UK; 22 अगस्त को भाजपा कोर ग्रुप की मीटिंग ;कई सख्त फैसले संभावित & Top UK News 22 August 20
22 August 20: Himalayauk Newsportal & Daily Newspapers, Publish at Dehradun & Haridwar. # कोविड-19 पर प्रभावी नियंत्रण के लिए अस्पतालों में आवश्यक संसाधन बढ़ाये जाय- मुख्यमंत्री # मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों से वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से आपदा कार्यों की समीक्षा की # देहरादून जनपद की सीमा में प्रवेश करने वाले प्रत्येक व्यक्ति की आईडी चैक और बिना पंजीकरण के प्रवेश ना दिया जाय — अपर जिलाधिकारी # वर्ष 2019-2020 की छात्रवृत्ति धनराशि का भुगतान जिला सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास कार्यालय देहरादून से चैक के माध्यम से # चमोली जिले में शनिवार को कोरोना संक्रमण के 5 मामले # सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बताया कि महेश नेगी ने साफ तौर पर कहा है कि वो डीएनए टेस्ट के लिए तैयार #
20 August 20 को हरिद्वार जिले के चार विधायक स्वामी यतीश्वरानंद, सुरेश राठौर, आदेश चौहान और देशराज कर्णवाल मुख्यमंत्री से मुलाकात को सचिवालय पहुंचे। इनकी मुलाकात लगभग आधा घंटा चली। हरिद्वार के कई भाजपा विधायक विकास कार्यों में केवल एक ही विधानसभा को तरजीह दिए जाने को लेकर मुखर रहे हैं। गुरुवार को मुख्यमंत्री से हुई मुलाकात को इससे जोड़ कर देखा जा रहा है। माना जा रहा है कि विधायकों ने कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक के खिलाफ अपनी नाराजगी दर्ज कराई। हालांकि कोई भी इस पर खुलकर बोलने को तैयार नहीं हुआ।
कोविड-19 पर प्रभावी नियंत्रण के लिए अस्पतालों में आवश्यक संसाधन बढ़ाये जाय- मुख्यमंत्री
देहरादून 22 अगस्त 2020 (सू.ब्यूरो) कोविड-19 पर प्रभावी नियंत्रण के लिए अस्पतालों में आवश्यक संसाधन बढ़ाये जाय। टेस्टिंग और अधिक बढ़ाने की जरूरत है। दूरस्थ क्षेत्रों से टेस्टिंग लैब में सैंपल भेजने में देरी हो रही है, हेलीकॉप्टर से भी भेज सकते हैं। यह सुनिश्चित किया जाय की टेस्टिंग में देरी न हो। सर्विलांस सिस्टम मजबूत किया जाय। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिवालय में स्वास्थ्य विभाग एवं जिलाधिकारियों को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने कोरोना योद्धाओं के लिए बनाये गये ‘चिकित्सा सेतु’ मोबाईल एप्प लांच किया। इस मोबाईल एप्प को डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ, नर्स, सुरक्षा कर्मी पुलिस तथा कोरोना ड्यूटी में लगे अधिकारियों एवं कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए बनाया गया है। इस अवसर पर होम आइसोलेशन पर बनाये गये एप्प आरोग्य रक्षक के बारे में प्रस्तुतीकरण भी दिया।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि कोविड के कारण काफी लोग बेरोजगार हुए हैं। राज्य में बेरोजगारों के लिए अनेक योजनाएं शुरू की गई हैं। इन योजनाओं की लोगों को पूरी जानकारी हो इसका जनपद स्तर पर व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार किया जाय। जिलाधिकारी सरकार की विभिन्न योजनाओं को जनप्रतिनिधियों, स्वयं सेवी संस्थाओं एवं विभागीय अधिकारियों के माध्यम से जन-जन तक पहुंचायें। योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए जनप्रतिनिधियों का सहयोग लिया जाय। सीएम सोलर स्वरोजगार योजना जल्द शुरू की जायेगी। 