UK; 4धाम यात्रा ; धामों में यात्री बेहाल, हालात खराब & आज कोर्ट ने तीन बड़े मामलो पर अपना आदेश दिया & Top News 12 April 2022

12 April 2022; High Light # चार धाम यात्रा ;चारों धामों में यात्री बेहाल # 12 May 2022  आज कोर्ट ने तीन बड़े मामलो पर अपना आदेश दिया है # मौजूदा मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा का कार्यभार 14 मई को समाप्त, राजीव कुमार 15 मई से अपना पदभार संभालेंगे. # डीजी इंटेलिजेन्स डीएस चौहान को उत्तर प्रदेश के डीजीपी का अतिरिक्त प्रभार # जम्मू-कश्मीर में आतंकियों ने एक बार फिर कश्मीर पंडित को निशाना बनाया # सीबीआई ने अपने ही चार इंस्पेक्टरों को बर्खास्त कर दिया # by www.himalaayauk.org (Leading Newsportal & Print Media #Publish at Dehradun & Haridwar # Chandra Shekhar Joshi Chief Editor Mob. 9412932030 Mail; csjoshi_editor@yahoo.in & himalayauk@gmail.com

चार धाम यात्रा ;चारों धामों में यात्री बेहाल

Dehradun चार धाम यात्रा को शुरू हुए 1 हफ्ते का वक्त हो चुका है लेकिन अब तक उत्तराखंड सरकार चार धाम यात्रा के लिए जरूरी व्यवस्था में सुधार नहीं कर पाई है. बड़े-बड़े दावों के बाद भी सरकार की सारी व्यवस्थाएं लचर नजर आ रही हैं. अब अधिकारी यह दावा कर रहे हैं कि भीड़ को प्रबंधित (Crowd Management) करने के लिए योजना बनाई जा रही है. बद्रीनाथ धाम का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें श्रद्धालु पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करते दिखाई दे रहे हैं. त्तराखंड चारधाम यात्रा शुरू होने से पहले प्रदेश सरकार और शासन-प्रशासन ने जो दावे किए थे, वो हफ्ते भर में ही ध्वस्त हो गए हैं. यही कारण है कि 10 दिनों में चारधाम यात्रा मार्ग पर 28 श्रद्धालु उच्च रक्तचाप और हृदय संबंधी समस्याएं के कारण दम तोड़ चुके हैं. 

यह पहला मौका है जब बदरीनाथ धाम से ज्‍यादा श्रद्धालुओं ने केदारनाथ धाम के दर्शन किए।

उत्तराखंड चारधाम यात्रा में तीर्थयात्रियों की संख्या रिकॉर्ड तोड़ रही है़ 3 लाख से ज्यादा दर्शन कर चुके हैं जबकि 10 लाख रजिस्टेशन किये गये हैं, उत्तराखंड चारधाम यात्रा में प्रदेश सरकार ने केंद्र से मदद ली है 

TOP BREAKING; 12 MAY 2022; Actually She is missing en-route Kedarnath to Gaurikund. Darshan ke samay aur wapsi mein apne group se alag ho gayi thi. Wapsi karte huye last time 11 May ko dekha gaya tha inko.

बद्रीनाथ धाम में यात्रियों की संख्या ज्यादा होने के बावजूद भी पुलिस के अधिकारी खुद वीआईपी गेट से दर्शन कर रहे हैं. इसके विरोध में तीर्थयात्रियों ने पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की. ऐसे में साफ जाहिर है कि जहां पुलिस को यात्रियों के लिए बेहतर व्यवस्था बनानी है, वहां वे खुद अपनी सुविधा देख रहे हैं. यह हालात चारों धामों में है जहां यात्री बेहाल हैं.

