Uttrakhand Top News 27 Jan 2020
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High Light #उत्तराखण्ड वाटर मैनेजमेंट प्रोजेक्ट को मिली केंद्र से सैद्धांतिक स्वीकृति # पर्यटकों पर निगरानी हेतु सीमा क्षेत्र में मेडिकल टीमें # माली के पद का नाम उद्यान सहायक # चमोली के तत्वाधान में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन # चमोली जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने फरियादियों की समस्याएं सुनी – #एमएसएमई विभाग द्वारा 71वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर परेड ग्राउंड में झांकी प्रस्तुत की गयी# हरादून जिलाधिकारी की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक आयोजित ##
उत्तराखण्ड वाटर मैनेजमेंट प्रोजेक्ट को मिली केंद्र से सैद्धांतिक स्वीकृति
- लगभग 1203 करोड़ रूपए की है अनुमानित लागत।
- मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने प्रोजेक्ट के लिए समय सीमा तय करने के निर्देश दिए।
- प्रोजक्ट के तहत किया जाएगा जलस्त्ऱोतों का पुनर्जीवन और जलाशयों व झीलों का निर्माण।
- सिंचन क्षमता, कृषिगत और हॉर्टीकल्चर उत्पादन में होगी वृद्धि, पर्यावरण व वन्य जीवन के संरक्षण में रहेगा सहायक।
केंद्र सरकार ने लगभग 1203 करोड़ रूपए के उत्तराखण्ड वाटर मैनेजमेंट प्रोजेक्ट को सैद्धांतिक स्वीकृति दी है। सिंचाई विभाग द्वारा उत्तराखण्ड वाटर मेनेजमेंट प्रोजेक्ट बनाया गया है। इसकी अनुमानित लागत 1203 करोड़ रूपए है। नीति आयोग द्वारा ‘‘जलसुरक्षा के लिए हिमालय के जलस्त्रोतों के पुनर्जीवन’’ पर प्रकाशित रिपोर्ट को ध्यान में रखते हुए यह प्रोजेक्ट तैयार किया जा गया है। प्रोजेक्ट की प्री-फिजीबिलीटी रिपोर्ट तैयार कर ली गई है। इसके तहत प्रस्तावित बांध, नहरों व तालाबों के निर्माण की डीपीआर बनाई जा रही है।
जलस्त्रोतों के पुनर्जीवन, तालाबों के निर्माण और नहरों के पुनरूद्धार पर फोकस
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के समक्ष प्रोजेक्ट का प्रस्तुतिकरण किया गया। बताया गया कि प्रस्तावित ‘उत्तराखण्ड वाटर मैनेजमेंट प्रोजेक्ट’’ के तहत जलस्त्रोतों के पुनर्जीवन, जलाशयों से गाद निकालने, तालाबों के निर्माण और नहरों के पुनरूद्धार पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
निर्धनता उन्मूलन, स्वास्थ्य, साफ पानी, जलवायु संरक्षण जैसे स्थायी विकास लक्ष्यों की पूर्ति में सहायक
मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड वाटर मैनेजमेंट प्रोजेक्ट पर गम्भीरता और समयबद्धता से काम करने के निर्देश देते हुए कहा कि इससे प्रदेश को प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष आर्थिक लाभ मिलने के साथ ही सकारात्मक सामाजिक प्रभाव भी होंगे। पर्यावरण और वन्य जीवन के संरक्षण में भी यह प्रोजेक्ट सहायक रहेगा। परियोजना गरीबी उन्मूलन, अच्छा स्वास्थ्य, साफ पानी और स्वच्छता, क्लाईमेट एक्शन और भूमि पर जीवन जैसे स्थायी विकास लक्ष्यों की पूर्ति में सहायक होगी।