10 हजार लोगों को इस योजना के तहत रोजगार दिया जायेगा। मोटर, बाईक, टैक्सी योजना भी राज्य में जल्द शुरू की जायेगी। पाईन निडिल पॉलिसी में पाईन निडिल से बिजली पैदा करने एवं चारकोल पैदा करने के अच्छे प्रोजक्ट हैं, इनके बारे में भी लोगों को जानकारी दी जाय। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए सभी जिलाधिकारी बैंकर्स के साथ बैठकर सुनियोजित योजना बनाये। जल्द ही राज्य स्तर पर बैंकर्स के साथ बैठक की जायेगी।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि कोविड का प्रभाव कब तक रहता है, इसकी कोई निश्चित समयावधि नहीं है। उत्तराखण्ड के जो लोग बाहर के राज्यों से आये हैं, उनमें से अधिकांश लोग प्रदेश में ही काम करना चाहेंगे। हमें रोजगार एवं स्वरोजगार के विकल्प तलाशने होंगे। लोगों को काम मिले इसके लिए जिला योजना एवं राज्य सेक्टर में फण्ड की व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि प्रवासियों को भी उपनल के माध्यम से सेवायोजित करने की योजना बनाई जा रही है। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों एवं अन्य अधिकारियों को निर्देश दिये कि लोगों के फोन कॉल अवश्य रिसीव करें। किसी कार्य या मीटिंग में व्यस्त होने पर भी लोगों को इसकी जानकारी दे दें, और उसके बाद उन्हें वापस कॉल करें। यह सुनिश्चित किया जाय कि लोगों को फोन कॉल्स का रिस्पांस मिले। मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि डेंगू से बचाव के लिए नियमित जागरूकता के साथ ही स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया जाय। किसी भी स्थान या लोगों के घरों में साफ पानी जमा न हो इसके लिए लगातार जागरूकता अभियान चलाया जाय।
मुख्य सचिव श्री ओम प्रकाश ने कहा कि कोरोना को कम्यूनिटी स्प्रेड से रोकना जरूरी है। देहरादून, हरिद्वार,, उद्यमसिंहनगर एवं नैनीताल जनपद में विशेष सतर्कता की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी नैनीताल ने जो जीआईएस मैपिंग बेस्ड सॉफ्टवेयर तैयार किया है, यह सॉफ्टवेयर बहुत उपयोगी है। एनआईसी द्वारा इस सॉफ्टवेयर को परिस्कृत किया जाय। चारों मैदानी जनपदों में जल्द इस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जाय। कन्टनमेंट जोन बनाने में किसी प्रकार की लापरवाही न हो। बाहरी राज्यों से जो लोग उत्तराखण्ड आ रहे हैं, उनके आने के कारणों के लिए कागजों की पूरी छानबीन की जाय। बाहर से आने वालों की प्रोपर चैंकिंग की जाय। कोविड पर नियंत्रण एवं जागरूकता के लिए जिलाधिकारी जनप्रतिनियों के माध्यम से लोगों को जागरूक करें कि यदि किसी को कोविड के कोई लक्षण दिखे या कोई समस्या हो रही हो तो वे तुरंत जिला प्रशासन एवं हैल्पलाईन नम्बर पर सूचित कर दें। ताकि उनकी सही तरीके से मॉनेटरिंग हो सके। तथ्यों को छुपाने एवं गलत सूचना देने वालों पर कठोर कार्यवाही की जाय। मुख्य सचिव ने कहा कि होम आईसोलेशन का कड़ाई से पालन हो। होम आइसोलेशन की गाईडलाईन का विभिन्न माध्यमों से व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार भी किया जाय। होम आईसोलेशन के नियमों उल्लंघन करने वालों पर प्रभावी कार्यवाही की जाय।
