सब्जी की दुकान में काम किया, कालेज में मेस चलाई, मंदिरों के बाहर बिंदी -चूड़ी बेचने का भी काम किया; बेहद मुफलिसी के दौर से गुजरे ब्राह्मण परिवार से आने वाले उत्तराखण्ड के इस संघर्षशील नेता की अनोखी दास्तां; चन्द्रशेखर जोशी

बचपन में पिता का साया सिर से उठ जाने के बाद ने एक छोटी सी सब्जी की दुकान में काम किया। कभी भी हिम्मत नहीं हारने वाले इस साहसी ने दुकानदारी करते हुए अपनी पढ़ाई पूरी की। पढ़ाई के दौरान वह काॅलेज में मेस चलाने का काम किया और पढ़ाई पूरी करने के लिए मंदिरों के बाहर बिंदी -चूड़ी बेचने का भी काम किया है।   अपनी मेहनत, लगन और आत्मविश्वास के बदौलत ही फिर स्वयं को एक लोकप्रिय वकील के तौर पर साबित किया, फिर राजनीति में भी हाथ अजमाया और फिर  कभी भी पीछे मूड कर नहीं देखा; अजय भट्ट फेम इंडिया–एशिया पोस्ट के श्रेष्ठ सांसद सर्वे की विलक्षण कैटेगरी में आज भी प्रथम स्थान पर विराजमान हैं।

चन्द्रशेखर जोशी मुख्य सम्पादक हिमालयायूके न्यूजपोर्टल एवं प्रिन्ट मीडिया- देहरादून एवं हरिद्वार से प्रकाशित- की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट

ब्राह्मण परिवार से आने वाले अजय भट्ट ने बेहद मुफलिसी का दौर भी देखा है।  अजय भट्ट का जन्म 01 मई, 1961 को अल्मोड़ा जिले के रानीखेत में हुआ। उनके पिता का नाम स्व. कमलापति भट्ट और मां का नाम तुलसी देवी भट्ट था। बचपन में ही पिता का साया उठने के कारण उनका जीवन काफी संघर्षपूर्ण रहा। शुरुआत से ही सामाजिक कार्यों से जुड़े रहे अजय भट्ट का बचपन से आरएसएस से और फिर विद्यार्थी जीवन में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़ाव रहा। अजय भट्ट 1980 में सक्रिय राजनीति से जुड़े।  राज्य निर्माण आंदोलन में अजय भट्ट की सक्रिय और अहम भूमिका देखने को मिली। डॉ. मुरली मनोहर जोशी के नेतृत्व में उत्तरांचल राज्य प्रगति हेतु अजय भट्ट ने अल्मोड़ा में गिरफ्तारी दी तथा अयोध्या राम मन्दिर निर्माण के लिए दो बार गिरफ्तार भी हुए। अजय भट्ट उत्तरांचल संघर्ष समिति के प्रमुख सदस्य भी रहे।

अजय भट्ट (जन्म 1 मई 1961) एक भारतीय राजनेता हैं जो वर्तमान में मोदी के दूसरे मंत्रालय में रक्षा मंत्रालय और पर्यटन मंत्रालय में राज्य मंत्री के रूप में कार्यरत हैं। वह नैनीताल-उधम सिंह नगर से सांसद भी हैं। वे उत्तराखंड में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष थे। उन्होंने 2017 में राज्य चुनावों से पहले उत्तराखंड विधानसभा में विपक्ष के नेता के रूप में कार्य किया है । उन्होंने एक मंत्री के रूप में उत्तराखंड सरकार में कई विभागों का कार्यभार संभाला । उन्हें उत्तराखंड के सबसे वरिष्ठ भाजपा नेताओं में से एक माना जाता है। उन्होंने रानीखेत विधानसभा से विधायक के रूप में भी कार्य किया है 

JULY 2021 में नैनीताल-उधमसिंहनगर के भाजपा सांसद अजय भट्ट को पीएम मोदी की कैबिनेट में जगह मिली, और विगत लोकसभा चुनाव में होली के आसपास उनके टिकट की घोषणा हुई थी। अजय भट्ट की शादी पुष्पा भट्ट से 28 फरवरी 1986 को हुई थी। दोनों का एक बेटा और तीन बेटियां हैं।

बचपन में पिता का साया सिर से उठ जाने के बाद भट्ट ने एक छोटी सी सब्जी की दुकान में काम किया। कभी भी हिम्मत नहीं हारने वाले भट्ट ने दुकानदारी करते हुए अपनी पढ़ाई पूरी की। जानकारी के मुताबिक, पढ़ाई के दौरान वह काॅलेज में मेस चलाने का काम भी करते थे। भट्ट ने पढ़ाई पूरी करने के लिए मंदिरों के बाहर बिंदी -चूड़ी बेचने का भी काम किया है।   अपनी मेहनत, लगन और आत्मविश्वास के बदौलत ही भट्ट ने अपने आप को एक लोकप्रिय वकील के तौर पर साबित किया।  सांसद अजय भट्ट ने पहली बार विद्यार्थी परिषद की सदस्यता 1980 में ली थी। पेशे से वकील भट्ट ने राजनीति में भी हाथ अजमाया और फिर भट्ट ने कभी भी पीछे मूड कर नहीं देखा।