बाबा केदार के दर्शनों के लिए उमड़ रहे यात्रियों को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन ने सोनप्रयाग और गौरीकुंड में दो-दो घंटे तक हजारों यात्रियों को रोके रखा। इस दौरान पैदल मार्ग पर भीड़ कम होने पर ही यात्रियों को केदारनाथ के लिए भेजा गया। दूसरी तरफ बुधवार को सुबह 6 बजे से शाम 4 बजे तक 26470 यात्री सोनप्रयाग से केदारनाथ रवाना हुए। पिछले छह दिनों में यह दूसरा मौका है, जब इतनी अधिक संख्या में यात्री भेजे गए हैं।

यमुनोत्री पैदल मार्ग पर जाम लग रहा है. पैदल मार्गों पर भी लोगों को चलना मुश्किल हो रहा है. केदारनाथ पैदल मार्ग पर स्थिति और खराब है. यहां घोड़े और खच्चरों की वजह से पैदल चलने वाले यात्रियों को जगह ही नहीं मिल पा रही है. बीते दिनों केदारनाथ धाम पैदल मार्ग पर एक श्रद्धालु पैर फिसलकर खाई में गिर गया था, जिससे उसकी मौत हो गई थी.

यमुनोत्री धाम में भी हालात और भी खराब होते नजर आ रहे हैं. 6 किलोमीटर के रास्ते में पैदल यात्रियों केसाथ घोड़े- खच्चर पालकी वाले भी चल रहे हैं जिससे यात्रियों को चलने के लिए बड़ी मुश्किल से जगह मिल पा रही है. दरअसल, यहां घोड़ों के लिए कोई पड़ाव नहीं है और लगातार घोड़ों के चलने से यात्रियों को मुश्किलें झेलनी पड़ रही है. 

चारधाम यात्रा को शुरू हुए कुछ ही दिन हुए हैं. चारधाम यात्रा में अभी तक 28 श्रद्धालुओं की जान जा चुकी है. हैरानी की बात ये है कि मरने वालों में युवा भी शामिल हैं, उत्तराखंड में जिस तरह चारधाम यात्रा (Chardham Yatra 2022) के दौरान मौतों का सिलसिला तेज हुआ है. उसको लेकर भारत सरकार ने भी राज्य से रिपोर्ट मांगी है.

पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने कहा, ‘इस बार चारों धामों में यात्रियों की संख्या बीते वर्षों की अपेक्षा ज्यादा रहेगी, इसका अनुमान पहले ही लगाया गया था. ऐसी स्थिति में सरकार भी सभी व्यवस्थाओं को प्रबंधित करने में जुटी हुई है.’

केदारनाथ यात्रा में मरने वालों का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है. अब तक यात्रा के दौरान 10 लोगों की मौत हो चुकी है. इनमें एक व्यक्ति की खाई में गिरने से मौत हुई है. जबकि, अन्य यात्रियों की हार्ट अटैक और ठंड के कारण मौत होनी बताई जा रही है. वहीं, केदारनाथ धाम में तीर्थयात्रियों की तबीयत खराब होने पर हेलीकाॅप्टर से गुप्तकाशी भेजा रहा है, जिससे समय पर इलाज मिलने से कई तीर्थयात्रियों की जान को भी बचाया गया है.

केदारनाथ पैदल मार्ग के लिनचौली के पास कालका प्रसाद गुप्ता निवासी जिला हमीरपुर बुंदेलखंड (उत्तरप्रदेश) की अचानक तबीयत खराब हो गई. तबीयत खराब होने के बाद डीडीआरएफ टीम यात्री को गौरीकुंड अस्पताल लेकर आई. यात्री की हालत देख डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया

मुख्य सचिव एसएस संधू ने बताया कि, पहली बार उत्तराखंड चारधाम यात्रा में एनडीआरएफ के जवानों को तैनात किया जा रहा है. अगर जरूरत पड़ी तो एनडीआरएफ के साथ सेना के लोगों की भी मदद ली जाएगी. शुरूआत में केदारनाथ रूट पर एनडीआरएफ को तैनात किया है. बता दें कि उत्तराखंड चारधाम यात्रा में रोज तकरीबन 50 हजार से ज्यादा यात्री पहुंच रहे हैं. श्रद्धालुओं की इतनी भीड़ को संभाल पाने में सरकार और प्रशासन के पसीने छूट रहे हैं. चारधाम में हुई 28 श्रद्धालुओं की मौत ने भी सरकार और प्रशासन के सारे इंतजामों के दावों की पोल कर रख दी है. 28 श्रद्धालुओं की मौत बीमारी के कारण हुई है.

