समस्याओं को न तो ठीक से सुन पा रहे थे और न ही उन्हें दूर करने की कोशिश कर पा रहे थे। जब भी लखनऊ में मौजूद होंगे तो सुबह आठ बजे से लोहिया ट्रस्ट पर अपने समर्थकों और जनता से मिलेंगे। दरअसल पिछले साल सितंबर में लोहिया ट्रस्ट के प्रधान ट्रस्टी और अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने प्रो. राम गोपाल यादव को हटाकर शिवपाल यादव को इसका सचिव नामित कर दिया था। शिवपाल जिलों का भी दौरा कर रहे हैं, नियमित जिलों में उनके कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इससे यह भी माना जा रहा है कि वे जिलों में अपना जनसंपर्क बढ़ाकर खुद की ताकत मजबूत करेंगे।
यूपी के मैनपुरी से समाजवादी पार्टी के सांसद और मुलायम सिंह यादव परिवार के तीसरी पीढ़ी के सदस्य तेज प्रताप यादव ने कहा है कि शिवपाल यादव के अलग होने से वर्ष 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में एसपी की संभावनाओं पर बुरा असर पड़ेगा। ऐसा पहली बार है जब यादव परिवार के किसी सदस्य ने शिवपाल यादव और अखिलेश यादव के बीच फिर से शुरू हुई सियासी लड़ाई में खुलेआम बयान दिया है। तेज प्रताप यादव बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के दामाद हैं। तेजप्रताप यादव बुधवार को आजमगढ़ में थे जो मुलायम सिंह यादव का संसदीय क्षेत्र भी है। इस दौरान जब संवाददाताओं ने उनसे शिवपाल के विद्रोह के एसपी पर असर के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा, ‘जब पुरानी पार्टी से टूटकर एक नई पार्टी का गठन होता है तो इसका निश्चित रूप से बुरा असर पड़ता है।’
शिवपाल यादव ने पिछले महीने समाजवादी सेक्युलर मोर्चे का गठन किया है और घोषणा की है कि उनका दल राज्य की सभी 80 सीटों पर चुनाव लड़ेगा। मुलायम सिंह के सीट छोड़ने के बाद तेज प्रताप ने मैनपुरी से उपचुनाव लड़ा था और जीत हासिल की थी। पिछले सप्ताह शिवपाल ने घोषणा की थी कि मुलायम सिंह मैनपुरी से समाजवादी सेक्युलर मोर्चा के उम्मीदवार होंगे। शिवपाल की घोषणा के बाद अब समाजवादी पार्टी की ओर से उन पर हमले शुरू हो गए हैं।
शिवपाल अपनी पार्टी समाजवादी सेक्युलर मोर्चा को मजबूती देने में जुट गए हैं। सोमवार को शिवपाल ने अपनी पार्टी के 14 मंडल प्रभारियों को मनोनीत किया। मंडल प्रभारियों की लिस्ट जारी करने के साथ ही उन्होंने कहा कि मंगलवार से वह जिला सम्मेलनों की शुरुआत करेंगे। झटके के बाद भी शिवपाल अपनी पार्टी को मजबूती देने में जुटे हैं। मंगलवार को वह बड़ौत जिले से अपने जिला सम्मेलन की शुरुआत करेंगे। लखनऊ से राम सिंह यादव, आगरा में देवेंद्र गुप्ता, आजमगढ़ से राम दर्शन यादव, इलाहाबाद से प्रकाश राय, कानपुर से रघुराज सिंह, गोरखपुर से डॉ. एमपी यादव, फैजाबाद से प्रेम प्रकाश वर्मा, अलीगढ़ से यक्षपाल सिंह, झांसी से विष्णुपाल सिंह, वाराणसी से देवेंद्र सिंह, बस्ती से बाबू राम निषाद, बरेली से फरहत मियां और मेरठ से डॉ. त्यागी प्रभारी बनाए गए हैं।