बीजेपी की पराजय के पीछे जातिगत समीकरण गड़बड़

#जातिगत समीकरण साधने की रणनीति #ब्राह्मण, वैश्य, राजपूत समाज की नाराजगी ने ही भाजपा का किला भेदा# उत्‍तराखण्‍ड के हालात पर भी शीघ्र विशेष स्‍टोरी-  उत्‍तराखण्‍ड में ब्राहमणो की नाराजगी को पार्टी सुप्रीमो ने हमेशा ध्‍यान में रखा- चाहे किसी भी दल की सरकार रही हो- पहली बार उत्‍तराखण्‍ड में सब गडबड- 

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राजस्थान में पिछले माह संपन्न हुए दो लोकसभा और एक विधानसभा सीट के उप चुनाव के साथ ही स्थानीय निकाय और पंचायत राज संस्थाओं के उप चुनाव में भाजपा की हार के पीछे जातिगत समीकरण का गड़बड़ होना ही माना जा रहा है।
उप चुनाव में बीजेपी की पराजय के पीछे जातिगत समीकरण गड़बड़ होना ही माना जा रहा है . इन चुनाव में बीजेपी के परम्परागत वोट बैंक ब्राहम्ण,वैश्य व राजपूत समाज की नाराजगी साफ देखने को मिली थी . अब इन समाजों को पार्टी के साथ फिर से जोड़ने की रणनीति के तहत वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी को हटाने का फैसला हुआ , परनामी को हटाए जाने का मानस केन्द्रीय नेतृत्व ने राज्य में आरएसएस के पदाधिकारियों एवं बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं के साथ चर्चा के बाद बनाया बताया .

राजस्थान प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। इससे पहले आंध्रप्रदेश भाजपा अध्यक्ष हरि बाबू ने अपने पद से इस्तीफा दिया था। उपचुनाव में मिली करारी हार और संगठन में कम हो रही पकड़ के चलते परनामी की जगह किसी दूसरे व्यक्ति को पद देने की बात सामने आई है। भाजपा राज्य में जातिगत समीकरण साधने की रणनीति बना रही है। उपचुनावों में हार का कारण जातिगत समीकरण में गड़बड़ी होना माना जा रहा है।

A-12, DEL – 010603 – JUNE 1, 2008 – New Delhi: BJP Prime Ministerial candidate L K Advani and president Rajnath Singh with other senior leaders at the party’s National Executive Meeting in New Delhi on Sunday. PTI Photo by Atul Yadav

पार्टी का मानना है कि ब्राह्मण, वैश्य, राजपूत समाज की नाराजगी ने ही भाजपा का किला भेदा। इसी कारण पार्टी राजस्थान चुनावों में सभी जातियों को साधने की तैयारी में जुट गई है। हाल के उपचुनाव में हार का सामना करने वाली बीजेपी ने राजस्थान और मध्यप्रदेश में पार्टी के संगठनात्मक बदलाव की पहल की है. पार्टी ने सांसद राकेश सिंह को बुधवार को मध्यप्रदेश पार्टी इकाई का प्रमुख नियुक्त किया और जल्द ही राजस्थान में भी नया अध्यक्ष नियुक्त करेगी. बीजेपी के बयान में कहा गया है कि पार्टी अध्यक्ष ने नंद कुमार सिंह चौहान, सांसद अशोक परनामी (राजस्थान) और डा. के हरिबाबू (आंध्रप्रदेश) को बीजेपी की राष्ट्रीय कार्य समिति का सदस्य नियुक्त किया. अशोक परनामी ने आज राजस्थान प्रदेश पार्टी इकाई के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया. डा. के हरिबाबू ने भी आंध्रप्रदेश बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था. पार्टी सूत्रों ने बताया कि राजस्थान और आंध्रप्रदेश में नए पार्टी प्रमुख के नामों की घोषणा जल्द की जाएगी. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने राकेश सिंह को मध्यप्रदेश पार्टी इकाई का प्रमुख नियुक्त किया. वे राज्य के जबलपुर संसदीय सीट से सांसद हैं और लोकसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक हैं. उन्होंने नंद कुमार सिंह चौहान का स्थान लिया जो इस पद पर साल 2014 से कार्यरत थे. मध्यप्रदेश में प्रदेश पार्टी अध्यक्ष में बदलाव की पहल ऐसे समय में की गई है जब इसी वर्ष राज्य में 230 सदस्यीय मध्यप्रदेश विधानसभा का चुनाव होना है. राज्य में बीजेपी पिछले 15 वर्षो से सत्ता में है. सूत्रों ने बताया कि भोपाल में कल रात प्रदेश बीजेपी की एक महत्वपूर्ण बैठक में सिंह के नाम को अंतिम रूप दिया गया. बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और बीजेपी के संगठन महामंत्री राम लाल मौजूद थे. इस पद के लिए प्रदेश के पूर्व पार्टी अध्यक्ष एवं केंद्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर के नाम पर भी चर्चा चल रही थी. साल 2013 में जब पार्टी ने राज्य में जीत दर्ज की थी तब तोमर प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष थे. राजस्थान में भी इसी वर्ष चुनाव होना है, जहां समझा जाता है कि बीजेपी को कांग्रेस से कड़ी टक्कर मिल सकती है. पार्टी को हाल ही में दो लोकसभा सीटों के लिए हुए उपचुनाव में हार का सामना करना था. आंध्रप्रदेश में हाल ही में बीजेपी चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व वाली सरकार से अलग हुई है. यह कदम उसने तेलगू देशम पार्टी के राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन से अलग होने के निर्णय के मद्देनजर लिया था . बीजेपी आंध्रप्रदेश में अपना आधार बढ़ाने को प्रयासरत है.

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