बीते दिनों केंद्र सरकार ने खुद चारधाम में श्रद्धालुओं की हो रही मौतों को संज्ञान लिया था और इस मामले को लेकर एक रिपोर्ट भी मांगी थी. इसके बाद उत्तराखंड शासन के अधिकारियों ने बैठक कर चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए एडवाइजरी जारी की थी.

यात्रा के मुख्य पड़ाव सोनप्रयाग और गौरीकुंड में यात्री दबाव को कम करने के लिए बुधवार को दोपहर 12 से 2 बजे तक दो-दो घंटे यात्रियों को रोका गया। यात्रा कंट्रोल रूम से बताया गया कि सुबह 8 बजे तक 18620 यात्रियों ने सोनप्रयाग से केदारनाथ के लिए प्रस्थान किया था। साथ ही धाम से दर्शन कर लौट रहे यात्रियों के कारण रास्ते पर दो तरफा काफी भीड़ रही, जिसे देखते हुए मुख्य दोनों पड़ावों पर यात्रियों को रोका गया। इसके बाद दोपहर 2 बजे यात्रियों को धाम के लिए भेज गया। पुलिस अधीक्षक आयुष अग्रवाल ने बताया कि दोनों स्थानों पर 4 से 5 हजार यात्रियों को रोका गया। पैदल मार्ग और धाम में अनावश्यक दबाव न बने, इसके लिए अब नियमित तौर पर अलग-अलग अंतराल पर यात्रियों को पड़ावों पर रोका जाएगा, जिससे केदारनाथ में मौजूद श्रद्धालु अच्छे से दर्शन कर सकें। यात्रियों की सुरक्षा और यात्रा व्यवस्था के लिए आईटीबीपी की एक प्लाटून को तैनात कर दिया गया है। यह प्लाटून मंदिर परिसर और मंदिर मार्ग पर दर्शनों के लिए खड़े यात्रियों की मदद करेगी। पुलिस अधीक्षक आयुष अग्रवाल ने बताया कि एक प्लाटून में 30 आईटीबीपी के जवान हैं। वहीं, सोनप्रयाग और गुप्तकाशी में भी एक-एक प्लाटून को रखा गया है। इसके अलावा पुलिस, एसडीआरएफ, डीडीआरएफ, यात्रा मैनेजमेंट फोर्स के जवान पहले से तैनात हैं। 

उत्तराखंड चारधाम हेली सर्विस में 9 हेली कंपनियां अपनी सेवाएं दे रही हैं. वहीं केदारनाथ धाम के लिए तीन जगह गुप्तकाशी, फाटा और सिरसी से इन प्राइवेट कंपनियों के शटल उड़ान भर रहे हैं. DGCA की अनुमति के साथ हर दिन घाटी में 9 उड़ान भरी जा सकती हैं. उत्तराखंड सिविल एविएशन से मिली जानकारी के अनुसार, हर दिन तकरीबन 300 से 350 यात्री हेली सेवा के माध्यम से रोजाना केदारनाथ धाम पहुंच रहे हैं.

3 मई से शुरू हुई चारधाम यात्रा में अब तक 3 लाख यात्री आ चुके हैं. वो भी तब जब केदारनाथ के कपाट 6 मई को और बदरीनाथ के कपाट 8 मई को खुले हैं.