सचिव स्वास्थ्य श्री अमित नेगी ने कहा कि हाई रिस्क क्षेत्र से आने वाले लोगों, माइग्रेन्टर, को-मॉर्बिड की शत प्रतिशत सैंपलिंग की जाय। सर्विलांस की एक्टिविटी पर गंभीरता से ध्यान दिया जाय। आईसीयू, आक्सीजन सपोर्ट बैड एवं अन्य आवश्यक सामग्रियों की पूर्ण उपलब्धता रखी जाय। जिलाधिकारी कुछ प्राइवेट हॉस्पिटल भी चिन्हित कर लें, ताकि आवश्यकता पड़ने पर इन अस्पतालों में टेंस्टिंग की जा सके और लोगों का ईलाज हो। प्रत्येक जनपद में एक ऐसा सेंटर बनाया जाय जहां पर हाई रिस्क क्षेत्र एवं बाहर से आने वालों की सैंपलिंग हो सके। कोविड केयर सेंटर में खाने, रहने एवं स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाए। पेशेंट को हॉस्पिटल लाने के लिए एम्बुलेंस एवं अन्य संसाधनों की पर्याप्त व्यवस्था रखी जाय।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के आईटी सलाहकार श्री रविन्द्र दत्त, सचिव डॉ. पंकज पाण्डेय, श्री एस.ए. मुरूगेशन, डीजी स्वास्थ्य डॉ. अमिता उप्रेती, आईजी श्री संजय गुंज्याल, वीडियों कांफ्रेंस के माध्यम से कमिश्नर गढ़वाल श्री रविनाथ रमन, कमिश्नर कुमांयू श्री अरविन्द सिंह ह्यांकी, सभी जिलाधिकारी एवं सीएमओ उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों से वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से आपदा कार्यों की समीक्षा की
देहरादून 22 अगस्त 2020 (सू.ब्यूरो) मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिवालय में जिलाधिकारियों से वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से आपदा कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि आपदा की दृष्टि से सभी जनपद अलर्ट रहे। जब बारिस के बाद धूप आती है, तो ऐसे समय में लैण्ड स्लाइडिंग की समस्याये बहुत अधिक होती है। आपदा से जो सड़कें बाधित हो रही हैं, उन्हें सुचारू करने के लिए कम से कम समय लिया जाय। आपदा की दृष्टि से संवेदनशील स्थानों पर जेसीबी एवं अन्य आवश्यक उपकरणों की 24 घण्टे व्यवस्था रखी जाय।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि आपदा से होने वाली जन हानि में उनके परिवारजनों को 03 दिन के अन्दर अनुमन्य सहायता राशि उपलब्ध कराई जाय। आपदा के दौरान जिन लोगों को अन्य स्थानों पर भेजा जा रहा है, उनके रहने, खाने की उचित व्यवस्था हो। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी को निर्देश दिये कि जनपदों में लैण्ड बैंक के लिए दीर्घकालिक योजना बनाई जाय, ताकि आवश्यकता पड़ने पर आपदा प्रभावितों को विस्थापित किया जा सके। उन्होंने कहा कि आपदा की दृष्टि से संवेदनशील गांवों को भविष्य में आवश्यकता पड़ने पर विस्थापित करने के लिए भूमि का उपलब्ध होना जरूरी है। ऐसे गांवों की सूची बनाई जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा की दृष्टि से संवेदनशील गांवों के लोगों के लिए विस्थापित करने के लिए फारेस्ट की भूमि की मंजूरी के लिए प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेजा जायेगा। उन्होंने जिलाधिकारियों को प्रस्ताव बनाकर भेजने को कहा।
इस अवसर पर सचिव आपदा प्रबंधन श्री एस. ए मुरूगेशन ने जानकारी दी कि जनवरी 2020 से प्राकृतिक आपदा के कारण राज्य में 62 लोगों की मृत्यु हुई है, 33 घायल हुए जबकि 04 लोग लापता हैं। 357 छोटे एवं बड़े पशुओं की हानि हुई। 237 भवन तीक्ष्ण रूप से क्षतिग्रस्त हुए। मानसून के दौरान राष्ट्रीय राजमार्ग भी क्षतिग्रस्त हुए, राष्ट्रीय राजमार्गों को अधिकतम 24 घण्टों के अन्दर सुचारू कर दिया गया। पिथौरागढ़ जनपद के तहसील बंगापानी के गैला, पत्थरकोट, बाता, टांगा एवं सिरतोल में अतिवृष्टि के कारण मलबा आने से सबसे अधिक नुकसान हुआ। आपदा मोचन निधि में भारत सरकार से वित्तीय वर्ष 2020-21 प्रथम किश्त के रूप में राज्य सरकार को 468.50 करोड़ रूपये का मानकीकरण किया गया है। जिलाधिकारियों को 103 करोड़ रूपये का एसडीआरएफ का बजट आवंटन किया गया एवं आपदा से संबंधित कार्यों के लिए अन्य विभागों को 189.88 करोड़ रूपये के एसडीआरएफ बजट का आवंटन किया गया।
इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री ओम प्रकाश, सचिव श्री अमित नेगी, डॉ. पंकज पाण्डेय, आईजी श्री संजय गुंज्याल एवं वीसी के माध्यम से सभी जिलाधिकारी उपस्थित थे।
देहरादून जनपद की सीमा में प्रवेश करने वाले प्रत्येक व्यक्ति की आईडी चैक और बिना पंजीकरण के प्रवेश ना दिया जाय — अपर जिलाधिकारी
देहरादून दिनांक 22 अगस्त 2020 (जि.सू.का), अपर जिलाधिकारी प्रशासन अरविन्द पाण्डेय द्वारा कोविड-19 के दृष्टिगत आशारोड़ी चैकपोस्ट का स्थलीय निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने अन्य राज्य से आने वाले लोगों के जनपद में प्रवेश के दौरान की जाने वाली स्वास्थ्य जांच, थर्मल स्कैनिंग, सोशल डिस्टेंसिंग इत्यादि व्यवस्थाओं का अवलोकन करते हुए उपस्थित कार्मिकों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। उन्होंने निर्देश दिये कि जनपद की सीमा में प्रवेश करने वाले प्रत्येक व्यक्ति की आईडी चैक की जाय और बिना पंजीकरण के प्रवेश ना दिया जाय। साथ ही स्थल पर सोशल डिस्टेंसिंग, थर्मल स्कैनिंग, मास्क लगाने इत्यादि निर्देशों का भी कड़ाई से अनुपालन किया जाय। उन्होंने पुलिस विभाग की ओर से उप निरीक्षक स्तर के एक कार्मिक की अनिवार्य उपस्थिति रखने तथा उप जिलाधिकारी से वार्ता करते हुए नायब तहसीलदार अथवा राजस्व विभाग के किसी कार्मिकों को भी स्थल पर अनिवार्य उपस्थिति के निर्देश दिये।
वर्ष 2019-2020 की छात्रवृत्ति धनराशि का भुगतान जिला सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास कार्यालय देहरादून से चैक के माध्यम से
देहरादून दिनांक 22 अगस्त 2020 (जि.सू.का), जिला सैनिक कल्याण अधिकारी देहरादून ने अवगत कराया है कि जनपद के पूर्व सैनिकों एवं सैनिक विधवाओं के आश्रित छात्र/छात्राओं को सैनिक पुनर्वास संस्था द्वारा देय वर्ष 2019-2020 की छात्रवृत्ति धनराशि का भुगतान जिला सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास कार्यालय देहरादून से चैक के माध्यम से किया जा रहा है, जिसकी सूची जिला सैनिक कल्याण पुनर्वास कार्यालय के नोटिस बोर्ड में चस्पा की गयी है।
जिन पूर्व सैनिकों एवं सैनिक विधवाओं के आश्रितों द्वारा अपनी छात्रवृत्ति धनराशि का चैक प्राप्त नही किया वे समयावधि पूर्ण होने से पहले जिला सैनिक कल्याण कार्यालय देहरादून से प्राप्त कर लें। अन्यता अवशेष धनराशि उत्तराखण्ड पुनर्वास संस्था को वापस प्रेषित कर दी जायेगी और किसी भी प्रकार के अनुरोध/अपील पर कोई सुनवाई नही की जायेगी।
चमोली जिले में शनिवार को कोरोना संक्रमण के 5 मामले
जनपद चमोली। जिले में शनिवार को कोरोना संक्रमण के 5 मामले सामने आए है। इनमें से 2 व्यक्ति गोपेश्वर में, एक व्यक्ति घाट तथा एक व्यक्ति भराडीसैंण फेसलिटी क्वारेंटीन सेंटर में संक्रमित पाया गया। इसके अलावा गौचर बैरियर पर यूपी से आया एक मजदूर भी एन्टीजन टेस्ट में संक्रमित मिला। जनपद में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 236 पहुॅच गई है। हालांकि इनमें से 136 लोग स्वस्थ हो चुके है।
कोराना संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए जिला प्रशासन की पूरी टीम जुटी है। कोविड से बचाव के लिए आयुष विभाग की ओर से आयुर्वेदिक आयुष सुरक्षा किट बांटी जा रहा है। जिले की प्रवेश सीमा पर बाहर से आने वाले सभी व्यक्तियों का ट्रू-नेट मशीन टेस्ट एवं एन्टिजन टेस्ट किया जा रहा है। जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया के निर्देशों पर हर दिन जांच का दायरा भी बढा दिया गया है। सभी संदिग्ध व्यक्तियों के सैंपल जांच के लिए भेजे जा रहे है। शनिवार को 200 संदिग्ध व्यक्तियों के सैंपल टेस्ट के लिए भेजे गए। जिले से अभी तक 10025 व्यक्तियों के सैंपल टेस्ट के लिए भेजे जा चुके है जिसमें से 8757 सैंपल की रिपोर्ट नेगेटिव तथा 236 की रिपोर्ट पाॅजिटिव मिली है। जबकि 809 सैंपल की रिपोर्ट आनी बाकी है।
कोविड संक्रमण से बचाव के दृष्टिगत बाहरी प्रदेशों से आए 169 प्रवासी अभी फेसलिटी क्वारेन्टाइन में चल रहे है। मेडिकल टीम फेसलिटी क्वारंन्टीन में ठहराए गए लोगों की प्रतिदिन जाॅच कर रही है। इसके अलावा 725 प्रवासी अभी होम क्वारंन्टीन में चल रहे है। होम क्वारंन्टीन लोगों के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए गठित 23 मोबाइल चिकित्सा टीमें गांवों में घर-घर जाकर होम क्वारेंटीन में रह रहे लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है। जिले के विभिन्न क्षेत्रों से कोरोना संक्रमण की जानकारी जुटाने के लिए 18 ब्लाक एवं सिटी रिसपोंस टीम निरंतर कार्य कर रही है।
जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने सभी प्रवासियों को क्वारेंटाइन नियमों का पूरी तरह से पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए है। वही शासकीय कार्मिकों के माध्यम से क्वारेंटीन लोगो पर निरतंर निगरानी रखते हुए नियमों का उल्लंघन करने वाले व्यक्तियों के विरूद्व कार्यवाही भी की जा रही है।
जिले में लाॅकडाउन का उल्लंघन करने पर डीएम एक्ट के तहत 35 ए फआईआर, महामारी अधिनियम के तहत 675, सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने पर 02, सीआरपीसी-151 के तहत 66, डीएम एक्ट के तहत गिरफ्तारियां 62, महामारी अधिनियम के तहत गिरफ्तरियां 9, सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने पर गिरफ्तारियां 1, पुलिस एक्ट के तहत 1852 लोगों के खिलाफ मामले दर्ज किए जा चुके है। इसके आलावा 2661 चालान और 95 वाहनों को सीज किया गया है।
जिले में आवश्यक सेवाओं के तहत खाद्यन्न की आपूर्ति सुचारू बनी हुई है। स्टाॅक में गेहूं 1175.73 कुन्तल, चावल 1871.97 कुन्तल, मसूर दाल 48.53 कुन्तल, चना दाल 50.65 कुन्तल, चीनी 113.32 कुन्तल, पीएम गरीब कल्याण चावल 200.25 कुन्तल, पीएम गरीब कल्याण गेंहू 3157.29 कुन्तल व दाल 313.58 कुन्तल तथा घरेलू गैस के 3238 गैस सिलेण्डर अवशेष है।
उत्तराखंड वन पंचायत सलाहकार परिषद के अध्यक्ष श्री वीरेन्द्र सिंह बिष्ट का जनपद भ्रमण कार्यक्रम
जनपद चमोली। 22 अगस्त,2020 (सू.वि.)
