सीएम राहत कोष & पी.एम. केयर्स फंड हेतु सीएम को सौंपे गये चेक & Top News 27 April 20
27 April 20# Uttrakhand News (Himalayauk Bureau) # High Light#: प्रधानमंत्री जी द्वारा दिये गये मंत्र ’जान भी जहान भी’ पर काम कर रहे हैं मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत :सीएम राहत कोष & पी.एम. केयर्स फंड हेतु सीएम को सौंपे गये चेक डाउन अवधि में देहरादून जनपद में जो भी निर्माण कार्य प्रारम्भ हुए हैं को सम्बन्धित निर्माणदायी/कार्यदायी संस्थाएं दिन के साथ-साथ रात में भी सम्पादित कर सकती हैं# DEHRADUN जनपद में बनाये गये 16 राहत शिविरों में ठहरे 427 व्यक्तियों का चिकित्सकों एवं परामर्शदाताओं द्वारा स्वास्थ्य परीक्षण उपरान्त कांउसिलिंग प्रदान :चमोली नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में दुकाने खोलने एवं लाॅकडाउन का कडाई से अनुपालन : :हेमंत कनोरिया ने माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को एक पत्र के माध्यम से हेल्थकेयर इकोसिस्टम को सहयोग देने के लिये उपाय सुझाये # राज्य में इस महामारी से पीड़ितों की संख्या बढ़कर 51 # अल्मोड़ा के पर्यटन अधिकारी राहुल चौबे ने कहा कि कसारदेवी क्षेत्र में ही 70 से अधिक विदेशी अब भी रुके हुए हैं. इससे पहले जिन विदेशियों ने अपने देश जाने की इच्छा जताई उन्हें भेज दिया गया है. कुछ होमस्टे मालिकों ने अपनी पर्यटक पंजीकरण पंजिका में भी पर्यटकों को नहीं दर्शाया है.
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प्रधानमंत्री जी द्वारा दिये गये मंत्र ’जान भी जहान भी’ पर काम कर रहे हैं ; मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत
मुख्यमंत्री
श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की अध्यक्षता
में आयोजित मुख्यमंत्रियों की वीडियो कांफ्रेंसिग में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के समय पर लिए गए साहसिक निर्णय से देश आज
खुद को सुरक्षित महसूस कर रहा है। हर भारतवासी प्रधानमंत्री जी को अपने अभिभावक के
तौर पर देख रहा है। उत्तराखंड में कोरोना वायरस के संक्रमण की स्थिति की जानकारी
देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अब हम प्रधानमंत्री जी द्वारा दिये गये मंत्र ’जान भी जहान भी’ पर काम कर रहे हैं। भारत सरकार की गाइडलाइन का सख्ती से पालन करते हुए
धीरे-धीरे आर्थिक स्थिति को सुधारने पर काम कर रहे हैं। फार्मा, फूड प्रोसेसिंग की इकाइयां काम कर रही हैं।
गाइडलाइन के तहत कई उद्योग शुरू हुए हैं।
मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि अक्षय तृतीया पर शारीरिक दूरी बनाए रखते
हुए गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट खोले गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड, पर्यटन विशेष तौर पर धार्मिक पर्यटन का केन्द्र
रहा है। लाकडाऊन के कारण पर्यटन में नुकसान हुआ है परंतु पूरा विश्वास है कि
प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में प्रदेश में स्थितियां फिर सुधरेंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी मेडिकल मानकों का पालन करते हुए यह देखना
चाहिए कि किन किन और आर्थिक गतिविधियों को शुरू किया जा सकता है। निर्धारित
शारीरिक दूरी और मास्क की अनिवार्यता के साथ कृषि, वानिकी, स्वरोजगार के माध्यम