औसतन प्रत्येक लैंडिंग पर उत्तराखंड सरकार को 5 हजार का राजस्व प्राप्त होता है, जिसके अनुसार हर दिन हेली सेवा का इस्तेमाल करने वाले लोगों से मिलने होने वाला राजस्व तकरीब 15 से 17 लाख का है. इस तरह से अगर इस 6 तारीख को केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के बाद शुरू हुई केदारनाथ हेली सर्विस से मात्र 5 दिन में प्राप्त हुए राजस्व का अगर अनुमान लगाया जाए तो यह तकरीबन 60 लाख से पार हो चुका है.

उत्तराखंड सिविल एविएशन अथॉरिटी ने खासतौर से केदारनाथ धाम के लिए हेली सेवाओं की ऑनलाइन टिकट बुकिंग के लिए केवल गढ़वाल मंडल विकास निगम के अधिकृत वेबसाइट को अधिकृत किया है. अगर यात्री केदारनाथ धाम उत्तराखंड सरकार द्वारा तय किए गए न्यूनतम मूल्य पर हेलीकॉप्टर के माध्यम से जाना चाहते हैं तो गढ़वाल मंडल विकास निगम की वेबसाइट heliservices.uk.gov.in पर जा कर अपनी टिकिट बुक कर सकते हैं.

इसके अलावा कोई अन्य वेबसाइट टिकिट उपलब्ध करवा रही है तो यह अधिकृत नहीं है, इसलिए यात्रियों को अधिक सतर्क रहने की जरूरत है. उत्तराखंड सरकार ने केवल GMVN को केदारनाथ धाम के लिए हेली सेवा की बुकिंग के लिए अधिकृत किया है. देश में कई प्रदेशों में गढ़वाल मंडल विकास निगम के कार्यालय मौजूद हैं और वहां से भी हेली सेवा के लिए प्रचारित-प्रसारित किया जा रहा है.

केदारनाथ धाम की यात्रा के लिए उत्तराखंड सरकार ने हेली सेवाओं के लिए 3 रूट निर्धारित किए हैं. उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण द्वारा केदारनाथ धाम के लिए गुप्तकाशी से केदारनाथ धाम, फाटा से केदारनाथ धाम और सिरसी से केदारनाथ धाम रूट को अधिकृत किया गया है. केदारनाथ धाम के लिए हेली सेवाओं के किराए की अगर बात की जाए तो अन्य निजी कंपनियों की तुलना में उत्तराखंड सरकार द्वारा बेहद कम किराए पर हेली सेवाएं दी जा रही है. हालांकि, इसके लिए उत्तराखंड सरकार द्वारा अधिकृत हेली सेवा से ही टिकट बुक करवाना होगा.

किराए की अगर बात करें तो गुप्तकाशी से केदारनाथ धाम- 3875×2 (जाना-आना), कुल- 7750₹ प्रति व्यक्ति है. फाटा से केदारनाथ धाम- 2360×2 (जाना-आना), कुल- 4720₹ प्रति व्यक्ति किराया रखा गया है. वहीं सिरसी से केदारनाथ धाम 2340×2 (जाना-आना), कुल- 4680₹ प्रति व्यक्ति किराया रखा गया है. इतने किराए के साथ-साथ प्रति यात्री अपने साथ 2 से 3 किलो तक का लगेज ले जा सकता है जिसकी जानकारी टिकट बुक कराने पर टिकट में भी लिखी रहती है.

12 May 2022  आज कोर्ट ने तीन बड़े मामलो पर अपना आदेश दिया है

12 May 2022  आज कोर्ट ने तीन बड़े मामलो पर अपना आदेश दिया है। जिसमें Gyanvapi के मामले पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने यह आदेश दिया है कि ज्ञानवापी के चप्पे-चप्पे का सर्वे होगा और वह सभी तहखाना भी खोला जाएगा जिसमें हिंदू पक्ष का कहना है कि तहखाना में ज्योतिर्लिंग और हिंदू देवी-देवताओं के मूर्तियां और अवशेष है। साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा है कि अजय मिश्रा कोर्ट कमिश्नर बने रहेंगे और दो विशेष कमिश्नर को भी कोर्ट ने नियुक्त किया है।

