कोविड सेंटर दून में सुविधा का दावा & सेंटर में गई थी युवक की जान & शराब व्यवसायियों से 200cr कैसे माफ;HC & UK Top News 25 June 20

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उत्तराखंड हाई कोर्ट में गूंजा सवाल “उत्तराखंड में शराब व्यवसायियों से एक्साइज का 200 करोड़ किस आधार पर माफ किया गया? कोर्ट में विद्वान अधिवक्ता ने तर्क रखा – बसों में तिगुना किराया बढ़ाया गया और शराब व्यवसायियों का 200 करोड़ रु0 माफ कर दिया, यह कैसे चलेगा? हाई कोर्ट नैनीताल ने उत्तराखंड सरकार को नोटिस जारी किया, 24 जून 20 “हिमालयायूके” एक्सएकलुसिव

High Light # विभिन्न क्षेत्रों में उपनल के माध्यम से भर्ती की जा सकती है — मुख्यमंत्री #रायपुर, देहरादून में कोविड सेंटर में कोविड- 19 के मानकों के अनुसार सभी प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध कराने  का दावा : सरकारी अव्यवस्थाओं से गई थी बेटे की जान;; अश्वनी ने अमर उजाला ऑफिस पहुंचकर अपना दर्द साझा किया था #आंगनबाड़ी और आशा कार्यकत्रि के खाते में एक-एक हजार रूपए की सम्मान राशि-मुख्यमंत्री #344 करोड़ 76 लाख रूपये लागत की प्रस्तावित योजनाओं को अनुमोदित – प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना की राज्य स्तरीय स्वीकृति #मंत्री मदन कौशिक की वैकल्पिक ऊर्जा को मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना से जोड़ने के संबंध में बैठक # पेंशनरों के हित में राज्य सरकार द्वारा महत्वपूर्ण निर्णय :कृषि मंत्री द्वारा समायोजित करने के संबंध में बैठक # जनपद चमोली में कुल 67 कोरोना संक्रमित मरीज

अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश को क्लीन चिट

विभिन्न क्षेत्रों में उपनल के माध्यम से भर्ती की जा सकती है — मुख्यमंत्री

देहरादून 25 जून, 2020 (सू.ब्यूरो Himalayauk Newsportal & Daily Newspaper )  कोविड-19 के दृष्टिगत प्रदेशवासियों को रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने गुरूवार को सचिवालय में अधिकारियों के साथ बैठक की। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ विशेष सैक्टर चिन्हित किये जाएं, जिसमें लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया जा सकता है। उन्होंने कहा कि आवश्यकतानुसार विभिन्न क्षेत्रों में उपनल के माध्यम से भर्ती की जा सकती है। स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं तकनीक के क्षेत्र में कार्मिकों की और तैनाती की आवश्यकता है।

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि उपनल के माध्यम से जो भी भर्ती की जायेगी, उसमें  पूर्व सैनिकों एवं सैनिक आश्रितों को सबसे पहले प्राथमिकता दी जायेगी। यदि किसी क्षेत्र में पूर्व सैनिकों एवं सैनिक आश्रित की उपलब्धता नहीं हो पाती है, तब ही अन्य लोगों को उपनल के माध्यम से भर्ती की जायेगी। नौकरी के लिए विभिन्न क्षेत्र चिन्हित होने के बाद उपनल द्वारा पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू की जायेगी। इसके लिए इस वित्तीय वर्ष के अन्त तक अर्थात् 31 मार्च 2021 तक आवेदन किया जा सकता है। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि कुछ ऐसे क्षेत्र चिन्हित किये जाय जिसमें समय की मांग एवं परिस्थितियों के अनुसार प्रदेशवासियों विशेषकर पूर्व सैनिकों एवं सैनिक आश्रितों एवं महिला समूहों को उपनल के माध्यम से स्किल डेवलपमेंट किया जा सकता है।

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि कोविड -19 के दृष्टिगत प्रदेश के बड़े शहरों देहरादून एवं हल्द्वानी में वरिष्ठ नागरिकों, जो विभिन्न कारणों से अपने घर से बाहर निकलने में असमर्थ हैं। उनके लिए उपनल के माध्यम से मल्टीसर्विस सेंटर स्थापित किये जाय। वरिष्ठ नागरिकों की सुविधा के लिए उपनल के माध्यम से उचित दरों पर सेवाएं दी जा सकती हैं। उपनल के माध्यम से सेवाएं देने पर सेवाकर्ता का पूरा रिकॉर्ड रहेगा। इससे लोगों में विश्वसनीयता भी बढ़ेगी।

बैठक में मुख्य सचिव श्री उत्पल कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, सचिव न्याय श्री प्रेम सिंह खिमाल, सचिव वित्त श्री अमित नेगी, अपर सचिव श्री प्रदीप रावत, उपनल के प्रबंध निदेशक ब्रिगेडियर पी.पी.एस. पहावा (से.नि), निदेशक सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास ब्रिगेडियर के.वी चन्द (से.नि) आदि उपस्थित थे।