मा0 राज्यमंत्री (दर्जा प्राप्त) एवं उत्तराखंड वन पंचायत सलाहकार परिषद के अध्यक्ष श्री वीरेन्द्र सिंह बिष्ट का जनपद भ्रमण कार्यक्रम प्रस्तावित है। मा0 राज्यमंत्री शनिवार को अपराहन 1 बजे लोनिवि कर्णप्रयाग पहुॅचेंगे। यहाॅ पर अल्प विश्राम के बाद सायं 4 बजे वन विश्राम गृह देवाल और इसके बाद 5ः30 बजे लोहाजंग मुंदोली में वरिष्ठ भजपा नेता स्व0 सुरेन्द्र सिंह बिष्ट के आकस्मिक निधन पर श्रद्वाजंलि व मा0 मुख्यमंत्री का शोक संदेश पत्र देंगे। इसके बाद सायं 7 बजे वन विश्राम गृह देवाल पहुॅच कर रात्रि विश्राम देवाल में ही करेंगे। अगले दिन 23 अगस्त को प्रातः 8ः00 बजे वन विश्राम गृह देवाल में जिला अध्यक्ष भाजपा एवं स्थानीय जनप्रतिनिधियों, भाजपा मंडल अध्यक्ष एवं वरिष्ठ नेताओं के साथ जलपान व चर्चा करेंगे। इसके बाद 10 से 12 बजे तक वन पंचायत सरपंचों व वन क्षेत्राधिकारी देवाल व बीट प्रभारियों के साथ वन पंचायतों से संबधित समीक्षा बैठक लेगें। अपराह्न 1 बजे से सीडीओ व डीडीओ के साथ न्याय पंचायत स्तर पर ग्रोथ सेंटर का निरीक्षण करेंगे। 2 से 4 बजे तक वन विश्राम गृह थराली में वन पंचायत सरपंचों व वन क्षेत्राधिकारी व बीट प्रभारियों के साथ वन पंचायतों से संबधित सीमक्षा बैठक करेंगे। इसके बाद 4 से 5ः30 बजे तक सीडीओ/डीडीओ के साथ न्याय पंचायत स्तर पर ग्रोथ सेंटर का निरीक्षण करेंगे। सायं 7 बजे वन विश्राम गृह गौचर में रात्रि विश्राम करेंगे। अगले दिन 24 अगस्त को प्रातः 8ः00 बजे रूद्रप्रयाग के लिए प्रस्थान करेंगे।
सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बताया कि महेश नेगी ने साफ तौर पर कहा है कि वो डीएनए टेस्ट के लिए तैयार
देहरादून. विधायक महेश नेगी पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोप को लेकर सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बताया कि महेश नेगी ने साफ तौर पर कहा है कि वो डीएनए टेस्ट के लिए तैयार हैं। आरोप लगाने वाली महिला ने अपनी और बच्ची की जान को खतरा बताया था। वहीं, महिला के पति का कहना है कि उसे बयान दर्ज कराने के लिए शामली (उत्तर प्रदेश) से कई घंटों का सफर करके देहरादून पहुंचना है। ऐसे में रास्ते में उसकी जान को खतरा हो सकता है। सीओ सदर अनुज कुमार ने बताया कि अब लीगल नोटिस भेजकर महिला के पति को बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया जाएगा। मामले को लेकर भाजपा विधायक की पत्नी रीता नेगी इसी महिला के खिलाफ नेहरू कॉलोनी थाने में ब्लैकमेलिंग का मुकदमा दर्ज करा चुकी हैं। महिला पर पांच करोड़ रुपये की मांग करने और यह रकम न देने पर विधायक को दुष्कर्म के झूठे मामले में फंसाने की धमकी देने का आरोप है। दुष्कर्म जैसे गंभीर आरोपों से घिरे द्वाराहाट विधायक महेश नेगी को पुलिस ने 21 August 20 शुक्रवार को फिर देहरादून बुलाकर करीब एक घंटे तक पूछताछ की। साथ ही कहा कि यदि फिर जरूरत पड़ी तो विधायक को आना होगा। इसके अलावा बताया जा रहा है कि विधायक के परिवार ने भी महिला से बातचीत से संबंधित कुछ साक्ष्य पुलिस को सौंपे हैं।
उत्तराखंड की सुर्खियों में शुमार द्वाराहाट बीजेपी विधायक महेश नेगी (Mahesh Negi) यौन शोषण और ब्लैकमेल (Blackmail) मामले में एक और नया मोड़ सामने आया है. विधायक पत्नी द्वारा दी गई ब्लैकमेलिंग की तहरीर में आरोपित महिला के पति को भी ब्लैकमेलिंग में शामिल बताया गया था. इस पर पुलिस ने आरोपी महिला के पति से भी सम्पर्क किया और बयान दर्ज कराने देहरादून बुलाया गया. वहीं आरोपी महिला के पति ने पुलिस को फोन पर बताया है कि वो फिलहाल देहरादून नहीं आ सकता क्योंकि यहां उसकी जान को खतरा है. इसलिए वो बयान देने के लिए आने में असमर्थ है. अल्मोड़ा जिले की द्वाराहाट सीट से भाजपा विधायक महेश नेगी पर एक महिला ने दुष्कर्म का आरोप लगाया था। साथ ही अपनी बच्ची का अदालत के माध्यम से डीएनए टेस्ट कराने की मांग की थी।