ताजमहल विवाद को लेकर हाईकोर्ट ने रुख सख्त करते हुए याचिकाकर्ता को जमकर फटकारा. जस्टिस डीके उपाध्याय ने याचिकाकर्ता को फटकार लगाते हुए कहा कि PIL व्यवस्था का दुरुपयोग न करें. ताजमहल किसने बनवाया इस बारे में जाकर रिसर्च करो. हाईकोर्ट ने कहा कि यूनिवर्सिटी जाओ, PHD करो तब कोर्ट आना.हाईकोर्ट ने कहा कि रिसर्च से कोई रोके, तब हमारे पास आना. जस्टिस डीके उपाध्याय ने याचिकाकर्ता से पूछा कि इतिहास क्या आपके मुताबिक पढ़ा जाएगा.‘ ताजमहल कब बना, किसने बनवाया, जाओ पढ़ो पहले.’कोर्ट ने कहा कि इस मामले में जज कोई फैसला नहीं करेंगे, बल्कि हिस्टोरियन/एकेमेडिशियन को इसकी स्टडी करनी चाहिए.

अयोध्या के रहने वाले BJP कार्यकर्ता डॉक्टर रजनीश सिंह ने हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में ये याचिका दाखिल की थी.

ज्ञानवापी (Gyanvapi Masjid) मस्जिद और श्रृंगार गौरी मामले को लेकर गुरुवार को वाराणसी (Varanasi) की सिविल कोर्ट (Civil Court) ने फैसला सुनाया. कोर्ट ने अपने फैसले में ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे को जारी रखने का आदेश सुनाया है. 

ज्ञानवापी मस्जिद मामले में स्थानीय कोर्ट ने कोर्ट कमीश्नर अजय मिश्रा को हटाने से कोर्ट इंकार कर दिया. कोर्ट ने दो सहायक कमिश्नरों को नियुक्त किया है. अदालत ने अजय मिश्रा के साथ सहायक कमिश्नर के रुप में विशाल सिंह और अजय सिंह को नियुक्त किया हैं. कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर भी वीडियोग्राफी कराई जाएगी.

कोर्ट ने 17 मई तक सर्वे का काम पूरा करने का निर्देश दिया है. अदालत ने कहा कि कोर्ट कमिश्नर 17 मई तक अपनी रिपोर्ट सौंपे. सर्वे का काम सुबह 8 बजे ले लेकर 12 बजे के बीच होगा. इससे पहले सर्वे का काम तीन बजे से शुरू हुआ था. 

ज्ञानवापी मस्जिद प्रबंधन समिति के वकील अभय नाथ यादव ने आरोप लगाया था कि पहले अदालत द्वारा नियुक्त कमीश्नर अजय कुमार मिश्रा पक्षपाती हैं. मस्जिद समिति ने उनको हटाए जाने के लिए याचिका दायर की थी.

मौजूदा समय में इस स्थान को साल में एक बार पूजा के लिए खोला जाता है. महिलाएं भी “पुराने मंदिर परिसर के भीतर अन्य दृश्यमान और अदृश्य देवताओं” की पूजा करने की अनुमति चाहती हैं. स्थानीय अदालत ने पहले अधिकारियों को 10 मई तक एक रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया था.

ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे का काम पिछले शुक्रवार को शुरू किया गया था. लेकिन मस्जिद के भीतर वीडियोग्राफी के दौरान उठे विवाद के कारण यह पूरा नहीं हो सका था. 

मस्जिद समिति के संयुक्त सचिव सैयद मोहम्मद यासीन ने कल कहा था कि ज्ञानवापी मस्जिद के चारों ओर बैरिकेडिंग है और याचिकाकर्ता चाहते हैं कि उनकी वीडियोग्राफी खोलकर की जाए.

याचिकाकर्ताओं के वकील शिवम गौर ने दावा किया था कि 26 अप्रैल को कोर्ट द्वारा जारी वीडियोग्राफी सर्वे के आदेश में वे बैरिकेडिंग के अंदर जाकर सर्वे कर सकते हैं.

