सुस्वागतम-2021 ; 1 जनवरी को महामुहूर्त पुष्य नक्षत्र; इन विशेष मंत्रों से आरंभ करें नया वर्ष
1 जनवरी 2021 से अंग्रेजी कैलेंडर का नया वर्ष आरंभ हो रहा है। ज्योतिष गणना के अनुसार नए साल की शुरुआत कन्या लग्न और कर्क राशि में हो रही है। 1 जनवरी को चंद्रमा, मंगल और शनि ये तीन ग्रह अपनी राशि में रहेंगे। 1 जनवरी को सभी नक्षत्रों में सबसे शुभ माना जाने वाला पुष्य नक्षत्र रहेगा।; हिमालयायूके न्यूज पोर्टल की एक विशेष रिपोर्ट
01 जनवरी 2021 को अमृतसिद्धि और सर्वार्थसिद्धि योग भी बनेगा#2021 की शुरुआत पुष्य नक्षत्र से होंगी। नए साल के पहले ही दिन महामुहूर्त पुष्य नक्षत्र होगा। #पुष्य नक्षत्र को 27 नक्षत्रों का राजा माना जाता है #1 जनवरी को इन विशेष मंत्रों से साल का आरंभ करें-# वर्ष 2021 में शनि की साढ़ेसाती से प्रभावित होने वाली राशियां- # नूतन वर्ष 2021 के स्वागत के साथ ही जनमानस के मन में यह उत्कंठा होने लगी है कि नया वर्ष उनके जीवन में क्या परिवर्तन लाने वाला है # ज्योतिषाचार्यों की नए साल को लेकर गणनाएं उनकी इस उत्सुकता को और अधिक बल दे रही हैं # किसी भी ग्रह नक्षत्र के बुरे प्रभाव की चपेट में आप ना आएं इसके लिए लाल किताब अनुसार करें 9 ग्रहों के 9 उपाय
ॐ श्रीकृष्णाय शरणं मम। या कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने। प्रणत क्लेशनाशाय गोविन्दाय नमो नम:॥
इस मंत्र से नव वर्ष का आरंभ करें. यह मंत्र सभी प्रकारों के तनाव और क्लेश का अंत करेगा- आपका कल्याण होगा,
——द्वितीय—-
ॐ नम: शिवाय।
भगवान शिव के इस मंत्र का जाप करने से हर प्रकार की चिंताओं से मुक्ति मिलेगी मन को शांति और ऊर्जा मिलेगी
————-तृतीय——
ॐ हं हनुमते नम:।
हनुमान जी को संकट मोचक कहा गया है. नए वर्ष में किसी प्रकार का कोई संकट आपके जीवन में न आए इसके लिए इस मंत्र का जाप करें. यह मंत्र अज्ञात भय, घबराहट को दूर कर आपके और आत्मविश्वास में वृद्धि करेगा,
इसके अलावा—-
त्वमेव माता च पिता त्वमेव। त्वमेव बन्धुश्च सखा त्वमेव।। त्वमेव विद्या द्रविणं त्वमेव। त्वमेव सर्व मम देवदेव।।
नव वर्ष पर इस मंत्र का जाप करने से माता पिता और भगवान का आर्शीवाद मिलेगा, इस मंत्र का जाप करने से तनाव दूर होगा, और नकारात्मक विचारों से मुक्ति मिलेगी,
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिंपुष्टिवद्र्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धानान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्।।
भगवान शिव का यह प्रिय मंत्र है. इसे महामृंत्युजय मंत्र कहते हैं. यह मंत्र शक्तिशाली मंत्रों में से एक माना गया है. इस मंत्र का जाप करने से कष्टों से मुक्ति मिलती है. भगवान शिव का अभिषेक करते समय इस मंत्र का जाप करने से भगवान शिव का आर्शीवाद प्राप्त होता है.
ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्।
इस मंत्र का जाप करने से सुख समृद्धि आती है. इसे गायत्री मंत्र कहा जाता है. गायत्री मंत्र की महिमा वेदों में भी बताई गई है. नव वर्ष के प्रथम दिन इस महामंत्र का जाप करें.
01 जनवरी 2021 को अमृतसिद्धि और सर्वार्थसिद्धि योग भी बनेगा। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार ये दोनों योगो को बहुत ही शुभफल देने वाला माना गया है। 01 जनवरी 2021 को अमृतसिद्धि और सर्वार्थसिद्धि योग भी बनेगा। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार ये दोनों योगो को बहुत ही शुभफल देने वाला माना गया है। ज्योतिष गणना के अनुसार नए साल की शुरुआत कन्या लग्न और कर्क राशि में हो रही है। पहली जनवरी को चंद्रमा, मंगल और शनि ये तीन ग्रह अपनी राशि में रहेंगे। 1 जनवरी को सभी नक्षत्रों में सबसे शुभ माना जाने वाला पुष्य नक्षत्र रहेगा। इसके अलावा 31 दिसंबर को ही हिंदू कैलेंडर का नया महीना पौष भी आरंभ हो जाएगा। नए वर्ष 2021 के पहले दिन और क्या-क्या शुभ संयोग का निर्माण हो रहा है। नए साल 2021 के पहले महीने में 6 दिन शुभ मुहूर्त होंगे। 6, 19, 21, 25 और 28 जनवरी को सर्वार्थसिद्धि योग रहेंगे। खरमास के चलते 14 जनवरी 2021 तक विवाह और मांगलिक काम नहीं होंगे।
ज्योतिष गणना के आधार पर वर्ष 2021 के स्वामी बुध ग्रह हैं। वहीं अगर अंक ज्योतिष के नजरिए से बात की जाय तो साल 2021 के अंको का कुल योग 5 आता है। अंक 5 बुध ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है। साल 2021 के पहले ही दिन यानी 01 जनवरी को पुष्य योग बन रहा है। पुष्य नक्षत्र 31 दिसंबर शाम 7 बजकर 49 मिनट से 1 जनवरी तक रहेगा। इस कारण से साल के आखिरी दिन गुरु पुष्य और साल के पहले दिन शुक्रपुष्य का योग बनेगा। ऐसे में साल के पहले दिन नई खरीदारी और निवेश करना बहुत ही शुभ रहेगा।
वर्ष 2021 में शनि की साढ़ेसाती से प्रभावित होने वाली राशियां-
वर्ष 2021 में धनु, मकर एवं कुंभ राशि वाले जातक वर्ष पर्यंत शनि की साढ़ेसाती से प्रभावित रहेंगे।
वर्ष 2021 में शनि की ढैय्या से प्रभावित होने वाली राशियां-
वर्ष 2021 में मिथुन एवं तुला राशि वाले जातक वर्ष पर्यंत शनि की ढैय्या से प्रभावित रहेंगे।
वर्ष 2021 से बहुत ही उम्मीदें हैं। ऐसे में आप पर किसी भी ग्रह या राशि के परिर्वतन होने का कोई असर ना हो और किसी भी ग्रह नक्षत्र के बुरे प्रभाव की चपेट में आप ना आएं इसके लिए लाल किताब अनुसार करें 9 ग्रहों के 9 उपाय और आजमाएं खास तीन तरह के अन्य उपाय।
लाल किताब अनुसार ग्रहों के उपाय :
1. सूर्य- बहते पानी में गुड़, ताम्बा या ताम्बे का सिक्का बहाएं, सूर्य को अर्घ्य दें या भगवान विष्णु की उपासना करें।
2. चन्द्र- दूध या पानी भरा बर्तन सिरहाने रख कर सोएं और अगले दिन कीकर की जड़ में सारा जल डाल दें या भगवान शिव की उपासना करें।
3. मंगल- सफ़ेद सुरमा आंखों में लगाए, बहते पानी में रेवड़िया, बताशे, शहद व सिंदूर बहाएं या हनुमान चालीसा का पाठ करें।
4. बुध- कन्याओं को हरे वस्त्र और हरी चुड़िया दान करें, दांत साफ रखें या दुर्गा मंदिर में माता को अगरबत्ती लगाकर चुनरी चढ़ाएं।
5. गुरु- माथे पर चंदन या केसर का तिलक लगाएं, पीपल की जड़ में जल चढ़ाएं, चने की दाल दान करें या विष्णु एवं बृहस्पति की पूजा करें।
6. शुक्र- ज्वार, चरी, घी, कर्पुर, दही का दान करें, सुगंधित पदार्थो का प्रयोग करें या माता लक्ष्मी एवं कालीका माता की पूजा करें।
7. शनि- कीकर की दातुन करें, पेड़ों की जड़ों में तेल डालें या शनि मंदिर में छाया दान करें या भगवान भैरव की उपासना करें।
8. राहु- जौ को दूध से धोकर बहते पानी में बहाएं, मूली का दान करें या कोयला बहते पानी में बहाएं, जेब में चांदी की ठोस गोली रखें।
9. केतु- काले और सफेद तिल बहते पानी में बहाएं या काले कुत्ते को रोटी खिलाएं।
खास तीन तरह के उपाय :
वर्ष 2020 राहु और शनि के स्वामित्व वाला वर्ष रहा है। शनि के मकर राशि में होने से भी बहुतों को संकट का सामना करना पड़ा है। इसकी प्रकार से 2021 में भी शनि और चंद्र की युति विषयोग बना रही है, जो कि वर्ष के मध्य तक रहेगी। ऐसे में यह तो सभी जानते ही हैं कि शनि, राहु और केतु से सिर्फ हनुमानजी ही बचा सकते हैं तो करें मात्र ये तीन उपाय।
1.बजरंग बाण का पाठ : लाल किताब अनुसार अगर व्यक्ति को राहु और केतु सता रहे हैं और उसके काम बन नहीं रहे हैं या उसके ऊपर मौत का सया मंडरा रहा है तो उस व्यक्ति को मंगलवार और शनिवार को हनुमानजी का बजरंग बाण का पाठ करना चाहिए।
2.चोला चढ़ाना : पांच शनिवार को हनुमानजी की मूर्ति को चोला जरूर चढ़ाएं कम से कम 5 बार हनुमानजी को चोला चोला चढ़ाने से आप के सभी तरीके के और बड़े से बड़े संकटों का अंत हो जाएगा। चोला चढ़ाने के साथ ही हनुमान चालीसा का पाठ करने के बाद बनारसी पान का बीड़ा भी अर्पित करें।
3.बरगद के पत्ते पर आटे दिया जलाना : इसके अलावा हर मंगलवार या शनिवार को हनुमान चालीसा पढ़ने के बाद बड़ के पत्ते पर आटे का दिया जलाकर उसे हनुमानजी के मंदिर में रखने से भी व्यक्ति के बड़े से बड़े दुख दूर हो जाते हैं और मौत जैसा कर्म भी कट जाता है। इस इस वर्ष जिन्हें भी शनि की ढैया, शनि की साढ़े साती और शनि पीड़ा के साथ ही राहु केतु का डर सता रहा हो तो उपरोक्त उपाय जरूर करें। शर्तीया आपके हर तरह के संकट दूर हो जाएंगे।
गुरु के तारे की अस्तोदय अवधि-
जनवरी संवत 2077 पौष शुक्ल पक्ष चतुर्थी दिन रविवार दिनांक 17 जनवरी 2021 को गुरु का तारा अस्त होगा जो माघ शुक्ल पक्ष द्वितीया दिनांक 13 फरवरी 2021 दिन शनिवार को उदित होगा।
शुक्र के तारे की अस्तोदय अवधि-
संवत 2077 माघ शुक्ल तृतीया दिनांक 14 फरवरी 2021 दिन रविवार को शुक्र का तारा अस्त होगा जो संवत 2078 चैत्र शुक्ल पक्ष षष्ठी दिनांक 18 अप्रैल 2021 दिन रविवार को उदित होगा। नूतन वर्ष 2021 की उपर्युक्त अवधि में गुरु एवं शुक्र तारे के अस्त स्वरूप होने के कारण समस्त मांगलिक एवं शुभकार्य वर्जित रहेंगे।
साल 2021 में विवाह मुहूर्त
जनवरी – 18
अप्रैल – 22, 24, 25, 26, 27, 28, 29, और 30
मई – 1, 2, 7, 8, 9, 13, 14, 21, 22, 23, 24, 25, 26, 28, 29 और 30
जून – 3, 4, 5, 16, 20, 22, 23, और 24
जुलाई – 1, 2, 7, 13 और 15
नवंबर – 15, 16, 20, 21, 28, 29 और 30
दिसंबर – 1, 2, 6, 7, 11 और 13
वर्ष 2021 के गृह प्रवेश मुहूर्त
जनवरी – 5, 6, 8, 14, 17, 26 और 30
फरवरी- 12, 14, 16, 20, 23 और 28
मार्च- 8, 9, 14, 20, 21, 24 और 26
अप्रैल- 1, 11 और 20
मई- 6, 8, 10, 12, 16, 18, 20, 21 और 30
जून- 2, 3, 10, 12, 15, 16, 21, 22, 25 और 27
जुलाई- 3, 4, 13, 25, 20, 22, 25, 26 और 31
अगस्त- 6, 7, 8, 9, 12, 16, 20, 27 और 28
सितंबर- 2, 4, 8, 13, 14, 17, 19, 20, 22, 25, 26 और 29
अक्तूबर- 1, 9, 10, 12, 14, 15, 18, 21, 23, 25 और 26
नवंबर- 2, 8, 10, 11, 12, 20, 22, 23, 24 और 26
दिसंबर- 4, 5, 10, 13, 15, 18, 19, 22, 25 और 31
—————प्रस्तुति——नव वर्ष आपके लिये मंगलमय हो –
चंद्रशेखर जोशी मुख्य संपादक -“हिमालयायूके” न्यूस्पोर्टल & दैनिक समाचार पत्र, हरिद्धार एवम देहरादून से प्रकाशित & केंद्रीय महासचिब -कुर्मांचल परिषद देहरादून & मुख्य सेवक – मॉ दशम विद्या पीताम्बरा मंदिर, बंजारावाला देहरादून (निर्माणाधीन) ; मुख्य कार्यालय; नन्दा देवी एन्क्लेव बंजारावाला देहरादून उत्तखण्ड मो0 9412932030 Mail; csjoshi_editor@yahoo.in