विधायक महेश नेगी पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोप को लेकर सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बताया कि महेश नेगी ने साफ तौर पर कहा है कि वो डीएनए टेस्ट के लिए तैयार हैं। फिलहाल, मामले में जांच जारी है। आपको बता दें कि एक महिला ने विधायक पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया। साथ ही अपनी बेटी और विधायक के डीएनए जांच की मांग पर अड़ी है।
एक महिला के आरोपों से घिरे सत्ता पक्ष के विधायक महेश नेगी के मामले में कांग्रेस ने भी अब राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। शनिवार को कांग्रेस महिला की ओर से लगाए गए आरोपों की जांच और विधायक के डीएनए टेस्ट की मांग को लेकर पूरे प्रदेश में जगह-जगह सरकार के पुतले फूंक रही है। राजधानी देहरादून में भी कार्यकर्ताओं द्वारा राज्य सरकार का पुतला दहन किया गया। इस दौरान विधायक का डीएनए टेस्ट कराने की मांग की गई। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह का कहना है कि इस मामले में पुलिस प्रशासन सरकार के दबाव में काम कर रहा है। विधायक की पत्नी की ओर की गई शिकायत पर तो पुलिस ने जांच शुरू कर दी है, लेकिन महिला के आरोपों की जांच नहीं की जा रही है। कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री विजय सारस्वत ने बताया कि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष की ओर से प्रदेश भर में सभी जिला और अन्य संगठन इकाइयों को पुतला दहन और धरना प्रदर्शन के जरिये विरोध जताने को कहा गया है। यह पहली बार है जब कांग्रेस इस मुद्दे पर खुलकर सामने आ रही है। अभी तक कांग्रेस सिर्फ विधायक की डीएनए जांच की ही मांग कर रही थी। उधर, कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री नवीन जोशी ने भी प्रदेश सरकार पर विधायक को संरक्षण देने का आरोप लगाया है। जोशी का कहना है कि मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।
शुक्रवार 13 अगस्त को आरोपी महिला प्रीति के खिलाफ नेहरु कॉलोनी थाने में FIR दर्ज करवाई थी. इसमें आरोप लगाया गया है कि महिला, विधायक पर शोषण का आरोप न लगाने की एवज में पांच करोड़ रुपये की फिरौती मांग रही थी.
वहीं मामला प्रकाश में आने पर पुलिस ने महिला को थाने में बुलाकर पूछताछ की थी. इसके बाद महिला ने शनिवार को विधायक के खिलाफ जांच करने और FIR दर्ज करने की मांग की.
पुलिस इंवेस्टिगेशन में पता चला है कि व्हाट्सएप चैटिंग में आरोपित महिला और विधायक की पत्नी के बीच पैसों की लेनदेन की बातचीत हुई है. लेकिन ये किस कारण हुई है उसकी भी पुलिस जांच कर रही है.
5 पेजों वाली इस तहरीर में महिला ने दावा किया कि विधायक महेश नेगी ने मदद के नाम पर उसके साथ दुराचार किया था. बाद में उसे डरा धमका कर नेपाल, मसूरी, यूपी, हल्द्वानी के अलग-अलग इलाकों में लेजा कर शारीरिक संबंध बनाए थे. साथ ही दावा किया कि उसके बच्ची के पिता विधायक महेश नेगी हैं लिहाज़ा कोर्ट के माध्यम से बच्ची का DNA टेस्ट करवाया जाए. पुलिस का कहना है कि सभी बिंदुओं पर जांच की जा रही है विधायक ने बुधवार को सीओ सदर के ऑफिस पहुंचकर अपना बयान दर्ज करवाया है और आगे भी मामले में पुलिस का सहयोग करने की बात कही है.