पर्वतीय ग्रामीण क्षेत्रों की आर्थिकी होगी मजबूत
सचिव डा. भूपिंदर कौर औलख ने बताया कि प्रोजेक्ट से प्रदेश में सिंचन क्षमता में वृद्धि होगी जिससे कृषि उत्पादन भी बढ़ेगा। भूमिगत जल स्तर रिचार्ज होगा। जलस्त्रोतों के पुनर्जीवन से स्थानीय लोगों और किसानों को सीधा फायदा होगा। सिंचन क्षमता और कृषिगत उत्पादन में बढ़ोतरी होने से पर्वतीय ग्रामीण क्षेत्रों से पलायन कम होगा। हॉर्टीकल्चर और पर्यटन गतिविधियों में भी वृद्धि होने से स्थानीय अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। आर्थिक गतिविधियों के बढ़ने से लोगों को रोजगार मिलेगा और आय बढ़ेगी। पर्वतीय क्षेत्रों के प्राकृतिक जलस्त्रोतों का पुनर्जीवन होगा जो कि वनस्पति और वन्य जीव जंतुओं के लिए बहुत जरूरी है। इससे मिट्टी की गुणवत्ता में भी सुधार आएगा।
जलस्त्रोतों की मैपिंग और स्प्रिंग शैड मैनेजमेंट
जलस्त्रोतों के पुनर्जीवन के तहत जलस्त्रोतों की मैपिंग और स्प्रिंग शैड मैनेजमेंट किया जाएगा। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाईड्रोलॉजी रूड़की द्वारा लघु चैक डैम बनाने, ट्रेंचेज को रिचार्ज करने और कैचमेंट एरिया में पौधारोपण का सुझाव दिया गया है। स्त्रोतों के पुनर्जीवन पर लगभग 90 करोड़ रूपए की लागत आएगी।
ग्रेविटी आधारित सिंचाई स्किमों का पुनरूद्धार
मौजूदा नहरों के पुनरूद्धार के तहत 382 लघु सिंचाई की नहरों/गूलों की मरम्मत के लिए 95 योजनाओं का काम लिया गया है। इन 95 ग्रेविटी स्किमों के पुनरूद्धार व नवीनीकरण पर 324 करोड़ रूपए की लागत अनुमानित है।
जलाशयों की डिसिल्टिंग
जलाशयों के डिसिल्टिंग के तहत हरिपुरा और बौर जलाशयों की डिसिल्टिंग कर इनकी सिंचन क्षमता में सुधार लाया जाएगा। इस पर 176 करोड़ रूपए की लागत अनुमानित है।
बैराज और झीलों का निर्माण
प्रोजेक्ट में कुल 10 बांध और झीलों का निर्माण प्रस्तावित किया गया है। इनमें पूर्वी नयार नदी पर खैरासैण झील, सतपुली के निकट झील, पश्चिमी नयार नदी पर पापडतोली, पैठाणी, स्यूंसी व मरखोला झील, साकमुंडा नदी पर झील, थल नदी पर झील, खो नदी पर दुगड्डा में बैराज और रामगंगा नदी पर गैरसैण झील शामिल हैं। इन 10 झीलों और बैराज के निर्माण पर 613 करोड़ रूपए की लागत अनुमानित है।
पर्यटकों पर निगरानी हेतु सीमा क्षेत्र में मेडिकल टीमें
देहरादून 27 जनवरी, 2020 (सू.ब्यूरो)
कॅरोना वायरस से आवश्यक सतर्कता बरतने के लिए केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव सुश्री प्रीति सुदन के साथ मुख्य सचिव श्री उत्पल कुमार सिंह की वीडियो कॉफ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक हुई।