से धीरे-धीरे चरणबद्ध तरीके से स्थिति सामान्य हो सकती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के 9 पर्वतीय जिले जो कि कोरोना के प्रभाव से मुक्त हैं, वहां एनएच, मनरेगा के काम, सभी बातों का ध्यान
रखते हुए शुरू किए गए हैं। प्रदेश के इकोनोमिक रिवाइवल के लिए, मंत्रिमण्डलीय उपसमिति और विशेषज्ञों की एक समिति
बनाई गई है, जिनकी रिपोर्ट जल्द
ही मिल जाएगी।
मुख्यमंत्री ने यह भी सुझाव दिया कि मनरेगा में रोजगार की अवधि को 100 दिन से बढ़ाकर 150 दिन किया जाए।
सीएम राहत कोष & पी.एम. केयर्स फंड हेतु सीएम को सौंपे गये चेक
कोविड-19 के दृष्टिगत मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को मुख्यमंत्री राहत कोष हेतु श्री ओम प्रकाश, अपर मुख्य सचिव, उत्तराखण्ड शासन एवं अध्यक्ष, ब्रिडकुल, उत्तराखण्ड द्वारा रू 35,00,000/- (पैंतीस लाख ) की धनराशि का चेक सौंपा, इससे पूर्व भी श्री ओम प्रकाश, अपर मुख्य सचिव, उत्तराखण्ड शासन एवं अध्यक्ष, ब्रिडकुल, उत्तराखण्ड द्वारा 15,00,000/- (पन्द्रह लाख) मुख्यमंत्री राहत कोष हेतु प्रदान किए थे।
इसके साथ ही डोईवाला विधान सभा के बालावाला मण्डल के सम्मानित दानदाताओं द्वारा रू, 7,62,028/- (सात लाख बासठ हजार अठ्ठाईस), श्री सुधीर विंडलास, विंडलास इंजीनियर्स एण्ड सर्विस प्राईवेट लि0, नकरौंदा देहरादून द्वारा रू 5,00,000/- (पाँच लाख), अधिशासी अधिकारी, नगर पालिका परिषद मुनिकीरेती, ढालवाला टिहरी गढवाल द्वारा रू 3,00,000/- (तीन लाख), ब्रि. सी.बी. थापा अध्यक्ष 11, किरांती समिति, देहरादून द्वारा रू 1,41,000/- (एक लाख इकतालीस हजार), श्री एच. गोयल, टिहरी आयरन एण्ड स्टील इंडस्ट्री, ऋषिकेश द्वारा रू 1,00,000/- (एक लाख), श्री सी०एम० नैथानी, नैथानी कालोनी वेलफेयर एसो, बड़ोवाला देहरादून (द्वारा श्री सहदेव सिंह पुंडीर, मा0 विधायक) रू 1,00,000/- (एक लाख), बैंक ऑफ महाराष्ट्रा, देहरादून द्वारा रू 1,00,000/- (एक लाख), डॉ0 बी0 एस0 भण्डारी, मेडिकल व्यवसायी वेलफेयर एसोसिएशन ऑफ इलेक्ट्रो होम्योपैथी देहरादून रू 1,00,000/- (एक लाख), श्री राजपाल सिंह रावत निवासी ग्राम व पो0 हर्रावाला, देहरादून द्वारा रू 51,000/-( इक्यावन हजार ), श्री शमशेर सिंह बिष्ट, अध्यक्ष ( PBOR ) पर्व सैनिक वेलफेयर एसोसिएशन, श्री देव सुमन नगर, बल्लुपुर रोड देहरादून द्वारा रू 51,000 ( इक्यावन हजार ),
श्री दरियाव सिंह तोमर, प्रदेश महासचिव, उत्तराखण्ड जाट महासभा, डालनवाला देहरादून द्वारा रू 51,000/- (इक्यावन हजार ), श्रीमती सुनीता नेगी पत्नी श्री दिग्पाल सिंह नेगी (द्वारा श्री सहदेव सिंह पुंडीर मा० विधायक) ने रू 51,000/- (इक्यावन हजार ), श्री महेश शाही, ज्वाला देवी कीर्तन मण्डली, गढ़ी कैन्ट देहरादून द्वारा रू 31,000/- ( ईकतीस हजार ), श्री टी0डी0 भूटिया अध्यक्ष गोरखा कल्याण परिषद, 950 संगम विहार डाकरा गढ़ी कैंट देहरादून द्वारा रू 25,000/- (पच्चीस हजार ), श्री राकेश कुमार डोभाल, 76 सरस्वती सोनी मार्ग, लक्ष्मण चौक, देहरादून द्वारा रू 21,000/- (इक्कीस हजार ) की धनराशि के चेक सौंपे एवं डोईवाला विधान सभा के बालावाला मण्डल के सम्मानित दानदाताओं द्वारा रू 50,000 /- ( पचास हजार ) की धनराशि का चेक पी.एम. केयर्स फंड हेतु सौंपा गया।
देहरादून 27 अप्रैल, 2020 (सू.ब्यूरो) मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से इंजीनियर्स एनक्लेव निवासी कल्याण संगठन के पदाधिकारियों ने सोमवार को संगठन के अध्यक्ष श्री कुलदीप सिंह असवाल के नेतृत्व में भेंट की, उन्होंने कोविड-19 के दृष्टिगत 2.50 लाख का चेक मुख्यमंत्री को भेंट किया। उन्होंने अवगत कराया कि उनके द्वारा प्रतिदिन 100 पैकेट भोजन, बिस्कुट जरूरतमंदों को उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
इसके साथ ही उद्यमी श्री सुमित अदलखा, डालनवाला ने भी मुख्यमंत्री से भेंट कर उन्हें मुख्यमंत्री राहत कोष हेतु 1 लाख रुपए की धनराशि का चेक भेंट किया ।
इसी प्रकार श्री विक्रांत त्यागी, रुड़की द्वारा भी मुख्यमंत्री को राहत कोष हेतु 11,000 (रू ग्यारह हजार) का चेक भेंट किया गया।
डाउन अवधि में देहरादून जनपद में जो भी निर्माण कार्य प्रारम्भ हुए हैं को सम्बन्धित निर्माणदायी/कार्यदायी संस्थाएं दिन के साथ-साथ रात में भी सम्पादित कर सकती हैं
देहरादून दिनांक 27 अप्रैल 2020 (जि.सू.का), जिलाधिकारी डाॅ आशीष कुमार श्रीवास्तव ने अवगत कराया है लाॅक डाउन अवधि में जनपद में जो भी निर्माण कार्य प्रारम्भ हुए हैं को सम्बन्धित निर्माणदायी/कार्यदायी संस्थाएं दिन के साथ-साथ रात में भी सम्पादित कर सकती हैं ताकि निर्माण कार्य समयान्तर्गत पूर्ण किये जा सकें। जिलाधिकारी ने बताया कि जनपद में अवैध स्लाटर हाउस चलाये जाने की शिकायतों प्राप्त होने पर जांच की जायेगी यदि अवैध स्लाटर हाउस संचालित होते हुए पाये जाते हैं तो सम्बन्धित के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी।
कोविड-19 के संक्रमण के दृष्टिगत जिला आपदा परिचालन केन्द्र देहरादून में जन सहायता हेतु स्थापित कन्ट्रोलरूम में कुल 32 काॅल प्राप्त हुई हैं, जिसमें, ई-पास हेतु 14, भोजन के लिए 1, राशन हेतु 16 एवं मेडिकल सहायता हेतु 1 काॅल प्राप्त हुई। जनपद में आज विभिन्न उद्योग गतिविधियों हेतु 6 औद्योगिक प्रतिष्ठानों तथा विभिन्न औद्योगिक इकाईयों के कुल 866 कार्मिकों को पास निर्गत किये गये हैं।
जनपद में मनरेगा कार्याें के अन्तर्गत आतिथि तक 355 निर्माण कार्य प्रारम्भ किये गये, जिनमें 2859 श्रमिकों को सैनिटाईजेशन एवं सामाजिक दूरी का अनुपालन करवाते हुए उक्त कार्य में योजित कर रोजगार उपलब्ध कराया गया। कोराना वायरस संक्रमण की रोकथाम के दृष्टिगत 91 व्यक्तियों/कार्मिकों को प्रशिक्षण दिया गया जिसमें, विधानसभा एवं पी.ए.सी के कार्मिकों सहित मिलन पैलेस हबर्टपुर में बनाये गये राहत शिविर में ठहराये गये व्यक्तियों को जिला होम्योपैथिक अधिकारी डाॅ जे.एल फिर्मल द्वारा प्रशिक्षण दिया गया। प्रधानमंत्री जनधन खाताधारकों द्वारा जनपद में विभिन्न बैंकों से 1650 लाभार्थियों द्वारा अपने जनधन खाते से धनराशि की निकासी की गयी। आज मोबाईल एटीएम वैन लक्खीबाग क्षेत्र में जनसुविधा हेतु उपलब्ध रही।
‘‘दून हैप्पी मील्स’’ में श्री अनमोल टूर एण्ड ट्रेवल्स शिमला बाईपास द्वारा 10 अन्नपूर्णा किट एवं श्री गौरव कुमार डिंग्या, निकट ट्रांजिस्ट हाॅस्टल द्वारा 50 भोजन के पकैट उपलब्ध कराये गये । जिला प्रशासन की टीम द्वारा स्वयं सेवी संस्थाओं के सहयोग से जनपद अन्तर्गत विकासखण्ड चकराता, विकासनगर, सहसपुर, रायपुर व डोईवाला एवं तहसील सदर में कुल 2434 निराश्रित पशुओं जिसमें 1717 श्वान, 657 गौवंश एवं 60 अन्य पशुओं को चारा व पशु आहार उपलब्ध कराया गया। जिला प्रशासन की टीम द्वारा विभिन्न सामाजिक संस्थाओं एवं व्यक्तियों के सहयोग से जनपद के विभिन्न स्थानों पर 1490 अन्नपूर्णा राशन किट वितरित की गयी तहसील सदर में 87, तहसील मसूरी में 100, थाना नेहरू कालोनी में 400, थाना रायपुर में 250, थाना प्रेमनगर में 353, थाना डालनवाला में 150, थाना राजपुर में 150 अन्नपूर्णा किट वितरित किये गये। जिला प्रशासन द्वारा आतिथि तक 999 पीपीई किट, 230 फेश सिल्ड, 300 गलब्स, 7000 मास्क, लगभग 761 ली0 सेनिटाइजर का वितरण कोरोना संक्रमण की रोकथाम एवं विभिन्न दायित्वों का निर्वहन कर रहे तहसीलों एवं विभिन्न विभागों के कार्मिकों सहित आम जनमानस को किया
जनपद के प्रेमनगर क्षेत्र में 2 सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानों के माध्यम से प्रति पैकेट रू0 50 की दर से 500 पैकेट विक्रय किया गया। इसी क्रम में जनपद के विभिन्न चयनित स्थानों पर प्रशासन द्वारा अधिकृत 23 मोबाईल वैन के माध्यम से सस्ते दरों पर 116.30 क्विंटल फल-सब्जियों का विक्रय किया गया। जिला पूर्ति विभाग द्वारा भगत सिहं कोलोनी में 38, मुस्लिम कालोनी, लक्खीबाग में 06, तथा आजाद कालोनी में 28 गैस सिलेण्डर वितरित किये गये। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के अन्तर्गत भगत सिंह कालोनी में 669, लक्खीबाग क्षेत्र में 629, आजाद कालोनी में 932 तथा कारगीग्रान्ट में 792 उपभोक्ताओं को खाद्यान उपलब्ध कराया गया। दुग्ध विकास विभाग द्वारा भगत सिंह कालोनी, लक्खीबाग, कारगीग्रान्ट एवं आजाद कालोनी में 1170 ली0 दूध विक्रय किया गया।
जिलाधिकारी ने अवगत कराया है कि आज विभिन्न स्वंयसेवी संस्थाओं ने जिला प्रशासन को सहयोग प्रदान करते हुए भोजन पैकेट उपलब्ध कराये, जिसमें मुख्यतः राधास्वामी सत्संग व्यास, गीता भवन, लोकायुक्त कार्यालय देहरादून, गुरूद्वारा श्री गुरू अंगद देव जी कांवली रोड, पृथ्वीनाथ महादेव मंदिर समिति झण्डाबाजार, दून यूनिवर्सिटी, केतन आनन्द, रोशनी जन सेवा संस्थान डी.एल रोड चैक देहरादून, महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास परियोजना कार्यालय देहरादून, सत्य सांई सेवा संस्थान, ई-नेट सोल्यूशन ट्रांस्पोर्टनगर देहरादून, शिल्पा प्रोडक्शन,, ग्लोबल गाॅडमदर फाउंडेशन राजपुर रोड, गोयल स्वीट शाॅप, अग्रवाल चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा भोजन के पैकेट उपलब्ध कराये गये। जनपद सदर क्षेत्रान्तर्गत कुल 6160 व्यक्तियों को भोजन के पैकेट वितरित किये गये जिनमें, 1 वरिष्ठ नागरिक एवं 40 विद्यार्थी, थाना पटेलनगर में 1000, दीपनगर में 1000, चकशाहनगर में 1000, इन्दिरा नगर चैकी में 200, आईटी पार्क में 80, आराघर चैकी में 300, कौलागढ में 4, घंटाघर में 40, किशननगर में 10, पटेलनगर चैकी में 350, धारा चैकी में 750, कारगी काली मन्दिर में 150, बंजारावाला में 130, नवादा में 53, बाईपास चैकी में 150, चन्द्रबनी में 122, चैयला में 90, गौतमकुण्ड में 80, मच्छी बाजार में 10, नगर निगम 250, कांवली बस्ती में 100, ट्रांस्पोर्ट नगर में 250, व्यक्तियों को भोजन के पैकेट वितरित किये गये।
लाक डाउन अवधि में सिविल सोसायटी व शासकीय विभागों द्वारा किये गये उत्कृष्ट कार्यों के दृष्टिगत आज के कोरोना वाॅरियर- कोरोना वाॅरियर (सिविल सोसायटी से) श्री चन्द्र स्वामी जी सीकर्स ट्रस्ट साधना केन्द्र आश्रम, डूमेट-विकासनगर, देहरादून लाक डाउन अवधि में निर्धन व्यक्तियों को राशन उपलब्ध करवाकर जिला प्रशासन को सहयोग प्रदान कर रहे हैं।
कोरोना वाॅरियर (शासकीय विभाग से)
श्री मऩीष कुमार,
वाहन चालक, पी.आर.डी. स्वयंसेवक, देहरादून
लाॅक डाउन अवधि में निरन्तर जांच हेतु सैंपल हल्द्वानी ले जाने का कार्य कर रहे हैं।
कोरोना वाॅरियर
श्री बी.एस पोखरियाल,
अधिशासी अभियंता, अनुसंधान एवं नियोजन खण्ड, यमुना कालोनी, सिंचाई विभाग देहरादून
माननीय मुख्यमंत्री राहत कोष में 1,86,016.00 रू0 धनराशि सहायता स्वरूप प्रदान की गयी।
DEHRADUN जनपद में बनाये गये 16 राहत शिविरों में ठहरे 427 व्यक्तियों का चिकित्सकों एवं परामर्शदाताओं द्वारा स्वास्थ्य परीक्षण उपरान्त कांउसिलिंग प्रदान
देहरादून दिनांक 27 अप्रैल 2020 (जि.सू.का), जिलाधिकारी डाॅ आशीष कुमार श्रीवास्तव द्वारा दिये गये निर्देशों के अनुपालन में कोरोना वायरस संक्रमण के दृष्टिगत लाॅक डाउन अवधि के दौरान जनपद में बनाये गये 16 राहत शिविरों में ठहरे 427 व्यक्तियों का चिकित्सकों एवं परामर्शदाताओं द्वारा स्वास्थ्य परीक्षण उपरान्त कांउसिलिंग प्रदान की गयी। कोरोना वायरस संक्रमण के दृष्टिगत दिहाड़ी/मजदूरी करने आये 49 श्रमिकों जिन्हे त्रिशाला जैन धर्मशाला विकासनगर में बनाये गये राहत शिविर में ठहराया गया है, की साईकेट्रिक सपोर्ट टीम द्वारा रिवाइस्ड कांउसिलिंग की गयी। आज कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम हेतु नियुक्त विभिन्न कार्मिकों को संक्रमण से सुरक्षा के दृष्टिगत 49 एन-95 मास्क, 753 ट्रिपल लेयर मास्क, 28 पी.पी.ई किट, 52 वीटीएम वाईल तथा 106 सेनिटाइजर उपलब्ध कराये गये।
कोरोना वायरस संक्रमण के संदिग्ध व्यक्तियों हेतु दैनिक सर्विलांस के आधार पर शिक्षकों, आशा कार्यकर्तियों एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्तियों द्वारा अब तक कुल 385226 व्यक्तियों की सामुदायिक निगरानी का कार्य किया गया तथा उक्त व्यक्तियों में से पुनः आज 203923 व्यक्तियों की सामुदायिक निगरानी ( Community Surveillance) का कार्य किया गया एवं निगरानी के दौरान 4 व्यक्तियों में खांसी, जुकाम एवं बुखार आदि लक्षमण पाये जाने पर मेडिकल टीम को सन्दर्भित किया गया। इसी क्रम में आज 43 टीमों द्वारा दूरभाष के माध्यम से 255 व्यक्तियों से सम्पर्क कर सामुदायिक निगरानी का कार्य किया गया। आज कोरोना वायरस संक्रमण के दृष्टिगत संदिग्ध 87 व्यक्तियों के सैंपल जांच हेतु भेजे गये हैं तथा 67 सैम्पल प्राप्त हुए जिनमें 1 व्यक्ति की रिपोर्ट पाजिटिव प्राप्त होने के फलस्वरूप जनपद में कोरोना पाजिटिव की संख्या 28 हो गयी है, जिनमें 14 व्यक्ति स्वस्थ हो गये हैं तथा वर्तमान में 14 व्यक्ति उपचाररत् हैं।
कोरोना वायरस संक्रमण कोविड-19 की रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु समस्त मेडिकल स्टोर पर बिना चिकित्सक के परामर्श की पर्ची के सर्दी, खांसी व जुकाम की दवाईयों का विक्रय प्रतिबन्धित किये जाने के उपरान्त समस्त मेडिकल स्टोर स्वामियों द्वारा जनपद में कुल 124 व्यक्तियों को चिकित्सकीय पर्ची के आधार पर सर्दी, खांसी व जुकाम की दवाईयां विक्रय की गयी।
चमोली नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में दुकाने खोलने एवं लाॅकडाउन का कडाई से अनुपालन
जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में दुकानें खोलने के लिए 26 अप्रैल को जारी आदेश में आंशिक संशोधन कर नया आदेश जारी किया है। जनपद के नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों की दुकाने खोलने का समय अब प्रातः 7ः00 से अपराह्न 1ः00 बजे तक ही निर्धारित किया गया है। शेष प्रतिबंध एवं आदेशों को यथावत रखा गया है।