भाजपा विधायक महेश नेगी के यौन शोषण मामले में ऊपर से भले ही भाजपा सब-कुछ सामान्य दिखाने की कोशिश कर रही हो लेकिन हकीकत ये है कि इस प्रकरण ने पार्टी को टेंशन में डाल दिया है. टेंशन यह कि विधानसभा चुनाव नज़दीक आ रहे हैं और अगर मामले ने तूल पकड़ा तो सरकार और पार्टी की सारी मेहनत पर पानी फिर सकता है. इससे पहले 23 सितंबर से विधानसभा का मॉनसून सत्र भी आहूत हो चुका है. विपक्ष की कोशिश होगी कि वह सदन में इस मामले पर सरकार को घेरे. विधायक को लेकर शुरु हुए सवालों का सिलसिला खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. पार्टी की मुश्किल यह है कि वह क्या बोले, क्या न बोले. अब पार्टी ने 22 अगस्त को कोर ग्रुप की मीटिंग बुलाई है जिसमें मुख्य मुददा महेश नेगी का ही रहने वाला है.
तीन दिन तक बयान दर्ज कराने से हीलाहवाली कर रहे विधायक महेश नेगी ने बुधवार रात थाने में पहुंचकर बयान दर्ज कराए तो पार्टी ने राहत की सांस ली. बताया जा रहा है कि इसके पीछे भी पार्टी का दबाव था. विधायक के बयान दर्ज कराने से हो रही किरकिरी के बाद पार्टी अध्यक्ष बंशीधर भगत ने बुधवार शाम को विधायक को फोन किया था और बयान दर्ज कराने को कहा था.
भाजपा से जुड़े सूत्रों के अनुसार पार्टी अध्यक्ष ने विधायक को मीडिया को फेस करने को भी कहा था लेकिन विधायक ने कहा कि उनके वकील ने मामले कुछ भी बयानबाजी से बचने को कहा है.
हालांकि, शुरुआती दौर में वेट एंड वॉच की बात कहने वाली पार्टी को जल्द इस बात का एहसास भी हो गया कि मामले में चुप्पी साधना पार्टी के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है. इसलिए गुरुवार को पहली बार भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत के सुरों में थोड़ा तल्खी दिखाई दी.
भगत का कहना था कि यदि विधायक दोषी पाए गए तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. माना जा रहा है कि 22 अगस्त को होने वाली कोर ग्रुप की मीटिंग में पार्टी विधायक पर अपना स्टैंड क्लियर कर सकती है. 14 अगस्त को एक महिला ने विधायक महेश नेगी के खिलाफ दुष्कर्म के आरोप लगाए थे। महिला का यहां तक कहना है कि उसकी बच्ची के पिता भी विधायक महेश ही हैं। हालांकि, इससे पहले महिला के खिलाफ विधायक की पत्नी ब्लैकमेलिंग का मुकदमा दर्ज करवा चुकीं थीं। इस पूरे मामले में विधायक करीब पांच दिन तक सामने नहीं आए थे। इसके बाद एकाएक जब पुलिस की ओर से सख्ती संबंधी बयान जारी किए तो विधायक जांच अधिकारी के पास पहुंचे थे। चार दिन पहले विधायक के एक घंटे तक बयान दर्ज किए थे। इसके बाद जांच अधिकारी सीओ अनुज कुमार ने विधायक को फिर बयान दर्ज करने के लिए बुलाया था। चूंकि, घटना के संबंध में चार अलग-अलग शिकायतें हैं और इन सभी की जांच सीओ अनुज कुमार ही कर रहे हैं। ऐसे में विधायक को फिर से बुलाया जा सकता है। हालांकि, विधायक भी अपनी ओर से पुलिस मुख्यालय को पत्र देकर जांच में पूरा सहयोग करने का आश्वासन दे चुके हैं।
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