रायपुर, देहरादून में कोविड सेंटर में कोविड- 19 के मानकों के अनुसार सभी प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध कराने  का दावा

उत्तराखंड में हर रोज कोरोना का ग्राफ बढ़ता ही जा रहा है। प्रदेश में आज 20 नए कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज मिलने से वायरस से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़कर अब 2642 पहुंच गई है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से दोपहर को जारी हेल्थ बुलेटिन के अनुसार, 20 मरीजों में कोरोना वायरस की पुष्टि हो गई है। 20 संक्रमितों में से सबसे जयादा 11 कोरोना मरीज यूएस नगर जिले में मिले हैं। जबकि, राजधानी देहरादून में 04 और पौड़ी व हरिद्वार में दो-दो मरीज सामने आए हैं व टिहरी जिले में एक मरीज में वायरस की पुष्टि हुई है।  

देहरादून 25 जून, 2020 (सू.ब्यूरो)  मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने गुरूवार को अन्तरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम रायपुर, देहरादून में बनाये गये कोविड केयर सेंटर का निरीक्षण किया। इस कोविड सेंटर में कोविड- 19 के मानकों के अनुसार सभी प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध करायी गई हैं। अभी इस सेंटर में 750 बैड की व्यवस्था की गई है। आवश्यकता पड़ने पर इस सेंटर की क्षमता को बढ़ाकर चार हजार बैड तक की जा सकती है। कोविड केयर सेंटर में ठहरने वाले लोगों के लिए सुरक्षात्मक दृष्टि से फ्री में आवश्यक सामग्री की किट दी जायेगी। दिन में तीन टाइम के भोजन की व्यवस्था की गई है, जिसमें स्थानीय उत्पादों को प्राथमिकता दी गई है। आयुष विभाग द्वारा इम्युनिटी बढ़ाने के लिए काढ़ा भी उपलब्ध कराया गया है।

अन्तरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में बनाये गये इस सेंटर में लोगों को ठहरने के लिए चार फ्लोर में व्यवस्था की गई है। इसमें 38 वार्ड एवं 750 बैड की व्यवस्था की गई है। कोविड केयर सेंटर में मेडिकल सुविधाओं के साथ ही,योगा एवं मेडिटेशन की व्यवस्था की गई है। सुबह के समय एक्सपर्ट द्वारा आॅनलाईन योगा एवं मेडिटेशन की क्लास दी जायेगी। इसके लिए एलईडी स्क्रीन की व्यवस्था की गई है। कोविड केयर सेंटर में सैनेटाइज, थर्मल स्क्रीनिंग, सीसीटीवी कैमरे एवं कोविड के मानकों के हिसाब से अन्य व्यवस्थाएं की गई हैं। फैमली वार्ड अलग से बनाये गये हैं। सेंटर में मनोरंजन की अनेक सामग्रियां उपलब्ध कराई गई हैं। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि कोविड-19 के दृष्टिगत राज्य सरकार ने सुरक्षात्मक दृष्टि से हर सम्भव प्रयास किये हैं। अन्तरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम रायपुर में कोविड के दृष्टिगत हाईटैक सुविधाएं उपलब्ध कराने के प्रयास किये गये हैं। शासन, पुलिस एवं स्वास्थ्य विभाग के साथ ही स्वयं सेवी संस्थाओं ने भी इसके लिए सहयोग किया है। कोविड-19 पर नियंत्रण एवं लोगों को रोजगार के अवसर उपलबध कराना राज्य सरकार की शीर्ष प्राथमिकताओं में है।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि यहां पर चार हजार लोगों की ठहरने की व्यवस्था हो सकती है। कोविड पर नियंत्रण के लिए जिस तरह से प्रदेश में सतर्कता बरती जा रही, उम्मीद है कि हम जल्द ही नियंत्रण की स्थिति में होंगे। प्रदेश में कोरोना पाॅजिटव के रिकवरी रेट में वृद्धि हुई है, डबलिंग रेट में भी सुधार आया है। अभी हमारा रिकवरी रेट 65 प्रतिशत एवं डबलिंग रेट 25 दिन है।  

इस अवसर पर पर्यावरणविद् डाॅ.अनिल प्रकाश जोशी, सचिव स्वास्थ्य श्री अमित नेगी, डीजीपी लाॅ एण्ड आॅर्डर श्री अशोक कुमार, आईजी मेला श्री संजय गुंज्याल, कमांडेंट एसडीआरएफ सुश्री तृप्ति भट्ट,सीएमओ देहरादून डाॅ. वी.सी. रमोला, अपर जिलाधिकारी श्री बीर सिंह बुदियाल आदि उपस्थित थे।  

सरकारी अव्यवस्थाओं से गई थी बेटे की जान;; अश्वनी ने अमर उजाला ऑफिस पहुंचकर अपना दर्द साझा किया था