चमोली 27 अप्रैल,2020 (सू0वि0)
जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने सोमवार को जिले के वरिष्ठ
अधिकारियों की बैठक ली। उन्होंने निर्धारित गाइडलाईन के अनुसार नगरीय एवं ग्रामीण
क्षेत्रों में दुकाने खोलने एवं लाॅकडाउन का कडाई से अनुपालन सुनिश्चित करने पर
जोर दिया। कहा कि आवश्यक वस्तुओं की दुकानों पर अनावश्यक भीड भाड न हो इसका विशेष
ध्यान रखा जाए। इस दौरान जिले में मौजूदा चिकित्सा सुविधाएं, आवश्यक वस्तुओं की
आपूर्ति एवं उपलब्ध स्टाॅक की समीक्षा भी की गई।
लाॅकडाउन में दी जा रही छूट के दौरान जिलाधिकारी ने सभी दुकानदारों से निर्धारित गाइडलाइन का अनुपालन सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए। दुकानदारों को अनिवार्य रूप से मास्क पहनने, 50 प्रतिशत कार्मिकों के साथ ही कार्य करने तथा अपनी दुकानों के आगे निर्धारित दूरी पर सर्कल बनाकर सोसियल डिस्टेसिंग का पालन करने को कहा। उन्होंने निर्देश दिए कि दुकानों में खरीददारी के दौरान सोसियल डिस्टेंसिंग की पूरी जिम्मेदारी संबधित दुकानदार की होगी। यदि किसी दुकान के आगे सर्कल नही बने है और सोसियल डिस्टेसिंग नही पाई गई तो संबधित दुकानदार के खिलाफ कार्यवाही भी की जाएगी। इस दौरान जिलाधिकारी ने होम क्वारेन्टीन तथा फेसलिटी क्वारेन्टाइन में चल रहे लोगों की जानकारी लेते हुए मौजूदा स्वास्थ्य सुविधाओं की समीक्षा भी की। बैठक में पुलिस अधीक्षक यशवंत सिंह चैहान, एडीएम एमएस बर्निया, सीएओ डा0 केके सिंह, एसीएमओ डा0 एमएस खाती उपस्थित थे।
चमोली अवैध शराब बनाने और बेचने वालों को धर दबोचा
चमोली 27 अप्रैल,2020 (सू0वि0)
रविवार को आबकारी टीम ने मैठाणा गांव में दबिश देकर अवैध शराब बनाने और बेचने वालों को धर दबोचा। छापेमारी में 40 लीटर कच्ची शराब और 300 किलो लहन बरामद किया गया। लहन को आबाकारी टीम ने मौके पर ही नष्ट किया। अवैध शराब बनाने के कारोबार में लिप्त अभियुक्त विजय सिंह तथा भूपाल सिंह पर धारा-60 के अन्तर्गत अभियोग दर्ज किया गया है।
जिले में अवैध शराब के खिलाफ छापेमारी जारी है। जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया के निर्देशों पर पुलिस, राजस्व एवं आबकारी टीम इन दिनों लगातार जिले में सघन छापेमारी कर रही है और अवैध शराब बनाने और बेचने वालों को धर दबोच रही है। आरोपियों के खिलाफ लाॅकडाउन का उल्लंघन करने एवं आबकारी एक्ट के तहत मामला भी दर्ज किया जा रहा है।
आबकारी अधिकारी दीपाली शाह ने बताया कि आबकारी टीम गांव कस्बों में सघन छापेमारी कर रही है। अभी तक टीम ने कालेश्वर, नन्दप्रयाग, जोशीमठ, गैरसैंण, मैठाणा आदि विभिन्न स्थानों पर छापेमारी की है। इससे पहले जोशीमठ और गैरसंैण में भी अवैध कच्ची शराब बनाने वालों को पकडा गया और उनके खिलाफ अभियोग दर्ज किया जा चुका है। आगे भी अवैध शराब के खिलाफ छापेमारी जारी रहेगी। छापेमारी टीम में आबकारी निरीक्षक महेन्द्र चैहान, आबकारी सिपाही रवेन्द्र सिंह नेगी, सत्येन्द्र वत्र्वाल, किरन व रघुवीर नेगी शामिल थे।
हेमंत कनोरिया ने माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को एक पत्र के माध्यम से हेल्थकेयर इकोसिस्टम को सहयोग देने के लिये निम्नलिखित उपाय सुझाये हैं।
