दोनों विधायकों के वोट रद्द -वोटों की गिनती शुरू करने को कहा

गुजरात राज्यसभा चुनाव :, दोनों विधायकों के वोट रद्द होंगे – चुनाव आयोग ने दो विधायकों के वोट किए रद्द #  चुनाव आयोग ने वोटों की गिनती शुरू करने को कहा
हिमालयायूके एक बार फिर सटीक # जबर्दस्‍त रणनीति, घेराबंदी के बावजूद अहमद पटेल को मात नही दे पायी भाजपा- सितारो ने दिखाया कमाल- अहमद पटेल को मजबूत कर दिखाया-

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गुजरात राज्यसभा चुनाव में दो वोटों को रद्द किए जाने की मांग पर फैसला दे दिया है. कांग्रेस के दो वोट निरस्त किए जाने की मांग स्वीकार कर ली है. कांग्रेस का प्रतिनिधि मंडल वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम के नेतृत्व में आयोग से मिला था. उधर, बीजेपी के प्रतिनिधिमंडल ने वित्त मंत्री अरुण जेटली, रविशंकर प्रसाद और पीयूष गोयल के नेतृत्व में चुनाव आयोग से मुलाकात करके जल्द मतगणना की मांग की है. कांग्रेस के आरोपों को बीजेपी निराधार बता रही है.

गुजरात की तीन राज्यसभा सीटों पर हुई वोटिंग का विवाद मंगलवार को चुनाव आयोग पहुंच गया। कांग्रेस ने आयोग से शिकायत की कि उसके दो विधायकों ने बीजेपी को वोट दिया और अपने वोट पब्लिकली दिखा दिए। इसलिए उनके वोट रद्द कर दिए जाएं। देर रात करीब 11.30 बजे इलेक्शन कमीशन ने कांग्रेस की ये मांग मान ली। इसके बाद काउंटिंग शुरू की गई। राघव पटेल और भोला भाई के वोट रद्द किए गए हैं। इसके पहले दोनों ही पार्टियों के बड़े नेता तीन-तीन बार इलेक्शन कमीशन पहुंचे

जेडीयू ने गुजरात चुनाव की गाज महासचिव अरुण श्रीवास्तव पर गिराई है. विधायक तक सही संदेश ना पहुंचाने के आरोप पर अरुण यादव को उनके पद से हटा दिया गया है. अरुण श्रीवास्तव शरद यादव के करीबी बताए जाते हैं. बता दें कि नीतीश कुमार ने व्हिप जारी की थी उसके मुताबिक गुजरात में जेडीयू के विधायक छोटू भाई वसावा को बीजेपी को वोट देना था. लेकिन उन्होंने अहमद पटेल को वोट दिया.
चुनाव आयोग ने कांग्रेस की मांग मानते हुए उसके दो विधायकों के वोट रद्द कर दिए. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक चुनाव आयोग ने कांग्रेस की दलीलों को मान लिया. साथ ही चुनाव आयोग ने वोटों की गिनती का आदेश दिया. चुनाव आयोग का यह कदम कांग्रेस के लिए राहत की बात हो सकती है. कांग्रेस की ओर से अपने दो विधायकों के वोट रद्द कराने की मांग के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) भी मंगलवार शाम चुनाव आयोग पहुंच गयी. भाजपा की तरफ से अरुण जेटली, रविशंकर प्रसाद, मुख्तार अब्बास नकवी, निर्मला सीतारमण, पीयूष गोयल और धर्मेंद्र प्रधान चुनाव आयोग पहुंचे. भाजपा नेताओं ने मंगलवार को दो बार चुनाव आयोग के अधिकारियों से मुलाकात की. हालांकि, मंगलवार शाम तक गुजरात राज्यसभा चुनाव के लिए वोटों की गिनती शुरू नहीं हो पायी.

कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ”हम चुनाव आयोग को सिर्फ एक मेमोरंडम रखने आए हैं. हमने चुनाव आयोग के सामने सुप्रीम कोर्ट के पुराने फैसलों का हवाला दिया है. चुनाव आयोग ने हमारे दस्तावेजों को स्वीकार किया है और कहा है कि फैसला देते वक्त इन दस्तावेजों का भी ध्यान रखा जाएगा. केंद्रीय मंत्री यहां आकर क्या साबित कर रहे हैं. बीजेपी की ओर से बड़े बड़े मंत्रियों का यहां आना क्या बीजेपी को बौखलाहट नहीं दिखाता. बीजेपी ने अभी तक चुनाव आयोग में कोई भी दस्तावेज नहीं दिया है.हम तथ्यों की लड़ाई लड़ रहे हैं.”
चुनाव चुनाव आयोग से मुलाकात के बाद कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कहा, “हमने चुनाव आयोग को बताया है कि वीडियो में साफ दिख रहा है कि दो कांग्रेस विधायकों ने अपने बैलट पेपर अनाधिकृत व्यक्तियों को दिखाए. हमने चुनाव आयोग से वीडियो देखने की भी मांग की. हमने हरियाणा चुनाव का भी हवाला दिया है. हमने चुनाव आयोग से कहा कि वो निर्णय लें, संविधान के तहत ये चुनाव आयोग की ही जिम्मेदारी है.”
बीजेपी के नेता तीसरी बार चुनाव आयोग के दरवाजे पर पहुंचे हैं. केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि अगर चुनाव आयोग ने वीडियो मंगवाया है तो कोई बात नहीं, वीडियो देखने के बाद सच सामने आ जाएगा.
कांग्रेस का दावा है कि दोनों विधायकों ने अमित शाह को बैलेट पेपर दिखाकर वोटिंग की. कांग्रेस ने इस आधार पर चुनाव आयोग से दोनों विधायकों के वोट खारिज करने की मांग की. मीडिया रिपोर्टों में सूत्रों के हवाले से कहा गया कि चुनाव आयोग ने कांग्रेस की इस अपील को खारिज कर दिया है.

कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला और आरपीएन सिंह ने चुनाव आयोग से अपनी शिकायत में कहा, ‘हमारे दो विधायकों ने भाजपा को वोट दिया और इसके बाद उन्होंने अमित शाह को विजयी संकेत दिखाया.’ सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि कांग्रेस के दोनों विधायक भोलाभाई और राघवजी पटेल ने पोलिंग एजेंट को अपने वोट नहीं दिखाए.

कांग्रेस की इस मांग का असर वोटों की गिनती पर भी पड़ता नजर आ रहा है. बताया जा रहा है कि जब तक ये पूरा मामला वीडियो देखकर सुलझा नहीं लिया जाता, तब तक वोटों की गिनती शुरू नहीं हो पाएगी. हालांकि, इस विवाद से पहले वोटिंग पूरी होने के बाद शाम 6 बजे तक नतीजे आने की संभावना जताई गई थी.
राज्यसभा की तीन सीटों पर चार उम्मीदवार खड़े हैं. बीजेपी की ओर से अमित शाह और स्मृति ईरानी की जीत पक्की मानी जा रही है. लड़ाई तीसरी सीट को लेकर है, जिस पर कांग्रेस नेता और सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल उम्मीदवार हैं. इस सीट पर कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए बलवंत सिंह राजपूत उम्मीदवार हैं. बलवंत सिंह राजपूत सदन में कांग्रेस के मुख्य सचेतक हुआ करते थे.
कांग्रेस विधायकों की बगावत के अलावा एनसीपी ने भी कांग्रेस को झटका दिया है. एनसीपी ने बीजेपी उम्मीदवार के समर्थन का ऐलान कर दिया है. हालांकि, बाद में एनसीपी के एक विधायक ने यूपीए के साथ रहने का दावा किया. वहीं दूसरी तरफ जेडीयू के एक विधायक ने भी कांग्रेस के पक्ष में वोट करने का दावा किया है.

सभी से बहुत विनम्रता से पेश आते हैं अहमद पटेल

पटेल कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के  राजनीतिक सचिव हैं। वो 1993 से राज्य सभा सांसद हैं।   सोनिया के आधिकारिक आवास 10 जनपथ में एक निजी कार्यालय है। कांग्रेस 2004 से 2014 तक लगातार 10 सालों तक सत्ता में रही लेकिन अहमद पटेल ने कोई पद नहीं लिया जबकि गांधी परिवार में उनका रसूख जगजाहिर है। पटेल को मीडिया की सुर्खियों में रहना पसंद नहीं है। वो चर्चा में आने से बचते हैं। राजनीतिक जानकारों की मानें तो उन्हें बड़बोलापन पसंद नहीं। वो कांग्रेस में चाहे जितने भी ताकतवर हों सार्वजनिक तौर पर सभी से बहुत विनम्रता से पेश आते हैं।

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