12 जून २० को रायपुर के एक क्वारंटीन सेंटर में जबलपुर (मध्यप्रदेश) निवासी युवक संकेत मेहरा ने आत्महत्या कर ली थी। संकेत मेहरा पिता अश्वनी मेहरा दून पहुंचे थे और बेटे की मौत के लिए सरकारी व्यवस्थाओं को जिम्मेदार ठहराया था। उन्‍होने सवाल किया था कि बेटे का मोबाइल और उसकी रेलवे आईडी कहां गई? इसके अलावा क्वारंटीन सेंटर में रस्सी कैसे पहुंची? लेकिन उनके इन सवालों का जवाब किसी के पास नहीं है। पिता अपने बेटे की अस्थियों को विसर्जन से पहले अपने गांव लेकर जाएंगे। 

दिल्ली से दून पहुंचने पर रायपुर के क्वारंटीन सेंटर में रखे गए रेलवे कर्मचारी संकेत मेहरा का शव 12 जून को फांसी पर लटका मिला था। हालांकि मौत के बाद उसकी कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आई थी। लॉकडाउन के चलते रेलवे में टिकट न मिलने के कारण परिजन नहीं आ पा रहे थे। पुलिस और प्रशासन ने संकेत के पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार कर दिया था। संकेत के पिता अश्वनी मेहरा ने देहरादून पहुंचकर बेटे की अस्थियां प्राप्त की। अश्वनी ने अमर उजाला ऑफिस पहुंचकर अपना दर्द साझा किया। उन्होंने बताया संकेत दो बेटों में सबसे छोटा था। इसी साल जनवरी में संकेत की रेलवे में नौकरी लगी थी।

लॉकडाउन में वह बड़ोदरा में फंस गया था। श्रमिक ट्रेन चली तो संकेत दिल्ली आ गया था। दिल्ली से वह देहरादून क्यों आया इसका उन्हें भी पता नहीं? संकेत ने बड़े भाई को फोन पर यह जानकारी दी थी कि वो क्वारंटीन सेंटर में हैं। लेकिन, लोकेशन नहीं बता पाया था। 12 जून को रायपुर से उन्हें फोन आया तो घटना का पता चला। पिता मेहरा का आरोप है कि बेटे की जान सरकारी अव्यवस्थाओं से गई है। सात जून से 11 जून तक कोई कर्मचारी उसे देखने तक नहीं गया। संकेत बेहद खुशमिजाज और घूमने का शौकीन था।  सवाल किया कि क्वारंटीन सेंटर में उसके हाथ रस्सी कैसे आई? दूसरा संकेत का मोबाइल और आईडी कार्ड कहां गया? पुलिस भी दोनों चीजें न मिलने की बात कह रहे हैं। अब वह बेटे के लिए इंसाफ चाहते हैं।

वही दूसरी ओर कोरोना संक्रमण के डर से लोगों के आत्महत्या करने की कई खबरें सामने आ चुकी हैं. सरकारी अव्यवस्था इस प्रकार रही है उत्‍तराखण्‍ड में

कोरोना संक्रमण के डर से लोगों के आत्महत्या करने की कई खबरें सामने आ चुकी हैं. लेकिन नैनीताल (Nainital) में बिल्‍कुल अलग घटना सामने आई है. कोरोना काल में ज़मानत न मिलने के भय से नैनीताल में एक विचाराधीन कैदी पुलिस वाहन से कूदकर फरार हो गया. मंगलवार रात को यह मामला तब हुआ जब जसपुर कोर्ट से पुलिसकर्मी विचाराधीन कैदी को लेकर नैनीताल जेल आ रहे थे. एक पहाड़ी मोड़ पर गाड़ी धीमी होने पर वह चलती गाड़ी से कूदकर फरार हो गया. रात भर चले सर्च अभियान के बाद उसे पकड़ तो लिया गया, लेकिन पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं. नैनीताल ज़िला जेल में बंद अभियुक्त मनोत्तम त्यागी उर्फ मनु त्यागी को ज़िला गाजियाबाद कोर्ट से रिमांड के बाद नैनीताल जेल लाया जा रहा था. रात करीब 9 बजे रास्ते में मनोरा बैंड के पास गाड़ी धीमी हुई तो वह गाड़ी का दरवाजा खोलकर कूद गया. जब तक पुलिस गाड़ी रोकती वह अंधेरे का फायदा उठाकर जंगल में गुम हो गया. अभियुक्त के खिलाफ संगीन धाराओं में मुकदमे दर्ज हैं. पुलिस के अनुसार आरोपित वाहन चोरी के मामले में गिरफ्तार किया गया था, उसके खिलाफ दो मामले दर्ज हैं. थाना जसपुर के दो सिपाही पुलिस की गाड़ी से उसे जसपुर कोर्ट में पेशी के बाद नैनीताल जेल में दाखिल करने ला रहे थे. अंधेरा का फायदा लेकर कैदी के फरार होने के बाद नैनीताल पुलिस के माथे पर बल डाल दिए. तुरंत ही नैनीताल और ऊधम सिंह नगर की पुलिस टीमों को तत्काल कैदी के फ़रार होने की सूचना दी गई. इसके बाद चारों तरफ़ नाकेबंदी की गई, लेकिन घंटों की खोजबीन के बाद कैदी का कोई पता नहीं लग सका. इस पर तल्लीताल पुलिस ने प्राइवेट वाहन का सहारा लेने का फ़ैसला किया. यह निर्णय काम आया और हल्द्वानी रोड पर फ़रार कैदी मनु त्यागी ने एसआई दीपक बिष्ट से लिफ़्ट मांगी और पुलिस ने उसे रुसी बाइपास से गिरफ्तार कर लिया. फ़रार कैदी की गिरफ़्तारी के बाद पुलिस की जान में जान आ सकी. हालांकि तल्लीताल एसएचओ विजय मेहता का कहना है कि रात को भागे कैदी मनु त्यागी के खिलाफ पुलिस अभिरक्षा से भागने के मामले में मुक़दमा दर्ज किया जा रहा है, जिसके बाद उसे कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया जाएगा.