हालांकि, मस्जिद समिति ने कहा कि अदालत ने मस्जिद के अंदर वीडियोग्राफी के लिए कोई आदेश नहीं दिया था. अदालत ने केवल मस्जिद के आंगन तक वीडियोग्राफी करने की अनुमति दी थी.  जो कि मस्जिद क्षेत्र को घेरने वाले बैरिकेड्स के बाहर है.

मस्जिद समिति ने कमीश्नर अजय कुमार मिश्रा पर आरोप लगाया कि उन्होंने अदालत के आदेश के बिना ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर वीडियोग्राफी कराने की कोशिश की थी.

कोर्ट ने सख्त निर्देश दिए कि ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे के दौरान यदि को इसका विरोध करेगा या फिर काम में बाधा डालने की कोशिश करेगा तो उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी. 

राजीव कुमार 15 मई से मुख्य चुनाव आयुक्त

NEW DELHI; मौजूदा मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा का कार्यभार 14 मई को समाप्त हो रहा है. इसके बाद राजीव कुमार 15 मई से अपना पदभार संभालेंगे. कानून मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि राजीव कुमार को मुख्य चुनाव आयुक्त बनाया जा रहा है और वो 15 मई से अपना कार्यभार संभालेंगे. आने वाले दिनों में गुजरात, राजस्थान और मध्य प्रदेश में चुनाव होने वाले हैं. इन चुनावों को राजीव कुमार की कराएंगे. 

साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव नए मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार की देखरेख में होंगे. यही नहीं गुजरात, राजस्थान और मध्य प्रदेश में भी हाल ही में चुनाव होने हैं. ये चुनाव भी राजीव कुमार की देखरेख में होने वाले हैं. जैसे कि सभी को पता है कि साल 2020 में वो चुनाव आयोग में आयुक्त के तौर पर काम कर चुके हैं. नियमों के अनुसार मुख्य चुनाव आयुक्त का कार्यकाल 6 साल या 65 साल की उम्र तक होता है. राजीव कुमार का जन्म साल 1960 में हुआ था तो ऐसे में उनका कार्यकाल साल 2025 तक रहेगा. यानी अगले लोकसभा चुनाव राजीव कुमार की देखरेख में ही होने हैं.

राजीव कु राजीव कुमार का जन्म 19 फरवरी 1960 को हुआ था. वो 1984 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी हैं. राजीव कुमार ने साल 2020 में चुनाव आयोग में चुनाव आयुक्त के रूप में कार्यभार संभाला था. यहां कार्यभार संभालने से पहले वो उद्यम चयन बोर्ड के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. राजीव कुमार ने प्रशासनिक सेवाओं में 36 साल तक काम किया है. केंद्र के कई मंत्रालयों में काम करने के अलावा इन्होंने बिहार और झारखंड के कैडर में कई सालों तक अपनी सेवाएं दी हैं. साल 2020 में केंद्रीय वित्त सचिव के पद से रिटायर हुए हैं. मार का जन्म 19 फरवरी 1960 को हुआ था. वो 1984 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी हैं. राजीव कुमार ने साल 2020 में चुनाव आयोग में चुनाव आयुक्त के रूप में कार्यभार संभाला था. यहां कार्यभार संभालने से पहले वो उद्यम चयन बोर्ड के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. राजीव कुमार ने प्रशासनिक सेवाओं में 36 साल तक काम किया है. केंद्र के कई मंत्रालयों में काम करने के अलावा इन्होंने बिहार और झारखंड के कैडर में कई सालों तक अपनी सेवाएं दी हैं. साल 2020 में केंद्रीय वित्त सचिव के पद से रिटायर हुए हैं.

डीजी इंटेलिजेन्स डीएस चौहान को उत्तर प्रदेश के डीजीपी का अतिरिक्त प्रभार

 Lucknow (Himalayauk) उत्तर प्रदेश में इंटेलिजेंस के महानिदेशक देवेंद्र सिंह चौहान को राज्य के पुलिस महानिदेशक (DFGP) का प्रभार दिया गया है. यूपी सरकार के अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी की ने उनकी नियुक्ति की चिट्ठी जारी की. 

मुकुल गोयल ने 2 जुलाई 2021 को पुलिस महानिदेशक का पदभार संभाला था. वह 1987 बैच के आईपीएस अफसर हैं. इससे पहले वह केंद्र में बीएसएफ में अपर पुलिस महानिदेशक ऑपरेशंस के पद पर तैनात थे. जिसके बाद उन्हें यूपी डीजीपी के पद पर नियुक्त किया गया था.

IAS अवनीश अवस्थी की  ओर से जारी चिट्ठी में कहा गया है “आरआर-1987 के पुलिस महानिदेशक, लखनऊ के पद से स्थानान्तरित हो जाने के फलस्वरूप शासन द्वारा जनहित में आपको पुलिस महानिदेशक,अभिसूचना के पद के दायित्वों के साथ-साथ पुलिस महानिदेशक (विभागाध्यक्ष),का अतिरिक्त प्रभार दिये जाने का निर्णय लिया गया है.”

यूपी सरकार ने बुधवार को IPS मुकुल गोयल उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी)  पद से हटा दिया था.   सरकार की ओर से मिली जानकारी के अनुसार पुलिस महानिदेशक मुकुल गोयल को शासकीय कार्यों की अवहेलना करने, विभागीय कार्यों में रुचि न लेने एवं अकर्मण्यता के चलते डीजीपी पद से मुक्त करते हुए डीजी नागरिक सुरक्षा के पद पर भेजा गया. उनके हटने के बाद नया डीजीपी कौन होगा इसकी अभी घोषणा नहीं हुई है.

IPS के 1987 बैच के वरिष्ठ अधिकारी गोयल को पिछले साल जुलाई में ही राज्य का पुलिस प्रमुख बनाया गया था. अंतरिम आदेश के तहत उन्हें पुलिस महकमे में नागरिक सुरक्षा के महानिदेशक पद पर भेजा गया है. सूत्रों के अनुसार जल्द ही यूपी के नए डीजीपी की तैनाती की घोषणा की जाएगी.

जम्मू-कश्मीर में आतंकियों ने एक बार फिर कश्मीर पंडित को निशाना बनाया

12 MAY 22 जम्मू-कश्मीर (Himalayauk) जम्मू-कश्मीर में आतंकियों ने एक बार फिर कश्मीर पंडित को निशाना बनाया है. आतंकियों ने बडगाम के चाडूरा में तहसील ऑफिस में एक सरकारी कर्मचारी को गोली मारकर घायल कर दिया. जम्मू-कश्मीर पुलिस ने बताया कि राहुल भट्ट नाम के कर्मचारी पर आतंकियों ने दफ्तर में घुसकर फायरिंग की. घायल अवस्था में उन्हें श्रीनगर के एसएमएचएस अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी मौत हो गई. हमले की जिम्मेदारी जैश से संबंधित आतंकी संगठन कश्मीर टाइगर्स (टीआरएफ) ने ली है.  

जम्मू-कश्मीर में करीब 168 आतंकवादी सक्रिय हैं जबकि 75 आतंकवादी इस साल मुठभेड़ में मारे गए हैं. पुलिस के मुताबिक, मारे गए आतंकवादियों में 21 विदेशी थे. उन्होंने बताया कि वर्ष 2021 में सुरक्षाबलों ने 180 आतंकवादियों को मार गिराया था जिनमें से 18 विदेशी थे.

पुलिस के मुताबिक, हमले के बाद सुरक्षाबलों ने आतंकियों की तलाश के लिए ऑपरेशन शुरू कर दिया है. प्रारंभिक जांच से पता चला है कि हमले में 2 आतंकवादी शामिल हैं और उन्होंने इस अपराध के लिए पिस्तौल का इस्तेमाल किया है.

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने हमने की निंदा की है. उन्होंने कहा, ”मैं राहुल भट्ट पर जानलेवा आतंकवादी हमले की निंदा करता हूं. राहुल चदूरा में तहसील कार्यालय में कार्यरत एक सरकारी कर्मचारी थे जहां उन पर हमला किया गया. लक्षित हत्याएं जारी हैं और भय का वातावरण बढ़ रहा है. राहुल के परिवार के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना.”

जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ सुरक्षाबलों का लगातार ऑपरेशन चल रहा है. बुधवार को ही सुरक्षाबलों ने बांदीपोरा के सालिंदर के जंगलों में एक आतंकी को मार गिराया था. इससे पहले मंगलवार को सुरक्षाबलों ने अनंतनाग जिले के दूरू इलाके के क्रीरी में हुई एक मुठभेड़ में दो आतंकवादी को मार गिराया था. 

सीबीआई ने अपने ही चार इंस्पेक्टरों को बर्खास्त कर दिया

चंडीगढ़ (Himalayuk) आईटी कंपनी में फर्जी रेड डालकर 50 लाख रुपए मांगने के मामले में गिरफ्तार अपने ही चार इंस्पेक्टरों को सीबीआई ने गुरुवार को सेवा से बर्खास्त कर दिया। सीबीआई के चारों सीबीआई कर्मियों के खिलाफ चंडीगढ़ सीबीआई ऑफिस में फिरौती और अन्य धाराओं में केस दर्ज किया है। उन्हें आज देर दोपहर चंडीगढ़ में सीबीआई स्पेशल कोर्ट पेश किया गया। यहां चंडीगढ़ सीबीआई ने इनसे पूछताछ के लिए 4 दिनों का रिमांड मांगा। कोर्ट ने केस के तथ्यों को देखते हुए इनका 2 दिनों का रिमांड दिया है।

सीबीआई के चारों एसआई के खिलाफ चंडीगढ़ सीबीआई ऑफिस में फिरौती और अन्य धाराओं में केस दर्ज किया गया है। सीबीआई सूत्रों के अनुसार एफआईआर में नामजद सब-इंस्पेक्टरों में अंकुर गुप्ता, सुमित गुप्ता, राणा प्रदीप, और एक अन्य उपनिरीक्षक के खिलाफ सीबीआई ने जबरदस्ती वसूली व अन्य धाराओं के तहत केस दर्ज किया है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि सीबीआई के अधिकारियों ने अपने अफसरों की शिनाख्त के बाद गिरफ्तार किया गया है।

चंडीगढ़ आईटी पार्क में स्थित एक आईटी कंपनी पर मंगलवार रात ढाई बजे सर्चिंग के बहाने घुसे दिल्ली सीबीआई के 4 सब इंस्पेक्टरों पर 50 लाख रुपए की डिमांड करने का आरोप है। कंपनी के स्टॉफ से बहस होने पर मारपीट हो गई। इसके बाद फरार हुए दो एसआई वापस दिल्ली पहुंच गए जबकि 2 को पुलिस की पीसीआर पार्टी ने ट्रांसपोर्ट लाइट पॉइंट चौराहे से पकड़ा।चंडीगढ़ से भागकर 2 अफसरों ने दिल्ली में जॉइन भी कर लिया था। मामला उच्चाधिकारियों तक पहुंचने पर आरोपी अफसरों को सीबीआई ने अपनी कस्टडी में ले लिया है।

हले चारों अफसर अपनी पहचान छिपाते रहे। बाद में खुद को घिरता देख बताया कि सीबीआई दिल्ली से हैं। पुलिस ने कन्फर्म करने के लिए सेक्टर-30 स्थित सीबीआई ऑफिस से बात की। मौके पर पहुंचे सीबीआई अफसर दोनों एसआई के पहचान पत्र चेक कर इन्हें साथ ले गए।

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