उत्तराखण्ड में वेेेब मीडिया के पत्रकार वेब मीडिया एसोसिएशन के तले होगे एकजुट- वेब मीडिया की उपेक्षा से रोष
देहरादुन, 22 जुलाई, रविवार (हिमालयायूके रिपोर्ट) ; वेब मीडिया पत्रकारो की एक बड़ी मीटिंग देहरादुन, उत्तराखंड में हुई, जिसमे भारी वर्षा के बाद भी भारी संख्या में वेब मीडिया पत्रकारो ने भाग लिया, जिसकी अध्यक्षता चंद्रशेखर जोशी राष्ट्रीय अध्यक्ष नेशनल वेब मीडिया एसोसिएशन ने की तथा संचालन वरिष्ठ पत्रकार श्री शिवप्रसाद सेमवाल ने किया,
वेब मीडिया के पत्रकारों ने इस बात पर क्षोभ प्रकट किया कि उत्तराखंड में वेब मीडिया नियमावली होने के बाबजूद भी वेब मीडिया को उपेक्षित किया जा रहा है, उपेक्षा का आलम यह है कि उत्तराखण्ड पर आलेख लिखने के लिए ब्लागर भी बाहर से मंगाये जा रहे हैं मीटिंग में सभी पत्रकारो ने अपनी बात रखी तथा एक फोरम के नीचे आकर संघर्ष करने की आवश्यकता पर बल दिया, अंत मे सर्वसम्मति से यह तय किया गया कि राष्ट्रीय स्तर पर कार्य कर रहे वेब मीडिया एसोसिएशन के बैनर तले एकजुट होकर कार्य किया जाएगा, वेब मीडिया के पत्रकारों ने कहा कि वेब मीडिया में आने वाली वेबसाइटों के लिये संगठन की आचार संहिता बनाये जाने की भी आवश्यकता है, जिससे इस वेब मीडिया में पाक-साफ व्यक्ति ही विशुद्व रूप से पत्रकारिता करे, इस नेक कार्य मे सरकार भी सहयोग कर सकती है तथा सूचना विभाग विज्ञापन हेतु इम्पेनल करते समय इस मानक को भी दृष्टिगत रख सकता है,
संचालन करते हुए वरिष्ठ पत्रकार श्री शिव प्रसाद सेमवाल ने भारी वर्षा के बाद भी भारी संख्या में पत्रकारो के उपस्थित होने पर उनका आभार जताया, वही वरिष्ठ पत्रकारों ने वेब मीडिया एसोसिएशन संगठन के बैनर तले आने पर अपनी सहमति प्रदान की तथा शीघ्र ही एक बड़ी राज्य व्यापी मीटिंग आहूत किये जाने की रणनीति तैयार की गई
अंत मे वेब मीडिया एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर जोशी सम्पादक ‘हिमालयायूके” न्यूस्पोर्टल ने अपने लंबे संबोधन में इस बात पर प्रसन्नता जताई कि उत्तराखंड के समस्त पत्रकारो ने वेब मीडिया एसोसिएशन संगठन के बैनर तले आने हेतु सहमति जताई गई है, श्री जोशी ने बताया कि यह एसोसिएशन 2014 में लखनऊ से पंजीकृत है जो देश की पहली वेब मीडिया एसोसिएशन है, जिसके पदाधिकारी लखनऊ, नई देल्ली, हरियाणा, पंजाब, कर्नाटक, गुजरात, आसाम, उत्तराखंड तमिलनाडु, केरल आदि राज्यो से है, एसोसिएशन देश के सभी राज्यो में वेब मीडिया नियमावली लागू करवाने के लिये प्रयास कर रही है, वेब मीडिया एसोसिएशन के राष्ट्रीय संरक्षक डॉ0 चंद्रसेन (वरिष्ठ पत्रकार लखनऊ) तथा राष्ट्रीय महासचिव डॉ0 मो0 कामरान (वरिष्ठ पत्रकार लखनऊ) के प्रयासों से 26 जुलाई को वेब मीडिया एसोसिएशन कोर ग्रुप की मीटिंग लखनऊ में रखी गई है, जिसमे अनेक राज्यो से वरिष्ठ पत्रकारों को राष्ट्रीय स्तर पर लिये जाने हेतु वार्ता होनी है, इसके अलावा वेब मीडिया को राज्य सरकार तवज्जो दे, इसके लिये यह जरूरी है कि राष्ट्रीय स्तर पर वेब मीडिया के पत्रकारो का एक सशक्त संगठन तैयार हो, इसके लिये हम राष्ट्रीय स्तर पर कार्य कर रहे है,
File Copy: वेब मीडिया के नैशनल संरक्षक डा0 चन्द्रसेन वर्मा- वरिष्ठ पत्रकार के साथ चन्दशेखर जोशी सम्पादक हिमालयायूके तथा नैशनल प्रेसीडेंट नेशनल वेब मीडिया एसोसिएशन-
वेब मीडिया एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि यह बड़ी प्रसन्नता का विषय है कि पूरे उत्तराखंड के वेब मीडिया के पत्रकारों ने सर्वसम्मति से वेब मीडिया एसोसिएशन की सद्स्यता लेने की सहमति जताई है, वेब मीडिया एसोसिएशन की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के अलावा हर राज्य में प्रदेश कार्यकारिणी कार्य कर रही है, शीघ्र ही नई देल्ली में वेब मीडिया का राष्ट्रीय सम्मेलन होगा जिसमें हर राज्य से वेब मीडिया के पत्रकारो को संम्मानित भी किया जाएगा
देहरादुन में सम्पन्न हुई आज की बैठक में भारी संख्या में वेब मीडिया के पत्रकारों ने भाग लिया, जिसमे मुख्य रूप से देवभूमि मीडिया से राजेन्द्र जोशी , पहचान एक्सप्रेस से अरुण कुमार यादव, घनश्याम चन्द्र जोशी , वीरेंद्र दत्त गैरोला, विनय जोशी, सुमित सिंह, दीपक धीमान, शशि भूषण मैठाणी, अनिल जोशी,अनूप, विनोद कोठियाल, गणेश नैथानी, विजय रावत, पवन, सोमपाल, कुलदीप , सुशील कुमार, अभिनव कपूर, विनीत, चन्दर एम एस, रजनीश सैनी, प्रियांक, मनीष व्यास, एस एस तोमर, प्रदीप चौधरी, मनीष वर्मा, जयदीप भट्ट, मीरा रावत, संजीव पन्त, हरीश चमोली, अवधेश नौटियाल, विनय भट्ट, राजकुमार राणा, मामचंद आदि पत्रकार उपस्थित थे
अन्य न्यूज पोर्टलो ने भी इस खबर को अलग अलग ढंग से कवरेज किया है, जिसमें कहा गया है कि
उत्तराखंड वेब न्यूज पोर्टल के पत्रकारों की एक बैठक आज देहरादून के एक होटल में हुयी। बैठक में वक्ताओं ने कहा कि पोर्टल से जुड़े सभी पत्रकारों को एकजुट होकर कार्य करने की आवश्यकता है, तभी उत्तराखंड के हितों के प्रति ज्यादा प्रभावी ढंग से अपनी भूमिकाओं का निर्वहन कर सकेंगे। पत्रकारों ने कहा की वेब पोर्टल संचालित करने वाले पत्रकारों के हितों के संरक्षण हेतु स्क्रीनिंग कमेटी बनाने की जरूरत है। जिससे गलत आचरण वाले लोगों के बारे में जारकारी मिल सके।
इस मौके पर पत्रकारों ने कहा कि वेब मीडिया में अगर पत्रकारिता से ताल्लुक रखने वाले लोग ही आएं तो इससे वे पाठकों की उम्मीदों पर भी खरा उतर सकेंगे और उनकी विश्वसनीयता भी उतनी ही अधिक होगी। सबसे बड़ा सवाल यह है कि यदि इनकी स्क्रीनिंग हो जाए तो फिर क्रिमिनल बैकग्राउंड के लोग वेब मीडिया में नहीं आ सकेंगे। पत्रकारों ने यह भी कहा कि इसके लिए अलग-अलग संगठनों के बजाय एक ही एसोसिएशन बनाए रखनी चाहिए। जिसके माध्यम से नियमावली के लिए भी सरकार व सूचना विभाग के साथ बेहतर ढंग से बात की जा सकेगी। एसोसिएशन वेब मीडिया की आचार संहिता बनाने के साथ ही इसके पैरामीटर भी तय कर सकेगा। यदि वेब मीडिया के सभी पत्रकार एकजुट व संगठित होकर सरकार या सूचना विभाग के समक्ष अपनी बात रखेंगे तो उनकी बात को वह सुनने के लिए वह बाध्य होंगे। इसके लिए एजेंडा तय किया जाएगा ।
पत्रकारों ने कहा कि वेब मीडिया को सरकार की सूची में आना बहुत जरूरी है। इसकी गाइड लाइन बन जाएगी तो इसकी बेहतर मॉनीटरिंग भी हो सकेगी। इसके बाद यदि वेब मीडिया संगठन के माध्यम से सरकार के समक्ष पोर्टल को भी आरएनआई की श्रेणी में रखने की बात रखता है तो यह भी वेब मीडिया के हित में ही होगा, लेकिन इसके लिए सबसे महत्वपूर्ण यह है कि हम सभी को संगठित होकर काम करना होगा।