वही दूसरी ओर उत्तराखंड में आत्महत्या के मामले पढ़े हैं. बीते दिनों अध्यात्मिक संस्था शांतिकुंज में छत्तीसगढ़ के एक स्वयंसेवक ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी.  मृतक ने अपने मोबाइल फोन पर चंद लाइन का सुसाइड नोट भी छोड़ा था. शहर कोतवाली प्रभारी अमरजीत सिंह ने बताया कि बस्तर छत्तीसगढ़ निवासी राजेंद्रनाथ (45) पुत्र भगतूराम वर्ष 1996 से शांतिकुंज में रह रहा था. उसकी शादी वर्ष  2008 में रामशीला से हुई थी. दोनों लोग शांतिकुंज कैंपस में ही रह रहे थे.

कलियर थाना (Collier Police Station) क्षेत्र स्थित धनौरा गांव में कंटेनमेंट जोन में ड्यूटी पर तैनात एक सिपाही ने फांसी पर लटकर जान दे दी. सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची स्थानीय थाना पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. कलियर थाना पुलिस के मुताबिक, सिपाही मूलरूप से उत्तरकाशी (Uttarkashi) में तैनात था. लेकिन कोरोना वायरस की वजह से उसकी ड्यूटी हरिद्वार जिले में लगी थी. वहीं, सिपाही के फांसी लगाने का कारण घरेलू विवाद बताया जा रहा है.

मृतक सिपाही झबरेड़ा क्षेत्र का रहने वाला था. साल 2019 में उसकी शादी यूपी के सहारनपुर जिले में हुई थी. परिजनों का आरोप है कि शादी के बाद से लड़की वाले पैसों की लगातार डिमांड कर रहे थे. इसलिए वह काफी दिनों से परेशान चल रहा था. सिपाही की मौत के बाद परिजनों में कोहराम मचा हुआ है. वहीं, सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने ग्रामीणों से पूछताछ कर मामले की जानकारी ली. फिलहाल, पुलिस अभी तक कोई ठोस जानकारी हासिल नहीं कर पाई है. लेकिन प्रथम दृष्टया घरेलू विवाद ही सामने आ रहा है. कलियर थाना प्रभारी का कहना है कि मामले की जांच पड़ताल की जा रही है और उसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.

आंगनबाड़ी और आशा कार्यकत्रि के खाते में एक-एक हजार रूपए की सम्मान राशि-मुख्यमंत्री

 देहरादून 25 जून, 2020 (सू.ब्यूरो Himalayauk Newsportal & Daily Newspaper )  मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने घोषणा की है कि प्रत्येक आंगनबाड़ी और आशा कार्यकत्रि के खाते में एक-एक हजार रूपए की सम्मान राशि दी जाएगी। इनकी संख्या 50 हजार से अधिक है।

कोविड-19 के लिए चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों और पर्यावरण मित्रों के वेतन से अब एक दिन के वेतन की कटौति नहीं की जाएगी। हालांकि इनके द्वारा सहयोग किया जा रहा था। पर्यावरण मित्रों ने तो स्वयं एक दिन का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में दिया था।

344 करोड़ 76 लाख रूपये लागत की प्रस्तावित योजनाओं को अनुमोदित – प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना की राज्य स्तरीय स्वीकृति

देहरादून 25 जून, 2020 (सू.ब्यूरो Himalayauk Newsportal & Daily Newspaper मुख्य सचिव श्री उत्पल कुमार सिंह की अध्यक्षता में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना की राज्य स्तरीय स्वीकृति समिति की बैठक में 2020-21 के 344 करोड़ 76 लाख रूपये लागत की प्रस्तावित योजनाओं को अनुमोदित किया गया। इसी के साथ वर्ष 2019-20 के लघु सिंचाई की पूर्व में उपलब्ध धनराशि 29 करोड़ 78 लाख लागत की योजना में धनराशि जारी करने के निर्देश दिए गए।

मुख्य सचिव श्री उत्पल कुमार सिंह की अध्यक्षता में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना की राज्य स्तरीय स्वीकृति समिति की बैठक में 2020-21 के 344 करोड़ 76 लाख रूपये लागत की प्रस्तावित योजनाओं को अनुमोदित किया गया। इसी के साथ वर्ष 2019-20 के लघु सिंचाई की पूर्व में उपलब्ध धनराशि 29 करोड़ 78 लाख लागत की योजना में धनराशि जारी करने के निर्देश दिए गए।