देहरादून-27 अप्रैल 2020- हम सभी कोविड-19 संकट का सामना कर रहे हैं और श्रेई इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस लिमिटेड के चेयरमैन हेमंत कनोरिया ने माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को एक पत्र के माध्यम से हेल्थकेयर इकोसिस्टम को सहयोग देने के लिये निम्नलिखित उपाय सुझाये हैं।
इसकी तुरंत आवश्यकता है कि 1. मौजूदा अस्पताल और स्वास्थ्यरक्षा सुविधाएं दिवालिया न हों। 2. अस्पतालों, नर्सिंग होम्स, स्वास्थ्यरक्षा केन्द्रों, जाँच केन्द्रों, आदि की संख्या को टेली-मेडिसिन की पहुँच और प्रशिक्षण सुविधाओं को बढ़ाने के लिये आवश्यक क्षमता और अवसंरचना निर्मित करने हेतु बढ़ाया जाए।
इसके अलावा घरेलू मांग और पड़ोसी देशों की मांग की पूर्ति में मेडिकल उपकरण के लिये ‘मेक इन इंडिया’ अभियान भी उपयोगी होगा। इस प्रकार, इस सेक्टर को एक लक्षित प्रोत्साहन पैकेज चाहिये, जिसमें निम्नलिखित को कवर किया गया होः
– लॉकडाउन के कारण नगदी के प्रवाह में बाधा के चलते लोन चुकाने में कठिनाई का अनुभव करने वाले सभी मौजूदा स्वास्थ्यरक्षा संस्थाओं (अस्पताल, नर्सिंग होम, जाँच केन्द्र, स्वास्थ्यरक्षा प्रशिक्षण केन्द्र, आदि) के लिये बैंकों, एनबीएफसी और एफआई को भविष्य में नगदी के प्रवाह और कोलेटरल के आधार पर ऐसे लोन की पुनःसंरचना करनी चाहिये और संपत्तियों का वर्गीकरण ‘मानक संपत्तियों’ के रूप में करना चाहिये
– बैंकों, एनबीएफसी और एफआई को स्वास्थ्यरक्षा सुविधाओं के लिये अपने लोन का वर्गीकरण ‘प्राथमिकता क्षेत्र ऋण’ के तौर पर करने का निर्देश देना चाहिये
– बैंकों, एनबीएफसी और एफआई को अगले 30 दिनों के भीतर स्वास्थ्यरक्षा संस्थाओं को अतिरिक्त कार्यगत पूंजी और टर्म लोन सुविधाएं प्रदान करने का निर्देश दिया जाना चाहिये
– कॉर्पोरेट्स द्वारा अस्पतालों में किये गये किसी भी निवेश या योगदान को कंपनी एक्ट के सेक्शन 135 के अंतर्गत कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) व्यय माना जाना चाहिये और सभी कंपनियों को इस क्लॉज के अंतर्गत अस्पतालों में अधिकतम सीमा तक योगदान देने के लिये प्रोत्साहित करना चाहिये
– बैंकों, एनबीएफसी और एफआई को कंपनी एक्ट के सेक्शन 135 के अंतर्गत अपने लोन को सीएसआर योगदान में बदलने की अनुमति दें
– केन्द्र और राज्य सरकारों को अस्पतालों और जाँच केन्द्रों के लिये विभिन्न सरकारी स्वास्थ्य योजनाओं में बकाया सारा भुगतान पूर्वसक्रिय तरीके से देना चाहिये। इससे अत्यावश्यक लिक्विडिटी मिलेगी, जो उन्हें इस महामारी से लड़ने में मदद करेगी
– चिकित्सा उपकरणों पर लगने वाले जीएसटी की दर 12 प्रतिशत से घटाकर तत्काल 5 प्रतिशत करनी चाहिये
– इस महामारी से लड़ने के लिये आवश्यक चिकित्सा उपकरणों (जैसे वेंटिलैटर, मॉनिटर, परीक्षण मशीनें, आदि) पर इम्पोर्ट ड्यूटी को अगले 6 माह तक शून्य रखना चाहिये, ताकि अवसंरचना में तेजी से बढ़त हो
राज्य में इस महामारी से पीड़ितों की संख्या बढ़कर 51
ऋषिकेश (Rishikesh) स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स AIIMS) के एक स्वास्थ्यकर्मी सहित उत्तराखंड (Uttarakhand) में तीन और मरीजों में कोविड-19 (COVID-19) के संक्रमण की पुष्टि हुई है. इससे राज्य में इस महामारी से पीड़ितों की संख्या बढ़कर 51 हो गई है. राज्य सरकार के हेल्थ बुलेटिन के अनुसार, कोविड-19 के दोनों नए मामले देहरादून जिले के हैं.