मुख्य सचिव ने अवगत कराया कि प्रदेश की नेपाल सीमा से लगे जनपद चम्पावत, पिथौरागढ़ एवं ऊधम सिंह नगर में प्रभावित देशों से आने वाले पर्यटकों पर निगरानी हेतु सीमा क्षेत्र में मेडिकल टीमें लगाई गयी है तथा संभावित मरीज की सघन स्क्रीनिंग की जा रही है। ज्ञातव्य है कि चम्पावत में बनबसा, टनकपुर, पिथौरागढ़ के धारचूला, बलुवाकोट, जौलजीवी, झूलाघाट, नैनीसैणी एयरपोर्ट, ऊधम सिंह नगर में खटीमा, पंतनगर एयरपोर्ट, देहरादून एयरपोर्ट में एम्बुलेंस के साथ मेडिकल टीमें तैनात की गई हैं। मुख्य सचिव ने स्क्रीनिंग सेंटर के आस-पास अवस्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में आईसोलेशन बेड्स बढ़ाने के निर्देश दिये। वर्तमान में एच1 एन1 इन्फ्लूएंजा, कॉरोना, वायरस रोगियों के उपचार हेतु अल्मोड़ा में 14, चमोली में 18, चम्पावत में 16, देहरादून में 25, नैनीताल में 32, पौड़ी में 24, रूद्रप्रयाग में 10, टिहरी में 14 हरिद्वार में 12, पिथौरागढ़ में 4 आईसोलेशन बेड्स की व्यवस्था उपलब्ध है। चर्चा में बताया गया कि प्रदेश में अभी तक कोई कॅरोना वायरस मरीज की पुष्टि नहीं हुई है।
मुख्य सचिव ने ग्राम स्तर पर वृहद प्रचार-प्रसार हेतु सचिव पंचायत को निर्देश दिये। मुख्य सचिव ने सीमावर्ती निकटस्थ स्वास्थ्य केन्द्रों पर आईसोलेशन सुविधा विस्तार के निर्देश दिए। पुलिस महानिदेशक अनिल रतूड़ी द्वारा विभिन्न स्थानों में तैनात मेडिकल टीम के साथ समन्वय हेतु पर्याप्त पुलिसकर्मी तैनाती की जानकारी दी गई।
वीडियो कॉफ्रेंसिंग में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य नितेश झा, प्रभारी सचिव स्वास्थ्य श्री पंकज पांडे, मिशन निदेशक स्वास्थ्य एवं अपर सचिव युगल किशोर पंत, महानिदेशक स्वास्थ्य श्रीमती अमिता उप्रेती, राज्य कार्यक्रम अधिकारी उत्तराखण्ड डा. पंकज सिंह ने प्रतिभाग किया।
माली के पद का नाम उद्यान सहायक
देहरादून 27 जनवरी, 2020 (मी0से0) प्रदेश के कृषि, कृषि विपणन, कृषि प्रसंस्करण, कृषि शिक्षा, उद्यान एवं फलोद्योग एवं रेशम विकास मंत्री सुबोध उनियाल ने विधान सभा, सभाकक्ष में बैठक ली।
कृषि विभाग से संबन्धित विभागों के एकीकरण के सम्बन्ध में फील्ड के पद बढ़ाने की सहमति प्रदान की गयी। श्री उनियाल ने कहा कि कृषि और उद्यान से सम्बन्धित प्रत्येक न्याय पंचायत स्तर पर 2 अधिकारी कार्य करेंगे। वर्ग 3 के पद को उच्चीकृत करते हुए वर्ग 2 में समाहित कर एक वर्ग बनाया जायेगा। इसके अतिरिक्त कुमाऊ और गढ़वाल मण्डल में सम्पूर्ण अधिकारों के साथ निदेशक पद बनाये जाने पर सहमति दी गई। चाय बोर्ड, रेशम विभाग, भेषज विभाग एवं जड़ी-बूटी विभाग के निःसंवर्गीय पद को सृजित कर अधिकारी तैनात किये जायेंगे तथा माली के पद का नाम उद्यान सहायक होगा। सभी तैनाती कार्मिक विभाग के नियमावली के अनुसार होगी। विभागीय एकीकरण का उद्ेश्य शासकीय व्यय को कम करना एवं विभाग को प्रभावी बनाना है।
बैठक में अपर सचिव कृषि को नौथा एग्रोक्लस्टर से सम्बन्धित डीपीआर को कृषि व्यय समिति में स्वीकृत कराने हेतु प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया। आराकोट में सेब भण्डारण एवं गदरपुर मण्डी का डीपीआर प्रस्तुत करने को कहा गया।
इस अवसर पर अपर सचिव कृषि राम विलास यादव, अपर सचिव वित्त भूपेश तिवारी, अपर सचिव कार्मिक सुमन बल्दिया, निदेशक कृषि गौरीशंकर, निदेशक हार्टिकल्चर संजय श्रीवास्तव एवं अपर निदेशक हार्टिकल्चर डाॅ. रतन कुमार सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।