 मुख्य सचिव श्री उत्पल कुमार सिंह की अध्यक्षता में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना की राज्य स्तरीय स्वीकृति समिति की बैठक में 2020-21 के 344 करोड़ 76 लाख रूपये लागत की प्रस्तावित योजनाओं को अनुमोदित किया गया। इसी के साथ वर्ष 2019-20 के लघु सिंचाई की पूर्व में उपलब्ध धनराशि 29 करोड़ 78 लाख लागत की योजना में धनराशि जारी करने के निर्देश दिए गए।

बैठक में मुख्य सचिव श्री उत्पल कुमार सिंह द्वारा पूर्व में प्रेषित चाय बागान के 15 करोड़ 93 लाख के प्रस्ताव में वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली उत्तराखंड औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय के वाईस चासंलर डाॅ अजित कुमार कर्नाटक के प्रस्ताव के सुझाव को शामिल करने के निर्देश दिए गए। बैठक में पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय के वांइस चांसलर डा0 तेज प्रताप सिंह तथा भारत सरकार के अपर आयुक्त वी.वी.एम. राव ने भी वीडियो कांन्फ्रेसिंग के माध्यम से अपने सुझाव दिए।

   बैठक में सचिव कृषि श्री आर मीनाक्षी सुन्दरम, संयुक्त सचिव सिंचाई श्री ओमकार सिंह, मुख्य अभियन्ता लघु सिंचाई श्री मोहम्मद उमर, प्रमुख अभियन्ता राजकीय सिंचाई श्री मुकेश मोहन सहित कृषि एवं उद्यान के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

मंत्री मदन कौशिक की वैकल्पिक ऊर्जा को मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना से जोड़ने के संबंध में बैठक

देहरादून   25 जून, 2020 (मी0से0 Himalayauk Newsportal & Daily Newspaper )     प्रदेश के शहरी विकास, आवास, राजीव गाँधी शहरी आवास, जनगणना, पुनर्गठन एवं निर्वाचन मंत्री मदन कौशिक ने विधान सभा, सभा कक्ष में उत्तराखंड में वैकल्पिक ऊर्जा को मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना से जोड़ने के संबंध में बैठक की। बैठक में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डाॅ. धन सिंह रावत भी मौजूद थे। बैठक में ऊर्जा विभाग, उद्योग विभाग, वैकल्पिक ऊर्जा एवं सहकारी बैंक के अधिकारियों ने प्रतिभाग कर प्रदेश के 10 पर्वतीय जनपदों में वैकल्पिक ऊर्जा के उत्पादन की संभावनाओं पर चर्चा की। विचार-विमर्श के दौरान सभी विभागों के अधिकारियों ने इस परियोजना को मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना से जोड़े जाने और उसकी सफलता को लेकर उत्साह दिखाते हुए योजना को स्वरोजगार की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण एवं वरदान साबित होने वाली योजना बताया।

बैठक में राज्य सरकार के प्रवक्ता एवं शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि वैकल्पिक ऊर्जा के उत्पदान संबंधी योजना स्वरोजगार की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण प्रतीत होती है। जिसके तहत 25 से 50 किलोवाट तक के सोलर ऊर्जा के संयंत्र स्थापित कर प्रदेश के 10 से 15 हजार युवाओं को स्वरोजगार देने का लक्ष्य है। उन्होंने संबंधित विभाग के अधिकारियों को शीघ्र ही परियोजना का खाका तैयार कर एक सप्ताह के भीतर पुनः प्रस्तुतीकरण के निर्देश दिये। ताकि उक्त परियोजना को मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में जोड़ते हुए कैबिनेट की स्वीकृत प्रदान की जा सके।

बैठक में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डाॅ. धन सिंह रावत ने कहा कि राज्य के पर्वतीय जनपदों में वैकल्पिक ऊर्जा की अपार संभावनाएं हैं। विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों के पास काफी भूमि उपलब्ध है। जिस पर सोशल ऊर्जा के संयंत्र को स्थापित कर 10 से 15 हजार रूपये प्रतिमाह की आय प्राप्त की जा सकती है। इस योजना को सफल बनाने के लिए राज्य सहकारी बैंक 25 किलोवाट तक की परियोजना के लिए 20 लाख तक का ऋण 15 वर्षों के लिए देने हेतु तैयार है। ताकि लाभार्थी बैंक की किस्तों को आसानी से चुका सके। उन्होंने कहा कि यह योजना पर्वतीय क्षेत्र में स्वरोजगार के लिए वरदान साबित होगी।

बैठक में प्रमुख सचिव उद्योग मनीषा पंवार, सचिव ऊर्जा राधिका झा, अपर सचिव ऊर्जा कै. आलोक शेखर तिवारी, उत्तराखंड पाॅवर काॅर्पोरेशन के प्रबंध निदेशक बी.सी.के.मिश्रा, राज्य सहकारी बैंक के प्रबंध निदेशक बी.एम.मिश्रा, मुख्य परियोजना अधिकारी उरेड़ा अरूण कुमार त्यागी, निदेशक उद्योग एस.सी.नौटियाल, निदेशक आॅपरेशन यूपीसीएल अतुल कुमार अग्रवाल, उपनिदेशक अनुपम द्विवेदी एवं अरूण प्रताप सिंह सहित कई अधिकारी मौजूद थे।

पेंशनरों के हित में राज्य सरकार द्वारा महत्वपूर्ण निर्णय

देहरादून   25 जून, 2020 (मी0से0 Himalayauk Newsportal & Daily Newspaper )   प्रदेश के शहरी विकास, आवास, राजीव गाँधी शहरी आवास, जनगणना, पुनर्गठन एवं निर्वाचन मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि सेवानिवृत्त पेंशनरों और पारिवारिक पेंशनरों के हित में राज्य सरकार द्वारा महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है।

केन्द्रीय सेवा के शहरी विकास विभाग के अन्तर्गत दिनांक 01.01.2016 से पूर्व सेवानिवृत्त पेंशनरों/पारिवारिक पेंशनरों को दिनांक 01.01.2016 से 31.10.2018 तक के एरियर का भुगतान वित्तीय वर्ष, 2020-21 एवं 2021-22 में दो समान किश्तों में दिये जाने के प्रस्ताव को शहरी विकास मंत्री द्वारा अनुमोदित कर दिया गया है।

जबकि पूर्व में यह लाभ दिनांक 01.11.2018 से अनुमन्य किया गया था। इससे सभी सेवानिवृत्त पेंशनरों और पारिवारिक पेंशनरों को लाभ होगा

कृषि मंत्री द्वारा समायोजित करने के संबंध में बैठक

  देहरादून   25  जून, 2020 (मी0से0)  प्रदेश के शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक तथा कृषि मंत्री सुबोध उनियाल द्वारा विधान सभा स्थित सभाकक्ष में शहरी एवं कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ, कृषि विभाग में कार्यरत कनिष्ठ अभियंताओं को शहरी विकास विभाग में समायोजित करने के संबंध में बैठक एवं वार्ता की गयी।

बैठक में निर्णय लिया गया कि कृषि विभाग मंे नियमित(रेगुलर) रूप से कार्यरत तथा सिविल डिप्लोमाधारी आउटसोर्स कनिष्ठ अभियंताओं से समायोजन के संबंध में संबंधित कार्मिकों की पूर्व सहमति ली जाए। इसके अतिरिक्त निर्णय लिया गया कि कृषि विभाग से शहरी विकास विभाग में समायोजित होने वाले कनिष्ठ अभियंताओं की वरिष्ठता भी बरकरार रखी जाए। मत्रीगणों ने इस संबंध में संबंधित अधिकारियों को तेजी कार्य करने के निर्देश दिये ताकि आगामी बैठक में इसको कैबिनेट में प्रस्तुत किया जा सके।

इस अवसर पर सचिव शहरी विकास विभाग शैलेश बगोली एवं अपर सचिव कृषि राम विलास यादव सहित कृषि विभाग के अधिकारी मौजूद थे।

उत्तराखंड हाई कोर्ट में गूंजा सवाल “उत्तराखंड में शराब व्यवसायियों से एक्साइज का 200 करोड़ किस आधार पर माफ किया गया?

नैनीताल. कोरोना वायरस (COVID-19) को लेकर लागू किए गए लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान उत्तराखंड में शराब (Liquor) कारोबारियों को छूट देने पर राज्य सरकार निशाने पर आ गई है. उत्तराखंड हाईकोर्ट (Uttarakhand High Court) ने इस बाबत दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकार से जवाब मांगा है. अदालत ने सरकार से पूछा है कि आखिर सरकार ने सिर्फ शराब कारोबारियों को ही छूट क्यों दी है और किन परिस्थितियों में दी? कोर्ट ने याचिका को लेकर नोटिस जारी करते हुए सरकार को 3 हफ्ते में जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है.

दरअसल लॉकडाउन में राज्य सरकार ने शराब कारोबारियों को 196 करोड़ की टैक्स व लाइसेंस फीस में छूट दी थी. Fसके ख़िलाफ़ हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है.  नैनीताल हाईकोर्ट में दाखिल जनहित याचिका में कहा गया है कि लॉकडाउन में अन्य उद्योग धंधे और व्यावसायिक गतिविधियां भी बंद हो गए हैं. लेकिन सरकार ने सिर्फ़ शराब कारोबारियों को राहत दी, जबकि नुकसान सभी को उठाना पड़ा है.

याचिका में कहा गया है कि सरकार का यह रवैया भेदभावपूर्ण है और उसकी दोहरी नीति को दर्शाता है.

 गौरतलब है कि उत्तराखंड के इतिहास में पहली बार लॉकडाउन के दौरान दी गई छूट के बाद शराब कारोबारी हड़ताल पर गए थे. उनका कहना था कि Coronavirus की वजह से शराब की बिक्री कम हुई है, इसलिए उन्हें टैक्स में राहत दी जाए. शराब कारोबारियों से बातचीत के बाद राज्य सरकार ने उन्हें छूट देने का फैसला किया था.

राब को लेकर राज्य सरकार के ऊपर दोहरी नीति का आरोप पहले भी लगा था. दरअसल, कोविड-19 संक्रमण को रोकने के लिए सरकार ने देहरादून में शनिवार-रविवार को सभी दुकानें बंद रखने का फैसला किया था. इसमें सिर्फ आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं को छूट दी गई थी. लेकिन दवा-दूध और सब्जी के साथ ही देहरादून में शराब की दुकानें भी खुली रही थीं. न्यूज 18 में इस बाबत खबर प्रकाशित होने के बाद देहरादून के जिलाधिकारी ने शनिवार-रविवार को शराब की दुकानें बंद रखने का आदेश जारी किया था.

वही दूसरी ओर

 कोरोना संक्रमण के दौरान अब परिवहन निगम की बसों में सफर करने पर यात्रियों को 67 प्रतिशत अधिक किराया देना होगा। परिवहन निगम ने बुधवार को किराया संसोधित करने के साथ ही मशीनों में किराया भी अपडेट कर दिया है। बृहस्पतिवार से बसों का संचालन शुरू किया जाएगा। आरएम यशपाल सिंह ने बताया कि बस संचालन की अनुमति मिलने के बाद उत्तराखंड निगम की यात्री बसों के किराया दरों को संसोधित कर दिया गया है। संशोधित दरों के अनुुसार पर्वतीय और मैदानी रुटों पर 67 प्रतिशत तक बढ़ा हुआ किराया वसूला जाएगा। संसोधित दरों के अनुसार अलग-अलग बसों का किराया अलग- अलग तय किया गया है।

अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश को क्लीन चिट

लॉकडाउन में यूपी के विधायक अमनमणि त्रिपाठी को काफ़िले समेत केदारनाथ-बदरीनाथ जाने के लिए स्पेशल पास के मामले में पुलिस ने अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश को क्लीन चिट दे दी है. 

हाईकोर्ट में देहरादून के ज़िलाधिकारी और उत्तराखंड पुलिस महानिदेशक ने अपना जवाब दाखिल किया. पुलिस ने अपने जवाब में अपर मुख्य सचिव का बचाव करते हुए कहा कि स्पेशल पास एडीएम देहरादून ने जारी किया था, अपर मुख्य सचिव ने नहीं. अमनमणि समेत अन्य पक्षकारों ने जवाब दाखिल करने के लिए कोर्ट ने और समय देने का आग्रह किया जिसे हाईकोर्ट ने स्वीकार कर लिया और 10 दिन का समय दे दिया. कोर्ट अब इस मामले में 7 जुलाई को सुनवाई करेगा.

पुलिस ने अपर मुख्य सचिव का बचाव करते हुए इस मामले का ठीकरा देहरादून के एडीएम पर फोड़ दिया और कहा कि पास एडीएम ने जारी किया था इसलिए गलती उनकी है. हालांकि अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश और अमनमणि समेत अन्य पक्षकारों ने जवाब दाखिल करने के लिए हाईकोर्ट से और समय मांगा जिस पर हाईकोर्ट ने उन्हें 10 दिन का समय दिया है.

स्पेशल पास एडीएम देहरादून द्वारा जारी किया है ना कि अपर मुख्य सचिव द्वारा। कोर्ट ने —

हाईकोर्ट में दाखिल जवाब में डीएम ने अपर मुख्य सचिव का बचाव करते हुए पास का ठिकरा एडीएम देहरादून के सर फोड़ा है। कहा है कि स्पेशल पास एडीएम देहरादून द्वारा जारी किया है ना कि अपर मुख्य सचिव द्वारा। कोर्ट ने अब अन्य पक्षकारों को जवाब दाखिल करने के लिए 10 दिन का समय दिया है । कोर्ट अब सात जुलाई को मामले की अगली सुनवाई करेगा।

लॉकडाउन में उत्तर प्रदेश नौतनवा के विधायक अमनमणि त्रिपाठी को विशेष पास जारी करने के मामले में विधायक अमनमणि समेत अन्य ने जवाब दाखिल करने के लिए टाइम मांगा है। जबकि डीएम देहरादून और डीजीपी उत्तराखंड ने अपना जवाब दाखिल कर दिया है।

यूपी के नौतनवा विधायक बाहुबली नेता अमरमणि त्रिपाठी के पुत्र अमनमणि को दो से सात मई तक केदारनाथ व बद्रीनाथ का पास जारी किया गया था। स्पेशल पास में तीन वाहनों को अनुमति दी गयी थी। जिसमे यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पिता के पित्र कर्म हेतु इन धामों में जाने की अनुमति दी गयी थी।

राज्य सरकार के कोई कार्रवाई न किए जाने पर नैनीताल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर कर केस की सीबीआई जांच की मांग की गई थी. इसमें कहा गया था कि अपर मुख्य सचिव, जो मुख्यमंत्री के सचिव भी हैं, ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए भारत सरकार की गाइडलाइन्स का उल्लंघन करए अमनमणि समेत 11 लोगों को स्पेशल पास जारी करवाया था.याचिकाकर्ता ने इसकी शिकायत मुख्य सचिव और डीजीपी से लिखित शिकायत भी की थी लेकिन राज्य सरकार ने अपर मुख्य सचिव पर कोई कार्रवाई नहीं की. इसके बाद हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर इस मामले की सीबीआई जांच करवाने और दोषी पर कठोर कार्रवाई की मांग की गई थी.