इस मौके पर पत्रकारों ने यह भी कहा कि यदि सूचना में वेब पोर्टल के रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया भी शुरू होनी चाहिए, ताकि वेब पोर्टल की संख्या और स्थिति के बारे में सभी को जानकारी रह सके। इसके लिए नियमावली का ड्राफ्ट भी बनाया जाएगा और तभी सरकार उनकी मांगों को गंभीरता से लेगी। लेकिन वेब मीडिया को कॉमन मुद्दों पर एकजुट होकर काम करने की सख्त जरूरत है।
इस मौके पर वेब मीडिया के हितों को लेकर वर्ष २००५ से संघर्ष कर रहे चंद्रशेखर जोशी, राजेंद्र जोशी, मीरा रावत, प्रदीप चौधरी आदि पत्रकारों ने तब से लेकर अब तक के अपने अनुभवों को पत्रकारों के साथ साझा किया। उनके प्रयासों से वर्ष २०१५ में वेब मीडिया नियमावली अस्तित्व में आई, लेकिन अभी भी वेब मीडिया के हितों व अधिकारों को लेकर बहुत कुछ किया जाना बाकी है।
चंद्रशेखर जोशी ने बताया कि उनकी देख-रेख में दस राज्यों में राष्ट्रीय स्तर पर वेब मीडिया एसोसिएशन संचालित हो रही है, जो लखनऊ में रजिस्टर्ड है। वह स्वयं इसके राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। इस अवसर पर उपस्थित सभी पत्रकारों ने सामुहिक रूप से उत्तराखंड में एसोसिएशन को और अधिक सक्रिय और प्रासंगिक बनाए जाने पर सहमति जताई। श्री जोशी ने बताया कि उनका आगामी दिनों में दिल्ली में सम्मेलन होने जा रहा है। सम्मेलन में उत्तराखंड में सबसे पुराने न्यूज पोर्टल चलाने वाले (वर्ष २००२ से) राजेंद्र जोशी को सम्मानित किया जाएगा।
इस मौके पर राजेंद्र जोशी ने सवाल उठाया कि आज प्रदेश के पत्रकारों की इतनी अनदेखी की जा रही है कि उत्तराखंड के लिए ब्लॉग लिखने के लिए बाहरी राज्यों से लेखक ढूंढे जा रहे हैं। उनको मोटा पैसा दिया जा रहा है, लेकिन यहां के पत्रकारों की योग्यता को नजरअंदाज किया जा रहा है। यह बड़ा दुर्भाग्यपूर्ण है।
बैठक में वेब मीडिया के लिए आदर्श आचार संहिता बनाने के साथ ही मान्यता से लेकर विज्ञापन आदि की नियमावली का ड्राफ्ट तैयार करने का निर्णय लिया गया। इसके साथ ही जल्द देहरादून में राज्य स्तरीय सम्मेलन आयोजित किया जाएगा।
बैठक का मुख्य उद्देश्य था कि न्यूज पोर्टल को सूचना में इम्पैनल किया जाए और इसके लिए सरकार व सूचना विभाग में सभी का रजिस्टे्रशन जरूरी है। इससे जहां पोर्टल के लिए जहां मानदंड तय हो जाएंगे, वहीं पत्रकारिता से जुड़े लोग ही इस क्षेत्र में आ सकेंगे। इसके लिए सभी न्यूज पोर्टल और उनके पत्रकारों को एकजुट होकर काम करना होगा और उन्हें अनुशासित होना भी जरूरी है।
देहरादून के अन्य न्यूज पोर्टलो ने भी इस खबर को अलग अलग ढंग से कवरेज किया है,
उत्तराखंड हित मे अपनी भूमिकाओं की समीक्षा के लिए वेब मीडिया पत्रकारों की बैठक; उत्तराखंड न्यूज़ पोर्टल संचालित करने वाले वेब मीडिया के पत्रकारों ने देहरादून में आज एक बड़ी बैठक की और बदलते दौर में उत्तराखंड के हितों की रक्षा के लिए अपनी भूमिकाओं के बारे में नए सिरे से समीक्षा की शुरुआत से ही काफी गरमा गरम बातचीत के साथ शुरू हुई यह बैठक गरमा गरम चाय पकौड़े के दौर के साथ समाप्त हुई।
लगभग दो घंटे चली इस बैठक के इस दौरान वेब मीडिया के पत्रकारों ने अपनी जिम्मेदारी और उत्तराखंड के पाठकों द्वारा मिली ताकत के बारे में गहन चिंतन मनन किया बैठक में सभी पत्रकार इस नतीजे पर एकमत थे कि आज लोग सबसे अधिक और सबसे त्वरित सूचनाएं वेब मीडिया से ही प्राप्त करते हैं, लिहाजा वेब मीडिया पत्रकारों के कंधों पर बड़ी जिम्मेदारियां खुद-ब-खुद आ गई हैं।
एक और सबसे बड़ी चुनौती और जिम्मेदारी खबरों के प्रति विश्वसनीयता बनाए रखने की महसूस की गई। सभी पत्रकारों ने यह निर्णय लिया कि वेब मीडिया के पत्रकारों को समय रहते अपने लिए आचार संहिता बनानी होगी ताकि ज्यादा व्यवस्थित और अनुशासित तरीके से उत्तराखंड के हितों की रक्षा के लिए अपनी भूमिका निभाई जा सके इस बात पर भी चर्चा की गयी कि आज जो भी व्यक्ति न्यूज़ पोर्टल संचालित कर रहे हैं उनका कोई रिकॉर्ड नहीं है, इसलिए इस बात की आवश्यकता महसूस की गई कि न्यूज़ पोर्टल बनाने के लिए पहले या बाद में राज्य सूचना विभाग अथवा एक नियामक तंत्र के अंतर्गत पंजीकरण अनिवार्य किया जाना चाहिए ताकि राज्य में कितने न्यूज पोर्टल सक्रिय है,इसका ब्योरा संकलित किया जा सके।
साथ राज्य सूचना विभाग से विज्ञापनों के लिए एंपैनलमेंट के तौर तरीकों में भी सुधार किए जाने की आवश्यकता महसूस की गई। बैठक में वेब मीडिया के पत्रकारों को मान्यता प्रदान करने के विषय में भी परिचर्चा की गई। गौरतलब है उत्तराखंड इक्का-दुक्का राज्यों में शामिल है जहां सबसे पहले वेब मीडिया के लिए विज्ञापन नियमावली बनाई गई है। इसके लिए एक दशक से विभिन्न सरकारों के साथ कई दौर की बैठकों का वाकिया भी याद किया गया।
यही कारण है कि आज उत्तराखंड में हरीश रावत सरकार में न्यूज़ पोर्टल के लिए विज्ञापन मान्यता नियमावली बनाई गई। बैठक में वेब मीडिया के पत्रकारों ने इस बात पर एकजुट होकर सहमति जताई कि वे उत्तराखंड के हितों के लिए एकजुट होकर अपना योगदान देंगे और चाहे सरकार किसी भी दल की क्यों ना हो वे उत्तराखंड के हितों के लिए प्रतिबद्ध रहेंगे।
पत्रकारों ने इस बात को भी महसूस किया और गंभीरता से इस बात पर चर्चा की कि वे किसी भी घटना के प्रति जिस दृष्टिकोण से रिपोर्टिंग करते हैं दूसरे दिन या शाम को चैनल और अखबार उस दृष्टिकोण की उपेक्षा नहीं कर सकते, इसलिए वेब मीडिया की भूमिका और भी अधिक महत्वपूर्ण हो जाती है। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि उत्तराखंड के व्यापक जनहित के मुद्दों पर वेब मीडिया के सभी पत्रकार इस बात पर पहले रायशुमारी कर लेंगे कि उनका किसी मुद्दे पर क्या दृष्टिकोण है और सभी एक ही दृष्टिकोण से खबरें प्रकाशित करेंगे ताकि उत्तराखंड के हितों के लिए अपनी भूमिका व्यापक रूप से निभाई जा सके।
आज की बैठक में इस बात पर भी निर्णय लिया गया कि वेब मीडिया के पत्रकारों का उत्तराखंड में सिर्फ एक ही संगठन होगा और समय-समय पर नए प्रतिनिधियों को दायित्व दिया जाता रहेगा। एक दिन पहले ही फोन पर बुलाई गई इस बैठक में बरसात और दूरी होने के कारण काफी पत्रकार समय पर नहीं पहुंच पाए किंतु 4 दर्जन से अधिक पत्रकारों ने इस बैठक में शामिल होकर अपनी नई भूमिकाओं के बारे में गर्मजोशी से चर्चा की। जल्दी ही वेब मीडिया के पत्रकारों का एक बड़ा सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। बैठक में शामिल पत्रकारों की मौलिक सूची प्रदान की जा रही है।
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