राज्य में कोरोना मरीजों के ठीक होने की रफ्तार लगातार बढ़ रही है। सोमवार को राज्य के अलग अलग अस्पतालों से कोरोना के पांच और मरीज ठीक होकर डिस्चार्ज कर दिए गए। इसमें से तीन देहरादून जनपद जबकि दो हरिद्वार के मरीज शामिल है। सेना अस्पताल में भर्ती सेना की डॉक्टर भी उपचार के बाद कोरोना वायरस लोड से मुक्त हो गई हैं और उसे डिस्चार्ज किया जा रहा है।
सोमवार को पांच कोरोना मरीजों के ठीक होने के बाद राज्य में अभी तक ठीक हुए कुल कोरोना मरीजों की संख्या 33 पहुंच गई है। अपर सचिव स्वास्थ्य युगल किशोर पंत ने बताया कि राज्य में कोरोनो मरीजों के ठीक होने की दर 64.7 प्रतिशत पहुंच गई है। राहत की बात यह भी है कि राज्य में कोरोना की वजह से किसी भी मरीज की मौत नहीं हुई है और किसी मरीज में कोरोना के गंभीर लक्षण भी दिखाई नहीं दिए हैं।
अभी तक राज्य के किसी कोरोना मरीज को वेंटीलेटर या आईसीयू सुविधाओं की भी जरूरत नहीं पड़ी है। राज्य में कोरोना मरीजों के पॉजीटिव आने की दर भी महज 1.03 प्रतिशत है जो देश व कई अन्य राज्यों की तुलना में खासी कम है। कोरोना मरीजों का रिकवरी रेट भी राज्य में राष्ट्रीय औसत से तकरीबन तीन गुना अधिक है।
उत्तराखंड के लिए एक अच्छी खबर यह भी है कि राज्य में कोरोना से अभी तक किसी भी मरीज की मौत नहीं हुई है। विगत दिनों दून अस्पताल के आईसीयू में भर्ती जिन दो मरीजों की मौत हुई उन दोनों के सैंपल कोरोना नेगेटिव आए हैं। ऐसे में अभी तक राज्य में किसी भी मरीज की मौत कोरोना की वजह से नहीं हुई है।विभागीय अधिकारियों का कहना है कि संक्रमित मरीजों को हर संभव बेहतर इलाज मुहैया करवाया जा रहा है जिसकी वजह से वह वायरस को मात दे रहे हैं।
कोरोना वायरस का एक मरीज़ एम्स ऋषिकेश के यूरोलॉजी विभाग के ओपीडी में काम करने वाला नर्सिंग अधिकारी हैं. उन्हें 24 अप्रैल को कोरोना वायरस संक्रमण के लक्षण महसूस हुए थे. एम्स के डीन यूबी मिश्रा ने बताया कि नर्सिंग अधिकारी के संपर्क में रहे वार्ड के सभी कर्मियों और मरीजों के नमूने जांच के लिए भेज दिए गए हैं और सभी को पृथक-वास में रख दिया गया है. उन्होंने बताया कि वार्ड में नए मरीजों की भर्ती भी बंद कर दी गयी है. ऐसा माना जा रहा है कि नर्सिंग अधिकारी को यह बीमारी किसी एसिम्पटोमेटिक (लक्षणविहीन) कोरोना संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से हुई है. मिश्रा ने बताया कि नर्सिंग अधिकारी आइडीपीएल परिसर के पास स्थित बापू ग्राम की बीस बीघा कालोनी की गली नम्बर तीन में किराए के मकान में रहते थे. देहरादून के पुलिस अधीक्षक (देहात) प्रमेंद्र डोबाल ने बताया कि संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए लोगों का गहनता से पता लगाया जा रहा है.
ऊधम सिंह नगर जिले में संक्रमित मरीजों के मिलने के बाद जिले को रेड जोन में रखा गया था। लेकिन, पिछले कई दिनों से कोई कोरोना मरीज नहीं मिला है, जिससे जिला धीरे धीरे ग्रीन जोन की तरफ बढ़ रहा है। जिले में अभी तक पाए गए मरीज भी ठीक होकर अस्पतालों से डिस्चार्ज हो गए हैं। ऐसे में यदि अगले आठ दिनों तक यूएस नगर में कोई नया मरीज नहीं मिलता तो जिला ग्रीन श्रेणी में शामिल हो जाएगा। राज्य में अभी तीन जिले रेड, दो ऑरेज जबकि आठ ग्रीन जोन में शामिल हैं।
अल्मोड़ा के पर्यटन अधिकारी राहुल चौबे ने कहा कि कसारदेवी क्षेत्र में ही 70 से अधिक विदेशी अब भी रुके हुए हैं. इससे पहले जिन विदेशियों ने अपने देश जाने की इच्छा जताई उन्हें भेज दिया गया है. कुछ होमस्टे मालिकों ने अपनी पर्यटक पंजीकरण पंजिका में भी पर्यटकों को नहीं दर्शाया है.
एसडीएम सीमा विश्वकर्मा ने कहा आज सभी विभागों के साथ कसारदेवी क्षेत्र में कई होमस्टे में छापेमारी की गई. कुछ होमस्टे मालिकों ने विदेशियों को अपने होम स्टे में रुकवा रखा है जिसकी जानकारी प्रशासन को नहीं दी थी. इनमें दो होम स्टे संचालकों पर 10-10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है. इसके साथ ही कई होमस्टे मालिकों को चेतावनी दी है.
लंबे समय से कसारदेवी क्षेत्र में रह विदेशियों में से कुछ पर्यटक तो अपने घर चले गए हैं लेकिन अब भी अधिकांश पर्यटक भारत में ही रहना चाहते है. दरअसल पर्वतीय क्षेत्रों में कोरोना का संक्रमण बिलकुल भी नहीं है जिस कारण पर्यटक अपने आप को सुरक्षित मान रहे हैं.
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