अब इस मामले की सीबीआई जांच के लिए हाई कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की है। कहा है कि अपर मुख्य सचिव जो मुख्यमंत्री के सचिव भी हैं , ने अपने पद का दुरुपयोग कर तथा भारत सरकार की गाईडलाईन का उलंघन करते हुए अमनमणि समेत 11 लोगों को स्पेशल पास जारी किया। याचिकाकर्ता द्वारा मुख्य सचिव और डीजीपी से लिखित शिकायत करने के बाद भी राज्य सरकार द्वारा अपर मुख्य सचिव पर कोई कार्रवाई नहीं कि गयी, लिहाजा ऐसे मामले की सीबीआई जांच हो ,दोषी पर कोठोर कार्रवाई की जाए।

जनपद चमोली में कुल 67 कोरोना संक्रमित मरीज

जनपद चमोली। Himalayauk Newsportal & Daily Newspaper
चमोली जनपद में गुरूवार को किसी भी व्यक्ति की सैंपल रिपोर्ट नहीं आई है। जिले में कुल 67 कोरोना संक्रमित मरीज है। जिसमें से 44 लोग स्वस्थ होकर अस्पताल से घर लौट चुके है।
            जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया के निर्देशो पर सभी संदिग्ध व्यक्तियो के सैंपल टेस्ट के लिए भेजे जा रहे गुरूवार को 65 संदिग्ध व्यक्तियों के सैंपल टेस्ट के लिए भेजे गये हैं। अब तक कुल 2469 सैपल टेस्ट के लिए भेजे गये जिनमे से 1942 की रिपोर्ट नेगेटिव व 67 की रिपोर्ट पाॅजिटिव आई है। जबकि 385 सैंपल की रिर्पोट आनी बाकी है।
             कोविड संक्रमण से बचाव के दृष्टिगत बाहरी प्रदेशों से आए 292 प्रवासी अभी फेसलिटी क्वारेन्टाइन में चल रहे है। जिला प्रशासन ने इन प्रवासियों को गौचर, कर्णप्रयाग, मंडल, गैरसैण, ग्वालदम, भराडीसैंण, पीपलकोटी इत्यादि स्थानों पर फेसलिटी क्वारंन्टाइन किया है। मेडिकल टीम फेसलिटी क्वारंन्टीन में ठहराए गए लोगों की रेग्यूलर जाॅच कर रही है।
इसके अलावा 6852 प्रवासी अभी होम क्वारंन्टीन में चल रहे है। होम क्वारंन्टीन लोगों के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए गठित 23 मोबाइल चिकित्सा टीमों ने बुधवार को 36 गांवों में घर-घर जाकर 274 क्वारेंटीन व्यक्तियों की स्वास्थ्य जाॅच की। जिले के विभिन्न क्षेत्रों से कोरोना संक्रमण की जानकारी जुटाने के लिए 18 ब्लाक एवं सिटी रिसपोंस टीम निरंतर कार्य कर रही है।
जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया सभी प्रवासियों को क्वारेंटाइन नियमों का पूरी तरह से पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए है। वही शासकीय कार्मिकों के माध्यम से क्वारेंटीन लोगों पर निरतंर निगरानी रखते हुए नियमों का उल्लंघन करने वाले व्यक्तियों के विरूद्व सख्त कार्यवाही भी की जा रही है।
जिले में लाॅकडाउन का उल्लंघन करने पर डीएम एक्ट के तहत 35 ए फआईआर, महामारी अधिनियम के तहत 4, सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने पर 02, सीआरपीसी-151 के तहत 65, डीएम एक्ट के तहत गिरफ्तारियां 60, महामारी अधिनियम के तहत गिरफ्तरियां 8, सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने पर गिरफ्तारियां 1, पुलिस एक्ट के तहत 1122 लोगों के खिलाफ मामले दर्ज किए जा चुके है। इसके आलावा 1375 चालान और 89 वाहनों को सीज किया गया है।
       जिले में आवश्यक सेवाओं के तहत खाद्यन्न की आपूर्ति सुचारू बनी हुई है। स्टाॅक में गेहूं 7153.10 कुन्तल, चावल 12590.86 कुन्तल, मसूर दाल 375.20 कुन्तल, चना दाल 203.38 कुन्तल, चीनी 88.41 कुन्तल, पीएम गरीब कल्याण चावल 620.64 कुन्तल व दाल 332.72 कुन्तल तथा घरेलू गैस के 3447 गैस सिलेण्डर अवशेष है।

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