चमोली के तत्वाधान में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन
चमोली 27 जनवरी,2020(सू0वि0)
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, चमोली के तत्वाधान में आगामी 08 फरवरी को न्याय भवन गोपेश्वर, सिविल न्यायालय परिसर कर्णप्रयाग, थराली, गैरसैंण, जोशीमठ के प्रांगण में प्रातः 10ः30 से सायं 4ः30 बजे तक राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जाना प्रस्तावित है। यह जानकारी देते हुए जिला विविध सेवा प्राधिकरण के सिविल जज(सी0डि.)/सचिव सुधीर कुमार सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत में विभिन्न न्यायालयों में लंबित शमनीय प्रकृति के आपराधिक वाद, 138 एनआई एक्ट, मोटर दुर्घटना वाद, बैंक रिकवरी वाद एवं अन्य सिविल प्रकृति के वादों आदि मामलों के साथ ही प्री-लिटिगेशन मामलों का निस्तारण आपसी सुलह-समझौते के आधार पर किया जाएगा।
चमोली जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने फरियादियों की समस्याएं सुनी
चमोली 27 जनवरी,2020(सू0वि0)
जन सुनवाई दिवस पर सोमवार को जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने
फरियादियों की समस्याएं सुनी। जनपद के विभिन्न क्षेत्रों से पहुॅचे फरियादियों ने
सड़क, भूमि
का प्रतिकर,
पीएम आवास, रोजगार चाहने, पेंशन, विस्थापन हेतु आर्थिक
सहायता आदि से जुड़ी 13 शिकायतें जिलाधिकारी के समक्ष रखी। जिसमें से
अधिकांश शिकायतों का जिलाधिकारी ने मौके पर ही निस्तारित किया और अवशेष शिकायतों
के शीघ्र निस्तारण हेतु संबधित विभागीय अधिकारियों को प्राथमिकता पर कार्यवाही
सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। इस दौरान जिलाधिकारी ने सीएम हेल्पलाईन, जिला शिकायत प्रकोष्ठ, बहुउद्देशीय शिविर एवं
अन्य माध्यमों से प्राप्त शिकायतों की भी समीक्षा करते लंबित शिकायतों पर त्वरित
कार्यवाही सुनिश्चित करने को कहा।
जिले में पीएमजीएसवाई की कई सड़कों पर मुआवजा वितरण न होने की शिकायतों पर जिलाधिकारी ने अधिशासी अभियंता को मुआवजा वितरण हेतु प्रभावित परिवारों एवं सड़कों की सूची उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। वही श्रम परिवर्तन अधिकारी के पास रूद्रप्रयाग व चमोली जिलों का प्रभार होने से जन सुनवाई में उपस्थित न रहने पर डीएम ने रोस्टर निर्धारित करने को कहा। सीएम हेल्पलाइन पर लंबित शिकायतों की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि जिन विभागों की एल-1 तथा एल-2 स्तर पर शिकायतें लंबित है वे तत्काल इसका निस्तारण करना सुनिश्चित करें।
