त्रिवेंद्र सरकार का बडा कदम- 5 हजार नये होमस्टे रजिस्टर करवाने का लक्ष्य

देहरादून: त्रिवेंद्र सरकार लगातार पहाड़ों से हो रहे पलायन को रोकने नके लिए एक के बाद एक कदम उठा रही है। सबसे पहले सरकार ने पलायन आयोग का गठन किया। पलायन आयोग ने अपना काम शुरू किया। पूरे प्रदेश की रिपोर्ट तैयार की गई। उसी रिपोर्ट के आधार पर सरकार अब महत्वपूर्ण निर्णय ले रही है। पलायन रोकने के लिए होमस्टे योजना प्रभावी साबित हुई है। यही कारण है कि सरकार ने अब 5 हजार नये होमस्टे रजिस्टर करवाने का लक्ष्य रखा है। लेकिन, इससे कहीं बड़ा और कारण उपाय सरकार अब करने जा रही है। आइये आपको बताते हैं कि सरकार क्या करने जा रही है?

#www.himalayauk.org (Uttrakhand Leading Newsportal & Daily Newspaper) Mail us; himalayauk@gmail.com Mob. 9412932030## Special Bureau Report

पलायन रोकने की अब तक की कारगर पहल, त्रिवेंद्र सरकार के इस कदम से रुकेगा पलायन

पलायन न्यूनीकरण फंड ;; उत्तराखंड के ग्रामीण क्षेत्रों से पलायन रोकने को सरकार पलायन न्यूनीकरण फंड (मिटिगेशन फंड) बनाएगी। साथ ही भू-अभिलेखों में महिलाओं का नाम दर्ज किया जाएगा। इसके अलावा पलायन प्रभावित 36 ब्लॉकों में विशेष योजना चलाई जाएंगी। पलायन की रोकथाम के लिए सरकार ने सभी विभागों से एक महीने में कार्ययोजना मांगी है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने इस बात पर ध्यान केंद्रित किया है कि पहाड़ी क्षेत्रों के गांवों में महिलाओं का अनुपात अधिक है।

योजनाओं के केंद्र में महिलाएं; ऐसे में गांवों में संचालित योजनाओं के केंद्र में महिलाएं होनी चाहिए। इसके लिए भू-अभिलेखों में महिलाओं का नाम दर्ज किया जाए। इससे कृषि, पशुपालन, स्वरोजगार आदि के लिए लोन लेने में उन्हें आसानी होगी। सीएम ने पर्यटन विभाग को इको टूरिज्म पॉलिसी जल्द तैयार करने को कहा। उन्होंने कहा कि होम स्टे को दूसरी पर्यटन गतिविधियों व मार्केट से जोड़ा जाए। एडवेंचर स्पोर्ट्स को प्राथमिकता दी जाए। पर्यटन विभाग एक मोबाइल एप बनाए जिसमें वन्य जीवन, वनस्पति, पर्यटन स्थल, ट्रेकिंग रूट, होटल, होम स्टे आदि की जिलावार जानकारी हो।

  बजट रोड़ा नहीं बनेगा -सरकार प्रदेश के गांव से निरंतर हो रहे पलायन को रोकने के लिए एक अहम कदम उठाने जा रही है। पलायन को रोकने के लिए चलाई जा रही कार्य योजना के सुचारू संचालन के लिए बजट में अलग से प्रावधान करने की तैयारी है। प्लान को लेकर तैयार विभाग वार कार्य योजना पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सभी विभागों के अधिकारियों से फीडबैक भी ले लिया है। सीएम खुद पलायन रोकने के लिए शुरू की जा रही योजनाओं को लेकर गंभीर हैं। पिछले साल जुलाई माह में पौड़ी में हुई राज्य मंत्रीमंडल की बैठक में पलायन को रोकने के लिए अलग से बजट में व्यवस्था करने की चर्चा कि गई। इससे पलायन को रोकने के लिए तैयार कार्य योजनाओं में बजट रोड़ा नहीं बनेगा।

पलायन आयोग ने सौंपी कार्य योजना- पलायन आयोग अपनी कार्य योजना सौंप चुका है, जिसके आधार पर विभागों ने अपनी-अपनी कार्य योजनाएं तैयार की हैं। इस संबंध में मुख्य सचिव स्तर पर बैठकें हो चुकी हैंै। इन बैठकों में पलायन थामने के लिए बजट में अलग हेड खोलने पर भी सुझाव रखा गया था। ग्रामीण क्षेत्रों में हो रहे पलायन को रोकने के लिए महिलाओं के लिए भी पूर्ण रूप से कृषि क्षेत्रों में अधिकार देने की मंशा पर सरकार का फोकस है।

19 प्रतिशत जनसंख्या का पलायन- पलायन आयोग की मानें तो पिछले 10 वर्षो में पर्वतीय जनपदों से लगभग 19 प्रतिशत जनसंख्या का पलायन हुआ है, जिसमें अन्य जनपदों की अपेक्षा पौड़ी और अल्मोड़ा जनपदों से सबसे अधिक पलायन हुआ है। पर्वतीय क्षेत्र से पलायन का मुख्य कारण छोटी-छोटी जोतों के साथ ही बिखरे खेतों के होने से लोगों का खेती की ओर रूझान कम हो रहा है। उन्होंने कहा कि पहाड़ में चकबंदी होने से कुछ हद तक पलायन पर लगाम लगाया जा सकता है और एक ही स्थान पर खेती होने से चारे का विकास करने के साथ महिलाओं के सर से बोझ कम किया जा सकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *