विनर कॉटन हायब्रिड सीड्स से अनेक लाभ

विनर कॉटन हायब्रिड सीड्स से किसानों को हो रहे है अनेक लाभ

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नुजीवीडू सीड्स लिमिटेड (एनएसएल) द्वारा राजस्थान के हनमानगढ़ कस्बे में ‘अच्छी फाइबर गुणवत्ता, कीट प्रतिरोधी तथा उत्कृष्ट उपज देने वाले कॉटन हायब्रिडों को उगाने के लाभ’ विषय पर एक बहु-हितधारक कार्यशाला आयोजित की गई। इस कार्यशाला में पंजाब, हरियाणा और राजस्थान राज्यों के किसानों, खुदरा व्यापारियों, वितरकों, गिनर्स तथा कॉटन इंडस्ट्री के विभिन्न हितधारकों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।

कॉटन हायब्रिडों को उगाने के लाभ – टेक्सटाइल मार्केट के लिए विनर कॉटन हायब्रिड सर्वथा उपयुक्त है। विनर कॉटन हायब्रिड के उत्कृष्ट फाइबर गुणधर्म को लेकर आई सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ कॉटन टेक्नालॉजी तथा भारत सरकार की रपटों से इस बात की पुष्टि हुई है कि टेक्सटाइल मार्केट के लिए विनर कॉटन हायब्रिड सर्वथा उपयुक्त है।

सत्र की अध्यक्षता करने वाले कंफेडरेशन ऑफ इंडियन टेक्सटाइल इंडस्ट्री, मुंबई के पूर्व चेयरमैन प्रेम मलिक ने टिप्पणी की है कि विनर के मुख्य तने की लंबाई 32.5 मिमी ही है इसलिए यह उत्तरी भारत के मिल चलाने वालों की पहली पसंद सिद्ध हुआ है। उनका कहना था कि विनर कॉटन हायब्रिड के उत्कृष्ट फाइबर गुणधर्म को लेकर आई सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ कॉटन टेक्नालॉजी तथा भारत सरकार की रपटों से इस बात की पुष्टि हुई है कि टेक्सटाइल मार्केट के लिए विनर कॉटन हायब्रिड सर्वथा उपयुक्त है।
बिजनेस प्रमुख ऋषि अरोड़ा ने जानकारी दी कि एनएसएल के जनन कार्यक्रम ने नियमित रूप से उच्च गुणवत्ता वाले हायब्रिडों को लॉंच करना जारी रखा है और अपनी श्रेष्ठ फाइबर गुणधर्म तथा उपज के साथ विनर किसानों को सर्वश्रेष्ठ मूल्य दिला सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि एनएसएल अपनी फसल की बेहतर फाइबर गुणवत्ता के लिए ऊंची कीमतें प्राप्त करने हेतु किसानों को जागरूक करने के इरादे से बहु-हितधारक कार्यशालाएं आयोजित कर रहा है। श्री ऋषि ने सूचना दी है कि विनर कॉटन हायब्रिड ने चूसक कीटों से निबटने में अधिक सहनशीलता का प्रदर्शन किया है, जो कुछ खास इलाकों की एक गंभीर समस्या है।
गिनर्स एसोसिएशन के मुखिया राकेश राठी ने पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के किसानों को अच्छे फाइबर गुणधर्म की बेहतर कीमतें वसूलने के लिए विस्तार से इसका महत्व बताया तथा जानकारी दी कि भविष्य में आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र अथवा तेलंगना के गिनर्स से अच्छी गुणवत्ता वाला कॉटन खरीदने की निर्भरता कम हो जाएगी क्योंकि नुजीवीडू सीड्स द्वारा विकसित किए गए विनर जैसे उत्कृष्ट हायब्रिड्स उपलब्ध हो चुके हैं। 200 से अधिक प्रतिभागियों वाली इस कार्यशाला में क्षेत्रीय प्रबंधक नरेंद्र कम्बोज तथा स्थानीय वितरक हरकिशन सिंह सारडा और बालकिशन गोल्यान ने भी बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया।

हिंदी को रोजगार से जोड़ने की चुनौतियाँ : भाषा सहोदारी
नई दिल्ली – भाषा सहोदारी हिंदी (न्यास) भारत का एक ऐसा संगठन है जो पूरे भारत मे कश्मीर से कन्या कुमारी तक हिंदी को स्थापित करने के लिए भारत के हर राज्य जिला स्तर तक अभियान चला रही है, सहोदारी भारत की 22 भाषाओं को भी सभी राज्यों में सम्मान जनक स्थान मिले इसके लिए प्रयासरत है स्कूल ,कॉलेज, विश्वविद्यालय,युवाओ,आम जनमानस, में भी अपनी भाषा के प्रति जागरूकता हो यही सहोदारी का प्रयास हमेशा से रहा है, न्यायालय में हिंदी की भागीदारी हो, बिकने वाले सामानों पर हिंदी अंकित हो जैसे चाइना,रशिया,जापान,कोरिया,और भी कई देश अपनी भाषा हर जगह स्तेमाल करते है, लिखित परीक्षाओं से अंग्रेजी की अनिवार्यता खत्म हो सभी विद्यालयों में कक्षा 1 से 12 तक हिंदी अनिवार्य किया जाए , कॉलेजो में भौतिक ,रसायन,जीव विज्ञान, गणित, दर्शन शास्त्र, राजनीति शास्त्र,पुनः पढ़ाए जाए इनके लेखक देश भर में लुप्त हो रहे , आने वाले दिनों में हिंदी की स्थिति संस्कृत की तरह होने वाली है जो बहुत ही चिंता की बात है,भाषा सहोदारी ने अभी तक 1847 कॉलेजों तक हिंदी अभियान को पहुँचाया, छात्र छात्राओं में स्वर और व्यंजन की भारी कमी है , दिल्ली जैसे और देश के सभी मेट्रो में यही स्थिति है हिंदी को लेकर, यह भारत जैसे देश के लिए दुर्भाग्य की बात है, भाषा सहोदारी हिंदी के मुख्य संयोजक जय कान्त मिश्रा ने बताया कि भारत सरकार और राज्य सरकार को मिलकर एक शिक्षा निति बनानी पड़ेगी खास करके प्राथमिक शिक्षा पर ज्यादा जोर देना होगा तब जाकर हालात सुधरेगा, जय कान्त मिश्रा ने बताया कि सहोदारी प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी राष्ट्रीय हिंदी अधिवेशन करने जा रही है जिसमे 136 हिंदी के लेखको को भारत के हर रज्य से चयनित किया गया है जिनको सम्मानित किया जाएगा ।

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