जन सुनवाई में खैनूरी के समस्त ग्रामवासियों ने अपर चमोली-खैनुरी मोटर मार्ग के चैडीकरण, डामरीकरण, सड़क किनारे नालियां, काजवे, पुस्ते क्षतिग्रस्त होने से आवागमन में हो रही परेशानियों की शिकायत पर जिलाधिकारी ने ईई पीएमजीएसवाई को मोटर मार्ग सुधारीकरण हेतु शीघ्र आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। ग्वाड गांव निवासियों ने लोनिवि द्वारा नवनिर्माणाधीन ग्वाड मोटर मार्ग को धामेंचैरी से सडपुंगा तोक को जोड़ने को लेकर ईई लोनिवि को निर्देशित किया गया। घाट ब्लाक के सिरोसार निवासी रणजीत लाल ने मथकोट के गूंजी नामक तोक में सड़क निर्माण हेतु अधिग्रहित उनकी नाप भूमि का प्रतिकर न मिलने की शिकायत पर अधिशासी अभियंता को जाॅच कर आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए। वही मोहन प्रसाद सती ने जीरो बैंड बस स्टेशन गोपेश्वर से गैस गोदाम तक सड़क चैडीकरण न होने से आवाजाही में हो रही समस्या पर जिलाधिकारी ने एनएच को आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिए।
मैठाणा गांव के आपदा प्रभावित चार परिवारों ने विस्थापन हेतु जमीन दिलाने की गुहार लगाई। जिस जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि आपदा के दौरान जिस भूमि पर वे रहते थे वह सरकारी भूमि थी। इसलिए दैवीय आपदा से उनको कोई मुआवजा नही दिया जा सकता है। उन्होंने आपदा प्रबन्धन अधिकारी को प्रभावित परिवारों को आर्थिक सहायता हेतु मुख्यमंत्री राहत कोष में नाम भेजने देने को कहा। वही डीएम ने कहा कि आपदा के दौरान प्रभावित परिवारों को सरकारी भवन में अस्थाई रूप से ठहराया गया था, जिसे उन्हें अब खाली कर अपने लिए स्वयं जमीन की व्यवस्था करनी होगी। उन्होंने कहा कि विस्थापन में जिला प्रशासन की ओर से आवश्यक सहयोग भी किया जाएगा। जन सुनवाई में कौंजपोथनी निवासी राम लाल ने पीएम आवास चाहने, नैग्वाड निवासी ऊषा देवी ने रोजगार चाहने तथा टग्सा के संरपच ने निराश्रित व मानसिक रोग से पीडित शिव प्रसाद तिवाडी की समाज कल्याण से पेंशन लगाने की गुहार लगाई। जिस पर जिलाधिकारी ने संबधित अधिकारियों को आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिए गए।
जन सुनवाई में डीएफओ सर्वेश कुमार दुबे, मुख्य विकास अधिकारी हंसादत्त पांडे, अपर जिलाधिकारी एमएस बर्निया, सीएमओ डा. केके सिंह, पीडी प्रकाश रावत सहित सभी विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।
एमएसएमई विभाग द्वारा 71वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर परेड ग्राउंड में झांकी प्रस्तुत की गयी
देहरादून 27 जनवरी, 2020। 71वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर परेड ग्राउंड में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग द्वारा दून हाट थीम पर आधारित सुंदर झांकी प्रदर्शित की गयी। जिसकी सराहना परेड ग्राउंड में उपस्थित माननीय राज्यपाल उत्तराखण्ड सरकार बेबी रानी मौर्य व मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड सरकार श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत सहित कई अन्य गणमान्य लोगों ने की।