अल्मोड़ा जिले के रानीखेत में 01 मई 1961  को जन्मे भट्ट को राजनीति का लंबा अनुभव है। वह उत्तराखंड भाजपा के प्रदेश प्रभारी भी रह चुके हैं। पार्टी के सभी गुटों के साथ तालमेल बनाकर उन्होंने भाजपा को उत्तराखंड में एक मजबूती भी दी। विधानसभा चुनाव में भी भट्ट ने अहम योगदान निभाया था। भाजपा कार्यकाल के दौरान उत्तराखंड सरकार में वह कई पदों पर रह चुके हैं। सांसद बनने से पहले भट्ट रानीखेत, अल्मोड़ा से विधायक भी रह चुके हैं। 

उत्तराखंड के नैनीताल-ऊधमसिंह नगर लोकसभा से सांसद अजय भट्ट भाजपा के बेहद वरिष्ठ और कर्मठ नेता हैं। 

रूस के हमलों के बीच यूक्रेन में फंसे अपने नागरिकों को वापस लाने के लिए केंद्र सरकार ऑपरेशन गंगा चला रही है।  इस दौरान केंद्रीय राज्य मंत्री अजय भट्ट ने आने वाले भारतीय नागरिकों का स्वागत किया।

उत्तराखंड के नैनीताल-उधमसिंहनगर से पहली बार भाजपा के सांसद रहे अजय भट्ट का जन्म 1 मई 1961 को अल्मोड़ा जिले के रानीखेत में हुआ था। बचपन मे ही पिता के निधन के बाद भट्ट ने एक सब्जी की दुकान पर काम किया। इस दौरान उन्होने अपनी पढ़ाई जारी रखी। एलएलबी कर एक वकालत के पेशे में आए। 1980 में उन्होने विद्यार्थी परिषद की सदस्यता ली। इसके बाद 1985 में भाजयुमो उत्तर प्रदेश कार्य समिति का सदस्य भी बने। भट्ट भाजयुमो रानीखेत और भिकियासैंण तहसील के संयोजक रहे। सांसद बनने से पहले अजय भट्ट रानीखेत, अल्मोड़ा से विधायक भी रह चुके हैं। वह तीन बार विधायकी के चुनाव में जीत चुके हैं।

अजय भट्ट पेशे से वकील हैं। उन्होनें कुमाऊं विश्वविद्यालय से बीए एलएलबी किया हुआ है। अजय भट्ट के परिवार (Ajay Bhatt Family) में पत्नी पुष्पा भट्ट, एक बेटा और तीन बेटियां है। 28 फरवरी 1986 में अजय भट्ट की शादी हुई थी। पुष्पा भट्ट भी वकील हैं। भट्ट की पत्नी (Ajay Bhatt Wife) जज रह चुकी हैं। फिलहाल नैनीताल हाईकार्ट में वकालत करती है। उनके बड़े भाई एक रिटायर्ड रेवेन्यू अफसर हैं। जानकारी के मुताबिक, पढ़ाई के दौरान वह काॅलेज में मेस चलाने का काम भी करते थे। भट्ट ने पढ़ाई पूरी करने के लिए मंदिरों के बाहर बिंदी -चूड़ी बेचने का भी काम किया है।

भट्ट को राजनीति का लंबा अनुभव है। तीन बार विधायक रह चुके भट्ट साल 2000 को उत्तरांचल बनने के बाद अंतरिम सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे थे। 2002 के चुनाव में रानीखेत से विधायक बनने के बाद साल 2007 में रानीखेत विधानसभा सीट से हार गए। हालांकि 2009 में जब निशंक सरकार बनी तो भट्ट एनआरएचएम के उपाध्यक्ष बनाए गए। वहीं 2012 में रानीखेत विधानसभा क्षेत्र से फिर विधायक का चुनाव लड़ा और जीत दर्ज कराई। इसके बाद साल 2012 में पार्टी ने उन्हें सदन में नेता विपक्ष बनाया।

स्वास्थ्य मंत्री के रूप में उन्होंने सरकारी डॉक्टरों की प्राइवेट प्रैक्टिस पर रोक लगाई।

भट्ट उत्तराखंड भाजपा के प्रदेश प्रभारी पद को भी संभाल चुके हैं। उत्तराखंड में भाजपा सरकार के दौरान अजय भट्ट कई पदों पर रह चुके हैं। 2017 विधानसभा चुनाव में अपने नेतृत्व में भट्ट ने तीन चौथाई से अधिक बहुमत के साथ बीजेपी को सत्ता तक पहुंचाने की सफलता पाई थी। साल 2019 में पहली बार नैनीताल उधमसिंह नगर लोकसभा सीट से संसदीय चुनाव लड़ा और सांसद बने।

भारतीय जनता पार्टी के नए प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट छात्र जीवन से ही भाजपा के लिए समर्पित रहे हैं, हालांकि उनका परिवार भी जनसंघ से जुड़ा हुआ था। श्री भट्ट ने पहली बार 1980 में विद्यार्थी परिषद की सदस्यता ली। 1985 में वह भाजपा अल्मोड़ा जिला कार्यसमिति के सदस्य बनाए गए। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। 2012 में उन्हें विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष का दायित्व मिला।

1985 में ही भट्ट को भाजयुमो उत्तर प्रदेश कार्य समिति का सदस्य भी बनाया गया। इसी साल वह भाजयुमो रानीखेत और भिकियासैंण तहसील के संयोजक बने। भाजपा अल्मोड़ा के जिला उपाध्यक्ष और जिला मंत्री रहे। उत्तरांचल प्रदेश संघर्ष समिति के सदस्य बनाए गए एकता यात्रा के दौरान वह अल्मोड़ा जिला की केसरिया वाहिनी के प्रमुख रहे। 1990 के बाद वह अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ संसदीय सीट के दो बार संयोजक भी बनाए गए। पार्टी के प्रति समर्पण भाव को देखते हुए पार्टी ने उन्हें 1996 में रानीखेत विधानसभा से टिकट दिया और वह विधायक चुने गए।

2000 में जब उत्तरांचल राज्य बना तो अंतरिम सरकार में वह कैबिनेट मंत्री रहे। 2002 में वह फिर रानीखेत से विधायक चुने गए। 2007 में उन्हें रानीखेत विधानसभा सीट से हार का मुंह देखना पड़ा। लेकिन पार्टी ने उनके कार्यों को देखते हुए पहले प्रदेश मंत्री फिर दो बार प्रदेश महामंत्री बनाया। 2009 में वह निशंक सरकार में एनआरएचएम के उपाध्यक्ष बने, 2012 में रानीखेत विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए, 19 मई 2012 को पार्टी ने उन्हें सदन में नेता विपक्ष बनाया। अब पार्टी हाईकमान ने उन्हें प्रदेश अध्यक्ष का दायित्व सौंपा है। वर्तमान में भट्ट सरकारी श्रमिक संघ कोऑपरेटिव ड्रग फैक्ट्री के अध्यक्ष भी हैं।  इससे पहले उत्तर प्रदेश विस में लोक लेखा समिति और सीपीए के सदस्य बने, उत्तर प्रदेश विधानसभा की विशेषाधिकारी समिति के सभापति भी बने। 

उत्तराखण्ड प्रदेश अध्यक्ष के रूप में अजय भट्ट ने बूथ स्तर तक पार्टी को मजबूत करने का कार्य किया था जिसका परिणाम यह रहा कि प्रदेश में भाजपा ने 57 सीटों पर परचम लहराकर सरकार बनाई थी

उन्होंने अपने उत्तर प्रदेश के विधायकी कार्यकाल में कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैण्ड, थाईलैण्ड एवं उत्तराखंड के विधायकी कार्यकाल में संयुक्त राज्य अमेरिका की विदेश यात्रा भी की है। अजय भट्ट में विषय की समझ और उसे गंभीरता से सदन पटल पर रखने की कला है। वह संसद में उत्तराखंड के सड़क, स्वास्थ्य, पेयजल, शिक्षा और पलायन से जुड़े जरूरी मुद्दों को मजबूती से उठाते हैं।

इन पदों की संभाल चुके हैं जिम्मेदारी:  
1996-2000 सदस्य, उत्तर प्रदेश विधान सभा
1996-2000 सदस्य, लोक लेखा समिति, उत्तर प्रदेश विधान सभा
1996-2000 सदस्य, सीपीए, उत्तर प्रदेश विधान सभा
1996-2000 अध्यक्ष, विशेषाधिकार समिति, उत्तर प्रदेश विधान सभा
2001-2002 कैबिनेट मंत्री, संसदीय कार्य, स्वास्थ्य, आपदा प्रबंधन,  उत्तराखंड सरकार
2002-2007 और 2012-2017 सदस्य, उत्तराखंड विधान सभा (दो कार्यकाल)
2009-2011 अध्यक्ष, एनआरएचएम, उत्तर प्रदेश विधान सभा
2012-2017 नेता प्रतिपक्ष, उत्तराखंड विधान सभा
मई, 2019 17वीं लोकसभा के लिए निर्वाचित
13 सितंबर 2019  सदस्य, रक्षा संबंधी स्थायी समिति और
सदस्य, सलाहकार समिति, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय
09 अक्टूबर 2019 से सदस्य, अधीनस्थ विधान संबंधी समिति
11 दिसंबर 2019 सदस्य, संयुक्त समिति व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक, 2019 
1 मई 2020 से सदस्य, प्राक्कलन समिति

Written by : Chandra Shekhar Joshi Editor; www.himalayauk.org (Leading Newsportal & Print Media) Mob. 9412932030 Mail; csjoshi_editor@yahoo.in & himalayauk@gmail.com : Office: Kundeshwari (Kashipur) & H.O: Banjarawala Dehradun

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