यूजीसी को एचईसीआई के रूप में बदला
मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) खत्म करने लिए एक ड्राफ्ट बिल बनाया है। इस बिल के जरिए यूजीसी को हायर एजुकेशन कमिशन ऑफ इंडिया (एचईसीआई) के रूप में बदला जाएगा। हिमालयायूके न्यूज पोर्टल ब्यूरो
मोदी सरकार शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करते हुए बड़े बदलाव की तैयारी कर रही है। नरेंद्र मोदी की अगुआई वाली सरकार ने यूनिवर्सिटी अनुदान आयोग (यूजीसी) के स्थान पर भारत के उच्च शिक्षा आयोग की स्थापना के लिए एक मसौदा बिल तैयार किया है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय देश के विश्वविद्यालयों को रेग्युलेट करने वाली संस्था विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) को खत्म कर उसकी जगह नई नियामक लाने की तैयारी में है। केंद्र सरकार के इस कदम से 61 साल पुराना यूजीसी एक्ट खत्म हो जाएगा। नया नियामक बनाने से पहले मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने 7 जुलाई, 2018 तक सभी शिक्षाविदों, हितधारकों और जनता से ड्राफ्ट बिल के लिए सुझाव आमंत्रित किए गए है। ये सुझाव विभाग की वेबसाइट पर 7 जुलाई तक 5 बजे से पहले दिए जा सकते है।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने इससे संबंधित विज्ञाप्ति को अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है और लोगों से इस ड्राफ्ट बिल पर फीडबैक मांगा है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय यूजीसी को बदलने के लिए तैयार किए गए इस ड्राफ्ट बिल के कई फायदे बता रहा है। मंत्रालय का कहना है कि इससे एकेडमिक स्टैंडर्ड में सुधार होगा। मंत्रालय का कहना है इसका उद्देश्य सीखने के परिणामों पर ध्यान केंद्रित करना, संस्थानों द्वारा अकादमिक प्रदर्शन का मूल्यांकन, संस्थानों का परामर्श, शिक्षकों का प्रशिक्षण, और शैक्षिक प्रौद्योगिकी के उपयोग को बढ़ावा देना है। यूजीसी के विपरीत, एचईसीआई के पास अनुदान कार्य नहीं होंगे और केवल अकादमिक मामलों पर ध्यान केंद्रित करेगा। मंत्रालय अनुदान कार्यों से निपटेंगे।
सरकार ने यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमिशन (यूजीसी) और ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (एआईसीटीई) को खत्म करके इसकी जगह एक ही रेग्युलेटर बनाने जैसे शिक्षा सुधार की योजना बनाई थी। केंद्र सरकार उच्च शिक्षा पर नजर रखने के लिए हायर एजुकेशन कमीशन ऑफ इंडिया एक्ट (HECI) को लेकर आ रही है। सिंगल एजुकेशन रेग्युलेटर को अब तक देश के शिक्षा क्षेत्र में बड़ा सुधार बताया जा रहा है। इसे नीति आयोग और पीएमओ का भी समर्थन प्राप्त था। सितंबर 2018 तक संसद में इस बिल को पेश करने की योजना थी। यूजीसी को खत्म करने के लिए यूपीए सरकार के समय गठित यशपाल समिति, हरी गौतम समिति ने सिफारिश की थी, लेकिन इसको कभी अमल में नहीं लाया गया। केंद्र सरकार मानसून सत्र में हायर एजुकेशन रेग्यूलेटरी काउंसिल (एचईआरसी) नाम से तैयार इस बिल को संसद में पेश करेगी। इस बिल के कानून बन जाने के बाद देश भर में उच्च शिक्षा के लिए बने आयोग और परिषद खत्म हो जाएंगे। यह देश में मौजूद सभी विश्वविद्यालयों और संस्थानों के लिए एक गाइड की तरह काम करेगा। इसके साथ ही नए कोर्स के बारे में भी सभी को सुझाव भी देगा। हालांकि इस आयोग के पास किसी भी विश्वविद्यालय या फिर तकनीकी संस्थान को अनुदान नहीं दे सकेगा। अनुदान के लिए आयोग केवल एचआरडी मंत्रालय को सिफारिश कर सकेगा। हालांकि इस नए बिल में यह साफ नहीं हो पाया है कि राज्य सरकारों के आधीन में आने वाले विश्वविद्यालयों और बीएड कराने वाले शिक्षण प्रशिक्षण संस्थान इस बिल के दायरे में आएंगे या नहीं। पहली बार, नियामक के पास अकादमिक गुणवत्ता मानकों को लागू करने की शक्तियां होंगी। उसे फर्जी संस्थानों को बंद करने का आदेश देने का अधिकार भी होगा। ड्रॉफ्ट के अनुसार अनुपालन नहीं करने पर जुर्माना या जेल की सजा हो सकती है। वर्तमान में, यूजीसी जनता को सूचित करने के लिए अपनी वेबसाइट पर फर्जी संस्थानों के नाम जारी करता है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं कर सकता है।
रेग्यूलेटर देश भर में नए संस्थान स्थापित करेगा जहां पर अच्छी क्वालिटी की उच्च शिक्षा छात्र-छात्राओं को मिलेगी। रेग्यूलेटर शोध और पढ़ाई के नए मानक तय करेगा। रेग्यूलेटर प्रत्येक वर्ष सभी विश्वविद्यालयों और तकनीकी शिक्षण संस्थानों की परफॉर्मेंस का भी अध्य्यन करेगा।
यूजीसी में प्रत्येक कोर्स के लिए बनी अलग-अलग कमेटी HECI के दायरे में आ जाएंगी। अगर गुणवत्ता नहीं रखी तो रेग्यूलेटर उस संस्थान में छात्रों के एडमीशन पर रोक भी लगा सकेगा। इस अथॉरिटी में 10 लोगों की नियुक्ति की जाएगी, जिसमें शिक्षा जगत के नामी व्यक्ति को चेयरमैन, दो उप चेयरपर्सन, तीन सदस्य जो कि आईआईटी/आईआईएम/आईआईएससी में पांच साल तक निदेशक रहे और तीन सदस्य ऐसे जो कि किसी राष्ट्रीय या राज्यों के विश्वविद्यालय में कुलपति रहे हों।
हिमालयायूके न्यूज पोर्टल ब्यूरो www.himalayauk.org (HIMALAYA GAURAV UTTRAKHAND; Leading Digital Newsportal & DAILY NEWSPAPER ) Publish at Dehradun & Haridwar, Available in FB, Twitter, whatsup Groups & All Social Media ; Mail; himalayauk@gmail.com (Mail us) whatsup Mob. 9412932030; CS JOSHI- EDITOR ; H.O. NANDA DEVI ENCLAVE, BANJARAWALA, DEHRADUN (UTTRAKHAND)
हिमालयायूके में सहयोग हेतु-
Yr. Contribution: HIMALAYA GAURAV UTTRAKHAND A/C NO. 30023706551 STATE BANK OF INDIA; IFS Code; SBIN0003137