राज्य में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग के माध्यम से स्वरोजगार को बढ़ावा दिये जाने के उद्देश्य से ग्रोथ सेन्टर की स्थापना की जा रही है। ग्रोथ सेन्टर में विकसित स्थानीय उत्पादों एवं राज्य के हथकरघा एवं हस्तशिल्प की मार्केटिंग हेतु राज्य के प्रमुख स्थानों भीमताल (चमोली), काशीपुर (ऊधमसिंहनगर), पिथौरागढ़ एवं देहरादून में हाटों की स्थापना की जा रही है जिनमें से राज्य का पहला हाट ‘‘दून हाट’’ के नाम से बनाया गया है। दून हाट में स्थानीय उत्पादों के विपणन प्रोत्साहन हेतु 14 स्टाॅल/दुकानों का निर्माण किया गया है, जिसमें समय-समय पर राज्य के विभिन्न जनपदों के लघु उद्यमियों, बुनकर एवं शिल्पियों को स्थानीय उत्पादों के विपणन प्रोत्साहन हेतु स्थान उपलब्ध कराया जायेगा। साथ ही हिमाद्रि एवं हिलांस के स्थायी इम्पोरियम स्थापित किये जा रहे है।
प्रदेश के उत्कृष्ट उत्पादों को एक ही स्थान पर मार्केटिंग की सुविधा तथा स्थानीय जनमानस एवं पर्यटकों को राज्य के उत्पादों एवं पारंपरिक हस्तकला एवं संस्कृति से परिचित कराने के उद्देश्य से दिल्ली हाट की तर्ज पर आईटी पार्क, देहरादून में दून हाट की स्थापना की गई है। जिसका प्रतिरूप एमएसएमई विभाग द्वारा झांकी के रूप में 71वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर परेड ग्राउंड में प्रस्तुत किया। इन हाटों के माध्यम से राज्य के लघु उद्यमियों एवं शिल्पियों द्वारा विकसित किये गये, उत्पादों की मार्केटिंग हेतु एक उपयुक्त मंच प्राप्त होगा तथा उनकी आर्थिक स्थिति में वृद्धि व स्थानीय स्तर पर स्वरोजगार के अवसर प्राप्त हो सकेंगे।
देहरादून जिलाधिकारी की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक आयोजित
देहरादून दिनांक 27 जनवरी 2020, जिलाधिकारी सी रविशंकर की अध्यक्षता में कैम्प कार्यालय में जिला योजना तथा केन्द्रीय एवं राज्य पोषित विभिन्न फ्लैगशिफ योजनाओं की संक्षिप्त समीक्षा बैठक आयोजित की गयी।
बैठक में जिलाधिकारी ने निर्देश दिये कि जिन विभागों का जिला योजना और विभिन्न फ्लैगशिप (ध्वजवाहक) योजनाओं में व्यय 75 प्रतिशत् से कम है वे इस पर विशेष संज्ञान लेते हुए शीघ्रता से अपना व्यय प्रतिशत् बढायें और अगले माह तक संतोषजनक व्यय प्रगति देना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि विभिन्न योजनाओं के इम्पलिमैन्टेशन में यदि कोई व्यावहारिक अथवा तकनीकी समस्या आ रही है तो उसे अपर जिलाधिकारी तथा मुख्य विकास अधिकारी के संज्ञान में लायें, किन्तु किसी भी दशा में योजना की प्रगति बढाने के प्रयास करें। इसके अतिरिक्त जिलाधिकारी ने मुख्य विकास अधिकारी जी.एस रावत को विभिन्न विभागों के तय किये गये लक्ष्य के सापेक्ष वित्तीय और भौतिक प्रगति बढाने के लिए उनकी साप्ताहिक समीक्षा करते हुए प्रगति बढवाने के निर्देश दिये।
इस अवसर पर बैठक में मुख्य विकास अधिकारी जी.एस रावत, मुख्य कृषि अधिकारी विजय देवराड़ी, मुख्य उद्यान अधिकारी डाॅ मीनाक्षी जोशी, मुख्य अधिशासी अधिकारी उत्तराखण्ड पशुधन विकास बोर्ड डाॅ एम.एस नयाल, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डाॅ एस.बी पाण्डेय सहित सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित थे।