2018 में लोकसभा और वि0 सभा चुनाव एक साथ कराने में सक्षम ;चुनाव आयोग

चुनाव आयोग ने सरकार से कहा Top Breaking “हिमालयायुके” : न्यूज़ पोर्टल की प्रस्तुति : लोकसभा और विधान सभा चुनाव 2018 में #हिमालयायूके ने एक वर्ष पूर्व इसकी भविष्‍यवाणी की थी- सटिक साबित होने जा रही है- केन्‍द्रीय चुनाव आयुक्‍त के उक्‍त कथन से हमारे 1 साल पूर्व प्रकाशित आलेख सत्‍य साबित हुआ- एक्‍सक्‍लूसिव- आलेख-  
निर्वाचन आयुक्त ओ0पी0 रावत ने यहां संवाददाता सम्मेलन में बताया, ”केंद्र सरकार ने निर्वाचन आयोग को पूछा था कि लोकसभा एवं विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने के लिए सक्षम होने के लिए उसे किस चीज की जरूरत है. इसके जवाब में निर्वाचन आयोग ने नई ईवीएम एवं वीवीपीएटी मशीनें खरीदने के लिए केंद्र से कोष की मांग की थी. यह हमें मिल भी गया है.”

केन्‍द्र की मोदी सरकार 2018 में लोकसभा तथा विधानसभा चुनाव एक साथ कराने की तैयारियों में लगी है,  निर्वाचन आयुक्त ओपी रावत  के उक्‍त कथन से यह करीब करीब तय है कि 2018 में एक साथ चुनाव होने जा रहे हैं,
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भोपाल: चुनाव आयोग ने सरकार से कहा है कि व‍ह सितंबर, 2018 में लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ कराने में सक्षम है. दरअसल बीजेपी इस मांग को आयोग के समक्ष उठाती रही है लेकिन सभी राजनीतिक दलों की इस पर एक राय नहीं है. इस सिलसले में निर्वाचन आयुक्त ओपी रावत ने  कहा कि देश में लोकसभा एवं विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने के लिए निर्वाचन आयोग अगले साल सितंबर तक जरूरी सामानों से सक्षम हो जाएगा. रावत ने यहां संवाददाता सम्मेलन में बताया, ”केंद्र सरकार ने निर्वाचन आयोग को पूछा था कि लोकसभा एवं विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने के लिए सक्षम होने के लिए उसे किस चीज की जरूरत है. इसके जवाब में निर्वाचन आयोग ने नई ईवीएम एवं वीवीपीएटी मशीनें खरीदने के लिए केंद्र से कोष की मांग की थी. यह हमें मिल भी गया है.”
उन्होंने कहा, ”निर्वाचन आयोग लोकसभा एवं विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने के लिए आवश्चक संसाधन सितंबर 2018 तक जुटाने में सक्षम हो जाएगा.” रावत ने बताया कि केंद्र से कोष मिलने के बाद हमने मतदाता पावती रसीद यानी वोटर वेरिफायएबल पेपर आडिट ट्रायल (वीवीपीएटी) एवं इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) की खरीदी के लिए आर्डर भी दे दिये हैं और सितंबर 2018 तक इस मकसद के लिए निर्वाचन आयोग को 40 लाख मशीनें मिल जायेगी.
एक अन्य सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, ”वीवीपीएटी खरीदी के लिए हमें 3400 करोड़ रुपये मिले हैं और ईवीएम मशीनों की खरीद के लिए 12,000 करोड़ रुपये मिले हैं.” रावत ने बताया, ”….सितंबर 2018 तक निर्वाचन आयोग लोकसभा एवं विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने के लिए आवश्चक संसाधन जुटाने में सक्षम हो जाएगा. लेकिन, एक साथ चुनाव कराने संबंधी अन्य जरूरी प्रावधान करने का दायित्व केंद्र सरकार का है.”
उन्होंने कहा कि लिहाजा हम यह नहीं बता सकते कि लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ कब से कराए जा सकेंगे. इससे पहले उन्होंने यहां इलेक्टरल रजिस्ट्रेशन आफिसर्स नेट (ईआरओ नेट) लांच किया. ईआरओ नेट से मतदाता सूची में गड़बड़ी रोकने में मदद मिलेगी और कोई भी मतदाता दो निर्वाचन क्षेत्र में मतदाता नहीं रह सकेगा. रावत ने बताया कि ईआरओ नेट से मतदाता सूची में नाम पंजीकरण, संशोधन, स्थानांतरण या विलोपन के लिए ऑनलाइन नेशनल वोटर्स सर्विस पोर्टल (एनवीएसपी) के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं. यह अखिल भारतीय प्लेटफार्म है.

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