त्रिवेन्द्र रावत पर सनसनीखेज आरोप;जनसंघर्ष मोर्चा

#मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत पर सनसनीखेज आरोप लगायेः जनसंघर्ष मोर्चा का आरोप
#त्रिवेन्द्र का मीडिया मैनेजमेन्ट मूकदर्शक मात्र
#जनसंघर्ष मोर्चा ने सिलसिलेवार रोज मीडिया के सामने खुलेआम आरोप लगाये
#ढैंचा घोटाला फरवरी २०१० के पश्चात् पत्नी के नाम खरीदे ५ भूखण्ड :  
#ढैंचा घोटाला फरवरी २०१० के पश्चात् पत्नी के नाम खरीदे ५ भूखण्ड।
#स्वयं के नाम खरीदा २०१० में एक भू-खण्ड।
#सन २००७ में जमा पजी थी १.९२ लाख, जो कि २०१२ में बढकर हुई २९.६० लाख।
#श्री त्रिवेन्द्र ने स्वयं को दर्शाया है सामाजिक कार्यकर्ता।
#उक्त फर्जीवाडे मामले में सी०ई०सी० ने दिया है आयकर विभाग से जाँच कराने का भरोसा।
#मोर्चा ने उक्त भ्रष्टाचार के मामले में C.A.G. एव E.D. को भी भेजा है

  ब्यूरो रिपोर्टः

देहरादून- स्थानीय होटल में पत्रकारों से वार्ता करते जनसंघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जी०एम०वी०एन० के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि सूबे के मुख्यमन्त्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने फरवरी २०१० के ढैंचा घोटाले से काली कमाई अर्जित कर अपनी पत्नी श्रीमती सुनीता के नाम तीन भू-खण्ड (८३३ वर्गमी) ०८.०९.२०१० में खरीदे तथा दो भू-खण्ड ०.२२७है० (लगभग ३ बीघा) के २७.०७.२०१२ व ३०.११.२०१२ में खरीदे।
जनसंघर्ष मोर्चा ने सनसनीखेज आरोप लगाते हुए कहा कि त्रिवेन्द्र सिंह द्वारा ०३.१०.२०१० को एक भू-खण्ड ०.३२९है० (लगभग सवा चार बीघा) स्वयं के नाम पर खरीदा। हैरान करने वाली बात यह है कि उक्त सभी भू-खण्ड मात्र २८ लाख में खरीदे गये हैं, जबकि उक्त भूमि की वास्तविक कीमत करोडों रूपये में है। श्री त्रिवेन्द्र रावत द्वारा ढैंचा घोटाले की सारी काली कमाई उक्त भू-खण्ड को खरीदने में खपा दी।
जनसंघर्ष मोर्चा अध्यक्ष नेगी ने कहा कि चौंकाने वाली बात यह है कि श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत मात्र एक सामाजिक कार्यकर्ता है, जैसा इन्होंने अपने नामांकन पत्र में दर्शाया है कि इनकी आय का कोई जरिया नहीं है, मात्र १०-२० हजार रूपये विधायकी की पेंशन के मिलते हैं तथा पत्नी शिक्षिका है, ऐसे में इतने पैसे में मात्र परिवार का खर्च ही मुश्किल से चलता है। इस दौरान आज तक इनके द्वारा लगभग पाँच बार विधानसभा चुनाव भी लडा जा चुका है, जिस पर आज तक करोडों रूपया खर्च कर चुके हैं।

 

जनसंघर्ष मोर्चा ने सनसनीखेज आरोप

रघुनाथ सिंह नेगी  के आरोप:::: सूबे के मुख्यमन्त्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने फरवरी २०१० के ढैंचा घोटाले से काली कमाई अर्जित कर अपनी पत्नी श्रीमती सुनीता के नाम तीन भू-खण्ड (८३३ वर्गमी) ०८.०९.२०१० में खरीदे तथा दो भू-खण्ड ०.२२७है० (लगभग ३ बीघा) के २७.०७.२०१२ व ३०.११.२०१२ में खरीदे।
जनसंघर्ष मोर्चा ने सनसनीखेज आरोप लगाते हुए कहा कि त्रिवेन्द्र सिंह द्वारा ०३.१०.२०१० को एक भू-खण्ड ०.३२९है० (लगभग सवा चार बीघा) स्वयं के नाम पर खरीदा। हैरान करने वाली बात यह है कि उक्त सभी भू-खण्ड मात्र २८ लाख में खरीदे गये हैं, जबकि उक्त भूमि की वास्तविक कीमत करोडों रूपये में है। श्री त्रिवेन्द्र रावत द्वारा ढैंचा घोटाले की सारी काली कमाई उक्त भू-खण्ड को खरीदने में खपा दी।
जनसंघर्ष मोर्चा अध्यक्ष नेगी ने कहा कि चौंकाने वाली बात यह है कि श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत मात्र एक सामाजिक कार्यकर्ता है, जैसा इन्होंने अपने नामांकन पत्र में दर्शाया है कि इनकी आय का कोई जरिया नहीं है, मात्र १०-२० हजार रूपये विधायकी की पेंशन के मिलते हैं तथा पत्नी शिक्षिका है, ऐसे में इतने पैसे में मात्र परिवार का खर्च ही मुश्किल से चलता है। इस दौरान आज तक इनके द्वारा लगभग पाँच बार विधानसभा चुनाव भी लडा जा चुका है, जिस पर आज तक करोडों रूपया खर्च कर चुके हैं।

 

जनसंघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जी०एम०वी०एन० के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि वर्श २००७ में इनकी जमा पजी लगभग ३.१२ लाख थी जो कि वर्श २०१२ में बढकर लगभग ३०.०० लाख हो गयी तथा इसी दौरान करोडों रूपये मूल्य की भूमि भी खरीदी गयी।
जनसंघर्ष मोर्चा ने उक्त काली कमाई/घोटाले को लेकर पत्र/ज्ञापन ब्ण्।ण्ळण् एवं म्ण्क्ण् भारत सरकार को प्रेशित किये हैं तथा भारत निर्वाचन आयोग ने उक्त फर्जीवाडे/घोटाले के मामले में आयकर विभाग से जाँच कराने की बात कही है।

पत्रकार वार्ता में ः- मोर्चा महासचिव आकाष पंवार, दिलबाग सिंह, मौ० असद, बागेष पुरोहित, ओ०पी० राणा आदि थे।

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